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भारतीय यात्रियों के लिए अच्छी खबर! सऊदी अरब दे रहा है ये बड़ा तोहफा

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हाल के दिनों में भारत और सऊदी अरब के रिश्ते काफी मजबूत हुए हैं। खाड़ी देश वर्तमान में तेल पर अपनी निर्भरता कम करने और संयुक्त अरब अमीरात जैसे अन्य क्षेत्रों में आय उत्पन्न करने की कोशिश कर रहा है। यही वजह है कि वह अपनी धरती पर पर्यटन और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।

सऊदी अरब जानता है कि पर्यटन की दृष्टि से भारतीय नागरिक कितने महत्वपूर्ण हैं। इसी के चलते सऊदी अरब भारतीय नागरिकों को 96 घंटे का मुफ्त वीजा ऑफर दे रहा है। इस ऑफर को दोनों देशों के बीच यात्रा के अवसर बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।

इस ऑफर की घोषणा हाल ही में सऊदी पर्यटन प्राधिकरण एशिया प्रशांत के अध्यक्ष अलहसन अल्दाबाग ने एक चर्चा के दौरान की थी। अल्दाबाग का कदम सऊदी अरब के बढ़ते पर्यटन क्षेत्र में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। वर्तमान में भारत में यात्रियों के लिए 10 वीएफएस कार्यालय उपलब्ध हैं। आगामी वर्ष में इसके विस्तार की योजना है।

इस पहल की प्रमुख विशेषताओं में से एक स्टॉपओवर कार्यक्रम का शुभारंभ है। इस कार्यक्रम के तहत, सऊदी एयरलाइंस या निजी सऊदी कम लागत वाली एयरलाइंस फिलानास के माध्यम से यात्रा करने वाले व्यक्तियों को 96 घंटे का मुफ्त वीजा प्रदान कर रही है। इतना ही नहीं, यूके, यूएस, शेंगेन वीजा रखने वाले यात्री ई-वीजा या वीजा ऑन अराइवल के लिए पात्र हैं।

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Prime Minister Modi की Trinidad और Tobago Visit: Bilateral Ties को नई Strength, 6 Key Agreements और Indians  को Major Gift

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को त्रिनिदाद और टोबैगो की राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन में वहां की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर से मुलाकात की। यह अहम बैठक ऐतिहासिक रेड हाउस में हुई, जहां दोनों नेताओं ने कई अहम मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की और दोनों देशों के बीच रिश्ते और मजबूत करने पर सहमति जताई।

पीएम मोदी ने बिसेसर को दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी और वहां की सरकार द्वारा उन्हें और भारतीय प्रतिनिधिमंडल को दिए गए गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद भी किया। प्रधानमंत्री बिसेसर ने कहा कि मोदी की यह यात्रा भारत और त्रिनिदाद के रिश्तों में नई जान डालेगी।

दोनों नेताओं ने आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए जिन विषयों पर चर्चा की, वे आम जनता के जीवन से जुड़े हैं, जैसे:

  • कृषि और स्वास्थ्य सेवा
  • फार्मास्युटिकल्स (दवाओं से जुड़ा क्षेत्र)
  • डिजिटल पेमेंट्स और UPI सिस्टम
  • संस्कृति और खेल
  • लोगों के बीच आपसी संपर्क (People to People ties)
  • कैपेसिटी बिल्डिंग (यानी स्किल्स और ट्रेनिंग बढ़ाना)

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डिजिटल इंडिया और भारत के सफल UPI मॉडल को साझा करने से दोनों देशों को फायदा होगा।

बातचीत सिर्फ द्विपक्षीय मामलों तक सीमित नहीं रही। नेताओं ने मिलकर जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन, और साइबर सुरक्षा जैसे वैश्विक मुद्दों पर भी साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया।

पीएम मोदी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत को मिले समर्थन के लिए बिसेसर और उनकी सरकार का आभार जताया। दोनों नेताओं ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ना जरूरी है।

इसके अलावा, Global South यानी विकासशील देशों के बीच एकजुटता और सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति बनी।

बैठक के बाद भारत और त्रिनिदाद के बीच 6 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जिनमें शामिल हैं:

  1. फार्माकोपिया सहयोग (दवाओं के मानकों पर सहयोग)
  2. Quick Impact Projects (तेजी से असर दिखाने वाली विकास परियोजनाएं)
  3. संस्कृतिक आदान-प्रदान
  4. खेल के क्षेत्र में सहयोग
  5. डिप्लोमैटिक ट्रेनिंग (कूटनीतिक प्रशिक्षण)
  6. ICCR की ओर से हिंदी और भारतीय अध्ययन के लिए चेयर की स्थापना

इस यात्रा के दौरान भारत ने त्रिनिदाद एवं टोबैगो में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की 6वीं पीढ़ी तक को OCI (Overseas Citizen of India) कार्ड की पात्रता देने का ऐलान किया।
यह फैसला भारत और वहां की प्रवासी भारतीय कम्युनिटी के बीच भावनात्मक और पारिवारिक संबंधों को और गहरा करने की दिशा में उठाया गया अहम कदम है।

बैठक के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने कमला प्रसाद बिसेसर को भारत आने का आमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों को और आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी।

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा सिर्फ राजनीतिक मुलाकात नहीं थी, बल्कि आम जनता के जीवन से जुड़े मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने की एक बड़ी पहल थी। चाहे वो डिजिटल पेमेंट हो, स्वास्थ्य सेवाएं, संस्कृति, या प्रवासी भारतीय—हर स्तर पर रिश्तों को मजबूती देने वाले कदम उठाए गए हैं।

यह दौरा इस बात का संकेत है कि भारत और त्रिनिदाद एवं टोबैगो मिलकर न सिर्फ अपने नागरिकों के लिए बेहतर भविष्य बनाएंगे, बल्कि ग्लोबल चुनौतियों का भी डटकर सामना करेंगे।

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PM Modi का Trinidad और Tobago में Grand Welcome: Bhojpuri Chautaal, Dholak और Manjeera की गूंज से गूंज उठा Airportm

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब त्रिनिदाद और टोबैगो की ज़मीन पर उतरे, तो वहां का नज़ारा किसी त्योहार से कम नहीं था। पिआर्को इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उनका स्वागत भोजपुरी चौताल, ढोलक और मंजीरे के साथ पारंपरिक अंदाज़ में किया गया। इस खास मौके पर भारतीय संस्कृति और विरासत की गूंज साफ-साफ सुनाई दी।

प्रधानमंत्री मोदी की यह त्रिनिदाद और टोबैगो की पहली आधिकारिक यात्रा है और इस यात्रा की शुरुआत बेहद खास रही। एयरपोर्ट पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और स्वागत के लिए खुद त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला परसाद बिसेसर, 38 मंत्री और 4 सांसद मौजूद थे।

भोजपुरी चौताल से गूंज उठा कैरिबियन देश

जब पीएम मोदी एयरपोर्ट पहुंचे, तो वहां भोजपुरी संस्कृति की झलक देखने को मिली। पारंपरिक परिधानों में सजे कलाकारों ने ढोलक, मंजीरा और चौताल गायन के ज़रिए भारतीयता का जश्न मनाया। इस भावुक पल का वीडियो पीएम मोदी ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर भी शेयर किया और लिखा –
“Bhojpuri Chautaal echoes in Trinidad & Tobago!”

इस तरह के स्वागत ने यह साफ कर दिया कि भारतीय संस्कृति केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया के कोने-कोने में उसकी जड़ें फैली हुई हैं।

भारतीय समुदाय से मुलाकात

त्रिनिदाद और टोबैगो की राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन में पीएम मोदी ने वहां के भारतीय मूल के लोगों से मुलाकात की और उनकी उपलब्धियों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि भले ही ये लोग कई पीढ़ियों पहले भारत से गए हों, लेकिन इन्होंने अपने संस्कार और संस्कृति को अब भी संजोकर रखा है।

पीएम मोदी ने कहा –
भारत से गए लोग त्रिनिदाद और टोबैगो में कई क्षेत्रों में आगे बढ़े हैं और देश के विकास में योगदान दे रहे हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि उन्होंने आज भी भारतीय संस्कृति से जुड़ाव बनाए रखा है।”

उन्होंने यह भी कहा कि यह स्वागत उन्हें हमेशा याद रहेगा।

युवाओं से खास बातचीत

प्रधानमंत्री मोदी ने “भारत को जानिए” (Bharat Ko Janiye) क्विज के विजेताओं से भी मुलाकात की। इस क्विज़ के ज़रिए विदेशों में बसे भारतीय युवाओं को भारत से जोड़ने की कोशिश की जाती है।

इस बार के विजेताओं – शंकर रामजतन, निकोलस मराज और विन्स महतो से बातचीत के बाद पीएम मोदी ने पोस्ट किया:

“Met youngsters… This Quiz has generated widespread participation across the world and deepened the connect of our diaspora with India.”

भारतीयता की मिसाल बना त्रिनिदाद और टोबैगो

पीएम मोदी की इस यात्रा ने यह साबित कर दिया कि भारत की संस्कृति और परंपराएं दुनियाभर में कितनी मजबूत हैं। त्रिनिदाद और टोबैगो जैसे छोटे कैरिबियन देश में भी भारतीयता की छाप आज भी उतनी ही गहरी है।

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Covid के बाद अब ‘Bat Virus’ का खतरा! China में Bats से मिले नए Virus, Scientists की चेतावनी से मचा हड़कंप

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चीन एक बार फिर से दुनिया की चिंता का कारण बनता दिख रहा है। कोरोना महामारी के बाद अब एक नया खतरा सामने आया है जिसे लोग बैट वायरस कह रहे हैं। यह वायरस चीन के युन्नान प्रांत के चमगादड़ों में पाया गया है। वैज्ञानिकों की मानें तो यह वायरस बेहद खतरनाक हो सकता है और इंसानों में गंभीर बीमारियां फैला सकता है।

कहां से आया यह वायरस?

वैज्ञानिकों की एक टीम ने 2017 से 2021 के बीच युन्नान में 142 चमगादड़ों के किडनी सैंपल (गुर्दे के नमूने) इकट्ठा किए। इन सैंपल्स की Genetic Sequencing की गई, जिससे 22 अलग-अलग तरह के वायरस की पहचान हुई। इनमें से 2 वायरस Hendra और Nipah Henipavirus से मिलते-जुलते पाए गए। ये दोनों वायरस पहले से ही बेहद घातक माने जाते हैं।

कितना खतरनाक है यह वायरस?

The Sun की रिपोर्ट के मुताबिक, Hendra और Nipah जैसे वायरस इंसानों के दिमाग में सूजन (Brain Inflammation) पैदा कर सकते हैं। इसके अलावा यह वायरस सांस लेने में गंभीर दिक्कतें भी ला सकते हैं। यानी अगर यह वायरस इंसानों में फैला, तो हालात फिर से कोरोना जैसे हो सकते हैं।

और भी मिले खतरनाक जीवाणु और परजीवी

इस रिसर्च में कुछ ऐसे बैक्टीरिया और परजीवी (Parasites) भी पाए गए हैं, जिनके बारे में विज्ञान को अब तक कोई जानकारी नहीं थी। यह बात और भी डरावनी बन जाती है क्योंकि ये जीवाणु क्या कर सकते हैं, इसका अभी अंदाजा नहीं है।

कैसे फैल सकता है ये वायरस?

वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यह वायरस चमगादड़ के मूत्र (urine) से फैल सकता है। यदि कोई चमगादड़ किसी फल को गंदा कर दे और इंसान वही फल खा ले, तो संक्रमण हो सकता है। इस तरह से यह वायरस सीधे चमगादड़ से इंसान में पहुंच सकता है

क्यों है यह स्टडी जरूरी?

यह स्टडी इसलिए अहम है क्योंकि यह पहली बार है जब चीन के चमगादड़ों में पाए गए वायरस का जेनेटिक कोड दुनिया के सामने आया है। साथ ही, यह रिसर्च Covid-19 के बाद की गई है, जिसने पूरी दुनिया में लाखों लोगों की जान ली थी।

कोरोना से क्या है कनेक्शन?

कोरोना वायरस का पहला मामला 2019 के अंत में चीन के वुहान शहर में सामने आया था। वुहान की एक लैब में ही चमगादड़ों पर वायरस की रिसर्च की जाती है। कई रिपोर्ट्स में यह दावा भी किया गया था कि कोरोना वहीं से फैला। ऐसे में एक बार फिर चीन में चमगादड़ों से निकले वायरस की बात सुनकर पूरी दुनिया चौकन्नी हो गई है।

अभी खतरा नहीं, लेकिन सतर्क रहना जरूरी

इस रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक कोई नया संक्रमण या महामारी शुरू नहीं हुई है, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि इन वायरस की बीमारी फैलाने की क्षमता पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। यह शोध हमें भविष्य की संभावित महामारी से सतर्क रहने का संकेत देता है।

ध्यान रखें:

  • खुले में कटे फल न खाएं
  • जंगली जानवरों के संपर्क से बचें
  • साफ-सफाई का खास ध्यान रखें
  • कोई नई बीमारी के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से मिलें
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