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अनुपमा फेमस एक्ट्रेस रूपाली गांगुली BJP में हुईं शामिल, रूपाली ने बताया क्‍यों लिया ये फैसला

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अनुपमा’ से लोगों के दिलों में जगह बनाने के बाद अब टीवी एक्ट्रेस रूपाली गांगुली अपनी नई पारी शुरू करने जा रही हैं। जी हां, उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया| उन्होंने BJP पार्टी में शामिल हो गई है | एक्ट्रेस ने ये जानकारी विनोद तावड़े और अनिल बलूनी के साथ हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी| हालांकि, उन्होंने अभी तक यह साफ नहीं किया है कि वह 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगी या नहीं|

BJP में शामिल होने के बाद रूपाली ने मीडिया से बात की और इस दौरान उन्होंने अपने फैसले की वजह बताई| रूपाली गांगुली ने कहा कि ‘यह महाकाल और माता रानी का आशीर्वाद है कि मैं अपनी कला के माध्यम से इतने सारे लोगों से मिलती हूं और जब मैं विकास के इस ‘महान यज्ञ’ को देखती हूं तो सोचती हूं कि क्यों न मैं भी इसमें भाग लूं मोदी जी ने जो रास्ता दिखाया है, मैं किसी तरह देश की सेवा में लग जाऊं… इसलिए मैं जो भी करूं, अच्छा करूं, अच्छा करूं, इसके लिए मुझे आपका आशीर्वाद और आप सभी का समर्थन चाहिए…।’

रूपाली ने आगे कहा कि ‘मुझे यहां आकर बहुत गर्व महसूस हो रहा है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे बहुत प्रभावित किया है| मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं| BJP बहुत अच्छा काम कर रही है और इसलिए मैं उन्होंने BJP पार्टी में शामिल हो गई है | में शामिल होना चाहता हूं.’ मैं पार्टी का बहुत आभारी हूं|

टीवी फेमस एक्टर रूपाली गांगुली के BJP पार्टी में शामिल होते ही लोगों ने तरह-तरह के रिएक्शन्स सामने आए है । बतादें की एक्स हैंडल पर एक यूजर ने लिखा, ‘अगली स्मृति ईरानी यही होंगी।’ एक ने लिखा, ‘अब अनुपमा यहां भी ड्रामा करेगी! करियर खत्म।’ एक यूजर ने कहा, ‘हेमा मालिनी की फ्यूचर रिप्लेसमेंट।’ वहीं, कुछ ने तारीफ की है और कुछ ने एक्ट्रेस के इस फैसले से नाराजगी भी जताई है।


बहुत से फेमस एक्टर और एक्टर्स पॉलिटिक्स में शामिल हो रहे है ऐसे में एक और एक्टर्स का शामिल हो जाना एक तरह से BJP पार्टी का मज़बूत होना है | अब देखन होगा की रुपाली सीरियल की तरह यहाँ भी अपनी जगा बना पाती है या नहीं |

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Rahul Gandhi के ‘Vote Theft’ Allegations पर BJP और EC का पलटवार – Fact-Check में क्या निकला सच?

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राहुल गांधी ने हाल ही में चुनाव आयोग (Election Commission) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि देश में “वोट चोरी” हो रही है और इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल रहा है। उन्होंने इसके सबूत दिखाने का दावा किया, खासकर कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा चुनाव को लेकर। लेकिन बीजेपी और चुनाव आयोग की तरफ से आए Fact-Check ने इन आरोपों को काफी हद तक चुनौती दी है। आइए पूरे मामले को समझते हैं।

राहुल गांधी के आरोप

  • राहुल गांधी का कहना है कि महादेवपुरा में चुनाव साफ तौर पर BJP के पक्ष में “रिग” (Rigged) किए गए
  • उन्होंने एक तस्वीर दिखाई जिसमें इलेक्टोरल रोल पर BLA (Booth Level Agent) के सिग्नेचर थे।
  • उनका आरोप है कि एक ही पते पर दर्जनों वोटर रजिस्टर्ड हैं, जो चुनावी धांधली का सबूत है।
  • उन्होंने दावा किया कि एक पते पर 80 वोटर और एक अन्य घर (हाउस नं. 80) में 18 नाम दर्ज थे।
  • कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर बेंगलुरु में बड़ा रैली भी की।

BJP और EC का जवाब

  1. तस्वीर से धांधली साबित नहीं होती
    1. बीजेपी का कहना है कि जिस तस्वीर को राहुल गांधी सबूत बता रहे हैं, वह डुप्लीकेट वोटिंग का प्रमाण नहीं है।
    1. चुनाव आयोग के मुताबिक, बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट में बीजेपी ने 4 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त ली, और कांग्रेस ने भी 4 में बढ़त ली — यानी मामला सिर्फ महादेवपुरा तक सीमित नहीं।
  2. कांग्रेस के गढ़ में भी डुप्लीकेट वोटर
    1. Fact-Check में सामने आया कि डुप्लीकेट वोटर सिर्फ BJP वाले इलाकों में नहीं, बल्कि कांग्रेस के मजबूत गढ़ जैसे शिवाजीनगर और चामराजपेट में भी मिले।
    1. बीजेपी पूछ रही है कि कांग्रेस इन इलाकों की बात क्यों नहीं कर रही।
  3. महाराष्ट्र का धुले लोकसभा सीट मामला
    1. राहुल गांधी अक्सर महाराष्ट्र का उदाहरण देकर चुनाव आयोग की आलोचना करते हैं, लेकिन बीजेपी ने धुले सीट का मामला उठाया।
    1. यहां बीजेपी को कुल 5.75 लाख वोट और कांग्रेस को 3.84 लाख वोट मिले।
    1. मालेगांव सेंट्रल (अल्पसंख्यक बहुल इलाका) में कांग्रेस को 94.52% वोट मिले, बीजेपी को सिर्फ 2.21% — बीजेपी पूछ रही है कि इतने बड़े अंतर और डुप्लीकेट वोटरों के बावजूद कांग्रेस यहां कैसे जीती।
  4. 80 वोटर एक पते पर – असली वजह
    1. चुनाव आयोग ने जांच में पाया कि जिस पते पर 80 वोटर दर्ज थे, वहां पहले मजदूर वर्ग के लोग रहते थे, जो अब वहां से जा चुके हैं।
    1. कोई सबूत नहीं कि उन्होंने BJP को वोट दिया।
    1. हाउस नं. 80 पर 18 वोटर रजिस्टर्ड होने की बात भी सामने आई, जिस पर BJP का कहना है कि यही वजह है कि Special Intensive Revision (SIR) जरूरी है।
  5. EC का तर्क
    1. EC के मुताबिक, वोटर लिस्ट में डुप्लीकेट नाम अक्सर मल्टी-सिटी या मल्टी-टाउन रजिस्ट्रेशन की वजह से होते हैं, न कि जानबूझकर की गई धांधली से।
    1. आयोग का कहना है कि वह लगातार सभी पार्टियों से वोटर लिस्ट साफ करने में सहयोग की अपील कर रहा है।

मौजूदा हालात

  • राहुल गांधी अपने आरोपों पर अड़े हुए हैं और बीजेपी-EC की सफाई से सहमत नहीं हैं।
  • बीजेपी इस मुद्दे को पलटकर कांग्रेस के गढ़ में भी गड़बड़ी के सवाल उठा रही है।
  • मामला अब राजनीतिक बहस और आरोप-प्रत्यारोप में फंस चुका है, और फिलहाल किसी समाधान के आसार नहीं दिख रहे।
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India-Maldives Relations में नया मोड़: PM Modi की यात्रा में 8 Key Agreements, 4,850 Crore की मदद और Developmentका नया Roadmap

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माले में 25 जुलाई 2025 को एक ऐसा नजारा देखने को मिला, जो कुछ महीने पहले तक किसी ने सोचा भी नहीं था। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, जो कभी “इंडिया आउट” अभियान का चेहरा थे, वहीं खड़े थे, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने मालदीव के साथ रिश्तों को नई दिशा देने वाले 8 बड़े समझौते पर दस्तखत किए।

ये समझौते सिर्फ कागज पर नहीं हैं – ये दोनों देशों के बीच भरोसे और साझेदारी की नई कहानी लिख रहे हैं।

क्या-क्या समझौते हुए?

4,850 करोड़ रुपये (565 मिलियन डॉलर) की नई लाइन ऑफ क्रेडिट
– भारत के EXIM बैंक की ओर से दी जाने वाली ये राशि मालदीव में इंफ्रास्ट्रक्चर, हेल्थकेयर, डिफेंस, एजुकेशन और कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स में इस्तेमाल होगी।

कर्ज़ से राहत
– भारत ने मालदीव का कर्ज चुकाने का दबाव कम कर दिया। अब मालदीव को हर साल 51 मिलियन डॉलर की जगह सिर्फ 29 मिलियन डॉलर चुकाने होंगे – यानी करीब 40% कम बोझ।

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की शुरुआत
– दोनों देशों ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की बातचीत शुरू करने का फैसला किया, जिससे कारोबार और निवेश आसान होगा।

डिजिटल पार्टनरशिप और UPI लॉन्च
– भारत के UPI को मालदीव में रोल आउट किया जाएगा। इससे पर्यटक और स्थानीय लोग cross-border payment आसानी से कर पाएंगे।
– ई-गवर्नेंस और डिजिटल सॉल्यूशंस पर भी सहमति बनी, ताकि मालदीव भारत के सफल डिजिटल मॉडल से सीख सके।

फिशरीज और एक्वाकल्चर में सहयोग
– मछलीपालन मालदीव की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। अब भारत और मालदीव मिलकर इस सेक्टर को आगे बढ़ाएंगे।

हेल्थकेयर और दवाओं पर समझौता
– भारतीय फ़ार्माकोपिया कमीशन और मालदीव फ़ूड एंड ड्रग अथॉरिटी ने दवाओं की क्वालिटी और मानक तय करने के लिए MoU साइन किया।

मौसम और क्लाइमेट साइंस पर काम
– इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी और मालदीव मेट्रोलॉजिकल सर्विस एक साथ मौसम पूर्वानुमान, क्लाइमेट रिसर्च और एनवायरनमेंटल स्टडीज पर काम करेंगे।

डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के लिए सहयोग
– भारत अपनी बड़ी डिजिटल पहलों जैसे आधार, डिजिलॉकर, और UPI से सीखी चीजें मालदीव को साझा करेगा।

मोदी की यात्रा में क्या-क्या हुआ?

  • पीएम मोदी ने वर्चुअली हनिमाधू एयरपोर्ट विस्तार और अद्दू सिटी रोड व ड्रेनेज प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया।
  • भारत ने मालदीव को 3,300 हाउसिंग यूनिट्स और डिफेंस व इमिग्रेशन विभाग के लिए 72 गाड़ियां दीं।
  • दो आरोग्य मैत्री हेल्थ क्यूब (BHISHM units) गिफ्ट की गईं – ये मोबाइल हॉस्पिटल जैसी किट हैं, जो 72 घंटे में 200 लोगों का इलाज कर सकती हैं।
  • मोदी और मुइज्जू ने साथ में आम का पौधा लगाया, जो भारत की “एक पेड़ मां के नाम” और मालदीव की “5 मिलियन ट्री प्लांटेशन” मुहिम का हिस्सा है।
  • दोनों नेताओं ने मालदीव के नए 11-मंजिला डिफेंस मंत्रालय भवन का उद्घाटन किया – जो भारत की मदद से बना है।

क्यों अहम है ये यात्रा?

याद करें, जब मुइज्जू 2023 में सत्ता में आए थे, तो उन्होंने सबसे पहले नारा दिया था – इंडिया आउट”। उन्होंने कहा था कि भारतीय सैनिक मालदीव छोड़कर जाएं

  • 2024 तक भारत ने सारे सैनिक हटा लिए।
  • लेकिन जैसे-जैसे मालदीव की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ा और कर्ज की समस्या गहराई, मुइज्जू ने धीरे-धीरे रुख बदला।

अब वही राष्ट्रपति, जो भारत से दूरी बना रहे थे, मोदी को “मालदीव का सबसे भरोसेमंद दोस्त” कह रहे हैं।

क्या मायने हैं इन समझौतों के?

मालदीव को तुरंत राहत – कर्ज कम हुआ, नई मदद मिली।
भारत को फायदा – हिंद महासागर में उसकी रणनीतिक मौजूदगी और मज़बूत होगी।
डिजिटल और हेल्थ सेक्टर में साझेदारी – मालदीव के लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
ये भी एक मैसेज है चीन को, जिसने हाल के सालों में मालदीव में निवेश बढ़ाया था, कि भारत फिर से मालदीव का सबसे करीबी पार्टनर है।

25 जुलाई 2025 का ये दिन भारत-मालदीव रिश्तों के इतिहास में मील का पत्थर बन गया।
कोई नारे नहीं, कोई भाषण नहीं – सिर्फ दस्तखत।

दस्तखत जो विकास, भरोसे और नए रिश्ते की गवाही दे रहे हैं।
कभी ‘इंडिया आउट’ की आवाज़ लगाने वाले राष्ट्रपति मुइज्जू, आज वही भारत के साथ खड़े हैं – और दोनों देशों की कहानी का नया अध्याय लिख रहे हैं।

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“किसानों का पैसा लूटकर बना रहे महल, अब जनता सबक सिखाएगी” – Gujarat में Arvind Kejriwal का BJP पर बड़ा हमला

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गुजरात के अरावली जिले के मोडासा में आयोजित किसान महासभा में आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि “बीजेपी गरीब दूध उत्पादक किसानों का पैसा लूटकर अपने लिए ऐशो-आराम के महल बना रही है।” साथ ही उन्होंने मांग की कि साबर डेयरी प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसान अशोक चौधरी के परिवार को राज्य सरकार और साबर डेयरी की तरफ से एक-एक करोड़ रुपये का मुआवज़ा दिया जाए।

अशोक चौधरी की मौत से भड़का मामला

मामला 14 जुलाई का है, जब गुजरात के हिम्मतनगर स्थित साबर डेयरी पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। इस दौरान इदर तालुका के जिंजवा गांव के 42 वर्षीय किसान अशोक चौधरी की मौत हो गई। किसानों की मांग थी कि डेयरी प्रॉफिट का सही हिस्सा उन्हें मिले। केजरीवाल ने इसे सरकार की “क्रूरता और भ्रष्टाचार” बताया।

“AAP किसानों के साथ खड़ी है”

केजरीवाल ने कहा,

“अगर अगली बार किसी किसान पर गोली चलाई जाएगी, तो वो गोली पहले अरविंद केजरीवाल के सीने से होकर जाएगी। AAP पूरी तरह किसानों के साथ खड़ी है।”

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने पिछले 5 सालों में 16% से 18% तक प्रॉफिट घोषित किया, लेकिन इस साल अचानक इसे 9.5% बता दिया गया है। “बाकी का पैसा कहां गया? ये पैसा या तो स्विस बैंक में गया है या फिर इससे बीजेपी के नेता महल, हेलिकॉप्टर, कारें और प्राइवेट जेट खरीद रहे हैं,” – केजरीवाल ने आरोप लगाया।

झूठे ऐलान कर रही है सरकार”

केजरीवाल ने दावा किया कि 18 जुलाई को जब AAP के नेता इसुदान गढ़वी ने ऐलान किया कि केजरीवाल और पंजाब CM भगवंत मान 23 जुलाई को गुजरात आएंगे, उसी दिन सरकार ने 17.5% प्रॉफिट देने की घोषणा कर दी, लेकिन वास्तव में कुछ भी नहीं दिया गया।

उन्होंने कहा कि इसुदान गढ़वी अशोक चौधरी के घर मिलने गए थे, जो बेहद गरीब परिवार था और घर की छत तक नहीं थी। “सरकार ऐसे लोगों का पैसा लूटकर महल बना रही है। इन्हें पाप लगेगा और ये नरक में जाएंगे,” – केजरीवाल ने तीखे शब्दों में कहा।

“30 साल की सत्ता से बढ़ा घमंड”

केजरीवाल ने कहा कि गुजरात में बीजेपी को 30 साल से सत्ता में बने रहने का घमंड हो गया है। “उन्हें लगता है कि वोटर कहीं नहीं जाएंगे, लेकिन अब लोग बदलाव चाहते हैं।”

भगवंत मान ने भी साधा निशाना

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी मंच से बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि

“CR पाटिल एक तरफ तो पानी को लेकर पंजाब और हरियाणा की लड़ाई में mediator बनते हैं और दूसरी तरफ गुजरात की दूध यूनियनों की लड़ाई में भी घुसे हुए हैं। यहां तो हालत ये है कि दूध में पानी नहीं, बल्कि पानी में दूध मिलाया जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि बीजेपी जहां भी जाती है, अपने साथ अडानी और एक बड़ा “गैंग” भी ले जाती है। “अब लूट ज्यादा दिन नहीं चलेगी। लोगों के हाथ में अब नया बटन है – झाड़ू वाला बटन। पहले ये सिर्फ घर और ऑफिस की सफाई के लिए होता था, अब इससे देश की राजनीति और सिस्टम की सफाई होगी,” – मान ने कहा।

मुख्य बातें संक्षेप में:

  • केजरीवाल का आरोप – किसानों का पैसा लूटकर बीजेपी बना रही ऐशो-आराम के महल
  • मांग – अशोक चौधरी के परिवार को ₹1 करोड़ का मुआवजा दे राज्य सरकार और साबर डेयरी
  • भगवंत मान ने भी किया हमला – “दूध में मिलाया जा रहा पानी, अब झाड़ू करेगा सफाई”
  • AAP ने कहा – सरकार झूठे वादे कर रही, किसान अब जागरूक हैं
  • 30 साल की सत्ता ने बीजेपी को दिया घमंड – केजरीवाल

ये मामला क्यों अहम है?

यह मामला सिर्फ एक किसान की मौत का नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम पर सवाल उठाने वाला है। किसानों की आमदनी, सरकारी डेयरी के मुनाफे, सरकार की जवाबदेही – इन सब मुद्दों पर यह बहस छिड़ चुकी है। आने वाले चुनावों में यह मुद्दा अहम बन सकता है।

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