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Uttar Pradesh

UP में 15 मई से शुरू होंगे सरकारी कर्मचारियों के तबादले: अडाणी से बिजली खरीदेगी सरकार, योगी कैबिनेट ने 11 प्रस्तावों को दी मंजूरी।

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योगी कैबिनेट ने मंगलवार को ट्रांसफर पॉलिसी को हरी झंडी दे दी। इस साल कर्मचारियों के तबादले 15 मई से 15 जून के बीच किए जाएंगे। प्रदेश में 8 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी हैं। साथ ही, राज्य कर विभाग का नाम बदलकर अब सेवा कर विभाग कर दिया गया है।

UP सरकार ने 17 जिलों में पार्किंग निर्माण और सभी जिलों में पीपीपी मॉडल पर निजी बस अड्डे बनाने की योजना को भी मंजूरी दी है। इसके लिए कम से कम 2 एकड़ ज़मीन की आवश्यकता होगी और यह ज़मीन शहर से अधिकतम 5 किलोमीटर की दूरी पर होनी चाहिए। बस अड्डों के निर्माण के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 9 सदस्यीय समिति गठित की जाएगी।

इसके अलावा, अडाणी पावर को DBFOO (डिज़ाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ओन एंड ऑपरेट) मॉडल के तहत पावर प्लांट स्थापित करने का टेंडर दिया गया है। इससे 5.38 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदी जाएगी और अनुमान है कि इससे राज्य को 2958 करोड़ रुपये की बचत होगी। इस कैबिनेट बैठक में कुल 11 प्रस्तावों को मंजूरी मिली है।

15 जून तक होंगे ट्रांसफर, पिक एंड चूज की व्यवस्था नहीं होगी

कैबिनेट से मंजूरी के बाद अब राज्य कर्मचारियों के ट्रांसफर शुरू हो जाएंगे। 15 जून तक ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। ट्रांसफर पॉलिसी के नियमों में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।

ऐसे कर्मचारी जो जिले में 3 साल, मंडल में 7 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। उन्हें ट्रांसफर की कैटेगरी में शामिल किया जाएगा। समूह क और ख के 20% अधिकारियों का तबादला हो सकता है। समूह ग और घ के 10% कर्मचारियों के ट्रांसफर विभाग अध्यक्ष करेंगे। इससे ज्यादा संख्या में ट्रांसफर के लिए मंत्री की इजाजत लेना जरूरी होगा।

योगी बोले- ट्रांसफर पॉलिसी का सही से पालन हो

सीएम योगी ने कहा कि सभी मंत्री अपने विभागों में ट्रांसफर पॉलिसी का पारदर्शिता से पालन कराएं। राज्य मंत्रियों को भी तबादला प्रकिया में शामिल कर उनका सम्मान करें। जिलों में सभी विभाग में पद भरे रहने चाहिए। कोई पद खाली नहीं रहना चाहिए

ट्रांसफर की नीति में पिछले साल की तरह ही पिक एंड चूज यानी अपनी पसंद की जगह ट्रांसफर की व्यवस्था खत्म की गई है। पहले उन कर्मचारियों का ट्रांसफर किया जाएगा, जो लंबे समय से एक ही जगह पर तैनात हैं।

पार्किंग के लिए किराए पर दे सकेंगे जमीन

शहरों में पार्किंग की दिक्कत को देखते हुए सरकार ने पीपीपी मोड पर ही पार्किंग बनाने को भी मंजूरी दी है। यह पार्किंग स्मार्ट तकनीकी से मल्टीलेवल में बनाई जाएगी। पहले चरण में सरकार 17 नगर निगम क्षेत्र में पार्किंग बनाएगी।

इसके लिए पार्किंग प्रबंधन समिति बनाई जाएगी। खास बात यह होगी कि इस पार्किंग में इलेक्ट्रिक चार्जिंग की व्यवस्था भी होगी। पार्किंग के लिए जमीन नगर निगम की होगी। साथ ही, निजी व्यक्ति भी पार्किंग के लिए अपनी जमीन किराए या लीज पर दे सकेंगे।

ये प्रस्ताव भी पास हुए

यूपी के सभी 75 जिला मुख्यालयों पर प्राइवेट बसों के लिए बस स्टैंड बनाए जाएंगे। उत्तर प्रदेश स्टेट कैरिज बस अड्‌डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इंडिया टूरिस्ट बस पार्क (स्थापना एवं विनियमन) नीति 2025 को मंजूरी दी गई है।

उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) (द्वितीय संशोधन) नियमावली 2025 को मंजूरी दी गई।
उत्तर प्रदेश नगर निगम पार्किंग स्थल का निर्माण, अनुरक्षण और प्रचालन नियमावली 2025 को मंजूरी दी गई।

नैफेड के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभार्थियों के लए अनुपूरक पुष्टाहार की आपूर्ति कराने के लिए राज्य सरकार से अतिरिक्त बजट की मांग कराने का प्रस्ताव मंजूर किया गया।

वेतन समिति 2016 की सिफारिश पर मुख्य सचिव समिति की ओर से दी गई संस्तुतियों को मंजूरी दी गई।

समाज कल्याण पर्यवेक्षक के पदों पर चयन और नियुक्ति के लिए उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग, समाज कल्याण पर्यवेक्षक सेवा नियमावली 2025 को मंजूरी दी गई।

यूपी में निवेश के लिए इंडियन और विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों (एमएनसी) को भारी रियायतें और सब्सिडी दी जाएगी। योगी सरकार कैबिनेट बैठक में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (वैश्विक क्षमता केंद्र) नीति 2025 लागू करने को मंजूरी दी। इसका उद्देश्य यूपी को एमएनसी का हब बनाना है।

योगी बोले- मंत्री बजट का जल्द उपयोग करें

मुख्यमंत्री योगी ने जिलों के प्रभारी मंत्री और सचिव जिलों का दौरा करें। स्थानीय जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता से मिलकर फीड बैक भी लें। इसकी रिपोर्ट भी पेश करें। योगी ने कहा कि सभी विभाग का बजट जारी हो गया है। बजट का जल्दी उपयोग होना चाहिए।

प्रत्येक तिमाही के हिसाब से लक्ष्य और कार्ययोजना बनाकर बजट खर्च करें। केंद्र सरकार की योजना का जल्दी प्रस्तुतिकरण करें। केंद्र सरकार से बातचीत कर प्रस्ताव मंजूर कराएं। उन्होंने वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लिए काम करने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना कराई जाएगी। सपा की ओर से दलितों को भ्रमित किया जा रहा है। उन्होंने बैठक में मंत्रियों से कहा कि अनुसूचित जाति के बीच जाकर बताएं कि सपा सरकार ने ही दलित वर्ग का नुकसान किया है।

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Yogi Government ने बदला नियम: Uttar Pradesh में Caste-Based Rallies पर Ban, FIR में भी नहीं लिखा जाएगा Caste

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उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में जातिगत भेदभाव खत्म करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब सार्वजनिक जगहों और पुलिस रिकॉर्ड में किसी भी व्यक्ति की जाति का उल्लेख नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, जाति आधारित रैलियों और कार्यक्रमों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है।

यह फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद आया है। हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि राज्य में पुलिस रिकॉर्ड और सार्वजनिक दस्तावेज़ों में जाति का उल्लेख बंद किया जाए।

सरकार ने इस संबंध में सभी उच्च अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। कार्यवाहक मुख्य सचिव दीपक कुमार ने अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था), अपर पुलिस महानिदेशक अपराध, पुलिस कमिश्नर, सभी जिला मजिस्ट्रेट, एसएसपी और एसपी को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अब किसी की FIR या गिरफ्तारी मेमो में जाति का उल्लेख नहीं होगा। केवल माता-पिता का नाम लिखा जाएगा।

सरकार का कहना है कि यह कदम राज्य में जातिगत भेदभाव को खत्म करने और एक सर्वसमावेशी समाज बनाने के लिए उठाया गया है। इस फैसले का सीधा असर उन राजनीतिक दलों पर पड़ेगा जो जातीय राजनीति करते हैं, क्योंकि अब वे सार्वजनिक रूप से जाति आधारित रैली नहीं कर पाएंगे।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह उत्तर प्रदेश में संवैधानिक और समावेशी मूल्यों के अनुरूप व्यवस्था लागू करने की नीति का हिस्सा है।

संक्षेप में:

  • सार्वजनिक जगहों और पुलिस रिकॉर्ड में जाति का उल्लेख बंद।
  • जाति आधारित रैलियों पर पूरी तरह प्रतिबंध।
  • FIR और गिरफ्तारी मेमो में सिर्फ माता-पिता का नाम लिखा जाएगा।
  • हाईकोर्ट के आदेश के बाद लागू।
  • जातीय राजनीति करने वाले दलों पर असर।
  • उद्देश्य: जातिगत भेदभाव खत्म करना और समावेशी समाज बनाना।
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Uttar Pradesh

CM Yogi ने रखी Gorkha War Memorial Museum की नींव, 45 Crore की लागत से होगा निर्माणGorkha Soldiers की Bravery और Sacrifice को Future Generations तक पहुँचाने का प्रयास

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखा सैनिकों की बहादुरी और उनके योगदान को सम्मान देने के लिए गोरखा वॉर मेमोरियल म्यूज़ियम और उसके आसपास के क्षेत्र के सौंदर्यीकरण कार्य की नींव रखी। यह परियोजना ₹45 करोड़ की लागत से तैयार होगी। इस म्यूज़ियम का उद्देश्य न केवल गोरखा रेजीमेंट के वीर जवानों के साहस और बलिदान को सम्मान देना है, बल्कि भारत-नेपाल के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रिश्तों को और मजबूत करना भी है।

वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भूमि पूजन

समारोह के दौरान सीएम योगी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन किया और परिसर में स्थित मां काली मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस मौके पर गोरखा रिक्रूटिंग डिपो (GRD) पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई, जिसमें गोरखा सैनिकों की बहादुरी और उनकी कहानियों को जीवंत रूप में पेश किया गया।

सीएम योगी का संबोधन: “जय महाकाली, आयो गोरखाली” का नाम सुनकर कांपते थे दुश्मन

सीएम योगी ने गोरखा सैनिकों की वीरता को याद करते हुए कहा कि जब भारतीय सेना की बहादुरी की बात होती है, तो गोरखा सैनिकों का नाम सबसे पहले आता है। उन्होंने कहा,
जब गोरखा सैनिक जय महाकाली, आयो गोरखालीका नारा लगाते हुए दुश्मनों पर हमला करते हैं, तो दुश्मन पीछे हटने को मजबूर हो जाते हैं।”

उन्होंने 1816 के ब्रिटिश-गोरखा युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय ब्रिटिश सेना गोरखा सैनिकों का सामना नहीं कर पाई और उसे संधि करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

सीएम योगी ने कहा कि स्वतंत्रता से पहले गोरखा सैनिकों ने ब्रिटिश आर्मी में रहते हुए अपनी वीरता दिखाई और स्वतंत्र भारत में भी उन्होंने कई मोर्चों पर दुश्मनों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।

उन्होंने आगे कहा कि यह म्यूज़ियम आने वाली पीढ़ियों को न केवल प्रेरणा देगा, बल्कि उन्हें यह भी बताएगा कि गोरखा सैनिकों ने देश की सुरक्षा के लिए कितनी बड़ी कुर्बानियां दी हैं।

CDS जनरल अनिल चौहान भी रहे मौजूद

इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान भी मौजूद रहे। सीएम योगी ने उनका आभार जताते हुए कहा कि अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद यहां आना गोरखा रेजीमेंट के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है।”

जनरल अनिल चौहान का बयान: तीन बड़ी बातें

सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने इस प्रोजेक्ट को सिविल-मिलिट्री फ्यूजन का प्रतीक बताया और कहा कि यह म्यूज़ियम तीन कारणों से बेहद महत्वपूर्ण है:

  1. भारतीय सेना और गोरखा सैनिकों के गहरे रिश्तों की पहचान।
  2. गोरखा सैनिकों की सदियों पुरानी निस्वार्थ सेवा और बहादुरी का सम्मान।
  3. भारत-नेपाल के रिश्तों को मजबूत करने का संकल्प।

उन्होंने कहा, आज देश विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है, लेकिन अतीत को भूलना नहीं चाहिए। गोरखा सैनिकों का त्याग और बलिदान हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है।”

आधुनिक तकनीक से सजी होगी म्यूज़ियम

जनरल चौहान ने बताया कि यह म्यूज़ियम पूरी तरह डिजिटल टेक्नोलॉजी से लैस होगी। इसमें कई खास आकर्षण होंगे, जैसे:

  • डिजिटल साउंड और लाइट शो – जिसमें युद्ध के किस्सों को जीवंत रूप में दिखाया जाएगा।
  • 7D थिएटर – जिससे दर्शक युद्ध के दृश्यों को असली अनुभव की तरह देख पाएंगे।
  • दीवारों पर भित्ति चित्र (म्यूरल पेंटिंग्स) – गोरखा सैनिकों के महत्वपूर्ण क्षणों को दर्शाते हुए।
  • वीडियो डॉक्यूमेंट्रीज़ – वीर सैनिकों की असली कहानियों को प्रस्तुत करती हुई।

गोरखा रेजीमेंट: वीरता की मिसाल

गोरखा रेजीमेंट भारतीय सेना का अहम हिस्सा है और इसे अपनी बहादुरी और अनुशासन के लिए जाना जाता है।

  • 1816 के युद्ध से लेकर आज तक गोरखा सैनिकों ने हर लड़ाई में अपना लोहा मनवाया है।
  • स्वतंत्र भारत में भी उन्होंने कई बार दुश्मनों को मात दी है।

महत्वपूर्ण संदेश

यह म्यूज़ियम न केवल गोरखा सैनिकों की शौर्य गाथाओं को संरक्षित करेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को यह सिखाएगा कि देशभक्ति, साहस और त्याग क्या होता है।
साथ ही, यह परियोजना सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देगी और भारत-नेपाल की दोस्ती को और गहरा करेगी।

गोरखा वॉर मेमोरियल म्यूज़ियम गोरखा सैनिकों की वीरता, त्याग और समर्पण का जीवंत प्रतीक बनेगा। यह सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि एक ऐसी जगह होगी जहां हर आगंतुक को यह महसूस होगा कि देश की आज़ादी और सुरक्षा के लिए कितने वीरों ने अपने प्राण न्यौछावर किए।

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Uttar Pradesh

Gorakhpur में ₹2,251 Crore की विकास परियोजनाओं का Inauguration, GIDA Residential और Industrial Plot के लाभार्थियों को Allotment Letters वितरित

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डबल इंजन की भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश के युवाओं को प्रदेश में ही रोजगार उपलब्ध कराने के संकल्प के साथ लगातार काम कर रही है। इसी दिशा में आज महायोगी गुरु श्री गोरखनाथ जी की पावन नगरी गोरखपुर के GIDA (Gorakhpur Industrial Development Authority) क्षेत्र में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में ₹2,251 करोड़ की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया। इस मौके पर GIDA आवासीय योजना और औद्योगिक योजना के भूखंडों के लाभार्थियों को आवंटन-पत्र भी वितरित किए गए। इससे न केवल लोगों को अपना अधिकार मिला, बल्कि प्रदेश के औद्योगिक और आवासीय विकास को भी बड़ा बल मिला।

कार्यक्रम के दौरान कहा गया कि ये सब परियोजनाएं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी मार्गदर्शन में हो रही हैं, ताकि विकसित उत्तर प्रदेश के माध्यम से विकसित भारत का निर्माण किया जा सके।

विशेष रूप से यह कार्यक्रम भगवान श्री वामन जी की पावन जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया, जिससे जनता को नई सौगातें मिलने का अवसर भी मिला।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने विकास परियोजनाओं की महत्वता को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे गोरखपुर और आसपास के जिलों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और युवाओं को प्रदेश के अंदर ही रोजगार मिल सकेगा।

संक्षेप में:

  • ₹2,251 करोड़ की नई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास।
  • GIDA आवासीय और औद्योगिक भूखंडों के लाभार्थियों को आवंटन-पत्र वितरित।
  • उद्देश्य: उत्तर प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार और प्रदेश के विकास को बढ़ावा देना।
  • प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में ‘विकसित उत्तर प्रदेश, विकसित भारत’ का निर्माण।
  • कार्यक्रम भगवान श्री वामन जी की जयंती के अवसर पर आयोजित।
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