Chandigarh
Punjab में 2300 Villages में Massive Cleanliness की शुरुआत, Flood Relief से लेकर Reconstruction तक का सफर शुरू

पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ ने कई गांवों और शहरों में तबाही मचाई थी। जब पानी का स्तर बढ़ रहा था, तब मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी सरकार ने बिना देर किए तुरंत राहत कार्य शुरू किए। अब जैसे-जैसे पानी उतर रहा है, सरकार ने राहत के साथ-साथ सफाई और पुनर्निर्माण का बड़ा अभियान शुरू कर दिया है।
आज, 14 सितंबर 2025, से पूरे पंजाब में सफाई महाअभियान की शुरुआत हो गई है। यह अभियान 23 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान 2300 से ज्यादा गांवों और शहरी वार्डों में एक साथ सफाई और बहाली का काम किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि हर गली, मोहल्ला और वार्ड को न सिर्फ साफ किया जाए बल्कि उसे पहले से भी बेहतर बनाया जाए।
सफाई के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी
इस सफाई ड्राइव के लिए सरकार ने बड़े पैमाने पर इंतज़ाम किए हैं:
- 1000 से ज्यादा सफाई कर्मचारी दिन-रात काम में जुटेंगे।
- 200 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रालियां गाद और कचरा उठाने के लिए लगाई गई हैं।
- 150 JCB मशीनें जलभराव हटाने और रास्ते साफ करने के लिए तैनात की गई हैं।
- सैकड़ों हेल्थ वर्कर्स लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल और दवाइयों के छिड़काव के लिए मैदान में हैं।
हर ज़िले में नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।

- नगर निगमों में कमिश्नर और
- जिलों में एडीसी (Additional Deputy Commissioner)
को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है कि किसी भी सफाई या राहत से जुड़ी शिकायत लंबित न रहे।
मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद इस पूरे अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वे लगातार अधिकारियों से ग्राउंड रिपोर्ट ले रहे हैं और खुद भी हालात का जायज़ा ले रहे हैं।
सिर्फ सफाई नहीं, स्वास्थ्य पर भी फोकस
सरकार का कहना है कि सफाई के साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य पर भी बराबर ध्यान दिया जा रहा है।
- बाढ़ प्रभावित इलाकों में:
- दवा छिड़काव किया जा रहा है।
- साफ पानी की सप्लाई सुनिश्चित की जा रही है।
- प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) शिविर लगाए जा रहे हैं।
5 सितंबर को जारी एडवाइजरी के तहत सभी ULBs (Urban Local Bodies) को यह निर्देश दिए गए कि वे तुरंत सफाई और डिसीज प्रिवेंशन (रोग रोकथाम) से जुड़े कदम उठाएं।
नुकसान का आकलन और मुआवज़ा
बाढ़ के दौरान हजारों घर, दुकानें, सड़कें और सार्वजनिक संपत्तियां बुरी तरह प्रभावित हुईं। सरकार ने इनके सर्वे और आकलन का काम भी शुरू कर दिया है।
इंजीनियरिंग टीमें मौके पर जाकर हर नुकसान का रिकॉर्ड तैयार कर रही हैं, जिसमें शामिल हैं:
- घर
- दुकानें
- सड़कें
- बिजली के खंभे
- पानी की सप्लाई योजनाएं
इन आंकड़ों के आधार पर सरकार जल्द से जल्द प्रभावित लोगों को मुआवज़ा (Compensation) देने का वादा कर रही है।
पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ‘पहले और बाद’ की तस्वीरें
मान सरकार ने पारदर्शिता पर जोर देते हुए साफ निर्देश दिए हैं कि हर काम की ‘Before और After’ (पहले और बाद) की तस्वीरें ली जाएं।
- इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी काम अधूरा न रहे।
- सरकारी मदद सही व्यक्ति तक पहुंचे।
- जनता को यह भरोसा मिले कि जमीनी स्तर पर वाकई काम हो रहा है।
अभियान की शुरुआत का नज़ारा
आज सुबह से ही नगर निगमों और स्थानीय प्रशासन की टीमें फील्ड में एक्टिव हो गईं।
- JCB मशीनों की गूंज और
- ट्रैक्टर-ट्रालियों की आवाजाही
यह साफ संकेत दे रही है कि पंजाब अब सिर्फ राहत के दौर से निकलकर पुनर्निर्माण (Rebuilding Phase) की ओर बढ़ रहा है।
गांवों और कस्बों के लोग भी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। कई जगह लोग खुद भी झाड़ू उठाकर सफाई में मदद कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहली बार किसी सरकार ने इतनी तेजी और गंभीरता से काम किया है।
सीएम भगवंत मान का संदेश
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साफ शब्दों में कहा:
“यह सिर्फ औपचारिकता या इवेंट नहीं है। यह पंजाब के हर घर-आंगन को फिर से खुशहाल बनाने की जंग है।”
उन्होंने कहा कि बाढ़ को सिर्फ एक प्राकृतिक आपदा (Natural Disaster) के रूप में नहीं देखा गया, बल्कि इसे पंजाबियों की हिम्मत, सेवा-भाव और एकजुटता की परीक्षा माना गया है।
मान का कहना है कि उनकी सरकार का मकसद सिर्फ काम करना नहीं, बल्कि लोगों का भरोसा जीतना भी है। इसलिए इस अभियान को जनसेवा और जवाबदेही (Accountability) के रूप में चलाया जा रहा है, न कि प्रचार के तौर पर।
विपक्ष बनाम सरकार
इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री मान ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जब कुछ दल बाढ़ के वक्त सियासत (Politics) खोज रहे थे, तब उनकी सरकार समाधान (Solution) खोजने में लगी थी।
उन्होंने कहा कि जनता अब खुद फर्क देख रही है।
- विपक्ष सिर्फ सवाल पूछ रहा है।
- जबकि मान सरकार जनता के बीच खड़ी होकर उनके पिंड (गांवों) में मौजूद रहकर काम कर रही है।
इसलिए पंजाब में आज लोग कह रहे हैं:
“मान सरकार खड़ी है, सिर उठाके, सीने ठोक के… अपने लोकां दे नाल, हर वक्त, हर हाल।”
पंजाब में यह सफाई महाअभियान सिर्फ गंदगी हटाने का काम नहीं है।
यह एक राहत से पुनर्निर्माण तक का सफर है, जिसमें सरकार ने यह साबित करने की कोशिश की है कि वह सिर्फ एलान नहीं करती, बल्कि जमीनी स्तर पर तेज़ी और ईमानदारी से काम भी करती है।
आने वाले 10 दिनों में यह साफ हो जाएगा कि पंजाब कितनी जल्दी बाढ़ की तबाही से उबरकर फिर से मजबूती के साथ खड़ा हो सकता है।
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Punjab के Government Schools में लगेंगे MiG-21 जेट, Students को मिलेगी ‘Patriotism और Technology’ की उड़ान

अब पंजाब के सरकारी स्कूल सिर्फ पढ़ाई की जगह नहीं रहेंगे, बल्कि वहाँ देशभक्ति और टेक्नोलॉजी की प्रेरणा भी मिलेगी। राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिसके तहत MiG-21 लड़ाकू विमान (fighter jet) को पंजाब के चुनिंदा “School of Eminence” में लगाया जाएगा।
इस पहल की शुरुआत शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने की है। उन्होंने भारतीय वायुसेना (IAF) के प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह को एक पत्र लिखकर निवेदन किया है कि रिटायर हो चुके MiG-21 जेट पंजाब के सरकारी स्कूलों में प्रदर्शनी के लिए दिए जाएँ।
कहाँ-कहाँ लगेंगे ये MiG-21 जेट?
शिक्षा मंत्री के प्रस्ताव के अनुसार, पंजाब के पाँच जिलों के स्कूलों में ये विमान लगाए जाएंगे –
- लुधियाना
- अमृतसर
- फिरोज़पुर
- नंगल
- खरड़
इन स्कूलों को चुना गया है ताकि राज्यभर के छात्र आकर इन्हें देख सकें और देश की रक्षा तकनीक को करीब से समझ सकें।
इस पहल का मकसद क्या है?
सरदार हरजोत सिंह बैंस का कहना है कि इस कदम का मकसद छात्रों को देशभक्ति, अनुशासन, और साहस की प्रेरणा देना है। साथ ही उन्हें रक्षा, इंजीनियरिंग, और एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए मोटिवेट करना है।
“हम सब मिलकर MiG-21 को एक ऐसी श्रद्धांजलि दे सकते हैं, जो हमेशा जीवित रहे और आने वाली पीढ़ियों में देशभक्ति और समर्पण की भावना जगाए,” — शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस।
MiG-21 की कहानी – गर्व और वीरता का प्रतीक
MiG-21 भारतीय वायुसेना का एक ऐतिहासिक और शानदार लड़ाकू विमान रहा है।

- इसने 1965 की भारत-पाक जंग,
- 1971 की बांग्लादेश मुक्ति जंग,
- और 1999 की कारगिल जंग में अहम भूमिका निभाई थी।
इसे भारत के रक्षा इतिहास का शेर (symbol of courage and dedication) कहा जाता है। हाल ही में भारतीय वायुसेना ने इसे औपचारिक रूप से रिटायर किया है।
हरजोत सिंह बैंस ने इस मौके पर भारतीय वायुसेना को बधाई देते हुए कहा कि MiG-21 जैसे विमान साहस, अनुशासन और देश सेवा की पहचान हैं, और इन्हें स्कूलों में प्रदर्शित करना युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगा।
School of Eminence – पंजाब की शिक्षा क्रांति
यह पहल पंजाब सरकार के “School of Eminence Mission” का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में सरकार राज्य की शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव ला रही है।
इस मिशन के तहत —
- स्कूलों को आधुनिक तकनीक और इनोवेशन से जोड़ा जा रहा है,
- शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रेनिंग दी जा रही है,
- और छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ लीडरशिप और प्रैक्टिकल नॉलेज की शिक्षा दी जा रही है।
अब MiG-21 को स्कूलों में लगाने का यह कदम इस मिशन को और आगे बढ़ाएगा, जिससे छात्रों को देश की रक्षा प्रणाली, विमानन और विज्ञान के प्रति रुचि पैदा होगी।
लोगों की प्रतिक्रिया
इस पहल की चर्चा अब पूरे राज्य में हो रही है। कई शिक्षकों और छात्रों ने कहा कि अगर स्कूल में असली लड़ाकू विमान होगा, तो बच्चों में देश के लिए कुछ बड़ा करने की भावना और भी मजबूत होगी।
“ये सिर्फ एक जेट नहीं, बल्कि एक सोच है — कि हमारे बच्चे भी कल के वैज्ञानिक, इंजीनियर या फौजी बन सकते हैं,” — एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका ने कहा।
अंत में…
पंजाब सरकार का यह कदम सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि नई सोच और नई शिक्षा नीति का प्रतीक है।
MiG-21 जैसे विमान जब स्कूलों में लगेंगे, तो हर बच्चा यह महसूस करेगा कि —
“आसमान अब सीमा नहीं, बल्कि शुरुआत है।”
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Zero Burning, Double Earning! Punjab सरकार का Action Plan-2025: पराली अब ‘Green Gold’

उत्तर भारत में धान की कटाई के बाद हर साल जैसे ही धुंध फैलती है, किसान और आम लोग पराली जलाने की समस्या से परेशान हो जाते हैं। अब पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में “एक्शन प्लान-2025” लॉन्च किया है, जो पराली जलाने की पुरानी प्रथा को खत्म करने और किसानों के लिए नई आय के अवसर लाने वाला है।
इस योजना में पराली को सिर्फ जला कर प्रदूषण फैलाने की बजाय “हरा सोना” बनाने का लक्ष्य रखा गया है। यानी इसे बायो-एनर्जी, जैविक खाद और बिजली उत्पादन जैसी उपयोगी चीजों में बदला जाएगा।
पायलट प्रोजेक्ट की सफलता
पिछले साल पटियाला के 17 गांवों में पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया था। इसके नतीजे बहुत उत्साहजनक रहे:
- पराली जलाने की घटनाएं 80% तक घट गईं।
- आग की संख्या 36,551 से घटकर केवल 10,479 रह गई।
इस सफलता ने दिखाया कि यह मॉडल पूरे पंजाब में काम कर सकता है।
सरकारी निवेश और मशीनें
इस योजना के तहत:
- पंजाब सरकार का बजट: 500 करोड़ रुपये
- केंद्र सरकार का सहयोग: 150 करोड़ रुपये
- 15,000+ मशीनें जैसे सुपर सीडर और बेलर सस्ते दामों पर किसानों को उपलब्ध कराई जाएंगी।
- इस साल 4,367 नई सब्सिडी वाली मशीनें और 1,500 Custom Hiring Centres (CHC) बनाए जाएंगे।
7.06 मिलियन टन पराली को बायोगैस, बिजली और ईंधन में बदलने की योजना है। अनुमान है कि 19 मिलियन टन पराली का सही इस्तेमाल सालाना लाखों किसानों की अतिरिक्त आय में मदद कर सकता है।
डिजिटल और तकनीकी मदद
सरकार ने डिजिटल तकनीक का भी इस्तेमाल किया है:
- “कृषि यंत्र साथी” (KYS) मोबाइल एप: किसानों के लिए उपकरण बुकिंग और शेड्यूलिंग आसान करेगा।
- डिजिटल जागरूकता अभियान: प्रेरक वीडियो और ‘उन्नत सिंह’ मास्कॉट गाँव-गाँव जाकर किसानों को जागरूक करेंगे।
- टी-शर्ट, कैलेंडर, कप और टोट बैग जैसी चीजें भी किसानों में बांटी जाएंगी।
जागरूकता अभियान
सरकार 3,333 गांवों में कैंप लगाएगी और 296 ब्लॉक-स्तरीय कार्यक्रमों के जरिए जागरूकता फैलाएगी। IEC (सूचना, शिक्षा और संचार) गतिविधियों के तहत घर-घर जाकर लोगों को पराली के सही प्रबंधन के बारे में बताया जाएगा।
स्वास्थ्य और पर्यावरण लाभ
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि पराली जलाने से धुंआ वायु की गुणवत्ता पर असर डालता है और लोगों में श्वास और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ती हैं। पटियाला में मिली सफलता दिखाती है कि यह मॉडल पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी है।
पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक, 15 से 27 सितंबर 2025 तक सिर्फ 82 आग की घटनाएं हुईं, जो पिछले साल से 16% कम हैं।
मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री की बातें
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा:
“पंजाब का किसान हमारी शान है। हम पराली को समस्या नहीं, अवसर मानते हैं। यह योजना न सिर्फ हवा साफ करेगी, बल्कि हर किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत करेगी।”
कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि ग्रामीण बैठकों, घर-घर जागरूकता, डिजिटल वैन और तकनीकी एप की मदद से किसान आसानी से इस योजना का फायदा उठा पाएंगे।
लक्ष्य और भविष्य
- कुल 20.5 मिलियन टन पराली का प्रबंधन किया जाएगा।
- 5 लाख एकड़ में Direct Seeding of Rice (DSR) को बढ़ावा मिलेगा।
- डेलॉइट की मदद से बायोमास पावर प्रोजेक्ट्स और बायोगैस प्लांट्स स्थापित होंगे, जहाँ किसान अपनी पराली बेचकर अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
पंजाब की यह योजना किसानों के लिए “जीरो बर्निंग, डबल अर्निंग” का मौका है। अब पराली सिर्फ धुंआ नहीं, बल्कि किसानों की आय और पर्यावरण की सुरक्षा का स्रोत बनेगी।
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Punjab में रात को सस्ती मिलेगी electricity, Industries को होगा फायदा – Powercom का बड़ा फैसला

पंजाब सरकार ने राज्य के उद्योगों को राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब पंजाब में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक उद्योगों को बिजली सस्ती मिलेगी। पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PSPCL) ने कहा है कि रात में चलने वाले उद्योगों को प्रति यूनिट ₹1 कम रेट पर बिजली दी जाएगी। यह फैसला 16 अक्टूबर 2025 से 1 मार्च 2026 तक लागू रहेगा।
क्यों लिया गया ये फैसला?
सर्दियों में पंजाब में रात के समय बिजली की खपत काफी कम हो जाती है। इस दौरान राज्य के पास अतिरिक्त बिजली बचती है, जिसे सरकार अभी दूसरे राज्यों जैसे मुंबई आदि को बेचती है। अब सरकार चाहती है कि यही बिजली पंजाब के उद्योगों को सस्ते दामों पर दी जाए, ताकि उनका उत्पादन बढ़े और राज्य की इकोनॉमी को बूस्ट मिले

बिजली के नए रेटों की सूची जारी हो गई है। लेकिन ये आदेश 16 अक्टूबर से लागू होंगे। जोकि मार्च माह तक रहेंगे।
किन उद्योगों को सबसे ज्यादा फायदा?
यह राहत खासकर उन शहरों के उद्योगों के लिए है, जहां 24×7 इंडस्ट्री चलती है और रात में भी काम होता है।
- लुधियाना – टेक्सटाइल, मशीनरी और साइकिल इंडस्ट्री
- पटियाला – विभिन्न मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स
- जालंधर – स्पोर्ट्स इंडस्ट्री और हैंड टूल्स
- मोहाली – आईटी व मैन्युफैक्चरिंग
इन शहरों में शिफ्ट सिस्टम में काम होता है, इसलिए इन्हें सीधा फायदा होगा।
सरकार के अन्य कदम इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए
पंजाब सरकार ने सिर्फ सस्ती बिजली ही नहीं, बल्कि उद्योगों को आकर्षित करने के लिए कई और बड़े कदम भी उठाए हैं –
प्राइवेट थर्मल प्लांट खरीदा
पंजाब सरकार ने गोइंदवाल में एक प्राइवेट कोयला थर्मल प्लांट खरीदा है। इससे राज्य में बिजली उत्पादन और मजबूत होगा।
बाहरी राज्यों से निवेश
अब पंजाब में बाहरी राज्यों से भी कंपनियां निवेश कर रही हैं। सरकार का मानना है कि यह राज्य के लिए positive signal है। मुख्यमंत्री ने खुद कहा है कि इसके लिए कई स्तर पर प्रयास किए गए हैं।
इंडस्ट्री से जुड़े नियम आसान
पंजाब सरकार ने उद्योग लगाने के लिए नियम सरल कर दिए हैं। अब कोई भी निवेशक सिर्फ 18 दिन में एक ही विंडो से सभी परमिशन ले सकता है। इससे उद्योग लगाने की प्रक्रिया तेज होगी और युवाओं के लिए रोजगार के मौके बनेंगे।
नई इंडस्ट्री पॉलिसी तैयार हो रही
नए उद्योग मंत्री की ओर से 24 कमेटियां बनाई गई हैं, जिनमें हर इंडस्ट्री के एक्सपर्ट शामिल हैं। उनकी राय से नई इंडस्ट्री पॉलिसी तैयार की जा रही है। इसके अलावा मुख्यमंत्री खुद दिल्ली और अन्य राज्यों में जाकर उद्योगपतियों और माहिरों से मुलाकात कर चुके हैं।
सरकार की सोच
पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार का कहना है कि उनका फोकस बिजली उत्पादन बढ़ाने, उद्योगों को सुविधाएं देने और राज्य में निवेश आकर्षित करने पर है। सरकार को उम्मीद है कि इस तरह के फैसलों से पंजाब में नए उद्योग लगेंगे, पुरानी इंडस्ट्री को राहत मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के बड़े मौके तैयार होंगे।
कुल मिलाकर, रात में सस्ती बिजली का यह फैसला पंजाब की इंडस्ट्री को राहत देगा, उत्पादन में बढ़ोतरी होगी और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
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