Haryana
Nayab Saini : हम इस बार भी 10 की 10 लोकसभा सीटे जीतेंगे, साथ ही विपक्ष पार्टी पर साधा निशाने

Politics : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने यमुनानगर जिले के जगाधरी विधानसभा की छछरौली नई अनाज मंडी में विजय संकल्प रैली को संबोधित किया। मुख्यमंत्री नायब सैनी के निशाने पर एक बार फिर विपक्ष रहा। नायब सैनी ने कहा कि हम इस बार भी 10 की 10 लोकसभा सीटे जीतेंगे।
विपक्षी दलों के नेताओं के भीतर मंथन चल रहा है कि कहीं हम हार ना जाए इसलिए वह एकजुट हुए हैं और बीजेपी के खिलाफ खड़े हो गए हैं। मुख्यमंत्री नायाब सैनी ने आगे कहा कि पिछली बार बीजेपी के पक्ष में 58 फ़ीसदी मतदान हुआ था। और यह मतदान इस बार और बढ़ेगा। उसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 साल में इतना काम कराया कि लोग आज उनके काम को सराहा रहे हैं।
आज हर वर्ग में जोश और उत्साह है उसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर वर्ग का ख्याल रखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में श्री राम के मंदिर पर कांग्रेस ने राजनीति की है। हमने उसका निर्माण कोर्ट के आदेश के पर करवाया है जिसकी वजह से लाखों राम भक्त वहां पर जाते हैं।
आपको बता दें कि 10 दिन के भीतर मुख्यमंत्री नायब सैनी यमुनानगर जिले की तीन विधानसभाओं में विजय संकल्प रैली करेंगे। उन्होंने 31 मार्च को यमुनानगर में विजय संकल्प रेली की थी और आज जगाधरी विधानसभा में विजय संकल्प रैली की है और 9 अप्रैल को साढोरा में विजय संकल्प रैली को संबोधित करेंगे।
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CM Nayab Singh ने officials को दिए strict instructions – Road की Quality पर कोई compromise नहीं होगा

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य में बनने वाली और मरम्मत होने वाली सड़कों की क्वालिटी को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने साफ कहा कि Detailed Project Report (DPR) तैयार करते समय हर छोटी-बड़ी बात का ध्यान रखा जाए, खासतौर पर ड्रेनेज प्लान और पानी निकासी की व्यवस्था का। सीएम ने कहा कि बरसात के समय पानी सड़कों पर जमा न हो, इसके लिए पहले से ही प्लानिंग जरूरी है।
सीएम ने यह निर्देश सभी जिलों के डीसी (Deputy Commissioner) और डीएमसी (District Municipal Commissioner) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिए। उन्होंने कहा कि जहां-जहां सड़कों के टेंडर अलॉट हो चुके हैं, वहां तुरंत काम शुरू करवाया जाए, ताकि लोगों को जल्दी सुविधा मिले और समय पर काम पूरा हो सके।
गुणवत्ता की जांच के लिए सड़क के सैंपल होंगे टेस्ट
सीएम सैनी ने कुछ खास सड़कों का जिक्र करते हुए कहा कि उनका सैंपल लेकर क्वालिटी टेस्ट करवाया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि अधिकारी खुद मौके पर जाकर सड़कों का निरीक्षण (inspection) करें।
इन सड़कों की जांच के आदेश दिए गए हैं –
- फतेहाबाद: पीएम श्री कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के सामने वाली सड़क और भिरडाना सड़क
- हिसार: सेक्टर 14 की सड़क
- झज्जर: समस्तपुर माजरा गांव और मारौत गांव की सड़कें
- पंचकूला: गांव मौली से गांव प्यारेवाला तक की सड़क
सीएम ने बताया कि कल ही अधिकारियों ने इन सड़कों का मुआयना भी किया है।
सड़कों पर बर्म और ड्रेनेज पर जोर
सड़क निर्माण के साथ-साथ बर्म (berm) यानी सड़क के किनारे की सुरक्षा और डिवाइडर जैसे हिस्सों को भी बनाया जाएगा। इससे सड़क ज्यादा सुरक्षित होगी और गाड़ियों के लिए ड्राइविंग आसान रहेगी।
साथ ही, हर नई सड़क में ड्रेनेज सिस्टम का ध्यान रखा जाएगा, ताकि बारिश का पानी जमा न हो और सड़कें जल्दी खराब न हों।
समय पर पूरा हो विकास कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों को तय समय सीमा में पूरा करना जरूरी है। उन्होंने चेतावनी दी कि गुणवत्ता पर किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। अगर काम में लापरवाही पाई गई, तो संबंधित अधिकारी और ठेकेदार पर सख्त कार्रवाई होगी।
बरसात के बाद आई सड़कों की समस्या
बरसात के मौसम के बाद हरियाणा की कई सड़कों की हालत खराब हो गई है। कई जगहों पर गड्ढे हो गए हैं और पानी निकासी की व्यवस्था सही न होने की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी को देखते हुए सीएम ने ये निर्देश जारी किए हैं।
इससे पहले सरकार ने “गड्ढामुक्त हरियाणा” का लक्ष्य तय किया था। इसके तहत जून तक सभी टूटी-फूटी सड़कों को ठीक करने का काम शुरू किया गया था।
लोगों को मिलेगी राहत
सरकार का कहना है कि इन कदमों से न सिर्फ सड़कों की हालत सुधरेगी बल्कि ट्रैफिक जाम और एक्सीडेंट्स भी कम होंगे। लोगों को बेहतर सफर का अनुभव मिलेगा और गांव से शहर तक कनेक्टिविटी मजबूत होगी।
हरियाणा सरकार अब सड़कों की क्वालिटी पर कोई समझौता नहीं करना चाहती। सीएम नायब सिंह सैनी के निर्देश के बाद उम्मीद है कि राज्य की सड़कें बेहतर होंगी, ड्रेनेज सिस्टम मजबूत होगा और जनता को जल्द ही अच्छी और सुरक्षित सड़कें मिलेंगी।
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Haryana से घर लौटने लगे Nepali परिवार: Hisar-Kurukshetra से Buses में रवाना, कहा – Nepal के हालात बिगड़े, परिवार की चिंता सता रही

नेपाल में पिछले कुछ दिनों से हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। Gen-Z आंदोलन के बाद वहां हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता फैल गई है। राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में माहौल तनावपूर्ण है। इसे देखते हुए हरियाणा में रह रहे नेपाली परिवारों की चिंता बढ़ गई है। हिसार और कुरुक्षेत्र जैसे इलाकों में काम करने वाले कई नेपाली अब अपने परिवार की खैर-खबर लेने के लिए नेपाल लौटने लगे हैं।
शुक्रवार को हिसार से कई परिवार बसों में सवार होकर नेपाल के लिए रवाना हुए। हिसार में 25 से 30 हजार तक नेपाली लोग रहते हैं। ये लोग ज्यादातर चौकीदार, होटल और घरों में कुक, घरेलू नौकर, रेस्टोरेंट वर्कर, फास्ट फूड वेंडर जैसे काम करते हैं।
नेपाल में हालात खराब होने के बाद अब ये लोग धीरे-धीरे वापस लौट रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि अगर नेपाल में तख्तापलट (political change) सफल रहा तो देश में सुधार होगा और उन्हें यहीं रोजगार के मौके मिलेंगे। वहीं कुछ लोग फिलहाल केवल परिवार को सुरक्षित करने के लिए वापस जा रहे हैं और हालात सामान्य होने पर हरियाणा लौटने की बात कह रहे हैं।
हिसार से लौटते नेपाली परिवार
हिसार से नेपाल जाने के लिए हर हफ्ते बस चलती है।
- हिसार से नेपाल बॉर्डर तक का किराया 1800 रुपये प्रति व्यक्ति है।
- इसके बाद यात्रियों को खुद अपने गांव तक पहुंचने की व्यवस्था करनी पड़ती है।
यात्रा के दौरान आने वाली मुश्किलें
नेपाल में इस समय कई इलाकों में गाड़ियां नहीं चल रहीं, जिससे लोगों को लंबी दूरी पैदल तय करनी पड़ रही है। हिसार से चलने वाली बसें यात्रियों को बुटवल तक छोड़ती हैं, उसके बाद उन्हें खुद आगे का सफर करना पड़ता है।
नेपाल जाने वालों की कहानी
1. रमेश थापा – “5 दिन से हालात देखकर डर लग रहा है”
रमेश थापा तीन महीने पहले ही नेपाल से भारत आए थे।
- पहले शिमला के सेब के बगीचों में काम किया।
- तीन दिन पहले हिसार पहुंचे थे।
- लेकिन पिछले पांच दिन से नेपाल के हालात की खबरें देखकर उन्होंने घर लौटने का फैसला किया।
“मैं अपने बेटे के साथ वापस जा रहा हूं। घर वालों की चिंता हो रही है। यहां काम करने का कोई फायदा नहीं अगर परिवार सुरक्षित न हो।”
2. लबवत राम – “कमाने आए थे, अब परिवार की चिंता में लौट रहे हैं”
लबवत राम हिसार के एक रेस्टोरेंट में काम करते थे।
- वे यहीं कमाई करने और बाद में परिवार को बुलाने की सोच रहे थे।
- लेकिन अब नेपाल में हिंसा और डर का माहौल देखकर सब कुछ छोड़कर वापस जा रहे हैं।
“बस वाले ने हमें भरोसा दिया है कि वह हमें बॉर्डर तक पहुंचा देगा। उसके बाद जो होगा, देखा जाएगा।”
3. रूप बहादुर – “पुराने नेताओं को हटाना जरूरी था”
रूप बहादुर हिसार के एक मैरिज पैलेस में काम करते हैं।
- वे छह महीने पहले नेपाल से आए थे।
“हम उम्मीद कर रहे हैं कि देश में ये बदलाव अच्छे के लिए होगा। अगर हालात ठीक हो गए तो हम नेपाल में ही रहकर कमाएंगे और वहीं अपनी जिंदगी बसाएंगे।”
4. राजन – “बुटवल के बाद खुद करना होगा इंतजाम”
राजन एक साल से हिसार में होटल में काम कर रहे थे।
“नेपाल में इस समय गाड़ियां नहीं चल रहीं। हिसार से जो बस जा रही है वह हमें सिर्फ बुटवल तक छोड़ेगी। वहां से हमें पैदल या जैसे भी हो, अपने गांव तक जाना होगा।”
उनका गांव पहाड़ी इलाके में है, जो फिलहाल सुरक्षित है।
कुरुक्षेत्र का मामला – निर्मल सिंह का परिवार
हिसार के अलावा कुरुक्षेत्र के पेहवा में रहने वाले निर्मल सिंह का परिवार भी नेपाल में फंसा हुआ है।
निर्मल सिंह 2009 में भारत आए और पेहवा के मेन बाजार में चाइनीज फास्ट फूड स्टॉल लगाया।
- कुछ समय बाद उनका परिवार भी उनके साथ रहने लगा।
- आज भी वह इसी स्टॉल से अपनी आजीविका चला रहे हैं।
निर्मल का परिवार इस समय दो हिस्सों में बंटा हुआ है।
- पत्नी कमला और छोटा बेटा दिनेश दो हफ्ते पहले नेपाल गए थे और सुरक्षित घर पहुंच चुके हैं।
- लेकिन बड़ा बेटा राज सिंह और छोटी बेटी का परिवार अभी काठमांडू में फंसा हुआ है।
निर्मल के बेटे राज सिंह की दो साल पहले शादी हुई थी।
- बहू आशिका गर्भवती है और कभी भी डिलीवरी हो सकती है।
- इसी कारण कमला नेपाल बहू के पास चली गईं।
- राज सिंह काठमांडू में अपनी बहन ज्योति के ससुराल में रहकर जापानी भाषा सीख रहा था।
- हिंसा के बीच घर लौटते समय भगदड़ में गिर गया, जिससे उसके हाथ में चोट लग गई।
निर्मल सिंह का कहना है कि वे भी परिवार के पास जाना चाहते हैं लेकिन बॉर्डर बंद होने की वजह से नहीं जा पा रहे।
“अभी मैं वीडियो कॉल पर परिवार से बात कर रहा हूं। बॉर्डर खुलते ही मैं नेपाल जाऊंगा।
सबसे ज्यादा चिंता मुझे काठमांडू में फंसे अपने बेटे और बेटी के परिवार की है।”
नेपाल में स्थिति और उम्मीद
नेपाल में इस समय राजनीतिक हलचल तेज है।
- Gen-Z आंदोलन ने देशभर में माहौल गरमा दिया है।
- कई जगह हिंसा और विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
- लोगों का मानना है कि यह तख्तापलट नेपाल को एक नई दिशा दे सकता है।
कुछ लोगों को उम्मीद है कि हालात सुधरेंगे और देश में रोजगार बढ़ेगा।
वहीं, फिलहाल प्राथमिकता सिर्फ परिवार की सुरक्षा है।
- हरियाणा में रह रहे नेपाली परिवार अब घर लौटने लगे हैं।
- हिसार से बसों में भरकर लोग बुटवल तक जा रहे हैं और वहां से आगे का सफर खुद तय कर रहे हैं।
- कुरुक्षेत्र के निर्मल सिंह जैसे लोग बॉर्डर खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
- नेपाल की सड़कों पर फिलहाल तनाव, हिंसा और अनिश्चितता का माहौल है।
- हर कोई अपने तरीके से इस संकट से निपटने की कोशिश कर रहा है।
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Haryana में बारिश और बाढ़ से हाहाकार: Ghaggar Drain में 50 Foot दरार, 5754 गांव जलमग्न, लाखों किसान परेशान

हरियाणा में बारिश और बाढ़ ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। लगातार हुई बारिश और नदियों-ड्रेनों में बढ़ते पानी के कारण कई इलाकों में हालात बिगड़ गए हैं। बुधवार देर रात सिरसा और फतेहाबाद जिलों के बीच स्थित घग्गर मल्टीपरपज ड्रेन में अचानक 50 फीट चौड़ी दरार आ गई। इस दरार से पानी तेजी से खेतों में घुस गया और 300 एकड़ से ज्यादा खड़ी फसल जलमग्न हो गई।
गांव चाहरवाला, शाहपुरिया (सिरसा) और जांडवाला बागड़ (फतेहाबाद) के पास ये दरार आई। स्थानीय लोगों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर पानी के बहाव को रोकने की कोशिश की, लेकिन अंधेरा होने की वजह से कामयाबी नहीं मिली। गुरुवार सुबह होते ही ग्रामीण मिट्टी और रेत से भरे कट्टों के साथ ड्रेन की दरार को बंद करने में जुट गए। उनकी मदद के लिए नजदीकी डेरे के सेवादार भी पहुंच गए। अभी भी बांधने का काम जारी है और प्रशासन की ओर से भी लगातार निगरानी की जा रही है।
लाखों किसान प्रभावित, 5754 गांवों में तबाही
इस बार हरियाणा में सामान्य से 45% ज्यादा बारिश हुई है, जिसकी वजह से कई जिलों में जलभराव और बाढ़ जैसे हालात बन गए।
- अब तक 5754 गांव प्रभावित हुए हैं।
- करीब 3 लाख किसान इस आपदा की चपेट में आए हैं।
- लगभग 18.66 लाख एकड़ फसल को भारी नुकसान पहुंचा है।
किसानों की मदद के लिए राज्य सरकार ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के जरिए किसान अपनी फसल का नुकसान दर्ज करवा सकते हैं और मुआवजे के लिए दावा कर सकते हैं।
मौसम का हाल: 5 जिलों में हल्की बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग चंडीगढ़ के अनुसार, पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और करनाल में आज बादल छाए रहने और हल्की बारिश होने की संभावना है।
वहीं, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, कैथल, भिवानी, चरखी दादरी, रोहतक, पानीपत, सोनीपत, झज्जर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात और पलवल में मौसम साफ रहेगा।
विभाग का कहना है कि 14 सितंबर तक मौसम ऐसा ही रहने की संभावना है और भारी बारिश की संभावना बहुत कम है।
अब तक की बारिश का रिकॉर्ड
इस सीजन में हरियाणा में 564.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि सामान्य औसत 388.4 मिमी होना चाहिए। यानी इस बार 45% ज्यादा बारिश हुई है।
- सबसे ज्यादा बारिश:
- यमुनानगर – 1080.4 मिमी
- महेंद्रगढ़ – 818.0 मिमी
- सबसे कम बारिश:
- सिरसा – 346.6 मिमी
- भिवानी – 369.4 मिमी
विशेषज्ञ की राय: बारिश का पैटर्न बदला
हिसार स्थित हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग प्रमुख डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि 2021 के बाद इस साल सबसे ज्यादा बारिश हुई है।
- 2021 में जुलाई और अगस्त में बारिश कम हुई थी लेकिन सितंबर में तेज बारिश हुई थी।
- इस साल जुलाई, अगस्त और सितंबर – तीनों महीनों में अच्छी बारिश दर्ज की गई।
उन्होंने कहा कि अभी मानसून कमजोर पड़ता नजर आ रहा है। अगले चार दिनों में केवल हल्की बूंदाबांदी हो सकती है, लेकिन तेज बारिश की संभावना नहीं है।
सरकार और प्रशासन अलर्ट पर
बाढ़ और जलभराव की वजह से कई गांवों में पानी भरा हुआ है। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में राहत कार्य तेज कर दिए हैं।
- ड्रेन और नहरों की लगातार निगरानी की जा रही है।
- जहां भी कटाव या दरार आ रही है, वहां ग्रामीणों और सेवादारों की मदद से तुरंत उसे बंद किया जा रहा है।
- राहत कार्यों में स्थानीय संगठन और डेरे भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
हरियाणा में इस समय हालात बेहद गंभीर हैं। किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं और कई इलाकों में लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। सरकार और प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती अब राहत और पुनर्वास कार्य को तेजी से पूरा करने की है।
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