Uttar Pradesh
2027 चुनाव से पहले UP विधायकों के परफॉर्मेंस की जांच शुर, सीएम योगी रखेंगे ऑडिट पर नज़र।

उत्तर प्रदेश में 2027 का विधानसभा चुनाव भले ही दो साल दूर हो, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हैट्रिक बनाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है।
2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद, जहां उसने 62 से घटकर सिर्फ 33 लोकसभा सीटें जीतीं, भाजपा इस बार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है।
पार्टी द्वारा चुनावी बिगुल बजाने से पहले सबसे पहला सवाल यह होगा कि उसके कितने मौजूदा विधायक अपनी लोकप्रियता और बदलती जातिगत गतिशीलता के आधार पर दोबारा चुनाव लड़ने लायक हैं?
भाजपा ने UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सभी मौजूदा विधायकों की जांच करके रिपोर्ट पेश करने को कहा है। आमतौर पर पार्टी ऑडिट के लिए एक या दो एजेंसियों को नियुक्त करती है। हालांकि, इस बार पार्टी ने फैसला लेने का काम आदित्यनाथ के विवेक पर छोड़ दिया है। सूत्रों ने न्यूज18 को यह जानकारी दी।
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने राज्य की सभी 403 विधानसभा सीटों पर मूल्यांकन के लिए विभिन्न एजेंसियों को नियुक्त किया है। ये एजेंसियां जिन बिंदुओं पर जानकारी जुटाएंगी, उनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं: मतदाता अपने विधायक को किस दृष्टि से देखते हैं, यानी उनकी सार्वजनिक छवि कैसी है? क्या विधायक ने अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए निर्धारित निधि का प्रभावी उपयोग किया है? जनता उनकी समस्याओं के समाधान में उन्हें एक से दस तक के पैमाने पर कितनी अंक देती है? यदि विधायक पिछला चुनाव बहुत कम अंतर से जीते थे, तो इसके पीछे क्या कारण रहे? यदि वह विधायक दोबारा या तिबारा चुने गए हैं, तो उनका अब तक का प्रदर्शन कैसा रहा है? और सबसे अहम सवाल यह है कि क्या वे भाजपा के टिकट पर अगला चुनाव जीतने की स्थिति में हैं?
विधायकों को तीन श्रेणियों- ए, बी और सी में विभाजित किया जाएगा, जिसमें ए श्रेणी के विधायक सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले होंगे और सी श्रेणी के विधायक सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले होंगे।
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने 2024 के लोकसभा चुनावों में 37 सीटों के शानदार प्रदर्शन का श्रेय पीडीए (पिछड़ा-दलित-आदिवासी) को दिया है, जिसके बाद एजेंसियों को हर सीट की जातिगत गतिशीलता का पता लगाने वाला डेटा लाने के लिए कहा गया है, न्यूज18 को पता चला है। सूत्रों ने संकेत दिया कि डेटा भाजपा को उन छोटी पार्टियों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने में मदद कर सकता है, जिनकी कुछ सीटों पर एक विशेष जाति पर पकड़ है।
लेकिन इस पूरी कवायद का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि बीजेपी में योगी आदित्यनाथ का कद बढ़ गया है। यूपी के सीएम कथित तौर पर लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट बंटवारे से नाराज थे, लेकिन इस बार उन्हें पूरी छूट दी गई है।
हालांकि, इस घटनाक्रम से सभी खुश नहीं हैं। न्यूज18 से बात करते हुए उत्तर प्रदेश भाजपा सचिव अनामिका चौधरी (निषाद) ने कहा: “कोई आश्चर्य नहीं कि योगी जी का कद बढ़ गया है। विधायकों की छंटनी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 2027 का चुनाव बंपर जीत होगी… मुझे खुशी है कि हर निर्वाचन क्षेत्र में विधायकों के बारे में रिपोर्ट मांगी जा रही है। लेकिन उन्हें यह बहुत पहले कर लेना चाहिए था। अगर उनका नेतृत्व पहले होता तो पार्टी को लोकसभा में हार का सामना नहीं करना पड़ता…”
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संत Premanand का Message – “जिसे सजा मिलती है, उसने कभी न कभी अपराध किया होता है”

राधानाम के प्रचार-प्रसार से प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के श्रीराधा केलिकुंज आश्रम में रविवार सुबह एक खास मुलाक़ात हुई। मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और उत्तर प्रदेश पुलिस के एएसपी अनुज चौधरी यहां आशीर्वाद लेने पहुंचे। दोनों ने संत से एकांतिक वार्ता की और जीवन व कर्तव्य से जुड़े सवाल पूछे।
एएसपी अनुज चौधरी का सवाल
वार्ता के दौरान एएसपी अनुज चौधरी ने एक घटना का ज़िक्र करते हुए सवाल किया –
“एक युवक की मौत के बाद उसके पिता ने पड़ोसी पर हत्या का आरोप लगाया। न हमारे पास कोई सबूत था और न ही आरोप लगाने वाले के पास। लेकिन कानूनी प्रक्रिया के तहत मुझे आरोपी को जेल भेजना पड़ा। क्या यह मेरे लिए अपराध है?”
संत प्रेमानंद का जवाब
संत प्रेमानंद ने शांत भाव से जवाब दिया –
- यह अपराध नहीं है।
- जिसे सजा मिलती है, उसने जीवन में कभी न कभी अपराध किया जरूर होता है।
- भगवान बिना अपराध के किसी को सजा नहीं देते, भले ही वह अपराध उसी घटना में न हुआ हो।
- यह भगवान का विधान है कि अपराधी चाहे एक बार बच जाए, लेकिन वह कभी न्याय से नहीं बच सकता।
- आपका कर्तव्य है कि आप निस्वार्थ भाव से अपनी ड्यूटी निभाएं, और आपने वही किया।
उप मुख्यमंत्री को मिला संदेश
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला जब सुबह करीब साढ़े छह बजे आश्रम पहुंचे तो संत प्रेमानंद ने उन्हें भी आशीर्वाद और संदेश दिया –
- भगवान का स्मरण हमेशा करते रहें।
- आपको जो पद मिला है, उसका उपयोग राष्ट्र और समाज की सेवा में करें।
- भय और प्रलोभन से दूर रहें, क्योंकि ये इंसान को उसके कर्तव्य से गिरा देते हैं।
- जिसके साथ भगवान हैं, उसे किसी का डर नहीं होना चाहिए।
- जब तक भगवान की इच्छा नहीं, कोई आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
- अपने कर्तव्य को ईमानदारी से निभाते हुए आप लौकिक और पारलौकिक, दोनों तरह की उन्नति कर सकते हैं।
मुलाक़ात का महत्व
संत प्रेमानंद के इन संदेशों में कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी और भगवान में विश्वास की झलक साफ दिखी। उन्होंने साफ कहा कि अधिकारी और नेता, दोनों को ही अपने पद का इस्तेमाल केवल सेवा के लिए करना चाहिए, बिना किसी डर या लालच के।
Uttar Pradesh
Uttar Pradesh के Government Schools की Inspection का आदेश – CM Yogi ने कहा, ” Dilapidated School में न हो पढ़ाई”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्य के सभी परिषद (सरकारी) स्कूलों की भौतिक स्थिति की गहन और व्यापक समीक्षा करने का आदेश दिया है। उन्होंने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि राज्य में कोई भी स्कूल जर्जर बिल्डिंग में संचालित नहीं होना चाहिए और स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भी स्कूल की स्थिति खराब है, वहां तुरंत सुधार कार्य शुरू किया जाए और संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। इस काम के लिए हर जिले में जिलाधिकारी (DM) और बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) की देखरेख में एक विशेष टीम बनाई जाएगी, जो स्कूलों का फिजिकल वेरिफिकेशन (भौतिक सत्यापन) करेगी।
किन बिंदुओं की होगी जांच?
- स्कूल बिल्डिंग की मजबूती
- पीने के पानी की व्यवस्था
- टॉयलेट्स की उपलब्धता (विशेषकर लड़कियों के लिए)
- बिजली और फर्नीचर
- दीवारों की पेंटिंग
- रैम्प की सुविधा (दिव्यांग बच्चों के लिए)
- बच्चों के बैठने की सही व्यवस्था
सीएम योगी ने कहा कि जिन स्कूलों की इमारतें पूरी तरह से जर्जर हैं, वहां पढ़ रहे बच्चों को तुरंत अस्थायी स्थानों पर शिफ्ट किया जाए और मरम्मत या नए निर्माण का काम जल्द शुरू किया जाए। इसके लिए विभागीय बजट के साथ-साथ CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाएगा
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद स्थापित कर उन्हें भी इस अभियान में भागीदार बनाया जाए।
“ऑपरेशन कायाकल्प” की समीक्षा
सीएम योगी ने “ऑपरेशन कायाकल्प” की प्रगति की समीक्षा करते हुए बताया कि वर्ष 2017 से पहले केवल 36% स्कूलों में ही बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध थीं और महज 7,500 स्कूलों में लाइब्रेरी थी। उस समय केवल 33.9% स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय थे और स्मार्ट क्लास, डिजिटल एजुकेशन, यूनिफॉर्म, जूते-मोजे और किताब वितरण की व्यवस्थाएं बेहद कमजोर थीं।
लेकिन पिछले 8 वर्षों में राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों को बुनियादी सुविधाओं से लैस करने के लिए बड़े स्तर पर सुधार किए हैं।
आज 19 पैरामीटर्स में से 96% काम पूरा हो चुका है।
अब 1,32,678 स्कूलों में लाइब्रेरी चालू हैं, जहां कम से कम 500 किताबें उपलब्ध करवाई गई हैं।
सत्र 2024-25 में 15.37 करोड़ किताबें छात्रों को मुफ्त बांटी गई हैं।
4.53 लाख शिक्षकों को डिजिटल टीचिंग का प्रशिक्षण दिया गया है।
सीएम ने निर्देश दिया कि हर जिले से एक विस्तृत प्रगति रिपोर्ट तैयार कर सरकार को जल्द से जल्द भेजी जाए। इसके साथ ही सभी कार्यों का फोटोग्राफिक डाक्युमेंटेशन भी किया जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल सरकारी स्कूलों की हालत सुधारने और बच्चों को एक सुरक्षित, स्वच्छ और आधुनिक शिक्षा माहौल देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यदि ये निर्देश सही ढंग से लागू होते हैं, तो प्रदेश के लाखों बच्चों को बेहतर शिक्षा सुविधाएं मिल सकेंगी।
Uttar Pradesh
Uttar Pradesh में Illegal Drone Operators पर बड़ी कार्रवाई – Yogi Government का सख्त आदेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गैर-कानूनी तरीके से ड्रोन उड़ाने वालों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि जो लोग ड्रोन का गलत इस्तेमाल कर दहशत फैलाने की कोशिश करेंगे, उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया जाएगा। इतना ही नहीं, ज़रूरत पड़ने पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत भी कार्रवाई हो सकती है।
सीएम योगी ने चेतावनी देते हुए कहा कि “बिना परमिशन ड्रोन उड़ाना बैन है, कानून हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने सभी अफसरों को सख्त निर्देश दिए हैं कि गैर-कानूनी ड्रोन गतिविधियों पर नज़र रखी जाए और जहां भी ऐसे मामले सामने आएं, तुरंत ऐक्शन लिया जाए।
सीएम योगी के आदेश
- एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (होम) और डीजीपी को कहा गया है कि पूरे राज्य में ड्रोन से जुड़ी गैर-कानूनी गतिविधियों की समीक्षा करें।
- ड्रोन मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया जाए, जिससे किसी भी संदिग्ध उड़ान पर तुरंत अलर्ट मिल सके।
- हर जिले में रूटीन पेट्रोलिंग हो, ताकि लोग सुरक्षित महसूस करें और पैनिक की स्थिति न बने।
- जो लोग टेक्नॉलजी का गलत इस्तेमाल करेंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई होगी।
क्यों बढ़ रही हैं ड्रोन को लेकर चिंताएं?
पिछले कुछ समय में कई घटनाओं ने लोगों में डर का माहौल बना दिया है –
- मुज़फ्फरनगर (यूपी): दो लोगों को पकड़ा गया जिन्होंने कबूतरों पर ग्रीन लाइट लगाई, जिससे लोगों को लगा कि कोई ड्रोन उड़ रहा है और इलाके में दहशत फैल गई।
- हापुड़: पतंगों पर LED लगाकर उड़ाया गया, जिसके बाद लोग पूरी रात डरे रहे।
- त्रिपुरा: इंडिया-बांग्लादेश बॉर्डर पर ‘Made in China’ लिखा ड्रोन मिला। अब BSF इसकी जांच कर रही है कि यह ड्रोन यहां क्यों और कैसे पहुंचा।
- मुंबई: बांद्रा-पाखाड़ी इलाके में ड्रोन दिखने से लोग घबरा गए, जबकि मुंबई में पहले से ही UAV (Unmanned Aerial Vehicles) पर बैन है। यह घटना Operation Sindoor लॉन्च होने के बाद हुई, जिसके बाद वहां ड्रोन पर कड़े नियम लागू किए गए हैं।
- उत्तराखंड और यूपी में भी ड्रोन उड़ने की खबरों ने लोगों में पैनिक फैला दिया।
सीएम का सख्त संदेश
सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ शब्दों में कहा –
“अफवाह फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। जो लोग ड्रोन से डर का माहौल बना रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कानून लगेगा।”
अब क्या होगा?
यूपी में अगर कोई बिना अनुमति ड्रोन उड़ाता है, तो अब उसे गैंगस्टर एक्ट में केस झेलना पड़ सकता है।
ज़रूरत पड़ने पर NSA यानी National Security Act भी लगाया जा सकता है, जो बेहद सख्त कानून है।
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