Jammu & Kashmir
पहलगाम ह/म/ले पर अमेरिका का सख्त रुख, Trump ने दी अलगाववादियों को चे/ता/व/नी, भारत के साथ मजबूती से खड़ा हुआ अमेरिका।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने न केवल भारत को, बल्कि पूरे विश्व समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। इस बर्बर हमले में कई निर्दोष पर्यटकों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं।
इस वीभत्स घटना के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए बड़े स्तर पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। हमले की सूचना मिलते ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह त्वरित रूप से कश्मीर पहुंचे, वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सऊदी अरब की अपनी दो दिवसीय यात्रा बीच में ही छोड़कर तत्काल दिल्ली वापसी का निर्णय लिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब द्वारा आयोजित आधिकारिक रात्रिभोज में हिस्सा नहीं लिया और आपात स्थिति को देखते हुए अपनी विदेश यात्रा समय से पहले समाप्त कर दी।
इस घटनाक्रम के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump और प्रधानमंत्री मोदी के बीच टेलीफोन पर बातचीत भी हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने इस हमले की निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
राष्ट्रपति Trump ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया और पहलगाम में आतंकवादी हमले के पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। हमले की निंदा करते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़ा है और हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति Trump को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि भारत यह सुनिश्चित करेगा कि इस कायरतापूर्ण और जघन्य आतंकवादी हमले के अपराधियों और समर्थकों को न्याय के दायरे में लाया जाए।

यह निमंत्रण भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका द्वारा दी गई सहानुभूति और समर्थन भारत को आतंकवाद के खिलाफ मजबूत राजनीतिक और कूटनीतिक समर्थन प्रदान करता है। भारत-अमेरिका संबंधों में बढ़ती रणनीतिक साझेदारी को देखते हुए यह बातचीत दोनों देशों के लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। ट्रम्प द्वारा भारत के खिलाफ इस आतंकवादी हमले की निंदा करने से भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाने का अवसर मिलेगा।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहलगाम हमले पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए इसे अमानवीय अपराध बताया है और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ सहयोग मजबूत करने का वादा किया है। इजराइल ने भी हमले की निंदा की तथा इजराइल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की तथा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का समर्थन किया। आतंकवाद के खिलाफ भारत को वैश्विक समर्थन मिल रहा है, जो इस गंभीर स्थिति में एकजुटता का उदाहरण है।
हमले के बाद, भारत सरकार ने सुरक्षा बलों को घटनास्थल पर अतिरिक्त बल भेजने का आदेश दिया और आतंकवादियों के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया। यह ऑपरेशन सुरक्षा बलों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता बन गया है ताकि हमलावरों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके और क्षेत्र में शांति बहाल की जा सके।
प्रधानमंत्री. आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए मोदी ने कहा कि आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री ने एक्स पर कहा, “मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं।” मैं उन लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस जघन्य कृत्य को अंजाम देने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा…उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प दृढ़ है तथा यह और भी मजबूत होगा।
Jammu & Kashmir
Kulgam में मुठभेड़: एक आतंकी ढेर, Army का junior commissioned officer घायल, Operation जारी

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम ज़िले में सोमवार सुबह सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में एक आतंकी मारा गया है जबकि भारतीय सेना का एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल JCO को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनकी हालत नाज़ुक बताई जा रही है।
कैसे शुरू हुई मुठभेड़
गुदार जंगल क्षेत्र में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने संयुक्त सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और CRPF शामिल थे।
सुरक्षा बल जब इलाके की तलाशी ले रहे थे, तभी जवानों को संदिग्ध गतिविधि दिखाई दी। जैसे ही उन्होंने संदिग्धों को चैलेंज किया, आतंकियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद ऑपरेशन मुठभेड़ में बदल गया।
चिनार कॉर्प्स (भारतीय सेना) ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए जानकारी दी,
“गुदार जंगल क्षेत्र में खुफिया इनपुट के आधार पर सर्च ऑपरेशन लॉन्च किया गया था।
संदिग्ध गतिविधि देखने के बाद जब आतंकियों को रोकने की कोशिश की गई, तो उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में एक आतंकी मारा गया और एक JCO घायल हो गया। ऑपरेशन अभी जारी है।”
इलाके में सख्त घेराबंदी
मुठभेड़ वाले इलाके को पूरी तरह सील कर दिया गया है।
- अतिरिक्त सुरक्षा बलों को मौके पर भेजा गया है।
- ऑपरेशन को और तेज़ करने के लिए ड्रोन और नाइट विज़न कैमरा का इस्तेमाल हो रहा है।
- वरिष्ठ पुलिस और सेना अधिकारी लगातार हालात पर नज़र रख रहे हैं।
पिछले महीने का 8 दिन लंबा ऑपरेशन
यह मुठभेड़ ऐसे समय पर हुई है जब पिछले महीने ही कुलगाम ज़िले के अखाल (Akhal) जंगल क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने अब तक का सबसे लंबा ऑपरेशन चलाया था। यह ऑपरेशन 8 दिन तक चला था।
उस मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए थे। उनमें से एक की पहचान बागू खान के रूप में हुई थी, जिसे सुरक्षा एजेंसियां “ह्यूमन GPS” और “समुंदर चाचा” के नाम से जानती थीं।
क्यों कहा जाता था “ह्यूमन GPS”
- बागू खान 1995 से आतंकवाद से जुड़ा था।
- वह 100 से ज्यादा घुसपैठ (infiltration) ऑपरेशन में शामिल रहा।
- उसे कश्मीर और पाकिस्तान के बीच सभी घुसपैठ के रास्तों की जानकारी थी।
- वह आतंकियों को सीमा पार कराने में माहिर था, लेकिन खुद कभी पकड़ा नहीं गया।
- इसी वजह से उसे “ह्यूमन GPS” कहा जाता था।
मुठभेड़ के बाद उसकी पहचान पत्र (ID card) बरामद हुई, जिससे यह साफ हो गया कि वह पाकिस्तान का निवासी था और हिज़बुल मुजाहिदीन संगठन से जुड़ा हुआ था।
दूसरा आतंकी भी पाकिस्तान का ही था, लेकिन उसकी पहचान नहीं हो पाई।
इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने ड्रोन, हेलीकॉप्टर और पारा कमांडो का इस्तेमाल किया था।
दक्षिण कश्मीर में बढ़ रही आतंकी गतिविधियां
पिछले कुछ महीनों में कुलगाम और दक्षिण कश्मीर के अन्य इलाकों में आतंकी गतिविधियां लगातार बढ़ी हैं।
- सुरक्षा बल लगातार खुफिया इनपुट के आधार पर तलाशी अभियान चला रहे हैं।
- जंगल और पहाड़ी इलाकों में छिपे आतंकियों को पकड़ना मुश्किल होता है, इसलिए ड्रोन और हाई-टेक उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ाया गया है।
वर्तमान स्थिति
- गुदार जंगल में मुठभेड़ जारी है।
- सुरक्षा बलों को आशंका है कि और आतंकी इलाके में छिपे हो सकते हैं।
- पूरे इलाके की कॉर्डनिंग (घेराबंदी) की गई है और किसी भी संदिग्ध को भागने नहीं दिया जा रहा है।
- सेना, पुलिस और CRPF पूरी तरह से अलर्ट मोड पर हैं।
यह ताजा मुठभेड़ दिखाती है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियां खत्म करने के लिए सुरक्षा बल लगातार सक्रिय हैं।
पिछले महीने का 8 दिन लंबा ऑपरेशन और आज की कार्रवाई यह साबित करता है कि सुरक्षा एजेंसियां किसी भी आतंकी मूवमेंट को बर्दाश्त नहीं करेंगी।
आतंकवादियों पर लगातार दबाव बनाए रखने के लिए भविष्य में और भी बड़े ऑपरेशन होने की संभावना है।
Jammu & Kashmir
Jammu-Kashmir में बारिश ने मचाई तबाही: Reasi में Landslide से 7 की मौत, Ramban में बादल फटने से 10 लोगों की जान गई

जम्मू-कश्मीर में इस वक्त भारी बारिश ने हाहाकार मचा रखा है। जगह-जगह भूस्खलन (landslide) और बादल फटने (cloudburst) की घटनाओं ने आम लोगों की जिंदगी मुश्किल बना दी है। अगस्त 2025 का महीना राज्य के लिए बेहद दर्दनाक साबित हो रहा है। पिछले एक हफ्ते में अलग-अलग घटनाओं में 36 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और कई परिवार बेघर हो गए हैं।
रियासी में भूस्खलन से एक ही परिवार खत्म
रियासी जिले के बदड़ माहौर इलाके में शनिवार को भारी बारिश के कारण पहाड़ दरक गया और उसका मलबा एक कच्चे मकान पर आ गिरा। इस हादसे में एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में पति, पत्नी और उनके 5 मासूम बच्चे शामिल हैं।
मृतकों की पहचान इस तरह हुई है:
- नजीर अहमद (38 वर्ष)
- पत्नी वजीरा बेगम (35 वर्ष)
- बेटा बिलाल (13 वर्ष)
- बेटा मोहम्मद मुस्तफा (11 वर्ष)
- बेटा मोहम्मद आदिल (8 वर्ष)
- बेटा मोहम्मद मुबारक (6 वर्ष)
- बेटा मोहम्मद वसीम (5 वर्ष)
यह घटना पूरे इलाके के लिए गहरी त्रासदी है क्योंकि एक ही परिवार के सातों लोग मलबे में दबकर मौत के शिकार हो गए।
रामबन में बादल फटा, कई घर बहे
रामबन जिले के राजगढ़ क्षेत्र में ऊपरी इलाकों में बादल फटने से अचानक बाढ़ (flash flood) आ गई। इस हादसे में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग लापता हैं। कई घर पानी में बह गए और कुछ को गंभीर नुकसान पहुँचा है।
प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया है। लापता लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू टीमें लगातार जुटी हैं। वहीं प्रभावित लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में खाना, पानी और ठहरने की व्यवस्था दी जा रही है।
किश्तवाड़ में 60 मौतें
इससे पहले 14 अगस्त को किश्तवाड़ जिले के चिशोटी गांव में भीषण क्लाउडबर्स्ट हुआ था। यह गांव माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर समुद्र तल से करीब 9,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। क्लाउडबर्स्ट की वजह से आए तेज बहाव ने श्रद्धालुओं के कैंप, घर और पुल बहा दिए। इस हादसे में करीब 60 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल और लापता हो गए।
अगस्त महीने में अब तक का हाल
- रियासी और डोडा जिलों में 9 मौतें दर्ज की गईं।
- जम्मू, सांबा, कठुआ, रियासी और डोडा जिलों में भारी नुकसान हुआ।
- अकेले अगस्त महीने में 36 से ज्यादा लोगों की जान गई।
- कई गांवों में भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है।
प्रशासन की अपील
अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि नदियों और नालों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। लोगों से अपील की गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं और सतर्क रहें। जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त टीमें प्रभावित इलाकों में भेजी जाएंगी।
क्या है क्लाउडबर्स्ट?
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, जब किसी 20–30 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में एक घंटे में 10 सेंटीमीटर या उससे ज्यादा बारिश होती है, तो उसे क्लाउडबर्स्ट कहा जाता है। यह घटना खासतौर पर पहाड़ी इलाकों में होती है और इसके कारण फ्लैश फ्लड और भूस्खलन जैसी तबाही मचती है।
जलवायु परिवर्तन का असर
विशेषज्ञों का मानना है कि climate change की वजह से क्लाउडबर्स्ट और लैंडस्लाइड की घटनाएं पहले से ज्यादा बार और ज्यादा खतरनाक तरीके से हो रही हैं। इसका असर सीधे तौर पर पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों की जिंदगी पर पड़ रहा है।
कुल मिलाकर, जम्मू-कश्मीर में इस वक्त हालात बेहद गंभीर हैं। रियासी, रामबन और किश्तवाड़ जैसी घटनाएं इस बात की गवाही देती हैं कि पहाड़ी राज्यों में बारिश का मौसम अब और भी खतरनाक होता जा रहा है।
Jammu & Kashmir
VaishnoDevi में Landslide: 31 श्रद्धालुओं की मौत, Yatraरोकी गई; Jammu में भारी बारिश से हाहाकार

जम्मू के कटरा स्थित वैष्णो देवी धाम में मंगलवार दोपहर हुए लैंडस्लाइड हादसे ने श्रद्धालुओं को झकझोर दिया। अब तक 31 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें ज्यादातर श्रद्धालु हैं। हादसा मंगलवार को दोपहर करीब 3 बजे पुराने ट्रैक पर अर्धकुमारी मंदिर से कुछ दूरी पर इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास हुआ।
पहाड़ से अचानक बड़े-बड़े पत्थर और मलबा गिरने लगा, जिससे ट्रैक का टिनशेड और रेलिंग भी टूट गई। कई श्रद्धालु मलबे में दब गए। रात तक 7 मौतों की जानकारी थी, लेकिन बुधवार सुबह तक आंकड़ा बढ़कर 31 हो गया। प्रशासन का कहना है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है।
श्रद्धालुओं की आपबीती: “पल भर में सबकुछ खत्म हो गया”
- एक श्रद्धालु ने बताया, “मैं अपने परिवार के साथ जा रहा था। पत्नी और बच्चे आगे थे। तभी अचानक जोरदार धमाके के साथ चट्टान गिरी। अब तक बच्चों का कोई पता नहीं है। एक पल में सबकुछ बिखर गया।”
- मोहाली की किरण ने बताया कि वह दर्शन कर नीचे आ रही थीं, तभी पत्थर गिरने लगे। उन्होंने किसी तरह सुरक्षित जगह भागकर अपनी जान बचाई लेकिन घायल हो गईं। उनके ग्रुप की तीन और महिलाएं भी घायल हुई हैं।
- एक महिला श्रद्धालु ने रोते हुए कहा कि माता रानी के दरबार में जाने से पहले ही उनका परिवार टूट गया। वह और उनके पति तो बच गए, लेकिन उनके तीनों बच्चे दब गए।
यात्रा और ट्रेनों पर असर
- हादसे के बाद वैष्णो देवी यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है।
- नॉर्दर्न रेलवे ने आज जम्मू–कटरा से चलने वाली और यहां रुकने वाली 22 ट्रेनें रद्द कर दी हैं। इसके अलावा 27 ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है।
- हालांकि, कटरा–श्रीनगर रूट पर ट्रेन सर्विस जारी है।
जम्मू में भारी बारिश से तबाही
- मंगलवार को जम्मू शहर में 6 घंटे (11:30 से 5:30 बजे) के अंदर ही 22 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जो अब तक की सबसे ज्यादा है।
- 24 घंटे से भी कम समय में 250 मिमी से ज्यादा बारिश हुई।
- इस वजह से कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात हैं। घरों और खेतों में पानी भर गया है।
- झेलम नदी का जलस्तर 22 फीट पार करने पर दक्षिण कश्मीर में बाढ़ अलर्ट जारी किया गया है।
- जम्मू, आरएस पुरा, सांबा, अखनूर, नगरोटा, कठुआ और उधमपुर समेत कई इलाके बुरी तरह प्रभावित हैं।
रेस्क्यू और राहत कार्य
- सेना और प्रशासन ने पूरे इलाके को तीन हिस्सों में बांटकर राहत अभियान शुरू किया है।
- अर्धकुमारी
- कटरा–ठक्कड़ कोट रोड
- जौरियन क्षेत्र
- अब तक सिर्फ जम्मू जिले में ही 3500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
- बचाए गए लोगों को रिलीफ कैंप और जम्मू के यूथ हॉस्टल में ठहराया गया है।
- बुधवार को भी मलबा हटाने का काम जारी रहा।
हिमाचल में भी बारिश से आफत
जम्मू-कश्मीर ही नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश में भी बारिश ने भारी तबाही मचाई है।
- कुल्लू–मनाली पूरी तरह देश-दुनिया से कट चुका है क्योंकि सड़कें टूट गई हैं।
- चंबा जिला में पिछले 24 घंटे से संचार सेवाएं ठप हैं।
- तीन जिलों में स्कूल बंद करने का आदेश दिया गया है।
- DC कुल्लू ने सभी पेट्रोल पंपों को इमरजेंसी रिजर्व रखने और जमाखोरी न करने के आदेश दिए हैं।
इस वक्त जम्मू और हिमाचल दोनों जगह हालात बेहद गंभीर हैं।
वैष्णो देवी हादसे ने कई परिवारों को उजाड़ दिया है। सरकार और सेना लगातार राहत व बचाव कार्यों में जुटी है, लेकिन मौसम की चुनौती अभी भी बनी हुई है।
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