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Uttar Pradesh

UP: ‘ये लोग जिन्ना का महिमंडन करते हैं’, राणा सांगा को लेकर सीएम योगी ने सपा पर कसा तंज।

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गोरखपुर में आयोजित ‘डॉ. भीमराव आंबेडकर सम्मान अभियान’ संगोष्ठी में UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विपक्ष को बेनकाब होने का डर है, इसलिए वो जाति के नाम पर लोगों को बांटने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर और विकसित भारत ही हर जाति और समुदाय के हित में है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. भीमराव आंबेडकर ने तमाम अभाव और अपमान के बावजूद समाज में सम्मानजनक स्थान हासिल किया और सामाजिक सीमाएं तोड़कर एक नई दिशा दिखाई। योगी ने आरोप लगाया कि विपक्ष महापुरुषों के नाम का इस्तेमाल करके समाज में फिर से जातीय संघर्ष पैदा करना चाहता है।

मुख्यमंत्री ने यह भी याद दिलाया कि संविधान बनने के बाद 1952 में ही बाबा साहेब अंबेडकर के प्रयासों से अनुसूचित जातियों, जनजातियों, पिछड़ी जातियों और महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला। संगोष्ठी में वे मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि अनेकता में एकता का संदेश देने वाला भारत का संविधान बाबा साहेब ने दिया। यह प्रत्येक नागरिक को सम्मान देता है। सीएम ने कहा आखिर वो कौन से कारण थे जिनके कारण बाबा साहेब पीड़ित थे। बाबा साहेब ने संविधान तैयार किया,लेकिन कांग्रेस ने उसमें संशोधन किए।

इससे बाबा साहेब परेशान हुए। कांग्रेस उनको संविधान सभा में नहीं भेजना चाहती थी। लेकिन उनकी लोकप्रियता के कारण उन्हें शामिल किया गया और ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष बने। लेकिन बाबा साहेब ने ऐसा संविधान दिया जो भारत को दुनिया में सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में स्थापित करता है।

कांग्रेस ने 1952 के पहले आम चुनाव में बाबा साहेब को हरवाया था

समाजवादी पार्टी ने अपने गठन के बाद षडयंत्र किए जिसके कारण समाज में अराजकता पैदा हो। कांग्रेस ने तो 1952 के पहले आम चुनाव में बाबा साहेब को हरवाया था। उनके 78 हजार वोट को रद्द करवा दिया। 1954 के उपचुनाव में कांग्रेस ने बाबा साहेब के निजी सचिव को तोड़कर चुनाव लड़वा दिया। इसमें भी वह हार गए।

आज कांग्रेस के नेतृत्व करने वाले राहुल गांधी को संविधान की प्रति लेकर घूमता देखता हु तो लगता है यही कांग्रेस थी जो उनका विरोध करती थी। अपने 65 वर्षों में बाबा साहेब ने जो कर दिया वो और कोई नहीं कर पाया। कांग्रेस ने ज्यादातर समय यूपी और देश में शासन किया लेकिन एक भी स्मारक नहीं बनाया।

इंग्लैंड के जिस भवन में रहकर बाबा साहेब ने डिग्री ली थी उसे वहां की सरकार बेच रही थी। मोदी सरकार ने उसे लेकर स्मारक बनाया। बाबा साहेब के पांच तीर्थ बनने में सपा, कांग्रेस या आरजेडी किसी का योगदान नहीं है। 26 नवंबर को संविधान दिवस के नाम से मनाया जाता है।

बाबा साहेब के आदर्शों पर चलने वाली केवल भाजपा है: योगी

बाबा साहेब के नाम पर भाषण देने वाले अनेक आएंगे लेकिन उनके आदर्शों पर चलने वाली केवल भाजपा है। उन्होंने कहा था अपने अनुयायियों से की शिक्षित बनो, अन्याय के खिलाफ संगठित रहो। हैदराबाद में हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा था लेकिन बाबा साहेब ने पत्र लिख कहा था कि निजाम के सामने झुकना नहीं, किसी भी हाल में इस्लाम को न स्वीकारना।

‘लोग भूख से मरते थे, कोई ध्यान नहीं देता था’

कुशीनगर में मुसहर जाति के लोग भूख से मरते थे, कोई ध्यान नहीं देता था। पीएम स्वामित्व योजना में यूपी में एक करोड़ लोगों को जमीन के पट्टे आवंटित कर दिए। ये काम सपा, बसपा और कांग्रेस ने क्यों नहीं किया। संसद के तौर पर जब कुशीनगर में मुसहर जाति के लोगों के पास गया तब पता चला कि उनके राशन कार्ड सपा के पदाधिकारियों के पास थे।

वो गरीबों का राशन उठते थे। डबल इंजन की सरकार जीरो पावर्टी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ रही है। 2017 के पहले यूपी में लोगों को राशन क्यों नहीं मिल पाता था। इंसेफलाइटिस को पूरी तरह समाप्त किया जा चुका है। बाबा साहेब अनुसूचित जाति के लोगों से कहते थे शिक्षित बनो। सपा ने कांशीराम के नाम से बने विश्वविद्यालय को उर्दू फारसी अरबी विश्वविद्यालय बना दिया।

‘ये लोग केवल वोट बैंक के रूप में अनुसूचित जाति को इस्तेमाल…’

ये लोग केवल वोट बैंक के रूप में अनुसूचित जाति को इस्तेमाल करना चाहते हैं। इन्होंने चार बार के शासन के गरीबों को मकान और राशन तक नहीं दिलवाया। अनुसूचित जाति को छात्रवृत्ति रोक दी। ये कार्य करते थे कि विकास हो लेकिन मेरा हो परिवार का हो। परिवार के आगे नहीं निकल पाए। मोदी सबको साथ लेकर चलते हैं। आज ये लोग एक्पोज न हो इसके लिए जाति के नाम पर फिर से लड़ना चाहते है। इसके लिए महापुरुषों के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं।

जिन्ना का महिमामंडन समाजवादी पार्टी कर रही है: योगी

महर्षि वाल्मीकि की जन्मस्थली लालापुर का विकास सपा ने रोक दिया। इंडी गठबंधन के तहत आने वाले दल गुमराह कर रहे थे। ये जातीय संघर्ष करवाना चाहते हैं। सपा का एक संसद महाराणा सांगा का अपमान करता है। जिन्ना का महिमामंडन समाजवादी पार्टी कर रही है। सबका साथ सबका विकास अभियान को आगे नहीं बढ़ने देना चाहती। समाज को जातिय आधार पर बांटने नहीं देना है। आत्मनिर्भर और विकसित भारत में ही हर जाति और समुदाय का हित है।

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Yogi Government ने बदला नियम: Uttar Pradesh में Caste-Based Rallies पर Ban, FIR में भी नहीं लिखा जाएगा Caste

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उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में जातिगत भेदभाव खत्म करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब सार्वजनिक जगहों और पुलिस रिकॉर्ड में किसी भी व्यक्ति की जाति का उल्लेख नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, जाति आधारित रैलियों और कार्यक्रमों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है।

यह फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद आया है। हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि राज्य में पुलिस रिकॉर्ड और सार्वजनिक दस्तावेज़ों में जाति का उल्लेख बंद किया जाए।

सरकार ने इस संबंध में सभी उच्च अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। कार्यवाहक मुख्य सचिव दीपक कुमार ने अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था), अपर पुलिस महानिदेशक अपराध, पुलिस कमिश्नर, सभी जिला मजिस्ट्रेट, एसएसपी और एसपी को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अब किसी की FIR या गिरफ्तारी मेमो में जाति का उल्लेख नहीं होगा। केवल माता-पिता का नाम लिखा जाएगा।

सरकार का कहना है कि यह कदम राज्य में जातिगत भेदभाव को खत्म करने और एक सर्वसमावेशी समाज बनाने के लिए उठाया गया है। इस फैसले का सीधा असर उन राजनीतिक दलों पर पड़ेगा जो जातीय राजनीति करते हैं, क्योंकि अब वे सार्वजनिक रूप से जाति आधारित रैली नहीं कर पाएंगे।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह उत्तर प्रदेश में संवैधानिक और समावेशी मूल्यों के अनुरूप व्यवस्था लागू करने की नीति का हिस्सा है।

संक्षेप में:

  • सार्वजनिक जगहों और पुलिस रिकॉर्ड में जाति का उल्लेख बंद।
  • जाति आधारित रैलियों पर पूरी तरह प्रतिबंध।
  • FIR और गिरफ्तारी मेमो में सिर्फ माता-पिता का नाम लिखा जाएगा।
  • हाईकोर्ट के आदेश के बाद लागू।
  • जातीय राजनीति करने वाले दलों पर असर।
  • उद्देश्य: जातिगत भेदभाव खत्म करना और समावेशी समाज बनाना।
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CM Yogi ने रखी Gorkha War Memorial Museum की नींव, 45 Crore की लागत से होगा निर्माणGorkha Soldiers की Bravery और Sacrifice को Future Generations तक पहुँचाने का प्रयास

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखा सैनिकों की बहादुरी और उनके योगदान को सम्मान देने के लिए गोरखा वॉर मेमोरियल म्यूज़ियम और उसके आसपास के क्षेत्र के सौंदर्यीकरण कार्य की नींव रखी। यह परियोजना ₹45 करोड़ की लागत से तैयार होगी। इस म्यूज़ियम का उद्देश्य न केवल गोरखा रेजीमेंट के वीर जवानों के साहस और बलिदान को सम्मान देना है, बल्कि भारत-नेपाल के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रिश्तों को और मजबूत करना भी है।

वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भूमि पूजन

समारोह के दौरान सीएम योगी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन किया और परिसर में स्थित मां काली मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस मौके पर गोरखा रिक्रूटिंग डिपो (GRD) पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई, जिसमें गोरखा सैनिकों की बहादुरी और उनकी कहानियों को जीवंत रूप में पेश किया गया।

सीएम योगी का संबोधन: “जय महाकाली, आयो गोरखाली” का नाम सुनकर कांपते थे दुश्मन

सीएम योगी ने गोरखा सैनिकों की वीरता को याद करते हुए कहा कि जब भारतीय सेना की बहादुरी की बात होती है, तो गोरखा सैनिकों का नाम सबसे पहले आता है। उन्होंने कहा,
जब गोरखा सैनिक जय महाकाली, आयो गोरखालीका नारा लगाते हुए दुश्मनों पर हमला करते हैं, तो दुश्मन पीछे हटने को मजबूर हो जाते हैं।”

उन्होंने 1816 के ब्रिटिश-गोरखा युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय ब्रिटिश सेना गोरखा सैनिकों का सामना नहीं कर पाई और उसे संधि करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

सीएम योगी ने कहा कि स्वतंत्रता से पहले गोरखा सैनिकों ने ब्रिटिश आर्मी में रहते हुए अपनी वीरता दिखाई और स्वतंत्र भारत में भी उन्होंने कई मोर्चों पर दुश्मनों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।

उन्होंने आगे कहा कि यह म्यूज़ियम आने वाली पीढ़ियों को न केवल प्रेरणा देगा, बल्कि उन्हें यह भी बताएगा कि गोरखा सैनिकों ने देश की सुरक्षा के लिए कितनी बड़ी कुर्बानियां दी हैं।

CDS जनरल अनिल चौहान भी रहे मौजूद

इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान भी मौजूद रहे। सीएम योगी ने उनका आभार जताते हुए कहा कि अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद यहां आना गोरखा रेजीमेंट के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है।”

जनरल अनिल चौहान का बयान: तीन बड़ी बातें

सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने इस प्रोजेक्ट को सिविल-मिलिट्री फ्यूजन का प्रतीक बताया और कहा कि यह म्यूज़ियम तीन कारणों से बेहद महत्वपूर्ण है:

  1. भारतीय सेना और गोरखा सैनिकों के गहरे रिश्तों की पहचान।
  2. गोरखा सैनिकों की सदियों पुरानी निस्वार्थ सेवा और बहादुरी का सम्मान।
  3. भारत-नेपाल के रिश्तों को मजबूत करने का संकल्प।

उन्होंने कहा, आज देश विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है, लेकिन अतीत को भूलना नहीं चाहिए। गोरखा सैनिकों का त्याग और बलिदान हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है।”

आधुनिक तकनीक से सजी होगी म्यूज़ियम

जनरल चौहान ने बताया कि यह म्यूज़ियम पूरी तरह डिजिटल टेक्नोलॉजी से लैस होगी। इसमें कई खास आकर्षण होंगे, जैसे:

  • डिजिटल साउंड और लाइट शो – जिसमें युद्ध के किस्सों को जीवंत रूप में दिखाया जाएगा।
  • 7D थिएटर – जिससे दर्शक युद्ध के दृश्यों को असली अनुभव की तरह देख पाएंगे।
  • दीवारों पर भित्ति चित्र (म्यूरल पेंटिंग्स) – गोरखा सैनिकों के महत्वपूर्ण क्षणों को दर्शाते हुए।
  • वीडियो डॉक्यूमेंट्रीज़ – वीर सैनिकों की असली कहानियों को प्रस्तुत करती हुई।

गोरखा रेजीमेंट: वीरता की मिसाल

गोरखा रेजीमेंट भारतीय सेना का अहम हिस्सा है और इसे अपनी बहादुरी और अनुशासन के लिए जाना जाता है।

  • 1816 के युद्ध से लेकर आज तक गोरखा सैनिकों ने हर लड़ाई में अपना लोहा मनवाया है।
  • स्वतंत्र भारत में भी उन्होंने कई बार दुश्मनों को मात दी है।

महत्वपूर्ण संदेश

यह म्यूज़ियम न केवल गोरखा सैनिकों की शौर्य गाथाओं को संरक्षित करेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को यह सिखाएगा कि देशभक्ति, साहस और त्याग क्या होता है।
साथ ही, यह परियोजना सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देगी और भारत-नेपाल की दोस्ती को और गहरा करेगी।

गोरखा वॉर मेमोरियल म्यूज़ियम गोरखा सैनिकों की वीरता, त्याग और समर्पण का जीवंत प्रतीक बनेगा। यह सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि एक ऐसी जगह होगी जहां हर आगंतुक को यह महसूस होगा कि देश की आज़ादी और सुरक्षा के लिए कितने वीरों ने अपने प्राण न्यौछावर किए।

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Uttar Pradesh

Gorakhpur में ₹2,251 Crore की विकास परियोजनाओं का Inauguration, GIDA Residential और Industrial Plot के लाभार्थियों को Allotment Letters वितरित

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डबल इंजन की भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश के युवाओं को प्रदेश में ही रोजगार उपलब्ध कराने के संकल्प के साथ लगातार काम कर रही है। इसी दिशा में आज महायोगी गुरु श्री गोरखनाथ जी की पावन नगरी गोरखपुर के GIDA (Gorakhpur Industrial Development Authority) क्षेत्र में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में ₹2,251 करोड़ की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया। इस मौके पर GIDA आवासीय योजना और औद्योगिक योजना के भूखंडों के लाभार्थियों को आवंटन-पत्र भी वितरित किए गए। इससे न केवल लोगों को अपना अधिकार मिला, बल्कि प्रदेश के औद्योगिक और आवासीय विकास को भी बड़ा बल मिला।

कार्यक्रम के दौरान कहा गया कि ये सब परियोजनाएं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी मार्गदर्शन में हो रही हैं, ताकि विकसित उत्तर प्रदेश के माध्यम से विकसित भारत का निर्माण किया जा सके।

विशेष रूप से यह कार्यक्रम भगवान श्री वामन जी की पावन जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया, जिससे जनता को नई सौगातें मिलने का अवसर भी मिला।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने विकास परियोजनाओं की महत्वता को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे गोरखपुर और आसपास के जिलों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और युवाओं को प्रदेश के अंदर ही रोजगार मिल सकेगा।

संक्षेप में:

  • ₹2,251 करोड़ की नई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास।
  • GIDA आवासीय और औद्योगिक भूखंडों के लाभार्थियों को आवंटन-पत्र वितरित।
  • उद्देश्य: उत्तर प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार और प्रदेश के विकास को बढ़ावा देना।
  • प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में ‘विकसित उत्तर प्रदेश, विकसित भारत’ का निर्माण।
  • कार्यक्रम भगवान श्री वामन जी की जयंती के अवसर पर आयोजित।
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