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Chandigarh

Immigration Fraud का बड़ा खुलासा – Chandigarh Police ने दो कुख्यात ठगों को दबोचा, पहले Moosewala Case के आरोपियों के लिए भी बनाए थे Fake Passports

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चंडीगढ़ पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय दो बड़े इमिग्रेशन ठगों को गिरफ्तार किया है, जो लंबे समय से नकली पासपोर्ट, वीज़ा और दूसरे दस्तावेज़ बनाकर लोगों को विदेश भेजने का झांसा दे रहे थे। पुलिस के मुताबिक, इनमें से एक आरोपी पहले सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के साज़िशकर्ताओं के लिए भी फर्जी पासपोर्ट तैयार कर चुका है।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान हरमीत सिंह उर्फ़ टीटू चांद (42), निवासी कपूरथला, पंजाब और अरजित कुमार उर्फ़ अजीत, टोनी या पाजी (58), निवासी रानी बाग, दिल्ली के रूप में हुई है।

कैसे करते थे ठगी

ये दोनों खुद को ट्रैवल एजेंट बताकर ग्राहकों को विदेश भेजने के सपने दिखाते थे। वे आकर्षक वीज़ा पैकेज ऑफर करते, लाखों रुपये वसूलते और फिर पीड़ितों को नकली वीज़ा, फर्जी टिकट और जाली डॉक्युमेंट पकड़ा देते। जब लोग एयरपोर्ट पर पकड़े जाते तो आरोपी ऑफिस छोड़कर गायब हो जाते। और तो और, रिफंड मांगने पर पीड़ितों को धमकाते भी थे।

शिकायत से खुला राज़

मामला तब सामने आया जब मंजीत सिंह, निवासी कैथल (हरियाणा) ने पुलिस में शिकायत दी।

  • अगस्त 2022 में मंजीत की मुलाकात हरमीत से हुई, जो सेक्टर 34-A, चंडीगढ़ में गुरु टूर एंड ट्रैवल्स चलाता था।
  • हरमीत ने ग्रीस वीज़ा दिलाने का वादा किया – ₹10 लाख प्रति व्यक्ति के हिसाब से।
  • मंजीत और उनके रिश्तेदारों ने हरमीत, अरजित और उनके साथियों को ₹1 करोड़ से ज़्यादा ट्रांज़ैक्शन में दिए।
  • 19 सितंबर 2022 को एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने उनके वीज़ा फर्जी बता दिए।
  • इसके बाद आरोपी ऑफिस छोड़कर फरार हो गए और कानूनी कार्रवाई रोकने के लिए धमकाने लगे।
  • मई 2024 में सेक्टर 34 पुलिस स्टेशन, चंडीगढ़ में FIR दर्ज हुई।

आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड

  • हरमीत सिंह: 8वीं तक पढ़ाई, पंजाब में कई धोखाधड़ी और इमिग्रेशन स्कैम में केस दर्ज, पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल्स एक्ट के तहत भी कार्रवाई हो चुकी।
  • अरजित कुमार: ग्रेजुएट, दिल्ली और हरियाणा में कम से कम 8 FIRs, IPC, Emigration Act, Passport Act और Arms Act के तहत केस। पहले दिल्ली स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था – उसने अनमोल बिश्नोई और सचिन ठप्पन (मूसेवाला मर्डर केस के आरोपी) के लिए नकली पासपोर्ट बनाए थे। फिलहाल उस केस में ज़मानत पर था।

पुलिस की कार्रवाई

चंडीगढ़ पुलिस का कहना है कि यह एक बड़ा नेटवर्क है जिसमें और लोग भी शामिल हो सकते हैं। जांच जारी है और आगे और गिरफ्तारियां संभव हैं। पुलिस ने लोगों को सतर्क करते हुए सलाह दी है कि किसी भी ट्रैवल एजेंट से डील करने से पहले उसकी पूरी जांच-पड़ताल ज़रूर करें।

Business

नई सोच, नया Punjab! जलालाबाद मंडी में रेहड़ी वालों के लिए Punjab सरकार की सराहनीय सुविधाएँ!

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मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार की ‘काम की राजनीति’ का एक और उदाहरण जलालाबाद की स्थानीय सब्ज़ी और फल मंडी में देखने को मिला है। यहां लोगों की तकलीफ को समझकर तुरंत समाधान देना — यही असली काम की राजनीति है, जिसे जलालाबाद के विधायक सरदार जगदीप कंबोज गोल्डी ने हकीकत में बदलकर दिखाया है।

सालों से जलालाबाद की मंडी में छोटे कारोबारी और रेहड़ी वाले ट्रैफिक जाम, धूप और बारिश जैसी परेशानियों से जूझ रहे थे। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। विधायक गोल्डी की पहल पर मंडी में एक साझी, सुविधाजनक और सुरक्षित जगह तैयार की गई है, जिससे मुख्य सड़कों से रुकावट खत्म हो गई है।
अब रेहड़ी वाले शेड (छत) के नीचे आराम से कारोबार कर सकते हैं — इससे उनकी रोज़ी-रोटी आसान हो गई है।

इस प्रोजेक्ट पर लगभग 3 करोड़ रुपये की लागत आई, जिसकी नींव मार्च 2024 में रखी गई थी, और अब यह पूरा होकर जनता को समर्पित किया गया है। यह पहल सिर्फ जगह बदलने तक सीमित नहीं रही — बल्कि बाथरूम, RO पानी, सफ़ाई और चौकीदारी जैसी सुविधाओं की मांगों को भी विधायक गोल्डी ने मौके पर ही पूरा करवाया। यह कदम न सिर्फ सुविधा का प्रतीक है, बल्कि आम लोगों के सम्मान और रोज़गार की गारंटी भी है।

आज मंडी में यातायात सुगम है, कारोबारी धूप-बारिश से सुरक्षित हैं, और पूरा बाजार जीवंत हो गया है।
मंडी के लोगों ने विधायक गोल्डी का आभार जताते हुए कहा –

“आपने गरीबों के लिए इतना बड़ा काम किया है, इसके लिए हम दिल से शुक्रगुज़ार हैं।”

यह परियोजना साबित करती है कि पंजाब सरकार की प्राथमिकता लोगों की सुविधा, सम्मान और विकास है। विधायक जगदीप गोल्डी का तेज़ और व्यावहारिक निर्णय दिखाता है कि अब चुना गया हर प्रतिनिधि जनसेवक है, सिर्फ राजनीतिक चेहरा नहीं। इसके साथ ही जलालाबाद में हाल ही में पानी सप्लाई और नहर सिस्टम में 28 करोड़ रुपये के निवेश सहित अन्य विकास कार्य भी जारी हैं, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई मजबूती दे रहे हैं।

जलालाबाद मंडी का यह बदलाव आम आदमी पार्टी की लोक-केंद्रित नीति का जीवंत उदाहरण है।
यह पहल दिखाती है कि पंजाब अब सच में बदल रहा है —
क्योंकि अब वादे नहीं, काम बोलता है।

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Punjab के Government Schools में लगेंगे MiG-21 जेट, Students को मिलेगी ‘Patriotism और Technology’ की उड़ान

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अब पंजाब के सरकारी स्कूल सिर्फ पढ़ाई की जगह नहीं रहेंगे, बल्कि वहाँ देशभक्ति और टेक्नोलॉजी की प्रेरणा भी मिलेगी। राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिसके तहत MiG-21 लड़ाकू विमान (fighter jet) को पंजाब के चुनिंदा “School of Eminence” में लगाया जाएगा।

इस पहल की शुरुआत शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने की है। उन्होंने भारतीय वायुसेना (IAF) के प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह को एक पत्र लिखकर निवेदन किया है कि रिटायर हो चुके MiG-21 जेट पंजाब के सरकारी स्कूलों में प्रदर्शनी के लिए दिए जाएँ।

कहाँ-कहाँ लगेंगे ये MiG-21 जेट?

शिक्षा मंत्री के प्रस्ताव के अनुसार, पंजाब के पाँच जिलों के स्कूलों में ये विमान लगाए जाएंगे –

  1. लुधियाना
  2. अमृतसर
  3. फिरोज़पुर
  4. नंगल
  5. खरड़

इन स्कूलों को चुना गया है ताकि राज्यभर के छात्र आकर इन्हें देख सकें और देश की रक्षा तकनीक को करीब से समझ सकें।

इस पहल का मकसद क्या है?

सरदार हरजोत सिंह बैंस का कहना है कि इस कदम का मकसद छात्रों को देशभक्ति, अनुशासन, और साहस की प्रेरणा देना है। साथ ही उन्हें रक्षा, इंजीनियरिंग, और एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए मोटिवेट करना है।

“हम सब मिलकर MiG-21 को एक ऐसी श्रद्धांजलि दे सकते हैं, जो हमेशा जीवित रहे और आने वाली पीढ़ियों में देशभक्ति और समर्पण की भावना जगाए,” — शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस।

MiG-21 की कहानी गर्व और वीरता का प्रतीक

MiG-21 भारतीय वायुसेना का एक ऐतिहासिक और शानदार लड़ाकू विमान रहा है।

  • इसने 1965 की भारत-पाक जंग,
  • 1971 की बांग्लादेश मुक्ति जंग,
  • और 1999 की कारगिल जंग में अहम भूमिका निभाई थी।

इसे भारत के रक्षा इतिहास का शेर (symbol of courage and dedication) कहा जाता है। हाल ही में भारतीय वायुसेना ने इसे औपचारिक रूप से रिटायर किया है।

हरजोत सिंह बैंस ने इस मौके पर भारतीय वायुसेना को बधाई देते हुए कहा कि MiG-21 जैसे विमान साहस, अनुशासन और देश सेवा की पहचान हैं, और इन्हें स्कूलों में प्रदर्शित करना युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगा।

School of Eminence – पंजाब की शिक्षा क्रांति

यह पहल पंजाब सरकार के “School of Eminence Mission” का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में सरकार राज्य की शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव ला रही है।
इस मिशन के तहत —

  • स्कूलों को आधुनिक तकनीक और इनोवेशन से जोड़ा जा रहा है,
  • शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रेनिंग दी जा रही है,
  • और छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ लीडरशिप और प्रैक्टिकल नॉलेज की शिक्षा दी जा रही है।

अब MiG-21 को स्कूलों में लगाने का यह कदम इस मिशन को और आगे बढ़ाएगा, जिससे छात्रों को देश की रक्षा प्रणाली, विमानन और विज्ञान के प्रति रुचि पैदा होगी।

लोगों की प्रतिक्रिया

इस पहल की चर्चा अब पूरे राज्य में हो रही है। कई शिक्षकों और छात्रों ने कहा कि अगर स्कूल में असली लड़ाकू विमान होगा, तो बच्चों में देश के लिए कुछ बड़ा करने की भावना और भी मजबूत होगी।

“ये सिर्फ एक जेट नहीं, बल्कि एक सोच है — कि हमारे बच्चे भी कल के वैज्ञानिक, इंजीनियर या फौजी बन सकते हैं,” — एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका ने कहा।

अंत में…

पंजाब सरकार का यह कदम सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि नई सोच और नई शिक्षा नीति का प्रतीक है।
MiG-21 जैसे विमान जब स्कूलों में लगेंगे, तो हर बच्चा यह महसूस करेगा कि —

आसमान अब सीमा नहीं, बल्कि शुरुआत है।

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Zero Burning, Double Earning! Punjab सरकार का Action Plan-2025: पराली अब ‘Green Gold’

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उत्तर भारत में धान की कटाई के बाद हर साल जैसे ही धुंध फैलती है, किसान और आम लोग पराली जलाने की समस्या से परेशान हो जाते हैं। अब पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में एक्शन प्लान-2025” लॉन्च किया है, जो पराली जलाने की पुरानी प्रथा को खत्म करने और किसानों के लिए नई आय के अवसर लाने वाला है।

इस योजना में पराली को सिर्फ जला कर प्रदूषण फैलाने की बजाय हरा सोना बनाने का लक्ष्य रखा गया है। यानी इसे बायो-एनर्जी, जैविक खाद और बिजली उत्पादन जैसी उपयोगी चीजों में बदला जाएगा।

पायलट प्रोजेक्ट की सफलता

पिछले साल पटियाला के 17 गांवों में पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया था। इसके नतीजे बहुत उत्साहजनक रहे:

  • पराली जलाने की घटनाएं 80% तक घट गईं
  • आग की संख्या 36,551 से घटकर केवल 10,479 रह गई।
    इस सफलता ने दिखाया कि यह मॉडल पूरे पंजाब में काम कर सकता है।

सरकारी निवेश और मशीनें

इस योजना के तहत:

  • पंजाब सरकार का बजट: 500 करोड़ रुपये
  • केंद्र सरकार का सहयोग: 150 करोड़ रुपये
  • 15,000+ मशीनें जैसे सुपर सीडर और बेलर सस्ते दामों पर किसानों को उपलब्ध कराई जाएंगी।
  • इस साल 4,367 नई सब्सिडी वाली मशीनें और 1,500 Custom Hiring Centres (CHC) बनाए जाएंगे।

7.06 मिलियन टन पराली को बायोगैस, बिजली और ईंधन में बदलने की योजना है। अनुमान है कि 19 मिलियन टन पराली का सही इस्तेमाल सालाना लाखों किसानों की अतिरिक्त आय में मदद कर सकता है।

डिजिटल और तकनीकी मदद

सरकार ने डिजिटल तकनीक का भी इस्तेमाल किया है:

  • कृषि यंत्र साथी” (KYS) मोबाइल एप: किसानों के लिए उपकरण बुकिंग और शेड्यूलिंग आसान करेगा।
  • डिजिटल जागरूकता अभियान: प्रेरक वीडियो और ‘उन्नत सिंह’ मास्कॉट गाँव-गाँव जाकर किसानों को जागरूक करेंगे।
  • टी-शर्ट, कैलेंडर, कप और टोट बैग जैसी चीजें भी किसानों में बांटी जाएंगी।

जागरूकता अभियान

सरकार 3,333 गांवों में कैंप लगाएगी और 296 ब्लॉक-स्तरीय कार्यक्रमों के जरिए जागरूकता फैलाएगी। IEC (सूचना, शिक्षा और संचार) गतिविधियों के तहत घर-घर जाकर लोगों को पराली के सही प्रबंधन के बारे में बताया जाएगा।

स्वास्थ्य और पर्यावरण लाभ

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि पराली जलाने से धुंआ वायु की गुणवत्ता पर असर डालता है और लोगों में श्वास और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ती हैं। पटियाला में मिली सफलता दिखाती है कि यह मॉडल पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी है।

पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक, 15 से 27 सितंबर 2025 तक सिर्फ 82 आग की घटनाएं हुईं, जो पिछले साल से 16% कम हैं।

मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री की बातें

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा:

“पंजाब का किसान हमारी शान है। हम पराली को समस्या नहीं, अवसर मानते हैं। यह योजना न सिर्फ हवा साफ करेगी, बल्कि हर किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत करेगी।”

कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि ग्रामीण बैठकों, घर-घर जागरूकता, डिजिटल वैन और तकनीकी एप की मदद से किसान आसानी से इस योजना का फायदा उठा पाएंगे।

लक्ष्य और भविष्य

  • कुल 20.5 मिलियन टन पराली का प्रबंधन किया जाएगा।
  • 5 लाख एकड़ में Direct Seeding of Rice (DSR) को बढ़ावा मिलेगा।
  • डेलॉइट की मदद से बायोमास पावर प्रोजेक्ट्स और बायोगैस प्लांट्स स्थापित होंगे, जहाँ किसान अपनी पराली बेचकर अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

पंजाब की यह योजना किसानों के लिए जीरो बर्निंग, डबल अर्निंग का मौका है। अब पराली सिर्फ धुंआ नहीं, बल्कि किसानों की आय और पर्यावरण की सुरक्षा का स्रोत बनेगी।

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