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Uttar Pradesh

‘साथ-साथ चलें विकास और संरक्षण’, CM योगी ने दिया प्रकृति संग समरसता का संदेश।

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अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 2025 की थीम ‘प्रकृति के साथ सामंजस्य और सतत विकास’ को ध्यान में रखते हुए, CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने भारत की वैदिक दर्शन और सनातन परंपराओं का उल्लेख करते हुए प्रकृति के साथ सामंजस्य की आवश्यकता को रेखांकित किया और लोगों से इस दिशा में सक्रिय भागीदारी की अपील की।

भारत की सांस्कृतिक प्रकृति के प्रति गहरे सम्मान को दर्शाती हैं: योगी

CM योगी ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक परंपराएं प्रकृति के प्रति गहरे सम्मान को दर्शाती हैं। उन्होंने वैदिक शांति पाठ का उदाहरण देते हुए बताया कि सनातन धर्म में हर मांगलिक अनुष्ठान की शुरुआत पृथ्वी, जल, अंतरिक्ष और समस्त चराचर जगत के कल्याण की कामना से होती है। हमारी परंपराएं हमें सिखाती हैं कि मनुष्य का अस्तित्व प्रकृति और जैव विविधता के संरक्षण पर निर्भर है। अथर्ववेद में कहा गया है कि धरती हमारी माता है और हम इसके पुत्र हैं। एक पुत्र के नाते, हमें अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होगा।

नेट जीरो लक्ष्य की ओर भारत का संकल्प

CM ने 1992 में शुरू हुई वैश्विक स्तर पर जैव विविधता संरक्षण की चर्चा का उल्लेख करते हुए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2070 तक भारत को नेट जीरो लक्ष्य प्राप्त करने का संकल्प लिया है, लेकिन इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए समाज के हर व्यक्ति का योगदान आवश्यक है। यह केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं है। जब तक हम सभी मिलकर प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए काम नहीं करेंगे, तब तक सतत विकास का लक्ष्य अधूरा रहेगा।

‘गोचर भूमि पर अतिक्रमण आत्मघाती’

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण भारत की स्वावलंबी परंपराओं का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले हर गांव में खलिहान, गोचर भूमि, तालाब और खाद के गड्ढे होते थे, जो पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। गांवों में सॉलिड वेस्ट को खाद के गड्ढों में डालकर कंपोस्ट बनाया जाता था, तालाब स्वच्छता के प्रतीक थे और गोचर भूमि पशुओं के लिए आरक्षित थी, लेकिन आधुनिकता की दौड़ में हमने इन परंपराओं को नजरअंदाज कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप पर्यावरणीय असंतुलन और बीमारियां बढ़ रही हैं। उन्होंने गांवों में तालाबों को ड्रेनेज का माध्यम बनाने और गोचर भूमि पर अतिक्रमण जैसे कदमों को आत्मघाती बताया।

CM योगी ने उत्तर प्रदेश के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य का जैव विविधता बोर्ड ‘प्रकृति के साथ सामंजस्य और सतत विकास’ के विजन को साकार करने के लिए नए अभियान चला रहा है। पिछले आठ वर्षों में वन विभाग ने 210 करोड़ से अधिक वृक्षारोपण कर राज्य के वन क्षेत्र को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके साथ ही, नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा नदी को कानपुर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निर्मल और अविरल बनाने में सफलता प्राप्त हुई है। कानपुर, जो कभी नमामि गंगे का सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्र था, आज वहां गंगा स्वच्छ और जीवंत है।

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संत Premanand का Message – “जिसे सजा मिलती है, उसने कभी न कभी अपराध किया होता है”

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राधानाम के प्रचार-प्रसार से प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के श्रीराधा केलिकुंज आश्रम में रविवार सुबह एक खास मुलाक़ात हुई। मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और उत्तर प्रदेश पुलिस के एएसपी अनुज चौधरी यहां आशीर्वाद लेने पहुंचे। दोनों ने संत से एकांतिक वार्ता की और जीवन व कर्तव्य से जुड़े सवाल पूछे।

एएसपी अनुज चौधरी का सवाल

वार्ता के दौरान एएसपी अनुज चौधरी ने एक घटना का ज़िक्र करते हुए सवाल किया –
“एक युवक की मौत के बाद उसके पिता ने पड़ोसी पर हत्या का आरोप लगाया। न हमारे पास कोई सबूत था और न ही आरोप लगाने वाले के पास। लेकिन कानूनी प्रक्रिया के तहत मुझे आरोपी को जेल भेजना पड़ा। क्या यह मेरे लिए अपराध है?”

संत प्रेमानंद का जवाब

संत प्रेमानंद ने शांत भाव से जवाब दिया –

  • यह अपराध नहीं है।
  • जिसे सजा मिलती है, उसने जीवन में कभी न कभी अपराध किया जरूर होता है।
  • भगवान बिना अपराध के किसी को सजा नहीं देते, भले ही वह अपराध उसी घटना में न हुआ हो।
  • यह भगवान का विधान है कि अपराधी चाहे एक बार बच जाए, लेकिन वह कभी न्याय से नहीं बच सकता।
  • आपका कर्तव्य है कि आप निस्वार्थ भाव से अपनी ड्यूटी निभाएं, और आपने वही किया।

उप मुख्यमंत्री को मिला संदेश

उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला जब सुबह करीब साढ़े छह बजे आश्रम पहुंचे तो संत प्रेमानंद ने उन्हें भी आशीर्वाद और संदेश दिया –

  • भगवान का स्मरण हमेशा करते रहें।
  • आपको जो पद मिला है, उसका उपयोग राष्ट्र और समाज की सेवा में करें।
  • भय और प्रलोभन से दूर रहें, क्योंकि ये इंसान को उसके कर्तव्य से गिरा देते हैं।
  • जिसके साथ भगवान हैं, उसे किसी का डर नहीं होना चाहिए।
  • जब तक भगवान की इच्छा नहीं, कोई आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
  • अपने कर्तव्य को ईमानदारी से निभाते हुए आप लौकिक और पारलौकिक, दोनों तरह की उन्नति कर सकते हैं।

मुलाक़ात का महत्व

संत प्रेमानंद के इन संदेशों में कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी और भगवान में विश्वास की झलक साफ दिखी। उन्होंने साफ कहा कि अधिकारी और नेता, दोनों को ही अपने पद का इस्तेमाल केवल सेवा के लिए करना चाहिए, बिना किसी डर या लालच के।

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Uttar Pradesh

Uttar Pradesh के Government Schools की Inspection का आदेश – CM Yogi ने कहा, ” Dilapidated School में न हो पढ़ाई”

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्य के सभी परिषद (सरकारी) स्कूलों की भौतिक स्थिति की गहन और व्यापक समीक्षा करने का आदेश दिया है। उन्होंने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि राज्य में कोई भी स्कूल जर्जर बिल्डिंग में संचालित नहीं होना चाहिए और स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भी स्कूल की स्थिति खराब है, वहां तुरंत सुधार कार्य शुरू किया जाए और संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। इस काम के लिए हर जिले में जिलाधिकारी (DM) और बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) की देखरेख में एक विशेष टीम बनाई जाएगी, जो स्कूलों का फिजिकल वेरिफिकेशन (भौतिक सत्यापन) करेगी।

किन बिंदुओं की होगी जांच?

  • स्कूल बिल्डिंग की मजबूती
  • पीने के पानी की व्यवस्था
  • टॉयलेट्स की उपलब्धता (विशेषकर लड़कियों के लिए)
  • बिजली और फर्नीचर
  • दीवारों की पेंटिंग
  • रैम्प की सुविधा (दिव्यांग बच्चों के लिए)
  • बच्चों के बैठने की सही व्यवस्था

सीएम योगी ने कहा कि जिन स्कूलों की इमारतें पूरी तरह से जर्जर हैं, वहां पढ़ रहे बच्चों को तुरंत अस्थायी स्थानों पर शिफ्ट किया जाए और मरम्मत या नए निर्माण का काम जल्द शुरू किया जाए। इसके लिए विभागीय बजट के साथ-साथ CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड का भी इस्तेमाल किया जाएगा।

जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाएगा

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद स्थापित कर उन्हें भी इस अभियान में भागीदार बनाया जाए।

ऑपरेशन कायाकल्प” की समीक्षा

सीएम योगी ने “ऑपरेशन कायाकल्प” की प्रगति की समीक्षा करते हुए बताया कि वर्ष 2017 से पहले केवल 36% स्कूलों में ही बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध थीं और महज 7,500 स्कूलों में लाइब्रेरी थी। उस समय केवल 33.9% स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय थे और स्मार्ट क्लास, डिजिटल एजुकेशन, यूनिफॉर्म, जूते-मोजे और किताब वितरण की व्यवस्थाएं बेहद कमजोर थीं।

लेकिन पिछले 8 वर्षों में राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों को बुनियादी सुविधाओं से लैस करने के लिए बड़े स्तर पर सुधार किए हैं।

आज 19 पैरामीटर्स में से 96% काम पूरा हो चुका है।

अब 1,32,678 स्कूलों में लाइब्रेरी चालू हैं, जहां कम से कम 500 किताबें उपलब्ध करवाई गई हैं।
सत्र 2024-25 में 15.37 करोड़ किताबें छात्रों को मुफ्त बांटी गई हैं।
4.53 लाख शिक्षकों को डिजिटल टीचिंग का प्रशिक्षण दिया गया है।

सीएम ने निर्देश दिया कि हर जिले से एक विस्तृत प्रगति रिपोर्ट तैयार कर सरकार को जल्द से जल्द भेजी जाए। इसके साथ ही सभी कार्यों का फोटोग्राफिक डाक्युमेंटेशन भी किया जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल सरकारी स्कूलों की हालत सुधारने और बच्चों को एक सुरक्षित, स्वच्छ और आधुनिक शिक्षा माहौल देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यदि ये निर्देश सही ढंग से लागू होते हैं, तो प्रदेश के लाखों बच्चों को बेहतर शिक्षा सुविधाएं मिल सकेंगी।

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Uttar Pradesh

Uttar Pradesh में Illegal Drone Operators पर बड़ी कार्रवाई – Yogi Government का सख्त आदेश

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गैर-कानूनी तरीके से ड्रोन उड़ाने वालों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि जो लोग ड्रोन का गलत इस्तेमाल कर दहशत फैलाने की कोशिश करेंगे, उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया जाएगा। इतना ही नहीं, ज़रूरत पड़ने पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत भी कार्रवाई हो सकती है।

सीएम योगी ने चेतावनी देते हुए कहा कि बिना परमिशन ड्रोन उड़ाना बैन है, कानून हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने सभी अफसरों को सख्त निर्देश दिए हैं कि गैर-कानूनी ड्रोन गतिविधियों पर नज़र रखी जाए और जहां भी ऐसे मामले सामने आएं, तुरंत ऐक्शन लिया जाए।

सीएम योगी के आदेश

  • एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (होम) और डीजीपी को कहा गया है कि पूरे राज्य में ड्रोन से जुड़ी गैर-कानूनी गतिविधियों की समीक्षा करें।
  • ड्रोन मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया जाए, जिससे किसी भी संदिग्ध उड़ान पर तुरंत अलर्ट मिल सके।
  • हर जिले में रूटीन पेट्रोलिंग हो, ताकि लोग सुरक्षित महसूस करें और पैनिक की स्थिति न बने।
  • जो लोग टेक्नॉलजी का गलत इस्तेमाल करेंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई होगी।

क्यों बढ़ रही हैं ड्रोन को लेकर चिंताएं?

पिछले कुछ समय में कई घटनाओं ने लोगों में डर का माहौल बना दिया है –

  • मुज़फ्फरनगर (यूपी): दो लोगों को पकड़ा गया जिन्होंने कबूतरों पर ग्रीन लाइट लगाई, जिससे लोगों को लगा कि कोई ड्रोन उड़ रहा है और इलाके में दहशत फैल गई।
  • हापुड़: पतंगों पर LED लगाकर उड़ाया गया, जिसके बाद लोग पूरी रात डरे रहे।
  • त्रिपुरा: इंडिया-बांग्लादेश बॉर्डर पर ‘Made in China’ लिखा ड्रोन मिला। अब BSF इसकी जांच कर रही है कि यह ड्रोन यहां क्यों और कैसे पहुंचा।
  • मुंबई: बांद्रा-पाखाड़ी इलाके में ड्रोन दिखने से लोग घबरा गए, जबकि मुंबई में पहले से ही UAV (Unmanned Aerial Vehicles) पर बैन है। यह घटना Operation Sindoor लॉन्च होने के बाद हुई, जिसके बाद वहां ड्रोन पर कड़े नियम लागू किए गए हैं।
  • उत्तराखंड और यूपी में भी ड्रोन उड़ने की खबरों ने लोगों में पैनिक फैला दिया।

सीएम का सख्त संदेश

सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ शब्दों में कहा –
अफवाह फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। जो लोग ड्रोन से डर का माहौल बना रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कानून लगेगा।”

अब क्या होगा?

यूपी में अगर कोई बिना अनुमति ड्रोन उड़ाता है, तो अब उसे गैंगस्टर एक्ट में केस झेलना पड़ सकता है।
ज़रूरत पड़ने पर NSA यानी National Security Act भी लगाया जा सकता है, जो बेहद सख्त कानून है।

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