Connect with us

Politics

Rahul Gandhi के ‘Vote Theft’ Allegations पर BJP और EC का पलटवार – Fact-Check में क्या निकला सच?

Published

on

राहुल गांधी ने हाल ही में चुनाव आयोग (Election Commission) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि देश में “वोट चोरी” हो रही है और इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल रहा है। उन्होंने इसके सबूत दिखाने का दावा किया, खासकर कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा चुनाव को लेकर। लेकिन बीजेपी और चुनाव आयोग की तरफ से आए Fact-Check ने इन आरोपों को काफी हद तक चुनौती दी है। आइए पूरे मामले को समझते हैं।

राहुल गांधी के आरोप

  • राहुल गांधी का कहना है कि महादेवपुरा में चुनाव साफ तौर पर BJP के पक्ष में “रिग” (Rigged) किए गए
  • उन्होंने एक तस्वीर दिखाई जिसमें इलेक्टोरल रोल पर BLA (Booth Level Agent) के सिग्नेचर थे।
  • उनका आरोप है कि एक ही पते पर दर्जनों वोटर रजिस्टर्ड हैं, जो चुनावी धांधली का सबूत है।
  • उन्होंने दावा किया कि एक पते पर 80 वोटर और एक अन्य घर (हाउस नं. 80) में 18 नाम दर्ज थे।
  • कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर बेंगलुरु में बड़ा रैली भी की।

BJP और EC का जवाब

  1. तस्वीर से धांधली साबित नहीं होती
    1. बीजेपी का कहना है कि जिस तस्वीर को राहुल गांधी सबूत बता रहे हैं, वह डुप्लीकेट वोटिंग का प्रमाण नहीं है।
    1. चुनाव आयोग के मुताबिक, बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट में बीजेपी ने 4 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त ली, और कांग्रेस ने भी 4 में बढ़त ली — यानी मामला सिर्फ महादेवपुरा तक सीमित नहीं।
  2. कांग्रेस के गढ़ में भी डुप्लीकेट वोटर
    1. Fact-Check में सामने आया कि डुप्लीकेट वोटर सिर्फ BJP वाले इलाकों में नहीं, बल्कि कांग्रेस के मजबूत गढ़ जैसे शिवाजीनगर और चामराजपेट में भी मिले।
    1. बीजेपी पूछ रही है कि कांग्रेस इन इलाकों की बात क्यों नहीं कर रही।
  3. महाराष्ट्र का धुले लोकसभा सीट मामला
    1. राहुल गांधी अक्सर महाराष्ट्र का उदाहरण देकर चुनाव आयोग की आलोचना करते हैं, लेकिन बीजेपी ने धुले सीट का मामला उठाया।
    1. यहां बीजेपी को कुल 5.75 लाख वोट और कांग्रेस को 3.84 लाख वोट मिले।
    1. मालेगांव सेंट्रल (अल्पसंख्यक बहुल इलाका) में कांग्रेस को 94.52% वोट मिले, बीजेपी को सिर्फ 2.21% — बीजेपी पूछ रही है कि इतने बड़े अंतर और डुप्लीकेट वोटरों के बावजूद कांग्रेस यहां कैसे जीती।
  4. 80 वोटर एक पते पर – असली वजह
    1. चुनाव आयोग ने जांच में पाया कि जिस पते पर 80 वोटर दर्ज थे, वहां पहले मजदूर वर्ग के लोग रहते थे, जो अब वहां से जा चुके हैं।
    1. कोई सबूत नहीं कि उन्होंने BJP को वोट दिया।
    1. हाउस नं. 80 पर 18 वोटर रजिस्टर्ड होने की बात भी सामने आई, जिस पर BJP का कहना है कि यही वजह है कि Special Intensive Revision (SIR) जरूरी है।
  5. EC का तर्क
    1. EC के मुताबिक, वोटर लिस्ट में डुप्लीकेट नाम अक्सर मल्टी-सिटी या मल्टी-टाउन रजिस्ट्रेशन की वजह से होते हैं, न कि जानबूझकर की गई धांधली से।
    1. आयोग का कहना है कि वह लगातार सभी पार्टियों से वोटर लिस्ट साफ करने में सहयोग की अपील कर रहा है।

मौजूदा हालात

  • राहुल गांधी अपने आरोपों पर अड़े हुए हैं और बीजेपी-EC की सफाई से सहमत नहीं हैं।
  • बीजेपी इस मुद्दे को पलटकर कांग्रेस के गढ़ में भी गड़बड़ी के सवाल उठा रही है।
  • मामला अब राजनीतिक बहस और आरोप-प्रत्यारोप में फंस चुका है, और फिलहाल किसी समाधान के आसार नहीं दिख रहे।
Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Blog

India-Maldives Relations में नया मोड़: PM Modi की यात्रा में 8 Key Agreements, 4,850 Crore की मदद और Developmentका नया Roadmap

Published

on

माले में 25 जुलाई 2025 को एक ऐसा नजारा देखने को मिला, जो कुछ महीने पहले तक किसी ने सोचा भी नहीं था। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, जो कभी “इंडिया आउट” अभियान का चेहरा थे, वहीं खड़े थे, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने मालदीव के साथ रिश्तों को नई दिशा देने वाले 8 बड़े समझौते पर दस्तखत किए।

ये समझौते सिर्फ कागज पर नहीं हैं – ये दोनों देशों के बीच भरोसे और साझेदारी की नई कहानी लिख रहे हैं।

क्या-क्या समझौते हुए?

4,850 करोड़ रुपये (565 मिलियन डॉलर) की नई लाइन ऑफ क्रेडिट
– भारत के EXIM बैंक की ओर से दी जाने वाली ये राशि मालदीव में इंफ्रास्ट्रक्चर, हेल्थकेयर, डिफेंस, एजुकेशन और कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स में इस्तेमाल होगी।

कर्ज़ से राहत
– भारत ने मालदीव का कर्ज चुकाने का दबाव कम कर दिया। अब मालदीव को हर साल 51 मिलियन डॉलर की जगह सिर्फ 29 मिलियन डॉलर चुकाने होंगे – यानी करीब 40% कम बोझ।

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की शुरुआत
– दोनों देशों ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की बातचीत शुरू करने का फैसला किया, जिससे कारोबार और निवेश आसान होगा।

डिजिटल पार्टनरशिप और UPI लॉन्च
– भारत के UPI को मालदीव में रोल आउट किया जाएगा। इससे पर्यटक और स्थानीय लोग cross-border payment आसानी से कर पाएंगे।
– ई-गवर्नेंस और डिजिटल सॉल्यूशंस पर भी सहमति बनी, ताकि मालदीव भारत के सफल डिजिटल मॉडल से सीख सके।

फिशरीज और एक्वाकल्चर में सहयोग
– मछलीपालन मालदीव की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। अब भारत और मालदीव मिलकर इस सेक्टर को आगे बढ़ाएंगे।

हेल्थकेयर और दवाओं पर समझौता
– भारतीय फ़ार्माकोपिया कमीशन और मालदीव फ़ूड एंड ड्रग अथॉरिटी ने दवाओं की क्वालिटी और मानक तय करने के लिए MoU साइन किया।

मौसम और क्लाइमेट साइंस पर काम
– इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी और मालदीव मेट्रोलॉजिकल सर्विस एक साथ मौसम पूर्वानुमान, क्लाइमेट रिसर्च और एनवायरनमेंटल स्टडीज पर काम करेंगे।

डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के लिए सहयोग
– भारत अपनी बड़ी डिजिटल पहलों जैसे आधार, डिजिलॉकर, और UPI से सीखी चीजें मालदीव को साझा करेगा।

मोदी की यात्रा में क्या-क्या हुआ?

  • पीएम मोदी ने वर्चुअली हनिमाधू एयरपोर्ट विस्तार और अद्दू सिटी रोड व ड्रेनेज प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया।
  • भारत ने मालदीव को 3,300 हाउसिंग यूनिट्स और डिफेंस व इमिग्रेशन विभाग के लिए 72 गाड़ियां दीं।
  • दो आरोग्य मैत्री हेल्थ क्यूब (BHISHM units) गिफ्ट की गईं – ये मोबाइल हॉस्पिटल जैसी किट हैं, जो 72 घंटे में 200 लोगों का इलाज कर सकती हैं।
  • मोदी और मुइज्जू ने साथ में आम का पौधा लगाया, जो भारत की “एक पेड़ मां के नाम” और मालदीव की “5 मिलियन ट्री प्लांटेशन” मुहिम का हिस्सा है।
  • दोनों नेताओं ने मालदीव के नए 11-मंजिला डिफेंस मंत्रालय भवन का उद्घाटन किया – जो भारत की मदद से बना है।

क्यों अहम है ये यात्रा?

याद करें, जब मुइज्जू 2023 में सत्ता में आए थे, तो उन्होंने सबसे पहले नारा दिया था – इंडिया आउट”। उन्होंने कहा था कि भारतीय सैनिक मालदीव छोड़कर जाएं

  • 2024 तक भारत ने सारे सैनिक हटा लिए।
  • लेकिन जैसे-जैसे मालदीव की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ा और कर्ज की समस्या गहराई, मुइज्जू ने धीरे-धीरे रुख बदला।

अब वही राष्ट्रपति, जो भारत से दूरी बना रहे थे, मोदी को “मालदीव का सबसे भरोसेमंद दोस्त” कह रहे हैं।

क्या मायने हैं इन समझौतों के?

मालदीव को तुरंत राहत – कर्ज कम हुआ, नई मदद मिली।
भारत को फायदा – हिंद महासागर में उसकी रणनीतिक मौजूदगी और मज़बूत होगी।
डिजिटल और हेल्थ सेक्टर में साझेदारी – मालदीव के लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
ये भी एक मैसेज है चीन को, जिसने हाल के सालों में मालदीव में निवेश बढ़ाया था, कि भारत फिर से मालदीव का सबसे करीबी पार्टनर है।

25 जुलाई 2025 का ये दिन भारत-मालदीव रिश्तों के इतिहास में मील का पत्थर बन गया।
कोई नारे नहीं, कोई भाषण नहीं – सिर्फ दस्तखत।

दस्तखत जो विकास, भरोसे और नए रिश्ते की गवाही दे रहे हैं।
कभी ‘इंडिया आउट’ की आवाज़ लगाने वाले राष्ट्रपति मुइज्जू, आज वही भारत के साथ खड़े हैं – और दोनों देशों की कहानी का नया अध्याय लिख रहे हैं।

Continue Reading

Politics

“किसानों का पैसा लूटकर बना रहे महल, अब जनता सबक सिखाएगी” – Gujarat में Arvind Kejriwal का BJP पर बड़ा हमला

Published

on

गुजरात के अरावली जिले के मोडासा में आयोजित किसान महासभा में आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि “बीजेपी गरीब दूध उत्पादक किसानों का पैसा लूटकर अपने लिए ऐशो-आराम के महल बना रही है।” साथ ही उन्होंने मांग की कि साबर डेयरी प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसान अशोक चौधरी के परिवार को राज्य सरकार और साबर डेयरी की तरफ से एक-एक करोड़ रुपये का मुआवज़ा दिया जाए।

अशोक चौधरी की मौत से भड़का मामला

मामला 14 जुलाई का है, जब गुजरात के हिम्मतनगर स्थित साबर डेयरी पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। इस दौरान इदर तालुका के जिंजवा गांव के 42 वर्षीय किसान अशोक चौधरी की मौत हो गई। किसानों की मांग थी कि डेयरी प्रॉफिट का सही हिस्सा उन्हें मिले। केजरीवाल ने इसे सरकार की “क्रूरता और भ्रष्टाचार” बताया।

“AAP किसानों के साथ खड़ी है”

केजरीवाल ने कहा,

“अगर अगली बार किसी किसान पर गोली चलाई जाएगी, तो वो गोली पहले अरविंद केजरीवाल के सीने से होकर जाएगी। AAP पूरी तरह किसानों के साथ खड़ी है।”

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने पिछले 5 सालों में 16% से 18% तक प्रॉफिट घोषित किया, लेकिन इस साल अचानक इसे 9.5% बता दिया गया है। “बाकी का पैसा कहां गया? ये पैसा या तो स्विस बैंक में गया है या फिर इससे बीजेपी के नेता महल, हेलिकॉप्टर, कारें और प्राइवेट जेट खरीद रहे हैं,” – केजरीवाल ने आरोप लगाया।

झूठे ऐलान कर रही है सरकार”

केजरीवाल ने दावा किया कि 18 जुलाई को जब AAP के नेता इसुदान गढ़वी ने ऐलान किया कि केजरीवाल और पंजाब CM भगवंत मान 23 जुलाई को गुजरात आएंगे, उसी दिन सरकार ने 17.5% प्रॉफिट देने की घोषणा कर दी, लेकिन वास्तव में कुछ भी नहीं दिया गया।

उन्होंने कहा कि इसुदान गढ़वी अशोक चौधरी के घर मिलने गए थे, जो बेहद गरीब परिवार था और घर की छत तक नहीं थी। “सरकार ऐसे लोगों का पैसा लूटकर महल बना रही है। इन्हें पाप लगेगा और ये नरक में जाएंगे,” – केजरीवाल ने तीखे शब्दों में कहा।

“30 साल की सत्ता से बढ़ा घमंड”

केजरीवाल ने कहा कि गुजरात में बीजेपी को 30 साल से सत्ता में बने रहने का घमंड हो गया है। “उन्हें लगता है कि वोटर कहीं नहीं जाएंगे, लेकिन अब लोग बदलाव चाहते हैं।”

भगवंत मान ने भी साधा निशाना

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी मंच से बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि

“CR पाटिल एक तरफ तो पानी को लेकर पंजाब और हरियाणा की लड़ाई में mediator बनते हैं और दूसरी तरफ गुजरात की दूध यूनियनों की लड़ाई में भी घुसे हुए हैं। यहां तो हालत ये है कि दूध में पानी नहीं, बल्कि पानी में दूध मिलाया जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि बीजेपी जहां भी जाती है, अपने साथ अडानी और एक बड़ा “गैंग” भी ले जाती है। “अब लूट ज्यादा दिन नहीं चलेगी। लोगों के हाथ में अब नया बटन है – झाड़ू वाला बटन। पहले ये सिर्फ घर और ऑफिस की सफाई के लिए होता था, अब इससे देश की राजनीति और सिस्टम की सफाई होगी,” – मान ने कहा।

मुख्य बातें संक्षेप में:

  • केजरीवाल का आरोप – किसानों का पैसा लूटकर बीजेपी बना रही ऐशो-आराम के महल
  • मांग – अशोक चौधरी के परिवार को ₹1 करोड़ का मुआवजा दे राज्य सरकार और साबर डेयरी
  • भगवंत मान ने भी किया हमला – “दूध में मिलाया जा रहा पानी, अब झाड़ू करेगा सफाई”
  • AAP ने कहा – सरकार झूठे वादे कर रही, किसान अब जागरूक हैं
  • 30 साल की सत्ता ने बीजेपी को दिया घमंड – केजरीवाल

ये मामला क्यों अहम है?

यह मामला सिर्फ एक किसान की मौत का नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम पर सवाल उठाने वाला है। किसानों की आमदनी, सरकारी डेयरी के मुनाफे, सरकार की जवाबदेही – इन सब मुद्दों पर यह बहस छिड़ चुकी है। आने वाले चुनावों में यह मुद्दा अहम बन सकता है।

Continue Reading

Politics

Bihar Politics Heats Up: Chirag Paswan बोले – ‘Mahagathbandhan ने Elections से पहले ही हार मान ली’

Published

on

बिहार में एक बार फिर सियासत गरमा गई है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने रविवार को पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान महागठबंधन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि महागठबंधन ने अभी से मान लिया है कि वे चुनाव हारने वाले हैं, इसलिए हर सरकारी कदम उन्हें साजिश लग रहा है।”

चिराग का यह बयान उस वक्त आया है जब चुनाव आयोग राज्य में मतदाता सूची का सघन पुनरीक्षण अभियान चला रहा है, ताकि फर्जी वोटरों को हटाया जा सके और चुनाव निष्पक्ष हों। लेकिन विपक्ष इस अभियान को संदेह की नजर से देख रहा है और इसे सत्ता पक्ष की चाल बता रहा है।

मतदाता सत्यापन पर मचा राजनीतिक बवाल

विपक्षी पार्टियों, खासकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने आरोप लगाया है कि यह अभियान मतदाता सूची में छेड़छाड़ के लिए चलाया जा रहा है, ताकि सत्ताधारी गठबंधन को फायदा मिल सके।
इस पर जवाब देते हुए चिराग पासवान ने कहा कि यह चुनाव आयोग की नियमित प्रक्रिया है और इसका मकसद सिर्फ यह है कि कोई भी फर्जी वोटर वोट न डाल पाए।

उन्होंने कहा –

“महागठबंधन के पास अब कोई ठोस मुद्दा नहीं बचा है। इसलिए वो हर सरकारी काम में साजिश ढूंढने लगे हैं। जबकि सच्चाई ये है कि चुनाव आयोग का यह अभियान पूरी तरह पारदर्शी है और इसका सभी को समर्थन करना चाहिए।”

तेजस्वी यादव पर भी साधा निशाना

मंत्री चिराग पासवान ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर भी सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि

“बिहार की जनता दोबारा जंगलराज नहीं चाहती। उन्होंने पहले ही देख लिया है कि उस तरह के शासन में क्या हाल होता है।”

उन्होंने तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनने की संभावनाओं पर कहा –

“मुख्यमंत्री कौन बनेगा, ये जनता तय करेगी। तेजस्वी यादव अपने दम पर सीएम बन सकते हैं या नहीं, ये भी जनता देख चुकी है। महागठबंधन किसे अपना सीएम चेहरा बनाएगा, ये उनका आंतरिक मामला है।”

बिहार में आने वाले चुनावों से पहले सियासी बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। चिराग पासवान का बयान विपक्ष के लिए नई चुनौती बन सकता है।
वहीं, मतदाता पुनरीक्षण को लेकर चुनाव आयोग को भी विश्वास बढ़ाने वाले कदम उठाने होंगे ताकि किसी को पक्षपात की आशंका न हो।

बिहार की जनता अब सियासी दाव-पेंच को अच्छे से समझती है और ये तय करना उनके हाथ में है कि वे किसे चुनते हैं – विकास की राजनीति या आरोप-प्रत्यारोप की।

Continue Reading

Trending