Himachal Pradesh
तेज रफ्तार कार ने पैदल यात्री को मारी टक्कर, कार चालक मौके से फरार

देशभर में सड़क हादसों पर नए कानून (हिट एंड रन न्यू लॉ) के बीच हिमाचल प्रदेश की पर्यटन नगरी मनाली में हिट एंड रन का मामला सामने आया है। एक तेज़ रफ़्तार कार एक पैदल यात्री के ऊपर से गुज़रती है। घायल का पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज चल रहा है। फिलहाल कुल्लू की मनाली पुलिस मामले की जांच कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, यह घटना 5 जनवरी की है. हादसा मनाली के अलेउ के पास हुआ. कार चालक करीब 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चला रहा था. घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें एक शख्स को कार ने टक्कर मार दी और वह 5 फीट ऊपर तक उछल गया.
दरअसल, लाहौल स्पीति के रहने वाले राहुल रावल कुल्लू में कारोबार करते हैं. वह पर्यटकों को साइकिल किराए पर देता है। 5 जनवरी को रात 11 बजे जब वह मनाली के अलेउ में मनाली नगर रोड पर पैदल जा रहा था तो सामने से आ रही एक तेज रफ्तार कार ने उसे टक्कर मार दी और मौके से फरार हो गई।
राहुल के दोस्त पंकी सूद ने बताया कि पंकज को पीजीआई भेजा गया। संदर्भित किया गया है. यह घटना 5 जनवरी की है. उन्होंने बताया कि राहुल का पीजीआई में ब्रेन का ऑपरेशन हुआ है। शुरुआत में ऐसा लग रहा था कि गिरने की वजह से उन्हें चोट लगी है. लेकिन अब सीसीटीवी फुटेज से खुलासा हुआ है कि उन्हें एक तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी थी. घटना के बाद चालक मौके से भाग निकला। पंकी सूद ने बताया कि रविवार शाम को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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Himachal में बना इतिहास: पहली बार Robotic Surgery की Facility Launched, Chief Minister ने किया Inaugurate

हिमाचल प्रदेश के Atal Institute of Medical Super Specialties (AIMSS), चमियाणा में आज पहली बार रोबोटिक-सहायता वाली सर्जरी का सफल उद्घाटन हुआ। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस नई सुविधा का उद्घाटन किया और खुद सर्जरी रूम में लगभग आधे घंटे तक रहकर पूरी प्रक्रिया देखी। यह प्रदेश का पहला सरकारी अस्पताल है, जहाँ अब AIIMS जैसी तकनीक से इलाज मिलना संभव हो गया है।
पहला ऑपरेशन: सटीक, तेज और दर्द-रहित
पहला मरीज है खलिनी निवासी 67 वर्षीय महेंद्र पाल, जिन्हें प्रोस्टेट संबंधी समस्या के लिए रोबोटिक सर्जरी की गई। ऑपरेशन करीब तीन घंटे चला, जिसमें रक्त-स्राव बिल्कुल नहीं हुआ, जबकि पारंपरिक सर्जरी में लगभग चार यूनिट ब्लड की जरूरत होती।
डॉक्टरों के मुताबिक, इस तकनीक से सर्जन को अधिक precision एवं control मिलता है, और मरीज को कम दर्द, तेज रिकवरी और छोटी चीरा मिलता है। पारंपरिक सर्जरी में आमतौर पर 8–10 दिन अस्पताल में रहना पड़ता था, लेकिन रोबोटिक सर्जरी में डिस्चार्ज केवल 3–4 दिनों में हो सकता है।
अन्य ऑपरेशन और टीम
पहले दिन दो ऑपरेशन हो चुके हैं—पहला प्रोस्टेट और दूसरा किडनी ट्यूमर से पीड़ित शीला देवी का। सर्जिकल टीम में लखनऊ के संजय गांधी PGI के यूरोलॉजी प्रमुख डॉ. अनंत कुमार, डॉ. पंपोष रैना, और डॉ. पवन कौंडल शामिल थे, जिनकी ट्रेनिंग AIIMS जैसे संस्थानों में हुई है।
सरकार की बड़ी योजनाएँ: टेक्नोलॉजी के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े सुधारों की घोषणा भी की:
- नए विभाग खोलना, तकनीशियन की भर्ती,
- ₹11 करोड़ का हॉस्टल निर्माण,
- ₹23 करोड़ का इन-हाउस ऑटोमेटेड लैब,
- 3-Tesla MRI मशीन भी जल्द ही इंस्टॉल की जाएगी।
राज्य भर के सरकारी मेडिकल कॉलेज—जैसे IGMC Shimla, Tanda, Hamirpur—में भी इसी तरह की रोबोटिक सुविधाएं चरणबद्ध तरीके से लाई जाएंगी। सरकार ₹3,000 करोड़ से अधिक खर्च कर रही है पुरानी मशीनें रिटायर करने और नई टेक्नोलॉजी लाने के लिए।
बदलाव क्यों जरूरी था?
पहले हिमाचल के मरीज स्पेशलिटी इलाज के लिए दूसरे राज्यों का रुख करते थे, जिससे समय और पैसा दोनों की बर्बादी होती थी। अब यह सुविधा शिमला में मिलने से मरीजों का जीवन आसान और treatment local हो गया है।
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Himachal में Monsoon त्रासदी: लगातार बारिश, Landslides और भारी नुक़सान

बरसात और अलर्ट
मॉनसून के चलते हिमाचल का मौसम इन दिनों लगातार बेकाबू है:
- राजधानी शिमला और आसपास हल्की बूंदाबांदी के बीच, राज्य के कई हिस्सों में निरंतर बारिश हो रही है।
- मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 11 से 14 अगस्त तक ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है, और 15–16 अगस्त को येलो अलर्ट जारी रहेगा।
नुकसान और आंकड़े
- अब तक कुल 224 लोगों की मौत हो चुकी है — जिनमें से 116 बारिश-जनित हादसों (जैसे भूस्खलन, फ्लैश फ्लड, डूबने आदि) के कारण हुईं, और 108 सड़क हादसों में जान गंवाई।
- कुल लागत करीब ₹1,98,923.75 लाख या लगभग ₹1,989 करोड़ का आंका गया है।
ढांचा व अव्यवस्था
- 359 सड़कें और 1 नेशनल हाईवे (NH-305) बंद हुए।
- 132 बिजली ट्रांसफार्मर और 520 जल आपूर्ति स्कीमें ठप हैं।
- कुल मिलाकर 400 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हुईं, बिजली और पानी की बड़ी किल्लत हुई।
ज़िले कितना प्रभावित?
- मंडी सबसे ज़्यादा प्रभावित—23 बारिश-जनित और 21 सड़क हादसों में मौतें; 214 सड़कें बंद; ट्रांसफार्मर और पानी की स्कीमें खूब प्रभावित।
- कांगड़ा में 25 बारिश से जुड़ी मौतें; कुल्लू में 10; चंबा, शिमला और अन्य जिलों में भी भारी प्रभाव रहा।
बढ़ते हादसे, ग्लोबल चैलेंज और तैयारी
- मानसून ने पूरे हिमाचल को अपनी गिरफ़्त में लिया—रोज़ाना यातायात प्रभावित, बिजली–पानी बाधित, घर, खेती और बुनियादी ढांचे को भारी नुक़सान हुआ।
- NDMA ने हाल ही में हिमाचल व उत्तराखंड से देश में बढ़ते अत्यंत जलवायु-जनित हादसों की समीक्षा के लिए टीम भेजी है। इन हादसों के पीछे जलवायु परिवर्तन और अनियमित विकास के जोखिम को बताया गया।
- विशेषज्ञों ने हिमाचल के विकास को रोकने योग्य सीमा से पार जाते देख चार लेन हाईवे निर्माण, नए पॉवर प्रोजेक्ट्स, अनियंत्रित टूरिज़्म पर कड़ाई की सलाह दी है।
अभी मौसम कैसा रहेगा?
Weather for Shimla, Himachal Pradesh, India:
Current Conditions: Cloudy, 66°F (19°C)
Daily Forecast:
- Monday, August 11: Low: 65°F (18°C), High: 73°F (23°C), Description: Mainly cloudy; a couple of morning showers followed by a little rain this afternoon
- Tuesday, August 12: Low: 64°F (18°C), High: 71°F (22°C), Description: Considerable cloudiness with occasional rain
- Wednesday, August 13: Low: 64°F (18°C), High: 72°F (22°C), Description: Cloudy and humid with occasional rain followed by a steadier rain
- Thursday, August 14: Low: 64°F (18°C), High: 71°F (22°C), Description: Rain, heavy at times
- Friday, August 15: Low: 63°F (17°C), High: 69°F (20°C), Description: Periods of rain
- Saturday, August 16: Low: 60°F (16°C), High: 71°F (22°C), Description: Cloudy with occasional rain followed by a steadier rain
- Sunday, August 17: Low: 65°F (18°C), High: 73°F (23°C), Description: Rain
(ऊपर दिख रहा विजेट आज से अगले 7 दिनों का मौसम दिखाता है—लंबे समय तक बारिश की संभावना बनी रही है।)
हालांकि विजेट में जानकारी उपलब्ध है, लेकिन सीधे कहें:
- आगामी दिनों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ स्थानीय तौर पर बहुत भारी बारिश का खतरा है।
- खासकर 13–14 अगस्त को भारी बारिश की संभावना, जिसके चलते लोगों को सतर्क रहने की ज़रूरत है।
हिमाचल प्रदेश इस मानसून में गंभीर संकट से जूझ रहा है—बढ़ती बारिश, बड़े हादसे, सड़क-बिजली-पानी का टूटता सिस्टम और भारी आर्थिक नुकसान। प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है, लेकिन प्रकृति की इस चुनौती से निपटने के लिए ज़रूरत है:
- सावधानी भरे यातायात नियम,
- जलवायु-सेंसिटिव इंफ्रास्ट्रक्चर,
- और लॉन्ग-टर्म प्लानिंग।
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Himachalमें बारिश का कहर: Malana में Flash Floodसे Dam टूटा, Bridge और Heavy Vehicles बहे, Panic Among Locals

हिमाचल प्रदेश एक बार फिर भारी बारिश की मार झेल रहा है। शुक्रवार को कुल्लू जिले की मलाणा घाटी में मूसलधार बारिश के बाद फ्लैश फ्लड (अचानक आई बाढ़) से हालात बिगड़ गए। बारिश इतनी तेज़ हुई कि मलाणा-1 हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का कॉफर डैम आंशिक रूप से टूट गया। डैम टूटते ही तेज़ बहाव में एक हाइड्रा मशीन, डंपर, रॉक ब्रेकर, कैंपर और कार बह गईं। राहत की बात ये है कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई।
मलाणा घाटी का संपर्क टूटा
तेज़ बारिश और फ्लैश फ्लड से मलाणा गांव का मुख्य रास्ता टूट गया। गांव को जोड़ने वाला लकड़ी का पैदल पुल बह गया, जिससे ग्रामीणों की आवाजाही रुक गई है। लोग प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि जल्द से जल्द वैकल्पिक पुल या अस्थायी व्यवस्था की जाए, ताकि गांव का संपर्क फिर से बहाल हो सके।
हाईवे और सड़कें भी बंद
- चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर मंडी के पास पंडोह डैम से आगे और बगलामुखी रोपवे के पास भूस्खलन (landslide) हुआ। पहाड़ों से बड़ी चट्टानें और मलबा गिरने से सड़क पूरी तरह बंद हो गई।
- मनाली-लेह हाईवे और चंबा-मनाली मार्ग के कई हिस्सों पर भी भूस्खलन और पानी का असर दिखा, जिससे ट्रैफिक रोकना पड़ा।
- प्रशासन और NHAI की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और मलबा हटाने का काम जारी है। लेकिन फिलहाल, इन रास्तों पर ट्रैफिक रोक दिया गया है।
मौसम विभाग का अलर्ट
- हिमाचल मौसम विभाग ने 2 से 5 अगस्त तक येलो अलर्ट जारी किया है।
- 6–7 अगस्त को भी बारिश जारी रहने की संभावना है।
- कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन जैसे जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
भूस्खलन और बाढ़ का असर
- पार्वती घाटी में कई अस्थायी पुल बह गए हैं।
- कुछ जगहों पर सड़क का हिस्सा टूटकर बह गया है।
- पार्वती नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है।
- बिजली की 314 ट्रांसफॉर्मर यूनिट्स और 221 पानी की योजनाएं प्रभावित हुई हैं।
- अब तक हिमाचल में मॉनसून से जुड़े हादसों में 176 लोगों की मौत हो चुकी है (सिर्फ कुल्लू में 18 मौतें)।
प्रशासन की अपील
जिला आपदा प्रबंधन (DDMA) ने लोगों से अपील की है कि:
- नदी-नालों से दूर रहें।
- अनावश्यक यात्रा न करें।
- प्रशासन की सलाह को गंभीरता से लें।
NDRF, SDRF, पुलिस और होम गार्ड की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। स्थानीय लोग भी मदद कर रहे हैं और गांवों में खाने-पीने की चीजें पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
संक्षेप में:
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। मलाणा घाटी में डैम टूटने, पुल बहने और वाहनों के बह जाने से दहशत फैल गई है। कई हाईवे और सड़कें बंद हैं। प्रशासन राहत कार्य कर रहा है, लेकिन अगले कुछ दिनों तक खतरा टला नहीं है।
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