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Himachal Pradesh

Himachal में Cloudburst से भारी Destruction: Mandi, Kullu, and Kangra में 8 Dead, 30 से ज्यादा लोग Missing

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हिमाचल प्रदेश में मानसून की शुरुआत के साथ ही कहर बरप गया है। मंडी, कुल्लू और कांगड़ा जिलों में हाल ही में बादल फटने की घटनाओं ने तबाही मचा दी है। तेज बारिश, लैंडस्लाइड और अचानक आई बाढ़ ने कई लोगों की जान ले ली और दर्जनों लोग अभी भी लापता हैं।

मंडी में बादल फटा, एक की मौत

मंडी जिले के करसोग और जंजैहली इलाके में बादल फटने से भारी तबाही हुई। सरपारा पंचायत में रात के समय बारिश इतनी तेज हुई कि मलबा कई घरों में घुस गया।
इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि कई लोगों के लापता होने की खबर है।

कीरतपुर-मनाली फोरलेन को भी नुकसान पहुंचा है जिससे ट्रैफिक पूरी तरह से बंद हो गया है। लोगों को आने-जाने में बहुत परेशानी हो रही है। कई गांवों का संपर्क भी शहर से टूट गया है।

कुल्लू में सबसे ज्यादा नुकसान

कुल्लू जिले की सैंज घाटी, रेहला बिहाल और गड़सा इलाके में 24 और 25 जून को बादल फटा

  • अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है।
  • कई घर और एक स्कूल पूरी तरह से तबाह हो गए
  • तीन लोग बहकर लापता हो गए, जिनकी तलाश जारी है।
  • तेज बहाव की वजह से सड़कें टूट गईं, और बिजली-पानी की सप्लाई बंद हो गई है।

NDRF और राज्य आपदा राहत दल लगातार राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं।

कांगड़ा में भी आफत

कांगड़ा जिले में भी तेज बारिश और बादल फटने की वजह से हालात बिगड़ गए हैं।
यहां 2 लोगों की जान गई और 23 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं।
घरों में पानी और मलबा भर गया है, जिससे लोग बेघर हो गए हैं।

मौसम विभाग का अलर्ट

मौसम विभाग (IMD) ने 28 जून तक रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया था। ब्यास और सतलुज जैसी नदियां उफान पर हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है।

लोगों को सलाह दी गई है कि वे पहाड़ी या नदी किनारे वाले इलाकों में जाने से बचें और अलर्ट पर रहें।

प्रशासन की तैयारियाँ

  • राहत शिविर बनाए जा रहे हैं जहां लोगों को खाना, पानी और दवाइयाँ दी जा रही हैं।
  • NDRF और पुलिस की टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही हैं।
  • जिन इलाकों में रास्ते बंद हैं, वहां हेलीकॉप्टर से जरूरी सामान भेजा जा रहा है

वीडियो और तस्वीरों में तबाही

सोशल मीडिया पर आई तस्वीरों और वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे पानी का तेज बहाव घरों को बहा ले गया। कारें पलट गईं, सड़कें टूट गईं और पेड़ जड़ से उखड़ गए।

हिमाचल प्रदेश में मानसून की शुरुआत ने लोगों को बड़ी मुसीबत में डाल दिया है। जान-माल का नुकसान लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रशासन अलर्ट पर है लेकिन मौसम की मार से बचने के लिए लोगों को खुद भी सतर्क रहना जरूरी है

Himachal Pradesh

Himachal में Monsoon त्रासदी: लगातार बारिश, Landslides और भारी नुक़सान

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बरसात और अलर्ट

मॉनसून के चलते हिमाचल का मौसम इन दिनों लगातार बेकाबू है:

  • राजधानी शिमला और आसपास हल्की बूंदाबांदी के बीच, राज्य के कई हिस्सों में निरंतर बारिश हो रही है।
  • मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 11 से 14 अगस्त तक ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है, और 15–16 अगस्त को येलो अलर्ट जारी रहेगा।

नुकसान और आंकड़े

  • अब तक कुल 224 लोगों की मौत हो चुकी है — जिनमें से 116 बारिश-जनित हादसों (जैसे भूस्खलन, फ्लैश फ्लड, डूबने आदि) के कारण हुईं, और 108 सड़क हादसों में जान गंवाई।
  • कुल लागत करीब ₹1,98,923.75 लाख या लगभग ₹1,989 करोड़ का आंका गया है।

ढांचा व अव्यवस्था

  • 359 सड़कें और 1 नेशनल हाईवे (NH-305) बंद हुए।
  • 132 बिजली ट्रांसफार्मर और 520 जल आपूर्ति स्कीमें ठप हैं।
  • कुल मिलाकर 400 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हुईं, बिजली और पानी की बड़ी किल्लत हुई।

ज़िले कितना प्रभावित?

  • मंडी सबसे ज़्यादा प्रभावित—23 बारिश-जनित और 21 सड़क हादसों में मौतें; 214 सड़कें बंद; ट्रांसफार्मर और पानी की स्कीमें खूब प्रभावित।
  • कांगड़ा में 25 बारिश से जुड़ी मौतें; कुल्लू में 10; चंबा, शिमला और अन्य जिलों में भी भारी प्रभाव रहा।

बढ़ते हादसे, ग्लोबल चैलेंज और तैयारी

  • मानसून ने पूरे हिमाचल को अपनी गिरफ़्त में लिया—रोज़ाना यातायात प्रभावित, बिजली–पानी बाधित, घर, खेती और बुनियादी ढांचे को भारी नुक़सान हुआ।
  • NDMA ने हाल ही में हिमाचल व उत्तराखंड से देश में बढ़ते अत्यंत जलवायु-जनित हादसों की समीक्षा के लिए टीम भेजी है। इन हादसों के पीछे जलवायु परिवर्तन और अनियमित विकास के जोखिम को बताया गया।
  • विशेषज्ञों ने हिमाचल के विकास को रोकने योग्य सीमा से पार जाते देख चार लेन हाईवे निर्माण, नए पॉवर प्रोजेक्ट्स, अनियंत्रित टूरिज़्म पर कड़ाई की सलाह दी है।

अभी मौसम कैसा रहेगा?

Weather for Shimla, Himachal Pradesh, India:

Current Conditions: Cloudy, 66°F (19°C)

Daily Forecast:

  • Monday, August 11: Low: 65°F (18°C), High: 73°F (23°C), Description: Mainly cloudy; a couple of morning showers followed by a little rain this afternoon
  • Tuesday, August 12: Low: 64°F (18°C), High: 71°F (22°C), Description: Considerable cloudiness with occasional rain
  • Wednesday, August 13: Low: 64°F (18°C), High: 72°F (22°C), Description: Cloudy and humid with occasional rain followed by a steadier rain
  • Thursday, August 14: Low: 64°F (18°C), High: 71°F (22°C), Description: Rain, heavy at times
  • Friday, August 15: Low: 63°F (17°C), High: 69°F (20°C), Description: Periods of rain
  • Saturday, August 16: Low: 60°F (16°C), High: 71°F (22°C), Description: Cloudy with occasional rain followed by a steadier rain
  • Sunday, August 17: Low: 65°F (18°C), High: 73°F (23°C), Description: Rain

(ऊपर दिख रहा विजेट आज से अगले 7 दिनों का मौसम दिखाता है—लंबे समय तक बारिश की संभावना बनी रही है।)

हालांकि विजेट में जानकारी उपलब्ध है, लेकिन सीधे कहें:

  • आगामी दिनों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ स्थानीय तौर पर बहुत भारी बारिश का खतरा है।
  • खासकर 13–14 अगस्त को भारी बारिश की संभावना, जिसके चलते लोगों को सतर्क रहने की ज़रूरत है।

हिमाचल प्रदेश इस मानसून में गंभीर संकट से जूझ रहा है—बढ़ती बारिश, बड़े हादसे, सड़क-बिजली-पानी का टूटता सिस्टम और भारी आर्थिक नुकसान। प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है, लेकिन प्रकृति की इस चुनौती से निपटने के लिए ज़रूरत है:

  • सावधानी भरे यातायात नियम,
  • जलवायु-सेंसिटिव इंफ्रास्ट्रक्चर,
  • और लॉन्ग-टर्म प्लानिंग
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Himachal Pradesh

Himachalमें बारिश का कहर: Malana में Flash Floodसे Dam टूटा, Bridge और Heavy Vehicles बहे, Panic Among Locals

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हिमाचल प्रदेश एक बार फिर भारी बारिश की मार झेल रहा है। शुक्रवार को कुल्लू जिले की मलाणा घाटी में मूसलधार बारिश के बाद फ्लैश फ्लड (अचानक आई बाढ़) से हालात बिगड़ गए। बारिश इतनी तेज़ हुई कि मलाणा-1 हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का कॉफर डैम आंशिक रूप से टूट गया। डैम टूटते ही तेज़ बहाव में एक हाइड्रा मशीन, डंपर, रॉक ब्रेकर, कैंपर और कार बह गईं। राहत की बात ये है कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई।

मलाणा घाटी का संपर्क टूटा

तेज़ बारिश और फ्लैश फ्लड से मलाणा गांव का मुख्य रास्ता टूट गया। गांव को जोड़ने वाला लकड़ी का पैदल पुल बह गया, जिससे ग्रामीणों की आवाजाही रुक गई है। लोग प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि जल्द से जल्द वैकल्पिक पुल या अस्थायी व्यवस्था की जाए, ताकि गांव का संपर्क फिर से बहाल हो सके।

हाईवे और सड़कें भी बंद

  • चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर मंडी के पास पंडोह डैम से आगे और बगलामुखी रोपवे के पास भूस्खलन (landslide) हुआ। पहाड़ों से बड़ी चट्टानें और मलबा गिरने से सड़क पूरी तरह बंद हो गई।
  • मनाली-लेह हाईवे और चंबा-मनाली मार्ग के कई हिस्सों पर भी भूस्खलन और पानी का असर दिखा, जिससे ट्रैफिक रोकना पड़ा।
  • प्रशासन और NHAI की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और मलबा हटाने का काम जारी है। लेकिन फिलहाल, इन रास्तों पर ट्रैफिक रोक दिया गया है।

मौसम विभाग का अलर्ट

  • हिमाचल मौसम विभाग ने 2 से 5 अगस्त तक येलो अलर्ट जारी किया है।
  • 6–7 अगस्त को भी बारिश जारी रहने की संभावना है।
  • कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन जैसे जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।

भूस्खलन और बाढ़ का असर

  • पार्वती घाटी में कई अस्थायी पुल बह गए हैं।
  • कुछ जगहों पर सड़क का हिस्सा टूटकर बह गया है।
  • पार्वती नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है।
  • बिजली की 314 ट्रांसफॉर्मर यूनिट्स और 221 पानी की योजनाएं प्रभावित हुई हैं।
  • अब तक हिमाचल में मॉनसून से जुड़े हादसों में 176 लोगों की मौत हो चुकी है (सिर्फ कुल्लू में 18 मौतें)।

प्रशासन की अपील

जिला आपदा प्रबंधन (DDMA) ने लोगों से अपील की है कि:

  • नदी-नालों से दूर रहें।
  • अनावश्यक यात्रा न करें।
  • प्रशासन की सलाह को गंभीरता से लें।

NDRF, SDRF, पुलिस और होम गार्ड की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। स्थानीय लोग भी मदद कर रहे हैं और गांवों में खाने-पीने की चीजें पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।

संक्षेप में:
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। मलाणा घाटी में डैम टूटने, पुल बहने और वाहनों के बह जाने से दहशत फैल गई है। कई हाईवे और सड़कें बंद हैं। प्रशासन राहत कार्य कर रहा है, लेकिन अगले कुछ दिनों तक खतरा टला नहीं है।

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Himachal Pradesh

CM सुक्खू के पैतृक आवास के पास मंडराते दिखे संदिग्ध ड्रोन, इलाके में फैली दहशत, लोगों ने बंद कर दी अपने घरों की लाइटें।

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हिमाचल प्रदेश के CM सुखविंदर सिंह सुक्खू के पैतृक घर के पास लंबे समय तक एक संदिग्ध ड्रोन उड़ता देखा गया। इस घर में उनकी बुजुर्ग मां और परिवार के अन्य सदस्य रहते हैं। हमीरपुर जिले के नादौन थाना क्षेत्र में कई जगहों पर ड्रोन दिखाई दिए। स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। बताया गया है कि आसमान में चार ड्रोन उड़ते देखे गए।

स्थानीय लोगों ने तुरंत अपने घरों की लाइटें बंद कर दीं। इस ड्रोन को सबसे पहले सेरा गांव के ऊपर उड़ते हुए देखा गया, फिर एक ड्रोन गौना की तरफ, एक मझयार की तरफ और एक ड्रोन कोहरा गांव की तरफ बहुत तेजी से बढ़ता हुआ देखा गया। स्थानीय लोगों के अनुसार एक ड्रोन दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।

हालाँकि, पुलिस ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है। थाना प्रभारी नादौन निर्मल ने बताया कि पुलिस टीम को तुरंत मौके पर भेज दिया गया है तथा मामले की जांच शुरू कर दी गई है। एसपी हमीरपुर भगत सिंह ठाकुर ने बताया कि डीएसपी और स्थानीय थाना प्रभारी को टीम के साथ मौके पर भेज दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।

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