Business
Gold ₹485 सस्ता होकर ₹93,859 पहुंचा: चांदी भी ₹420 गिरी, कैरेट के अनुसार जानें गोल्ड के दाम।

14 मई को सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 24 कैरेट सोना 10 ग्राम पर ₹485 सस्ता होकर ₹93,859 पर पहुंच गया, जबकि पहले इसकी कीमत ₹94,344 थी।
वहीं, चांदी की कीमत में भी ₹420 की कमी आई है, जिससे एक किलो चांदी अब ₹96,400 में मिल रही है। इससे पहले इसका भाव ₹96,820 प्रति किलो था। गौरतलब है कि सोना 21 अप्रैल को ₹99,100 और चांदी 28 मार्च को ₹1,00,934 प्रति किलो के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच चुकी थी।
4 महानगरों और भोपाल में सोने की कीमत
दिल्ली: 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत 88,200 रुपए और 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 96,210 रुपए है।
मुंबई: 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत 88,050 रुपए और 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 96,060 रुपए है।
कोलकाता: 10 ग्राम 22 कैरेट गोल्ड की कीमत 88,050 रुपए और 24 कैरेट 10 ग्राम सोने की कीमत 96,060 रुपए है।
चेन्नई: 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत 88,050 रुपए और 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 96,060 रुपए है।
भोपाल: 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत 88,100 रुपए और 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 96,110 रुपए है।
इस साल अब तक 17,697 रुपए महंगा हो चुका है सोना
इस साल यानी 1 जनवरी से अब तक 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम 76,162 रुपए से 17,697 रुपए बढ़कर 93,859 रुपए पर पहुंच गया है। वहीं, चांदी का भाव भी 86,017 रुपए प्रति किलो से 10,383 रुपए बढ़कर 96,400 रुपए पर पहुंच गया है। वहीं पिछले साल यानी 2024 में सोना 12,810 रुपए महंगा हुआ था।

सोना खरीदते समय इन 3 बातों का रखें ध्यान
- सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें
हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड रहता है। इसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी HUID कहते हैं। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह होता है- AZ4524। हॉलमार्किंग के जरिए ये पता करना संभव है कि कोई सोना कितने कैरेट का है।
- कीमत क्रॉस चेक करें
सोने का सही वजन और खरीदने के दिन उसकी कीमत कई सोर्सेज (जैसे इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट) से क्रॉस चेक करें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है। 24 कैरेट सोने को सबसे शुद्ध सोना माना गया है, लेकिन इसकी ज्वेलरी नहीं बनती, क्योंकि वो बेहद मुलायम होता है।
- कैश पेमेंट न करें, बिल लें
सोना खरीदते वक्त कैश पेमेंट की जगह UPI (जैसे भीम ऐप) और डिजिटल बैंकिंग के जरिए पेमेंट करना अच्छा रहता है। आप चाहें तो डेबिट या क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भी पेमेंट कर सकते हैं। इसके बाद बिल लेना न भूलें। यदि ऑनलाइन ऑर्डर किया है तो पैकेजिंग जरूर चेक करें।
Business
BOB रिपोर्ट: अप्रैल में खुदरा महंगाई 3% से नीचे, सब्जियां 34% सस्ती, दालें 15% सस्ती, खाद्य तेल 30% तक महंगे।

ऊंची ब्याज दरों से राहत के बाद महंगाई से भी राहत मिलने लगी है। बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB ) की एक रिसर्च रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि अप्रैल की रिटेल महंगाई दर 3% से नीचे रह सकती है।
ऑफिशियल डेटा अगले हफ्ते मंगलवार (13 मई) को जारी होंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के हफ्तों में खाने की चीजों, विशेष रूप से सब्जियों के दाम 34% तक और दालों के भाव 15% तक घटे हैं।
हालांकि खाने के तेल के दाम 30% तक बढ़े हैं। इसका असर शायद ही महंगाई पर दिखेगा क्योंकि सबसे ज्यादा सन फ्लावर ऑयल महंगा हुआ है, जिसका महंगाई इंडेक्स में वेटेज 1% से भी कम है।
लोन और सस्ते होने की उम्मीद बढ़ी, जून में फैसला
रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई घटने से रिजर्व बैंक के लिए नीतिगत दरें और घटाने की गुंजाइश बनेगी। जून की बैठक में रेपो रेट में पहले (0.25%) से ज्यादा कटौती हो सकती है। टमाटर, प्याज, आलू उत्पादक राज्यों में गर्मी कम होने से उत्पादन बढ़ेगा, भाव और घट सकते हैं।
अप्रैल में शाकाहारी थाली 4% सस्ती हुई: क्रिसिल
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की ‘रोटी राइस रिपोर्ट’ के मुताबिक अप्रैल में सामान्य शाकाहारी थाली की लागत 4% घटकर 26.3 रुपए रह गई। मासिक आधार पर थाली की लागत 1% घटी है। रिपोर्ट के मुताबिक, सब्जियों की कीमतें घटने के चलते थाली सस्ती हुई है।
मार्च में महंगाई 6 साल के निचले स्तर पर रही थी
मार्च में रिटेल महंगाई घटकर 3.34% रही। इससे पहले अगस्त 2019 में महंगाई 3.28% पर थी। यह 5 साल 7 महीने के निचले स्तर पर आ गई है। मार्च से एक महीने पहले यानी, फरवरी में महंगाई 3.61% पर थी।
महंगाई के बास्केट में लगभग 50% योगदान खाने-पीने की चीजों का होता है। इसकी महंगाई महीने-दर-महीने आधार पर 3.75% से घटकर 2.67% हो गई है। वहीं ग्रामीण महंगाई 3.79% से घटकर 3.25% और शहरी महंगाई 3.32% से बढ़कर 3.43% हो गई है।
महंगाई कैसे बढ़ती-घटती है?
महंगाई का बढ़ना और घटना प्रोडक्ट की डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है। अगर लोगों के पास पैसे ज्यादा होंगे तो वे ज्यादा चीजें खरीदेंगे। ज्यादा चीजें खरीदने से चीजों की डिमांड बढ़ेगी और डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं होने पर इन चीजों की कीमत बढ़ेगी।
इस तरह बाजार महंगाई की चपेट में आ जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो बाजार में पैसों का अत्यधिक बहाव या चीजों की शॉर्टेज महंगाई का कारण बनता है। वहीं अगर डिमांड कम होगी और सप्लाई ज्यादा तो महंगाई कम होगी।
CPI से तय होती है महंगाई
आप और हम जब रिटेल मार्केट से सामान खरीदते हैं, तो उसकी कीमतों में होने वाले बदलावों को मापने का काम कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) करता है। CPI एक सांख्यिकीय सूचकांक है, जो उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की औसत कीमतों में समय के साथ होने वाले परिवर्तनों को दर्शाता है।
CPI में लगभग 300 वस्तुओं और सेवाओं को शामिल किया जाता है, जिनकी कीमतों के आधार पर रिटेल महंगाई दर तय होती है। इनमें खाद्य पदार्थ, ईंधन, आवास, वस्त्र, परिवहन, चिकित्सा देखभाल, मनोरंजन, शिक्षा और संचार जैसी श्रेणियाँ शामिल हैं। हर श्रेणी का CPI में अलग-अलग वजन होता है, जो उपभोक्ताओं के खर्च की आदतों के आधार पर निर्धारित किया जाता है।
CPI की गणना भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा की जाती है। यह सूचकांक नीति निर्धारण, केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति, वेतन निर्धारण, पेंशन समायोजन और अन्य आर्थिक निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उदाहरण के लिए, अक्टूबर 2024 में भारत की खुदरा महंगाई दर 6.2% थी, जो मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि के कारण थी। इसमें सब्जियों की कीमतों में 63% की वृद्धि देखी गई, जबकि ईंधन और ऊर्जा की कीमतों में 5.8% की गिरावट आई। इस प्रकार, CPI उपभोक्ताओं के लिए जीवन यापन की लागत में होने वाले परिवर्तनों को समझने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
Business
अब UPI से ट्रांजैक्शन होगा पहले से ज्यादा सेफ और फास्ट, गलत व्यक्ति को पैसे भेजने का नहीं रहेगा खतरा।

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने नया नियम लागू किया है, जिसके तहत अब सभी UPI ऐप्स में पेमेंट से पहले जिस व्यक्ति को पैसे भेजने हैं, उसका असली नाम यानी बैंक में रजिस्टर्ड नाम ही दिखाई देगा। यह नियम पारदर्शिता बढ़ाने, फ्रॉड रोकने और डिजिटल ट्रांजैक्शन को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए लाया गया है। 30 जून 2025 से यह बदलाव सभी UPI ऐप्स में लागू होगा। ध्यान देने वाली बात यह है कि पेमेंट करने की प्रक्रिया पहले जैसी ही रहेगी, बस अब जिस नाम की पुष्टि होती है, वह सीधे बैंक के रिकॉर्ड से दिखेगा – जिससे यूज़र को सही व्यक्ति की पहचान मिल सकेगी।
अब यूजर को असली नाम ही दिखेगा
नए प्रावधान के मुताबिक अब वही नाम दिखेगा, जो बैंक की ओर से सत्यापित होगा यानी मतलब असली नाम होगा। अब तक UPI ऐप्स में क्यूआर कोड (QR Code) से लिया गया नाम, ग्राहक की ओर से लिखा गया उपनाम, फोन में सुरक्षित किए गए नाम या उपनाम दिखाए देते थे। इससे गलतियों और धोखाधड़ी की गुंजाइश रहती थी, क्योंकि धोखेबाज अक्सर नामों की नकल करके ग्राहकों को झांसे में डाल देते थे।

चूंकि कोर बैंकिंग सॉल्यूशंस का डेटा बैंकों की ओर नियंत्रित होता है और सुरक्षित एपीआई (API) के जरिए हासिल किया जाता है, इसलिए इसे ग्राहक या ऐप की ओर से बदला नहीं जा सकता। इससे भुगतान करने वाले को सटीक, सत्यापित पहचान मिलेगी, जिससे गलत लेन-देन का खतरा कम होगा।
15 सेंकंड में हो जाएगा पेमेंट
UPI ट्रांजैक्शन भी पहले से दोगुनी तेजी से होगा। एनपीसीआई ने UPI सर्विस (UPI Services) को और तेज व विश्वसनीय बनाने के लिए नया रिस्पॉन्स टाइम तय किया है। एनपीसीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे 16 जून से नए प्रोसेसिंग मानकों को लागू करें। इसके तहत रिक्वेस्ट पे और रिस्पॉन्स पे सर्विस का रिस्पॉन्स टाइम 30 सेकंड से घटाकर 15 सेकंड, चेक ट्रांजैक्शन स्टेटस और ट्रांजैक्शन रिवर्सल के लिए 10 सेकंड और वैलिडेट एड्रेस के लिए 10 सेकंड किया गया है। इसी तरह का बदलाव ट्रांजैक्शन रिवर्सल (डेबिट और क्रेडिट) के लिए तय किया गया है। यानी 16 जून से 15 सेकेंड में यूपीआई पेमेंट हो जाएगा, जिसमें अभी 30 सेकंड लगता है।
Business
Verka के बाद मदर डेयरी ने भी किया दूध के दामों में 2 रुपये का इजाफा, जानिए नई कीमतें।

Verka के बाद अब मदर डेयरी ने भी महंगाई का असर दिखाया है। कंपनी ने दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। यह नई कीमतें आज, 30 अप्रैल से लागू हो जाएंगी।
इस बढ़ोतरी के बाद अब मदर डेयरी के फुल क्रीम दूध की कीमत 67 रुपये से बढ़कर 69 रुपये प्रति लीटर और टोंड दूध की कीमत 54 रुपये से बढ़कर 56 रुपये प्रति लीटर हो गई है। मदर डेयरी का कहना है कि गर्मी के मौसम में बढ़ती लागत को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। यह नई कीमतें उन सभी क्षेत्रों में लागू होंगी, जहां मदर डेयरी अपने उत्पाद बेचती है।

मदर डेयरी अपने स्टोर्स, अन्य दुकानों और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से दिल्ली-एनसीआर बाजार में रोजाना करीब 35 लाख लीटर दूध बेचती है। मदर डेयरी के अनुसार पिछले कुछ महीनों में लागत में 4 से 5 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। लागत में यह वृद्धि मुख्य रूप से गर्मियों के आगमन तथा भीषण गर्मी के कारण है।
इसी प्रकार, हाल ही में वेरका दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की घोषणा की गई है। लोगों को वेरका दूध के एक लीटर के दाम में 2 रुपये अधिक चुकाने होंगे। सभी प्रकार के दूध महंगे हो जायेंगे।
-
Religious2 years ago
कब है तुलसी विवाह? इस दिन तुलसी माता का विवाह करने से मिलेगा लाभ
-
Religious2 years ago
जानिए गोवर्धन पूजा का महत्व, कौनसा समय रहेगा पूजा के लिए सही
-
Religious2 years ago
आखिर क्यों लिखा जाता है घर के बाहर शुभ लाभ, जानिए क्या है इन चिह्न का मतलब
-
Religious2 years ago
पैरों के निशान, बनावट, रंग, साइज से पता लागए की आप कितने है भागयशाली
-
Punjab1 year ago
पंजाब में अमरूद के बगीचे के मुआवजे के घोटाले में ED ने 26 स्थानों पर छापे मारे
-
Punjab1 year ago
Ludhiana में पुलिस स्टेशन के पास शव मिला। एक आदमी सड़क के बीच में पड़ा था; पास में कपड़ों से भरा एक बोरे भी मिला था, लेकिन उसकी पहचान नहीं हो सकी
-
Haryana1 year ago
Haryana: पोता होने की खुशी पर दादा ने किन्नरों को दिया एक अनोखा तोहफा
-
Chandigarh1 year ago
Chandigarh: Top 10 Restaurants. ये लोकप्रिय क्यों हैं ?