Uttar Pradesh
UP: गोरखपुर को मिलेगी नई रफ्तार, 700 करोड़ की परियोजना से क्या बदल जाएगा भविष्य ?

UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार (20 अप्रैल) को गोरखपुर में चल रही हर्बर्ट बंधा फोर-लेन रोड परियोजना का स्थलीय निरीक्षण किया और 700 करोड़ रुपये से अधिक के बुनियादी ढांचे के कार्यों को मंजूरी देने की घोषणा की, एएनआई ने बताया ।
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने जनता से बात की और इस बात पर जोर दिया कि कैसे ये परियोजनाएं यात्री और माल यातायात दोनों में बदलाव लाएगी।
उन्होंने कहा, “जो लोग हर्बर्ट बंधा से डोमिनगढ़ जाना चाहते हैं – पहले रेलवे लाइन पर कोई व्यवस्था नहीं थी, हर्बर्ट बंधा से माधोपुर तटबंध तक कोई व्यक्ति नहीं जा सकता था… अब व्यवस्था बनाई जा रही है कि ट्रांसपोर्ट नगर से डोमिनगढ़ तक फोर लेन की सड़क होगी और फिर डोमिनगढ़ में एक नया रेलवे ओवरब्रिज बनाया जा रहा है।”

उन्होंने आगे कहा, “इसके बाद हर्बर्ट बंधा से माधवपुर तटबंध को महेशरा तक फोर लेन सड़क से जोड़ने की कार्रवाई की जाएगी। फिर महेशरा तक की पूरी सड़क को बाहर से गोरखपुर तक बेहतरीन फोर लेन कनेक्टिविटी मिल जाएगी… यह यात्रियों के साथ-साथ मालवाहक वाहनों पर भी लागू होगा।”
परियोजना के तीन मुख्य भाग हैं: डोमिनगढ़ में 132 करोड़ रुपये की लागत से एक नया रेलवे ओवरब्रिज; डोमिनगढ़ से महेसरा वाया माधोपुर तक 10 किमी का खंड, जिसकी लागत 380 करोड़ रुपये होगी; तथा राजघाट ब्रिज से डोमिनगढ़ तक 4 किमी का चार लेन वाला खंड, जिसकी लागत 195 करोड़ रुपये होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 700 करोड़ रुपये से अधिक के संयुक्त निवेश से तीनों परियोजनाओं से परिवहन में सुधार होगा तथा गोरखपुर और उसके आसपास यात्रा सुगम होगी।
Uttar Pradesh
Yogi Government ने बदला नियम: Uttar Pradesh में Caste-Based Rallies पर Ban, FIR में भी नहीं लिखा जाएगा Caste

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में जातिगत भेदभाव खत्म करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब सार्वजनिक जगहों और पुलिस रिकॉर्ड में किसी भी व्यक्ति की जाति का उल्लेख नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, जाति आधारित रैलियों और कार्यक्रमों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है।
यह फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद आया है। हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि राज्य में पुलिस रिकॉर्ड और सार्वजनिक दस्तावेज़ों में जाति का उल्लेख बंद किया जाए।
सरकार ने इस संबंध में सभी उच्च अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। कार्यवाहक मुख्य सचिव दीपक कुमार ने अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था), अपर पुलिस महानिदेशक अपराध, पुलिस कमिश्नर, सभी जिला मजिस्ट्रेट, एसएसपी और एसपी को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अब किसी की FIR या गिरफ्तारी मेमो में जाति का उल्लेख नहीं होगा। केवल माता-पिता का नाम लिखा जाएगा।
सरकार का कहना है कि यह कदम राज्य में जातिगत भेदभाव को खत्म करने और एक सर्वसमावेशी समाज बनाने के लिए उठाया गया है। इस फैसले का सीधा असर उन राजनीतिक दलों पर पड़ेगा जो जातीय राजनीति करते हैं, क्योंकि अब वे सार्वजनिक रूप से जाति आधारित रैली नहीं कर पाएंगे।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह उत्तर प्रदेश में संवैधानिक और समावेशी मूल्यों के अनुरूप व्यवस्था लागू करने की नीति का हिस्सा है।
संक्षेप में:
- सार्वजनिक जगहों और पुलिस रिकॉर्ड में जाति का उल्लेख बंद।
- जाति आधारित रैलियों पर पूरी तरह प्रतिबंध।
- FIR और गिरफ्तारी मेमो में सिर्फ माता-पिता का नाम लिखा जाएगा।
- हाईकोर्ट के आदेश के बाद लागू।
- जातीय राजनीति करने वाले दलों पर असर।
- उद्देश्य: जातिगत भेदभाव खत्म करना और समावेशी समाज बनाना।
Uttar Pradesh
CM Yogi ने रखी Gorkha War Memorial Museum की नींव, 45 Crore की लागत से होगा निर्माणGorkha Soldiers की Bravery और Sacrifice को Future Generations तक पहुँचाने का प्रयास

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखा सैनिकों की बहादुरी और उनके योगदान को सम्मान देने के लिए गोरखा वॉर मेमोरियल म्यूज़ियम और उसके आसपास के क्षेत्र के सौंदर्यीकरण कार्य की नींव रखी। यह परियोजना ₹45 करोड़ की लागत से तैयार होगी। इस म्यूज़ियम का उद्देश्य न केवल गोरखा रेजीमेंट के वीर जवानों के साहस और बलिदान को सम्मान देना है, बल्कि भारत-नेपाल के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रिश्तों को और मजबूत करना भी है।
वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भूमि पूजन
समारोह के दौरान सीएम योगी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन किया और परिसर में स्थित मां काली मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस मौके पर गोरखा रिक्रूटिंग डिपो (GRD) पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई, जिसमें गोरखा सैनिकों की बहादुरी और उनकी कहानियों को जीवंत रूप में पेश किया गया।
सीएम योगी का संबोधन: “जय महाकाली, आयो गोरखाली” का नाम सुनकर कांपते थे दुश्मन
सीएम योगी ने गोरखा सैनिकों की वीरता को याद करते हुए कहा कि जब भारतीय सेना की बहादुरी की बात होती है, तो गोरखा सैनिकों का नाम सबसे पहले आता है। उन्होंने कहा,
“जब गोरखा सैनिक ‘जय महाकाली, आयो गोरखाली‘ का नारा लगाते हुए दुश्मनों पर हमला करते हैं, तो दुश्मन पीछे हटने को मजबूर हो जाते हैं।”
उन्होंने 1816 के ब्रिटिश-गोरखा युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय ब्रिटिश सेना गोरखा सैनिकों का सामना नहीं कर पाई और उसे संधि करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
सीएम योगी ने कहा कि स्वतंत्रता से पहले गोरखा सैनिकों ने ब्रिटिश आर्मी में रहते हुए अपनी वीरता दिखाई और स्वतंत्र भारत में भी उन्होंने कई मोर्चों पर दुश्मनों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।
उन्होंने आगे कहा कि यह म्यूज़ियम आने वाली पीढ़ियों को न केवल प्रेरणा देगा, बल्कि उन्हें यह भी बताएगा कि गोरखा सैनिकों ने देश की सुरक्षा के लिए कितनी बड़ी कुर्बानियां दी हैं।
CDS जनरल अनिल चौहान भी रहे मौजूद
इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान भी मौजूद रहे। सीएम योगी ने उनका आभार जताते हुए कहा कि “अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद यहां आना गोरखा रेजीमेंट के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है।”
जनरल अनिल चौहान का बयान: तीन बड़ी बातें
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने इस प्रोजेक्ट को सिविल-मिलिट्री फ्यूजन का प्रतीक बताया और कहा कि यह म्यूज़ियम तीन कारणों से बेहद महत्वपूर्ण है:
- भारतीय सेना और गोरखा सैनिकों के गहरे रिश्तों की पहचान।
- गोरखा सैनिकों की सदियों पुरानी निस्वार्थ सेवा और बहादुरी का सम्मान।
- भारत-नेपाल के रिश्तों को मजबूत करने का संकल्प।
उन्होंने कहा, “आज देश विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है, लेकिन अतीत को भूलना नहीं चाहिए। गोरखा सैनिकों का त्याग और बलिदान हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है।”
आधुनिक तकनीक से सजी होगी म्यूज़ियम
जनरल चौहान ने बताया कि यह म्यूज़ियम पूरी तरह डिजिटल टेक्नोलॉजी से लैस होगी। इसमें कई खास आकर्षण होंगे, जैसे:
- डिजिटल साउंड और लाइट शो – जिसमें युद्ध के किस्सों को जीवंत रूप में दिखाया जाएगा।
- 7D थिएटर – जिससे दर्शक युद्ध के दृश्यों को असली अनुभव की तरह देख पाएंगे।
- दीवारों पर भित्ति चित्र (म्यूरल पेंटिंग्स) – गोरखा सैनिकों के महत्वपूर्ण क्षणों को दर्शाते हुए।
- वीडियो डॉक्यूमेंट्रीज़ – वीर सैनिकों की असली कहानियों को प्रस्तुत करती हुई।
गोरखा रेजीमेंट: वीरता की मिसाल
गोरखा रेजीमेंट भारतीय सेना का अहम हिस्सा है और इसे अपनी बहादुरी और अनुशासन के लिए जाना जाता है।
- 1816 के युद्ध से लेकर आज तक गोरखा सैनिकों ने हर लड़ाई में अपना लोहा मनवाया है।
- स्वतंत्र भारत में भी उन्होंने कई बार दुश्मनों को मात दी है।
महत्वपूर्ण संदेश
यह म्यूज़ियम न केवल गोरखा सैनिकों की शौर्य गाथाओं को संरक्षित करेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को यह सिखाएगा कि देशभक्ति, साहस और त्याग क्या होता है।
साथ ही, यह परियोजना सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देगी और भारत-नेपाल की दोस्ती को और गहरा करेगी।
गोरखा वॉर मेमोरियल म्यूज़ियम गोरखा सैनिकों की वीरता, त्याग और समर्पण का जीवंत प्रतीक बनेगा। यह सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि एक ऐसी जगह होगी जहां हर आगंतुक को यह महसूस होगा कि देश की आज़ादी और सुरक्षा के लिए कितने वीरों ने अपने प्राण न्यौछावर किए।
Uttar Pradesh
Gorakhpur में ₹2,251 Crore की विकास परियोजनाओं का Inauguration, GIDA Residential और Industrial Plot के लाभार्थियों को Allotment Letters वितरित

डबल इंजन की भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश के युवाओं को प्रदेश में ही रोजगार उपलब्ध कराने के संकल्प के साथ लगातार काम कर रही है। इसी दिशा में आज महायोगी गुरु श्री गोरखनाथ जी की पावन नगरी गोरखपुर के GIDA (Gorakhpur Industrial Development Authority) क्षेत्र में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में ₹2,251 करोड़ की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया। इस मौके पर GIDA आवासीय योजना और औद्योगिक योजना के भूखंडों के लाभार्थियों को आवंटन-पत्र भी वितरित किए गए। इससे न केवल लोगों को अपना अधिकार मिला, बल्कि प्रदेश के औद्योगिक और आवासीय विकास को भी बड़ा बल मिला।
कार्यक्रम के दौरान कहा गया कि ये सब परियोजनाएं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी मार्गदर्शन में हो रही हैं, ताकि विकसित उत्तर प्रदेश के माध्यम से विकसित भारत का निर्माण किया जा सके।
विशेष रूप से यह कार्यक्रम भगवान श्री वामन जी की पावन जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया, जिससे जनता को नई सौगातें मिलने का अवसर भी मिला।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने विकास परियोजनाओं की महत्वता को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे गोरखपुर और आसपास के जिलों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और युवाओं को प्रदेश के अंदर ही रोजगार मिल सकेगा।
संक्षेप में:
- ₹2,251 करोड़ की नई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास।
- GIDA आवासीय और औद्योगिक भूखंडों के लाभार्थियों को आवंटन-पत्र वितरित।
- उद्देश्य: उत्तर प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार और प्रदेश के विकास को बढ़ावा देना।
- प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में ‘विकसित उत्तर प्रदेश, विकसित भारत’ का निर्माण।
- कार्यक्रम भगवान श्री वामन जी की जयंती के अवसर पर आयोजित।
-
Religious2 years ago
कब है तुलसी विवाह? इस दिन तुलसी माता का विवाह करने से मिलेगा लाभ
-
Religious2 years ago
जानिए गोवर्धन पूजा का महत्व, कौनसा समय रहेगा पूजा के लिए सही
-
Religious2 years ago
आखिर क्यों लिखा जाता है घर के बाहर शुभ लाभ, जानिए क्या है इन चिह्न का मतलब
-
Religious2 years ago
पैरों के निशान, बनावट, रंग, साइज से पता लागए की आप कितने है भागयशाली
-
Punjab2 years ago
पंजाब में अमरूद के बगीचे के मुआवजे के घोटाले में ED ने 26 स्थानों पर छापे मारे
-
Punjab2 years ago
Ludhiana में पुलिस स्टेशन के पास शव मिला। एक आदमी सड़क के बीच में पड़ा था; पास में कपड़ों से भरा एक बोरे भी मिला था, लेकिन उसकी पहचान नहीं हो सकी
-
Chandigarh2 years ago
Chandigarh: Top 10 Restaurants. ये लोकप्रिय क्यों हैं ?
-
Haryana2 years ago
Haryana: पोता होने की खुशी पर दादा ने किन्नरों को दिया एक अनोखा तोहफा