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फिर Haryana में हुआ बड़ा हादसा, बच्चों से भरा स्कूल ऑटो हुआ हादसे का शिकार

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लगातार बच्चों के मरने की खबर समाने आ रही है | कभी स्कूल बस का Accident हो जाता तो कभी स्कूल के ऑटो का एक्सीडेंट हो जाता है | बतादें की Haryana के यमुनागर में स्कूली बच्चों से भरी ऑटो का Accident हो गया | मिली जानकारी के मुतबिक स्कूली बच्चों को लेकर जा रही ऑटो और बाइक भीषण टक्कर हो गई |

इस हादसे में एक बच्चे की मौत हो गई और बाकी के 6 बच्चों को मामूली चोटें आई है | हादसे के बाद सभी बच्चों को हस्पताल में भर्ती करवाया गया था जहां एक छात्रा को मृत घोषित कर दिया |

इस हादसे में मारी छात्रा तीसरी कक्षा की थी और उसका नाम हिमानी था | बतादें की यमुनागर के कमानी चौक पर यह हादसा हुआ था | इस दौरान ऑटो चालक ने रेड लाइट जंप कर दी और फिर बाइक से ऑटो भिड़ गया और हादसे में छह बच्चे घायल हो गए थे, जिनमें से एक बच्ची की मौत हो गई है|

इससे पहले भी एक बहुत बड़ा हादसा हुआ था और ये हादसा Haryana के महेंद्रगढ़ में हुआ था | इस हादसे में 6 बच्चों की मौत हो गई थी | जानकरी के मुताबिक बस ड्राइवर शारब पीकर गाड़ी को चला रहा था | इतने बड़े हादसे के बाद भी स्कूल वाले और बस चालक सबक नहीं ले रहे |

इस हादसे के बच्चों के घर वालों का रो रो कर बुरा हाल है | फिलाहल पुलिस मामले की जाँच कर रही है और यह जानने की कोशिश कर रही हैं की ये हादसा आखिर कैसे हुआ |

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Haryana के IG Puran Kumar ने की आत्महत्या, Suicide Note में लगाए कई बड़े Officers पर आरोप

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हरियाणा के सीनियर IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार ने मंगलवार, 7 अक्टूबर 2025 को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने घर के साउंडप्रूफ बेसमेंट में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उनके परिवार और पुलिस विभाग में इस घटना से सन्नाटा छा गया है

पोस्टमॉर्टम आज

पूरन कुमार का पोस्टमॉर्टम आज (8 अक्टूबर) चंडीगढ़ के सेक्टर-16 स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में होगा। उनकी पत्नी और IAS अधिकारी अमनीत पी. कुमार, जो हाल ही में जापान दौरे से लौटकर आई हैं, सेक्टर-24 स्थित सरकारी आवास में मौजूद हैं।

सुसाइड नोट और वसीयत

पूरन कुमार ने अपने जाने से पहले 8 पन्नों का अंग्रेजी सुसाइड नोट लिखा। इस नोट में उन्होंने 30-35 IPS और कुछ IAS अफसरों के नाम लिए और कहा कि वे कई वजहों से परेशान थे।

उनकी मुख्य शिकायतें इस प्रकार हैं:

  • पोस्टिंग में भेदभाव और जातिवाद
  • ACR (Annual Confidential Report) में गड़बड़ी
  • सरकारी आवास न मिलने
  • प्रशासनिक शिकायतों और मुकदमेबाजी की वजह से तनाव
  • एक DGP रैंक के अधिकारी पर बेवजह नोटिस भेजने का आरोप

इसके अलावा, उन्होंने अपनी संपत्ति अपनी पत्नी के नाम कर दी। वसीयत की तारीख 6 अक्टूबर है और सुसाइड नोट 7 अक्टूबर का है।

सुसाइड की संभावित वजहें

सूत्रों के अनुसार, IG पूरन कुमार के सुसाइड के पीछे दो मुख्य वजहें मानी जा रही हैं:

  1. गनमैन के रिश्वत मामले में नाम जुड़ना
    • रोहतक पुलिस ने उनके गनमैन सुशील कुमार के खिलाफ करप्शन केस दर्ज किया था।
    • आरोप था कि सुशील कुमार शराब ठेकेदार से हर महीने 2 से 2.5 लाख रुपए मांग रहा था।
    • पूछताछ में गनमैन ने IG पूरन कुमार का नाम लिया, हालांकि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला।
  2. फील्ड ड्यूटी से हटाकर ट्रेनिंग कॉलेज में पोस्टिंग
    • पूरन कुमार पहले रोहतक रेंज के IG थे।
    • 29 सितंबर को उन्हें अचानक रेंज IG के पद से हटाकर पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज, सुनारिया में भेज दिया गया।
    • पुलिस विभाग में इस तरह की तैनाती को “punishment posting” माना जाता है।

घटना का विवरण

रसोइए प्रेम सिंह के अनुसार, सुबह 10 बजे पूरन कुमार बेसमेंट गए और किसी को अंदर न आने देने के लिए कहा। उनकी पत्नी अमनीत ने कई बार कॉल की, लेकिन IG ने फोन नहीं उठाया। उनकी बेटी अमूल्या जब बाजार से लौटी, तो उसे बेसमेंट में खून में पड़े पिता मिले। इसके बाद उन्होंने तुरंत अपने मामा, अमित रतन (AAP विधायक) को सूचना दी।

अफसरों की प्रतिक्रिया

  • घटना के बाद चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी, IAS केएम पांडुरंग, पीसी मीणा, और सीजी कांनथन समेत कई वरिष्ठ अधिकारी सेक्टर-24 के सरकारी आवास पर पहुंचे।
  • IAS अमनीत पी. कुमार अब पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल जाएंगी।

लाइव अपडेट

  • अमनीत पी. कुमार कुछ देर में सेक्टर-16 के अस्पताल जाएंगी।
  • चीफ सेक्रेटरी और कई IAS/IPS अधिकारी अब भी पूरन कुमार के आवास पर मौजूद हैं।

यह घटना हरियाणा पुलिस विभाग और उनके परिवार के लिए एक बहुत बड़ा सदमा है। सुसाइड नोट में जिन बड़े अधिकारियों के नाम लिए गए हैं, उनके खिलाफ आगे क्या कार्रवाई होगी, यह अब पुलिस और प्रशासन की जांच पर निर्भर करेगा।

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CM Nayab Singh ने officials को दिए strict instructions – Road की Quality पर कोई compromise नहीं होगा

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हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य में बनने वाली और मरम्मत होने वाली सड़कों की क्वालिटी को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने साफ कहा कि Detailed Project Report (DPR) तैयार करते समय हर छोटी-बड़ी बात का ध्यान रखा जाए, खासतौर पर ड्रेनेज प्लान और पानी निकासी की व्यवस्था का। सीएम ने कहा कि बरसात के समय पानी सड़कों पर जमा न हो, इसके लिए पहले से ही प्लानिंग जरूरी है।

सीएम ने यह निर्देश सभी जिलों के डीसी (Deputy Commissioner) और डीएमसी (District Municipal Commissioner) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिए। उन्होंने कहा कि जहां-जहां सड़कों के टेंडर अलॉट हो चुके हैं, वहां तुरंत काम शुरू करवाया जाए, ताकि लोगों को जल्दी सुविधा मिले और समय पर काम पूरा हो सके।

गुणवत्ता की जांच के लिए सड़क के सैंपल होंगे टेस्ट

सीएम सैनी ने कुछ खास सड़कों का जिक्र करते हुए कहा कि उनका सैंपल लेकर क्वालिटी टेस्ट करवाया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि अधिकारी खुद मौके पर जाकर सड़कों का निरीक्षण (inspection) करें।

इन सड़कों की जांच के आदेश दिए गए हैं –

  • फतेहाबाद: पीएम श्री कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के सामने वाली सड़क और भिरडाना सड़क
  • हिसार: सेक्टर 14 की सड़क
  • झज्जर: समस्तपुर माजरा गांव और मारौत गांव की सड़कें
  • पंचकूला: गांव मौली से गांव प्यारेवाला तक की सड़क

सीएम ने बताया कि कल ही अधिकारियों ने इन सड़कों का मुआयना भी किया है।

सड़कों पर बर्म और ड्रेनेज पर जोर

सड़क निर्माण के साथ-साथ बर्म (berm) यानी सड़क के किनारे की सुरक्षा और डिवाइडर जैसे हिस्सों को भी बनाया जाएगा। इससे सड़क ज्यादा सुरक्षित होगी और गाड़ियों के लिए ड्राइविंग आसान रहेगी।

साथ ही, हर नई सड़क में ड्रेनेज सिस्टम का ध्यान रखा जाएगा, ताकि बारिश का पानी जमा न हो और सड़कें जल्दी खराब न हों।

समय पर पूरा हो विकास कार्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों को तय समय सीमा में पूरा करना जरूरी है। उन्होंने चेतावनी दी कि गुणवत्ता पर किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। अगर काम में लापरवाही पाई गई, तो संबंधित अधिकारी और ठेकेदार पर सख्त कार्रवाई होगी।

बरसात के बाद आई सड़कों की समस्या

बरसात के मौसम के बाद हरियाणा की कई सड़कों की हालत खराब हो गई है। कई जगहों पर गड्ढे हो गए हैं और पानी निकासी की व्यवस्था सही न होने की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी को देखते हुए सीएम ने ये निर्देश जारी किए हैं।

इससे पहले सरकार ने “गड्ढामुक्त हरियाणा” का लक्ष्य तय किया था। इसके तहत जून तक सभी टूटी-फूटी सड़कों को ठीक करने का काम शुरू किया गया था।

लोगों को मिलेगी राहत

सरकार का कहना है कि इन कदमों से न सिर्फ सड़कों की हालत सुधरेगी बल्कि ट्रैफिक जाम और एक्सीडेंट्स भी कम होंगे। लोगों को बेहतर सफर का अनुभव मिलेगा और गांव से शहर तक कनेक्टिविटी मजबूत होगी।

हरियाणा सरकार अब सड़कों की क्वालिटी पर कोई समझौता नहीं करना चाहती। सीएम नायब सिंह सैनी के निर्देश के बाद उम्मीद है कि राज्य की सड़कें बेहतर होंगी, ड्रेनेज सिस्टम मजबूत होगा और जनता को जल्द ही अच्छी और सुरक्षित सड़कें मिलेंगी।

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Haryana से घर लौटने लगे Nepali परिवार: Hisar-Kurukshetra से Buses में रवाना, कहा – Nepal के हालात बिगड़े, परिवार की चिंता सता रही

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नेपाल में पिछले कुछ दिनों से हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। Gen-Z आंदोलन के बाद वहां हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता फैल गई है। राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में माहौल तनावपूर्ण है। इसे देखते हुए हरियाणा में रह रहे नेपाली परिवारों की चिंता बढ़ गई है। हिसार और कुरुक्षेत्र जैसे इलाकों में काम करने वाले कई नेपाली अब अपने परिवार की खैर-खबर लेने के लिए नेपाल लौटने लगे हैं

शुक्रवार को हिसार से कई परिवार बसों में सवार होकर नेपाल के लिए रवाना हुए। हिसार में 25 से 30 हजार तक नेपाली लोग रहते हैं। ये लोग ज्यादातर चौकीदार, होटल और घरों में कुक, घरेलू नौकर, रेस्टोरेंट वर्कर, फास्ट फूड वेंडर जैसे काम करते हैं।

नेपाल में हालात खराब होने के बाद अब ये लोग धीरे-धीरे वापस लौट रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि अगर नेपाल में तख्तापलट (political change) सफल रहा तो देश में सुधार होगा और उन्हें यहीं रोजगार के मौके मिलेंगे। वहीं कुछ लोग फिलहाल केवल परिवार को सुरक्षित करने के लिए वापस जा रहे हैं और हालात सामान्य होने पर हरियाणा लौटने की बात कह रहे हैं।

हिसार से लौटते नेपाली परिवार

हिसार से नेपाल जाने के लिए हर हफ्ते बस चलती है।

  • हिसार से नेपाल बॉर्डर तक का किराया 1800 रुपये प्रति व्यक्ति है।
  • इसके बाद यात्रियों को खुद अपने गांव तक पहुंचने की व्यवस्था करनी पड़ती है।

यात्रा के दौरान आने वाली मुश्किलें

नेपाल में इस समय कई इलाकों में गाड़ियां नहीं चल रहीं, जिससे लोगों को लंबी दूरी पैदल तय करनी पड़ रही है। हिसार से चलने वाली बसें यात्रियों को बुटवल तक छोड़ती हैं, उसके बाद उन्हें खुद आगे का सफर करना पड़ता है।

नेपाल जाने वालों की कहानी

1. रमेश थापा – “5 दिन से हालात देखकर डर लग रहा है”
रमेश थापा तीन महीने पहले ही नेपाल से भारत आए थे।

  • पहले शिमला के सेब के बगीचों में काम किया।
  • तीन दिन पहले हिसार पहुंचे थे।
  • लेकिन पिछले पांच दिन से नेपाल के हालात की खबरें देखकर उन्होंने घर लौटने का फैसला किया।

“मैं अपने बेटे के साथ वापस जा रहा हूं। घर वालों की चिंता हो रही है। यहां काम करने का कोई फायदा नहीं अगर परिवार सुरक्षित न हो।”

2. लबवत राम – “कमाने आए थे, अब परिवार की चिंता में लौट रहे हैं”
लबवत राम हिसार के एक रेस्टोरेंट में काम करते थे।

  • वे यहीं कमाई करने और बाद में परिवार को बुलाने की सोच रहे थे।
  • लेकिन अब नेपाल में हिंसा और डर का माहौल देखकर सब कुछ छोड़कर वापस जा रहे हैं।

“बस वाले ने हमें भरोसा दिया है कि वह हमें बॉर्डर तक पहुंचा देगा। उसके बाद जो होगा, देखा जाएगा।”

3. रूप बहादुर – “पुराने नेताओं को हटाना जरूरी था”
रूप बहादुर हिसार के एक मैरिज पैलेस में काम करते हैं।

  • वे छह महीने पहले नेपाल से आए थे।

“हम उम्मीद कर रहे हैं कि देश में ये बदलाव अच्छे के लिए होगा। अगर हालात ठीक हो गए तो हम नेपाल में ही रहकर कमाएंगे और वहीं अपनी जिंदगी बसाएंगे।”

4. राजन – “बुटवल के बाद खुद करना होगा इंतजाम”
राजन एक साल से हिसार में होटल में काम कर रहे थे।

“नेपाल में इस समय गाड़ियां नहीं चल रहीं। हिसार से जो बस जा रही है वह हमें सिर्फ बुटवल तक छोड़ेगी। वहां से हमें पैदल या जैसे भी हो, अपने गांव तक जाना होगा।”
उनका गांव पहाड़ी इलाके में है, जो फिलहाल सुरक्षित है।

कुरुक्षेत्र का मामला निर्मल सिंह का परिवार

हिसार के अलावा कुरुक्षेत्र के पेहवा में रहने वाले निर्मल सिंह का परिवार भी नेपाल में फंसा हुआ है।

निर्मल सिंह 2009 में भारत आए और पेहवा के मेन बाजार में चाइनीज फास्ट फूड स्टॉल लगाया।

  • कुछ समय बाद उनका परिवार भी उनके साथ रहने लगा।
  • आज भी वह इसी स्टॉल से अपनी आजीविका चला रहे हैं।

निर्मल का परिवार इस समय दो हिस्सों में बंटा हुआ है।

  • पत्नी कमला और छोटा बेटा दिनेश दो हफ्ते पहले नेपाल गए थे और सुरक्षित घर पहुंच चुके हैं।
  • लेकिन बड़ा बेटा राज सिंह और छोटी बेटी का परिवार अभी काठमांडू में फंसा हुआ है।

निर्मल के बेटे राज सिंह की दो साल पहले शादी हुई थी।

  • बहू आशिका गर्भवती है और कभी भी डिलीवरी हो सकती है।
  • इसी कारण कमला नेपाल बहू के पास चली गईं।
  • राज सिंह काठमांडू में अपनी बहन ज्योति के ससुराल में रहकर जापानी भाषा सीख रहा था।
  • हिंसा के बीच घर लौटते समय भगदड़ में गिर गया, जिससे उसके हाथ में चोट लग गई।

निर्मल सिंह का कहना है कि वे भी परिवार के पास जाना चाहते हैं लेकिन बॉर्डर बंद होने की वजह से नहीं जा पा रहे।

“अभी मैं वीडियो कॉल पर परिवार से बात कर रहा हूं। बॉर्डर खुलते ही मैं नेपाल जाऊंगा।
सबसे ज्यादा चिंता मुझे काठमांडू में फंसे अपने बेटे और बेटी के परिवार की है।”

नेपाल में स्थिति और उम्मीद

नेपाल में इस समय राजनीतिक हलचल तेज है।

  • Gen-Z आंदोलन ने देशभर में माहौल गरमा दिया है।
  • कई जगह हिंसा और विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
  • लोगों का मानना है कि यह तख्तापलट नेपाल को एक नई दिशा दे सकता है।

कुछ लोगों को उम्मीद है कि हालात सुधरेंगे और देश में रोजगार बढ़ेगा।
वहीं, फिलहाल प्राथमिकता सिर्फ परिवार की सुरक्षा है।

  • हरियाणा में रह रहे नेपाली परिवार अब घर लौटने लगे हैं।
  • हिसार से बसों में भरकर लोग बुटवल तक जा रहे हैं और वहां से आगे का सफर खुद तय कर रहे हैं।
  • कुरुक्षेत्र के निर्मल सिंह जैसे लोग बॉर्डर खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
  • नेपाल की सड़कों पर फिलहाल तनाव, हिंसा और अनिश्चितता का माहौल है।
  • हर कोई अपने तरीके से इस संकट से निपटने की कोशिश कर रहा है।
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