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Punjab

Ludhiana का बड़ा खुलासा: Instagram Influencer Kartik Baggan की हत्या में तीन गिरफ्तार, पांच Accused अब भी फरार

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24 अगस्त 2024 की रात को लुधियाना के सुंदर नगर इलाके में उस वक्त सनसनी फैल गई जब जाने-माने इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर कार्तिक बग्गन को एक्टिवा पर अपने दोस्त के साथ लौटते समय घेरकर गोलियों से भून दिया गया। इस वारदात ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया।

पुलिस की 22 दिन की कड़ी मेहनत के बाद अब इस हत्याकांड का बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि पांच अन्य आरोपी अभी फरार हैं।

क्या हुआ था उस रात

कार्तिक बग्गन अपने दोस्त के साथ एक्टिवा पर कहीं जा रहा था। तभी अचानक आठ लोगों का गैंग मोटरसाइकिल और स्कूटी पर आ पहुंचा और कार्तिक को घेर लिया।
साहिल नाम के शख्स ने पहले से ही कार्तिक की लोकेशन की जानकारी आरोपियों को दे दी थी।
जैसे ही कार्तिक वहां पहुंचा, उस पर कई राउंड फायरिंग की गई।
कार्तिक को इतनी गोलियां लगीं कि उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

हत्या की वजह कार पार्किंग विवाद और दोस्ती में दरार

इस वारदात की शुरुआत 20 अगस्त 2024 को हुई थी।
कार्तिक और अमनदीप सिंह उर्फ सैम के बीच कार पार्किंग को लेकर झगड़ा हो गया।
पहले दोनों के बीच अच्छी दोस्ती थी, लेकिन इस विवाद के बाद रिश्ते बिगड़ गए।
सैम ने इस झगड़े के बाद कार्तिक से बदला लेने का फैसला किया।

  • साहिल – कार्तिक का दोस्त था, लेकिन उसके साथ भी मनमुटाव हो गया।
  • गौतम – कार्तिक और साहिल दोनों का पुराना दोस्त, लेकिन वो भी अब उनके खिलाफ हो गया।
  • विक्की निहंग – फिरोजगांधी मार्केट में रिकवरी का काम करता था और सैम के संपर्क में था।
  • तरनप्रीत सिंह – सैम के पिता के पार्किंग ठेके में काम करता था।

24 अगस्त की रात सैम ने सभी को इकट्ठा किया।
पहली प्लानिंग किसी और ग्रुप के व्यक्ति को मारने की थी, लेकिन मौके पर फोन पर समझौता हो गया।
इसके बाद सैम ने कहा –

अब सब इकट्ठा हैं, तो कार्तिक को ही खत्म कर देते हैं।”

योजना बदलते ही ये गैंग सुंदर नगर की ओर बढ़ गया।
साहिल लगातार उन्हें फोन पर कार्तिक की लोकेशन अपडेट देता रहा।
जैसे ही कार्तिक वहां पहुंचा, उस पर गोलियां बरसा दी गईं।

सोशल मीडिया का कनेक्शन

  • कार्तिक इंस्टाग्राम पर काफी एक्टिव था और उसे इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर के रूप में जाना जाता था।
  • आरोपी भी सोशल मीडिया पर एक्टिव थे।
  • कार्तिक और विक्की निहंग के बीच इंस्टाग्राम पर गाली-गलौज हुई थी।
  • हत्या के अगले दिन इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट डाली गई, जिसमें गोपी घनशामपुरिया गैंग का नाम लिखा गया।
  • जांच में यह फर्जी साबित हुआ, लेकिन यह पता चला कि विक्की निहंग का इस गैंग के कुछ लोगों से संपर्क जरूर था

पुलिस की कार्रवाई और बड़ी गिरफ्तारी

कार्तिक की हत्या के बाद आरोपी हरियाणा, दिल्ली, मध्यप्रदेश, गोवा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भागते रहे।
पुलिस ने ह्यूमन इंटेलिजेंस और टेक्निकल सपोर्ट का इस्तेमाल करते हुए इनका पीछा किया।

सीआईए 1 इंचार्ज अवतार सिंह और उनकी टीम ने लगातार 40 घंटे तक गाड़ियों में ड्राइव की और आखिरकार महाराष्ट्र के हजूर साहिब गुरुद्वारा नांदेड़ में पहुंचकर दो आरोपियों को पकड़ा।
उस समय आरोपी वहां सेवा कर रहे थे

गिरफ्तार आरोपी और बरामदगी

गिरफ्तार आरोपी:

  1. अमनदीप सिंह उर्फ सैम (मुख्य आरोपी)
  2. गुरविंदर सिंह उर्फ गौतम
  3. साहिल (पहले ही गिरफ्तार किया गया था)

बरामद हथियार:

  • एक .32 बोर पिस्तौल
  • एक .315 बोर का देसी कट्टा
  • चार कारतूस
  • 12 बोर का देसी हथियार (विक्की निहंग द्वारा सप्लाई किया गया)

बरामद सभी हथियारों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा।
मृतक के शरीर से निकली गोलियों का मिलान बरामद हथियारों से किया जाएगा।

फरार आरोपी और उनकी भूमिका

  • गुरप्रीत सिंह उर्फ विक्की निहंग – हथियार सप्लाई करने वाला और सैम का खास आदमी
  • तरनप्रीत सिंह – पार्किंग ठेके पर काम करता था, वारदात में शामिल
  • अन्य तीन अज्ञात आरोपी – जिनकी तलाश जारी है

कुल आठ लोग इस हत्याकांड में शामिल थे, जिनमें से पांच अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।

पुलिस अधिकारियों की टीम

  • कमिश्नर ऑफ पुलिस (CP): स्वप्न शर्मा
  • डीसीपी: हरपाल सिंह
  • एडीसीपी: समीर वर्मा
  • सीआईए इंचार्ज: अवतार सिंह
  • स्पेशल सेल इंचार्ज: नवदीप सिंह

वारदात से लेकर गिरफ्तारी तक की टाइमलाइन

  1. 20 अगस्त 2024: कार्तिक और सैम के बीच कार पार्किंग को लेकर झगड़ा।
  2. 24 अगस्त 2024: सुंदर नगर में कार्तिक की गोली मारकर हत्या।
  3. 25 अगस्त 2024: आरोपी फरार, पुलिस जांच शुरू।
  4. 26 अगस्त – 14 सितंबर: पुलिस ने पांच राज्यों में सर्च ऑपरेशन चलाया।
  5. 15 सितंबर 2024: महाराष्ट्र के हजूर साहिब से सैम और गौतम गिरफ्तार।
  6. 16 सितंबर 2024: दोनों को अदालत में पेश कर 3 दिन का पुलिस रिमांड मिला।
  7. अब तक: तीन आरोपी गिरफ्तार, पांच फरार।

अभी तक की जांच में सामने आई बड़ी बातें

  • कार्तिक की हत्या कार पार्किंग विवाद और पुरानी रंजिश के चलते हुई।
  • कार्तिक का साहिल, सैम और गौतम के साथ पहले दोस्ताना रिश्ता था।
  • हत्या में शामिल सभी आरोपी और कार्तिक एक-दूसरे को लंबे समय से जानते थे
  • विक्की निहंग ने उत्तर प्रदेश से हथियार मंगवाए थे।
  • हत्या की पहली प्लानिंग किसी और को मारने की थी, लेकिन समझौते के बाद कार्तिक को टारगेट किया गया।
  • सोशल मीडिया पर इंस्टाग्राम के जरिए गाली-गलौज और झगड़े भी हुए थे।

पुलिस का अगला कदम

पुलिस का कहना है कि बाकी पांच आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
हथियारों की फोरेंसिक रिपोर्ट और मोबाइल डाटा की जांच के बाद केस को मजबूत किया जाएगा।

सीपी स्वप्न शर्मा ने कहा:

इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले सभी आरोपियों को कानून के दायरे में लाया जाएगा।
फरार लोगों को पकड़ने के लिए हमारी टीमें लगातार काम कर रही हैं।”

कार्तिक बग्गन की हत्या कोई गैंगवार नहीं थी, बल्कि दोस्तों के बीच मनमुटाव और पार्किंग विवाद ने इसे खतरनाक अंजाम तक पहुंचाया।
इस केस ने दिखा दिया कि सोशल मीडिया पर शुरू हुआ झगड़ा असल जिंदगी में खून-खराबे तक जा सकता है
पुलिस की तेज कार्रवाई से तीन आरोपी पकड़े जा चुके हैं, लेकिन जब तक बाकी आरोपी गिरफ्तार नहीं होते, तब तक इस केस की जांच पूरी नहीं मानी जाएगी।

NOTE: NEWS SOURCE AVP News Punjab

National

Game Changer Decision! अब Punjab में घंटों में मिलेगा Business Approvals — बढ़ेगीInvestment, मिलेंगे लाखों रोजगार

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पंजाब सरकार ने कारोबारियों और निवेशकों के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। सरकार ने ‘राइट टू बिज़नेस एक्ट (Right to Business Act)’ में बड़े बदलाव किए हैं, जिससे अब पंजाब देश के सबसे बिज़नेस फ्रेंडली स्टेट्स में गिना जाएगा। नई व्यवस्था के तहत अब किसी भी बिज़नेस या इंडस्ट्री को शुरू करने के लिए ज़रूरी सरकारी मंजूरी सिर्फ 5 से 18 दिनों के भीतर मिल जाएगी — जो पहले कई महीनों में मिलती थी।

अब आसान हुआ कारोबार शुरू करना

पंजाब सरकार ने साफ कहा है कि अगर कोई उद्योग पहले से तय इंडस्ट्रियल पार्क, इंडस्ट्रियल एस्टेट या सरकारी इंडस्ट्रियल ज़ोन में लगाया जा रहा है, तो उसे सभी मंजूरियां सिर्फ 5 दिनों में मिल जाएंगी। वहीं, अगर कोई प्रोजेक्ट इन क्षेत्रों से बाहर है, तो भी सभी सरकारी विभागों की मंजूरी 18 दिनों के अंदर देनी होगी।

सबसे अहम बात ये है कि अगर किसी विभाग ने तय समय में मंजूरी नहीं दी, तो कारोबारी को डीम्ड अप्रूवल’ (Deemed Approval) मिल जाएगा — यानी परमिशन अपने आप मान्य हो जाएगी। इससे लाल फीताशाही और भ्रष्टाचार दोनों पर लगाम लगेगी।

1.25 लाख करोड़ का निवेश, 4.5 लाख युवाओं को रोजगार

पंजाब के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री संजीव अरोड़ा के मुताबिक, आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद से राज्य में अब तक ₹1.25 लाख करोड़ से ज़्यादा का निवेश हो चुका है। इस निवेश से करीब 4.5 लाख युवाओं को नौकरी मिली है। आने वाले समय में यह आंकड़ा और भी बढ़ेगा।

निवेश सिर्फ एक-दो क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कई सेक्टरों में फैल रहा है — जैसे स्टील, ऑटोमोबाइल, फूड प्रोसेसिंग, आईटी और टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर, हॉस्पिटैलिटी, टेक्सटाइल, लॉजिस्टिक्स और एग्री-बिज़नेस

बड़ी कंपनियों का भरोसा पंजाब पर

कई नामी कंपनियों ने पंजाब में निवेश की घोषणा की है। हाल ही में दिल्ली में हुए ‘इन्वेस्ट पंजाब रोड शो (Invest Punjab Road Show)’ में बड़ी कंपनियों जैसे ITC, Info Edge (Naukri.com), Haldiram’s, Frontline Group, LT Foods, Reliance Retail आदि ने पंजाब सरकार के साथ समझौते किए।

  • Infosys मोहाली में एक बड़ा टेक्नोलॉजी और डेवलपमेंट सेंटर बना रही है। इससे 5000 से ज़्यादा युवाओं को सीधा रोजगार मिलेगा।
  • Fortis Healthcare Group लगभग ₹950 करोड़ का निवेश कर रहा है, जिसके तहत नए अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और डायग्नोस्टिक सेंटर बनाए जाएंगे। इससे हज़ारों डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को नौकरी मिलेगी।

विदेशी निवेशक भी दिखा रहे हैं रुचि

नई पॉलिसी से प्रभावित होकर अब 10 से ज़्यादा देशों की कंपनियां भी पंजाब में निवेश कर रही हैं। इनमें अमेरिका, जापान, साउथ कोरिया, सिंगापुर, जर्मनी, यूके, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश शामिल हैं।
विदेशी निवेशक खास तौर पर ऑटो पार्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

24 इंडस्ट्री सेक्टर के लिए बनीं स्पेशल कमेटियां

पंजाब सरकार ने हर बड़े उद्योग क्षेत्र के लिए अलग-अलग स्पेशल कमेटियां बनाई हैं।
कुल 24 सेक्टरों पर ये कमेटियां काम कर रही हैं — जैसे
स्टील, ऑटोमोबाइल, फूड प्रोसेसिंग, आईटी, हेल्थकेयर, फार्मा, हॉस्पिटैलिटी, टेक्सटाइल, रिन्यूएबल एनर्जी, इलेक्ट्रॉनिक्स, एजुकेशन, स्किल डेवलपमेंट आदि।

इन कमेटियों में सरकारी अफसर, उद्योग जगत के विशेषज्ञ और कारोबारी शामिल हैं, जो हर सेक्टर की ज़रूरत के हिसाब से सुझाव दे रहे हैं।

MSME (छोटे कारोबारियों) के लिए बड़ी राहत

पंजाब सरकार ने छोटे और मध्यम उद्योगों यानी MSME सेक्टर के लिए कई राहतें दी हैं —

  • अब पहले तीन साल तक कारोबारी खुद ही “Self-Declaration” देकर बिज़नेस शुरू कर सकते हैं।
  • इस दौरान कोई सरकारी निरीक्षण या जांच नहीं होगी।
  • दस्तावेज़ों की संख्या घटाकर 5-6 तक सीमित की गई है, जबकि पहले 15-20 सर्टिफिकेट लगाने पड़ते थे।

पंजाब में लगभग 3.5 लाख MSME यूनिट्स हैं, जो राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती हैं। सरकार का कहना है कि इन्हें मज़बूत करना उसकी प्राथमिकता है।

50,000 एकड़ लैंड बैंक और 78 इंडस्ट्रियल पार्क

निवेशकों को ज़मीन उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने एक बड़ा लैंड बैंक’ (Land Bank) तैयार किया है।
इसमें 50,000 एकड़ से ज़्यादा जमीन चिन्हित की गई है, जो मुख्य हाईवे और शहरों के पास स्थित है।

राज्य में 78 इंडस्ट्रियल पार्क और एस्टेट्स को अपग्रेड किया जा रहा है, जबकि नए इंडस्ट्रियल पार्क भी बन रहे हैं — खासकर लुधियाना, जालंधर, मोहाली, अमृतसर, पटियाला और बठिंडा में।

‘Invest Punjab’ Portal – एक क्लिक पर पूरी सुविधा

कारोबारियों की सुविधा के लिए सरकार ने ‘Invest Punjab’ नाम का डिजिटल पोर्टल लॉन्च किया है।
इस पोर्टल के ज़रिए निवेशक घर बैठे ही:

  • ज़रूरी दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं,
  • परमिशन के लिए आवेदन कर सकते हैं,
  • और अपनी फाइल की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।

यह पूरी प्रक्रिया को ट्रांसपेरेंट और पेपरलेस बनाता है।

सीएम भगवंत मान की पहल

मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद निवेशकों से मिल रहे हैं और उनकी दिक्कतों को सीधे सुन रहे हैं।
उन्होंने मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और चंडीगढ़ में कई रोड शो और इन्वेस्टमेंट समिट्स किए, जिनमें देश-विदेश की सैकड़ों कंपनियों ने हिस्सा लिया।

सीएम मान ने कहा —

“पंजाब के पास मेहनती युवा हैं, बेहतरीन कनेक्टिविटी है और अब एक बिज़नेस फ्रेंडली सरकार भी है। हम चाहते हैं कि हर निवेशक को सम्मान और सहयोग मिले। हमारा वादा है कि अब पंजाब में बिज़नेस करना आसान, तेज़ और सुरक्षित होगा।”

पंजाब सरकार का यह कदम न सिर्फ राज्य की अर्थव्यवस्था को नई उड़ान देगा, बल्कि युवाओं के लिए रोज़गार के लाखों मौके भी पैदा करेगा।
‘राइट टू बिज़नेस एक्ट’ में किए गए ये बदलाव पंजाब को भारत के सबसे निवेश-फ्रेंडली राज्यों में शामिल करने की दिशा में एक गेम चेंजर साबित होंगे।

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Education

Mann Sarkar का Education में Revolutionary Contribution: Teachers का सम्मान और युवाओं के उज्जवल भविष्य की नई शुरुआत

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मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में जो बड़े और सकारात्मक बदलाव किए हैं, उन्होंने पूरे देश में एक नई मिसाल पेश की है।
विश्व शिक्षक दिवस (World Teachers’ Day) के मौके पर श्री आनंदपुर साहिब में राज्य स्तरीय समारोह आयोजित किया गया, जहाँ मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को सम्मानित करते हुए उन्हें “राष्ट्र निर्माता (Nation Builder)” बताया।

शिक्षक: पेशा नहीं, एक पवित्र मिशन

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि शिक्षण सिर्फ एक नौकरी नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने का एक पवित्र मिशन है।
उन्होंने भावुक होकर बताया कि वे खुद एक शिक्षक के बेटे हैं, इसलिए वे जानते हैं कि एक अध्यापक कितनी मेहनत और निष्ठा से बच्चों का भविष्य बनाता है।
मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से अपील की कि वे बच्चों को पंजाब की गौरवशाली विरासत, इतिहास और संस्कृति से जोड़ें ताकि आने वाली पीढ़ी अपनी जड़ों से जुड़ी रहे और आधुनिकता के साथ अपने संस्कार भी बनाए रखे।

विरासत से जुड़ा नया कदम

मुख्यमंत्री ने बताया कि 55 साल बाद, राज्य सरकार ने श्री आनंदपुर साहिब में तख्त श्री केसगढ़ साहिब तक विरासत मार्ग” (Heritage Path) के निर्माण का काम शुरू किया है।
यह पहल पंजाब की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर को नई पीढ़ी से जोड़ने का प्रतीक है।

बाढ़ आपदा में शिक्षकों की मिसाल

मुख्यमंत्री ने हाल ही में आई बाढ़ आपदा के दौरान शिक्षकों और जनता की सेवा भावना की तारीफ की।
उन्होंने बताया कि इस बाढ़ में:

  • 3,200 सरकारी स्कूल,
  • 19 कॉलेज,
  • 8,500 किलोमीटर सड़कें,
  • और 2,500 पुल क्षतिग्रस्त हुए।
    फिर भी पंजाब के शिक्षकों ने साहस और जिम्मेदारी की मिसाल पेश की।
    मुख्यमंत्री ने कहा, “ऐसे उदाहरण विश्व इतिहास में बहुत कम मिलते हैं — पंजाब के शिक्षक सिर्फ अध्यापक नहीं, बल्कि समाज के सच्चे मार्गदर्शक हैं।”

71 शिक्षकों को मिला सम्मान

कार्यक्रम में 71 उत्कृष्ट शिक्षकों को राज्य शिक्षक पुरस्कार (State Teacher Award) से सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “गुरु” शब्द संस्कृत के “गु” (अंधकार) और “रु” (हटाने वाला) से मिलकर बना है — यानी “जो अंधकार को दूर करे।”
उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज में ज्ञान, जागरूकता और रोशनी फैलाने का काम करते हैं और सरकार उनके इस योगदान को नमन करती है।

शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण

पंजाब सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता को इंटरनेशनल लेवल तक पहुँचाने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं:

  • 234 प्रिंसिपल्स और शिक्षा अधिकारीसिंगापुर में ट्रेनिंग
  • 152 मुख्य शिक्षकIIM अहमदाबाद में एडवांस कोचिंग
  • 144 प्राथमिक शिक्षकफिनलैंड की Turku University में विशेष ट्रेनिंग
  • 1,920 कैंपस मैनेजरों की नियुक्ति की गई है ताकि शिक्षक प्रशासनिक कामों से मुक्त होकर पढ़ाई पर पूरा ध्यान दे सकें।
    मुख्यमंत्री ने बताया कि नवंबर में एक और बैच फिनलैंड जाएगा।

शिक्षा क्रांतिऔर स्कूल ऑफ एमीनेन्स

मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2022 में शुरू की गई शिक्षा क्रांति के तहत शिक्षा व्यवस्था में बड़े सुधार किए गए हैं।

  • अब तक 118 School of Eminence बनाए जा चुके हैं।
  • इन पर सरकार ने ₹231.74 करोड़ खर्च किए हैं।
  • इन स्कूलों में गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चे विश्वस्तरीय शिक्षा (World-Class Education) पा रहे हैं।
  • खास बात यह है कि अब Private Schools के बच्चे भी इन सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं — यह मान सरकार की नीति की सबसे बड़ी सफलता है।

इन स्कूलों के छात्रों ने राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं में शानदार प्रदर्शन किया:

  • 265 विद्यार्थियों ने JEE Mains,
  • 44 ने JEE Advanced,
  • और 848 ने NEET में सफलता पाई है।

स्कूल मेंटरशिप और अभिभावक-शिक्षक मीटिंग्स

सरकार ने School Mentorship Program भी शुरू किया है, जिसके तहत सिविल अधिकारी सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को गाइड कर रहे हैं।
साथ ही Parent-Teacher Meeting (PTM) को नई ऊर्जा मिली है —
अब तक 25 लाख से ज़्यादा अभिभावक
19,200 सरकारी स्कूलों में आयोजित PTM में शामिल हो चुके हैं।

पंजाब का भविष्य शिक्षा से उज्जवल

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि,

“शिक्षकों का समर्पण, विद्यार्थियों की मेहनत और सरकार की दूरदर्शी नीतियाँ मिलकर पंजाब के भविष्य को नई ऊँचाइयों तक ले जाएँगी।”

कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस, लोकसभा सदस्य मालविंदर सिंह कंग, और कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
यह समारोह सिर्फ एक सम्मान समारोह नहीं था, बल्कि “शिक्षा के ज़रिए समृद्ध पंजाब (Educated and Prosperous Punjab)” की दिशा में एक प्रेरक कदम था।

मान सरकार की ये पहलें साबित करती हैं कि अगर नीयत और नीति दोनों साफ हों, तो सरकारी स्कूल भी बच्चों को विश्वस्तरीय शिक्षा दे सकते हैं।
पंजाब की शिक्षा व्यवस्था आज बदलाव के दौर से गुजर रही है — जहाँ हर बच्चा शिक्षित, आत्मनिर्भर और अपनी विरासत पर गर्व करने वाला नागरिक बन सके।

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National

Punjab Government की ‘Right to Business Act’ Policy ने बदल दिया Industrial Landscape का चेहरा

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छोटे कारोबारियों के लिए वरदान साबित हुआ सरकार का भरोसे पर विकासमॉडल

पंजाब सरकार की पहल राइट टू बिज़नेस एक्ट, 2020’ ने राज्य के उद्योग जगत में नई जान फूंक दी है। यह कानून खास तौर पर उन छोटे, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए बनाया गया है, जो पहले नई यूनिट शुरू करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाते-लगाते परेशान हो जाते थे।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सोच थी कि अगर पंजाब को निवेश का हब बनाना है, तो सबसे पहले छोटे कारोबारियों को भरोसा और सुविधा देनी होगी। इसी विचार से यह नीति बनी, जो अब पंजाब के औद्योगिक विकास की रीढ़ बन चुकी है।

अब कारोबार शुरू करना हुआ आसान — “पहले काम, बाद में कागज़ात

पहले किसी भी नए उद्योग को शुरू करने के लिए दर्जनों विभागों से मंज़ूरी लेनी पड़ती थी — जैसे फैक्ट्री लाइसेंस, पर्यावरण क्लियरेंस, लेबर विभाग की स्वीकृति आदि।
अब इन सब झंझटों से मुक्ति मिल चुकी है।

इस एक्ट के तहत कोई भी उद्यमी बस एक “Declaration of Intent” यानी “व्यवसाय शुरू करने की घोषणा” ऑनलाइन जमा करता है, और सरकार तुरंत एक “Certificate of In-Principle Approval” जारी कर देती है।
इसके बाद वह बिना किसी विभागीय अनुमति की प्रतीक्षा किए अपना उद्योग शुरू कर सकता है

इस मॉडल को “Self Declaration Model” कहा गया है — यानी सरकार उद्यमी पर भरोसा करती है कि वह नियमों के अनुसार काम करेगा। यह व्यवस्था पूरी तरह भरोसे और पारदर्शिता (Trust and Transparency) पर आधारित है।

तीन साल की छूट छोटे उद्योगों के लिए बड़ा राहत पैकेज

इस एक्ट में सरकार ने उद्यमियों को तीन साल का ग्रेस पीरियड (Grace Period) दिया है।
इस दौरान उन्हें किसी भी तरह की सरकारी अनुमति या निरीक्षण की ज़रूरत नहीं होती।
जब तक कोई गंभीर शिकायत न हो, तब तक कोई अधिकारी निरीक्षण नहीं कर सकता।
तीन साल बाद, जब उद्योग स्थिर हो जाता है, तब वे सभी ज़रूरी लाइसेंस और सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं।

यह नीति भरोसे पर विकास की सोच को दिखाती है — जहाँ सरकार और उद्योगपति एक-दूसरे पर विश्वास के साथ काम करते हैं।

पूरी प्रक्रिया अब Online — भ्रष्टाचार पर लगाम

अब आवेदन से लेकर प्रमाणपत्र मिलने तक की पूरी प्रक्रिया Invest Punjab Portal के ज़रिए ऑनलाइन होती है।
इससे न केवल समय बचता है बल्कि पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार के अवसर लगभग खत्म हो गए हैं।

हर ज़िले में बना “District Bureau of Enterprise (DBE)”

इस नीति को ज़मीन पर लागू करने के लिए हर ज़िले में “District Bureau of Enterprise (DBE)” बनाया गया है।
यह ब्यूरो ज़िला उपायुक्त (Deputy Commissioner) की अध्यक्षता में काम करता है।

अब उद्यमियों को अलग-अलग विभागों में जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती —
एक ही दफ्तर में आवेदन, दस्तावेज़ की जाँच, प्रमाणपत्र और शिकायत निवारण सब कुछ हो जाता है।
इससे सरकारी प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बन गई है।

बड़े पैमाने पर रोजगार और निवेश

सरकारी आँकड़ों के अनुसार, इस नीति के लागू होने के बाद अब तक सैकड़ों नए उद्योगों ने काम शुरू किया है।
इनसे लगभग 4000 से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है और करीब ₹400 करोड़ का निवेश राज्य में आया है।

लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, मोहाली जैसे शहरों में उद्योग जगत में नई ऊर्जा देखने को मिल रही है।
उद्यमियों का कहना है कि पहले जहाँ महीनों लग जाते थे, अब वही काम कुछ ही दिनों में पूरा हो जाता है।

महिलाओं और ग्रामीण इलाकों में नई उम्मीद

यह एक्ट महिलाओं और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है।
अब कई महिला उद्यमी अपने छोटे-छोटे व्यवसाय जैसे फूड प्रोसेसिंग, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, सिलाई-कढ़ाई आदि शुरू कर रही हैं।
सरकार का लक्ष्य है कि महिलाओं और युवाओं को उद्योग जगत में आगे लाया जाए और आत्मनिर्भर पंजाब का निर्माण हो।

मुख्यमंत्री मान का विज़न — “सरकार और जनता साझेदार हैं

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा है,

“सरकार को अपने लोगों पर भरोसा है। अगर हम उद्यमियों को सुविधा और विश्वास देंगे, तो वे पंजाब की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों पर पहुँचा देंगे।”

वास्तव में “राइट टू बिज़नेस एक्ट” इसी सोच को साकार करता है —
जहाँ सरकार जनता पर बोझ नहीं डालती, बल्कि उसे विकास का भागीदार बनाती है।

 “राइट टू बिज़नेस एक्ट” ने पंजाब के छोटे कारोबारियों को नई उम्मीद, नया आत्मविश्वास और नई दिशा दी है।
यह सिर्फ़ एक कानून नहीं, बल्कि एक प्रशासनिक क्रांति है जिसने ईमानदार उद्यमियों के लिए रास्ते खोले हैं।

आज पंजाब के उद्यमी गर्व से कह सकते हैं —

अब कारोबार शुरू करना मुश्किल नहीं, बल्कि आसान और सम्मान की बात है।

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