Crime
America में Prominent Anti-KhalistanActivist Sukhi Chahal की Mysterious Death, सवालों के घेरे में घटना

अमेरिका में बसे भारतीय मूल के बिज़नेसमैन और सोशल एक्टिविस्ट सुखी चहल की अचानक हुई मौत ने न सिर्फ़ भारतीय डायस्पोरा बल्कि एंटी-खालिस्तान कम्युनिटी को भी गहरे सदमे में डाल दिया है। कैलिफ़ोर्निया में गुरुवार रात (31 जुलाई) उनकी मौत संदिग्ध हालातों में हुई, जिसके बाद से तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं।
क्या हुआ उस रात?
सुखी चहल गुरुवार को San Jose, California में एक परिचित के घर डिनर पर गए थे। उनके क़रीबी दोस्त जस्पाल सिंह के मुताबिक़ – “डिनर के थोड़ी देर बाद ही उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और वहीं उनकी मौत हो गई। इससे पहले वे पूरी तरह स्वस्थ थे।”
क्यों उठ रहे हैं सवाल?
- चहल पिछले लंबे समय से खालिस्तानी संगठनों के खिलाफ़ खुलकर बोलते रहे।
- वे The Khalsa Today नामक प्लेटफ़ॉर्म के फ़ाउंडर और CEO थे, जो विदेशों में बैठे खालिस्तानी तत्वों की साज़िशों को एक्सपोज़ करता था।
- उनके दोस्तों का कहना है कि चहल को कई बार प्रो-खालिस्तान ग्रुप्स से जान से मारने की धमकियां मिल चुकी थीं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
- उनकी मौत ऐसे वक़्त पर हुई है जब 17 अगस्त को वॉशिंगटन DC में खालिस्तान रेफ़रेंडम होने वाला है, जिसका वे लगातार विरोध कर रहे थे। इस वजह से कई लोग इसे सिर्फ़ “एक हादसा” मानने को तैयार नहीं हैं।
पुलिस जांच में जुटी, ऑटोप्सी रिपोर्ट का इंतज़ार
कैलिफ़ोर्निया पुलिस ने इस केस की जांच शुरू कर दी है। उनके शव का ऑटोप्सी (पोस्टमार्टम) कराया जाएगा, ताकि मौत की असली वजह सामने आ सके। शुरुआती जानकारी में हार्ट फेल्यर की बात कही जा रही है, लेकिन आधिकारिक रिपोर्ट आने तक कुछ भी तय नहीं है।
कौन थे सुखी चहल?
- लुधियाना के गुरु नानक इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई के बाद उन्होंने स्टैनफोर्ड और UC Berkeley से हाईर एजुकेशन ली।
- कैलिफ़ोर्निया में बसने के बाद वे टेक्नोलॉजी और बिज़नेस में सफल हुए।
- उन्होंने Punjab Foundation नाम की NGO बनाई, जो NRI बच्चों की एजुकेशन में मदद करती है।
- चहल हमेशा इंडियन कम्युनिटी को सलाह देते थे – “अमेरिका के कानून का पालन करो, किसी भी तरह की क्रिमिनल एक्टिविटी में मत पड़ो, वरना वीज़ा कैंसल या डिपोर्ट होना तय है।”
दुनियाभर से शोक संदेश
उनकी मौत पर दुनियाभर से शोक संदेश आ रहे हैं।
- RSS के दत्तात्रेय होसबले, राष्ट्र्रीय सिख संगत के गुरचरण सिंह गिल, और पूर्व सांसद तरलोचन सिंह ने उन्हें “धर्म योद्धा” और “सत्य की आवाज़” बताते हुए श्रद्धांजलि दी।
- बहुत से इंडियन और सिख डायस्पोरा के लोग उन्हें एक बहादुर आवाज़ मानते थे, जो खालिस्तान जैसी चरमपंथी सोच का खुलकर विरोध करते थे।
क्यों है ये मौत इतनी बड़ी खबर?
सुखी चहल की मौत सिर्फ़ एक शख्सियत के जाने की बात नहीं है। यह उस आवाज़ के खामोश हो जाने की कहानी है जो विदेशों में बैठे खालिस्तानी नेटवर्क के खिलाफ़ लगातार बोल रही थी। अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या ये महज़ एक सांयोगिक मौत है या इसके पीछे कोई साज़िश?
फिलहाल, पुलिस की जांच और ऑटोप्सी रिपोर्ट का इंतजार है। लेकिन एक बात साफ है – सुखी चहल को भारतीय डायस्पोरा हमेशा कानून, शांति और सच की राह पर चलने वाले इंसान के रूप में याद करेगा।
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Pune दुष्कर्म Case में Shocking Twist: गुस्से में की गई Complaint, Accused निकला पुराना Friend

पुणे शहर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सबको चौंका दिया है। एक IT सेक्टर में काम करने वाली महिला ने कुछ दिन पहले पुलिस को शिकायत दी थी कि एक अजनबी डिलीवरी बॉय ने उसके घर में घुसकर उसके साथ रेप किया है। लेकिन अब इस केस में जो सच्चाई सामने आई है, वह पूरी कहानी को पलट देती है।
पुलिस जांच में पता चला है कि जिसे महिला ने आरोपी बताया था, वह कोई अनजान डिलीवरी बॉय नहीं बल्कि उसका पुराना दोस्त था, जिससे उसकी काफी समय से जान-पहचान थी। दोनों एक-दूसरे को कुछ सालों से जानते थे और पहले भी कई बार मिल चुके थे। उन्होंने घटना वाले दिन भी मिलने का प्लान खुद से ही किया था।
क्या था महिला का दावा?
महिला ने शुरू में पुलिस को बताया था कि:
- एक डिलीवरी बॉय बनकर आया शख्स जबरदस्ती उसके घर घुसा।
- उसने उसके साथ रेप किया और धमकी दी कि अगर पुलिस को बताया तो उसकी तस्वीरें इंटरनेट पर डाल देगा।
- उसने पीड़िता के फोन से एक सेल्फी खींची, जिसमें उसका चेहरा और पीड़िता की पीठ दिख रही थी।
- जाते-जाते आरोपी ने मोबाइल में मैसेज छोड़ा – “I’ll be back”
- महिला ने यह भी कहा कि आरोपी ने उसके चेहरे पर कोई केमिकल स्प्रे किया।
जांच में निकली सच्चाई क्या है?
जैसे-जैसे पुलिस ने जांच की, कई चौंकाने वाले सच सामने आए:
- आरोपी महिला का पुराना दोस्त निकला, जिससे वह पहले भी कई बार मिल चुकी थी।
- आरोपी ने कोई जबरदस्ती एंट्री नहीं की, बल्कि वह महिला के बुलाने पर ही घर आया था।
- वह सेल्फी खुद महिला ने खींची थी और फोन में जो धमकी वाला मैसेज था, वह भी उसी ने टाइप किया था।
- पुलिस ने साफ कहा कि कोई केमिकल स्प्रे नहीं किया गया था।
- महिला ने खुद कुबूल किया कि उसने गुस्से में आकर रेप की झूठी शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने क्या कहा?
पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने इंटरव्यू में बताया,
“महिला ने बताया कि वह उस दिन सेक्स के लिए तैयार नहीं थी, लेकिन दोस्त ने जबरदस्ती की। इस बात से गुस्सा होकर उसने पुलिस में रेप की शिकायत कर दी।”
उन्होंने आगे कहा कि महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं लग रही, इसलिए पुलिस पूरे मामले को बेहद सावधानी से देख रही है।
क्यों है ये मामला अहम?
- यह केस झूठी FIR, दोस्ती में दरार और मानसिक दबाव से जुड़े कई सवाल उठाता है।
- झूठी शिकायतें असली पीड़िताओं के लिए भी मुश्किलें खड़ी करती हैं।
- पुलिस के लिए यह केस एक सेंसिटिव सोशल और साइकोलॉजिकल इश्यू बन गया है।
पुणे का ये मामला सिर्फ एक पुलिस केस नहीं, बल्कि समाज में रिश्तों, भरोसे और मानसिक तनाव को लेकर एक सोचने वाली स्थिति पैदा करता है। पुलिस जांच जारी है, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने यह जरूर दिखा दिया कि सच और झूठ के बीच की रेखा कई बार बहुत धुंधली होती है।
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Kolkata की Law Student से College में Gang-Rape: ‘मैंने उसके पैर छुए, फिर भी नहीं छोड़ा’ – Survivor ने सुनाई दर्दनाक कहानी

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज की एक 24 वर्षीय छात्रा ने आरोप लगाया है कि उसे कॉलेज परिसर के अंदर गैंगरेप का शिकार बनाया गया। इस वारदात में तीन छात्र और एक सिक्योरिटी गार्ड शामिल थे। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मामला सामने आने के बाद राज्य में बवाल मच गया है।
क्या हुआ उस दिन?
यह घटना 25 जून की शाम की है। पीड़िता एक पहले साल की कानून छात्रा है। उसे कॉलेज बुलाकर छात्र यूनियन में पोस्ट दिलाने का झांसा दिया गया। वहां पहले से ही तीन आरोपी – मनोजीत मिश्रा (31), जैब अहमद (19) और प्रमित मुखर्जी (20) – मौजूद थे। मनोजीत कॉलेज का पुराना छात्र और टीएमसीपी (Trinamool Congress Chhatra Parishad) से जुड़ा पूर्व नेता है, जो फिलहाल कॉलेज में अस्थायी स्टाफ के तौर पर काम कर रहा था।
लड़की को कॉलेज के गार्ड रूम में ले जाया गया, जहां पहले तो उस पर दबाव बनाया गया, फिर जब उसने मना किया तो उसे मारा-पीटा गया। FIR के मुताबिक, पीड़िता ने बहुत मिन्नतें कीं, यहां तक कि उसने मनोजीत के पैर भी छुए, लेकिन उसने नहीं छोड़ा।
वीडियो बनाकर दी धमकी
रेप की पूरी घटना का वीडियो भी बनाया गया, और धमकी दी गई कि अगर उसने किसी को कुछ बताया तो यह वीडियो इंटरनेट पर वायरल कर दिया जाएगा। साथ ही कहा गया कि अगर उसने विरोध किया तो उसके बॉयफ्रेंड और परिवार को भी फंसाया जाएगा।
उसके शरीर पर नाखूनों के निशान, काटने के जख्म और खरोंच के निशान पाए गए हैं। पीड़िता का कहना है कि जब उसने विरोध किया तो उसे हॉकी स्टिक दिखाकर धमकाया गया। किसी तरह वह रात में वहां से निकली और सीधे कसबा पुलिस स्टेशन पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई।
गिरफ्तारी और जांच
घटना सामने आने के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए तीनों मुख्य आरोपियों को 27 जून को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद कॉलेज के 55 साल के सिक्योरिटी गार्ड पिनाकी बनर्जी को भी गिरफ्तार किया गया, जिसने इस वारदात में आरोपियों का साथ दिया था।
चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड में लिया गया है। पुलिस ने उनके मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं, जिससे वीडियो और अन्य सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं।
कॉलेज और राजनीति का एंगल
यह मामला राजनीतिक रंग भी पकड़ रहा है क्योंकि मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा टीएमसीपी से जुड़ा रहा है। हालाँकि, टीएमसी ने बयान जारी कर कहा कि मनोजीत अब उनके संगठन से कोई संबंध नहीं रखता। वहीं विपक्षी दल बीजेपी ने टीएमसी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह इस तरह के अपराधों पर चुप रहती है और अपराधियों को बचाने का काम करती है।
छात्र संगठनों जैसे SFI और DYFI ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किया और कॉलेज परिसर की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए।
केस की मौजूदा स्थिति
तथ्य | जानकारी |
तारीख | 25 जून 2025 |
स्थान | साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज, गार्ड रूम |
पीड़िता | 24 साल की कानून छात्रा |
आरोपी | मनोजीत मिश्रा, जैब अहमद, प्रमित मुखर्जी, पिनाकी बनर्जी |
आरोप | गैंगरेप, ब्लैकमेलिंग, वीडियो बनाना, धमकी देना |
गिरफ्तारी | सभी आरोपी पुलिस हिरासत में |
यह घटना सिर्फ एक छात्रा पर हमला नहीं, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र और महिला सुरक्षा पर सवाल है। कॉलेज जैसी जगह, जहां छात्र खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं, अब वहां भी ऐसी घटनाएं होना बेहद चिंताजनक है। अब देखना होगा कि पुलिस कितनी तेजी और मजबूती से इस केस को आगे बढ़ाती है और दोषियों को सजा दिलवाती है।
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सिरसा पुलिस ने 20 किलो गांजे के साथ UP के दो तस्करों को किया गिरफ्तार, जांच जारी।

हरियाणा के सिरसा जिले में सीआईए ऐलनाबाद पुलिस ने डिंग क्षेत्र के भावदीन टोल प्लाजा से UP के दो तस्करों को 20 किलो 870 ग्राम गांजे के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान UP के इटावा जिले के रहने वाले शिशुपाल सिंह और राज के रूप में हुई है। शिशुपाल नगंला महाजीत का निवासी है, जबकि राज नगंला बाबू हरनारायण अमृतपुर का निवासी है।
सीआईए टीम के सब इंस्पेक्टर जगदीश चंद्र के नेतृत्व में डिंग मंडी क्षेत्र में गश्त कर रही थी। इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि भावदीन टोल प्लाजा पर दो लोग नशीला पदार्थ लेकर बैठे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई की और दोनों आरोपियों को प्लास्टिक के कट्टों के साथ पकड़ लिया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिले में मादक पदार्थों की तस्करी पर काबू पाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत पुलिस की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है।
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