Punjab
Punjab Assembly में पेश हुआ Anti-SacrilegeBill, Holy Scriptures को बेअदबी पर Imprisonment का प्रावधान

पंजाब सरकार ने राज्य में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को रोकने के लिए एक सख्त कानून बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सोमवार को पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के तीसरे दिन मुख्यमंत्री भगवंत मान ने “पंजाब पवित्र ग्रंथों के विरुद्ध अपराध रोकथाम विधेयक, 2025″ (Punjab Prevention of Offences Against Holy Scriptures Bill, 2025) पेश किया। इस बिल में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी करने वालों को उम्रकैद तक की सजा और ₹5 से ₹10 लाख तक का जुर्माना देने का प्रावधान है।
बिल में क्या है खास?
- इस कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी भी पवित्र ग्रंथ — जैसे कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब, भगवद गीता, बाइबिल या कुरान — को जलाता है, फाड़ता है, रंग बिगाड़ता है, गंदा करता है या किसी भी तरह की बेअदबी करता है, तो उसे 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।
- ₹5 लाख से ₹10 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
- अगर कोई केवल कोशिश करता है बेअदबी की, तब भी उसे 3 से 5 साल तक की सजा और ₹3 लाख तक जुर्माना हो सकता है।
- ये अपराध गंभीर (cognisable), गैर-जमानती (non-bailable) और समझौता न होने योग्य (non-compoundable) होंगे।
- ऐसे मामलों की जांच DSP रैंक से ऊपर के अधिकारी ही करेंगे और केस सेशन कोर्ट में चलाया जाएगा।
- दोषियों को पैरोल नहीं मिलेगी और ऐसे केसों के लिए स्पेशल कोर्ट भी बनाए जाएंगे।
CM भगवंत मान का बयान
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कानून राज्य में भाईचारे, शांति और सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि 2015 से अब तक बेअदबी के कई मामलों ने पंजाब को हिलाया है और लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। ऐसे अपराधों पर अब सख्त कार्रवाई जरूरी है।
विपक्ष की राय
विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने बिल को गंभीर मुद्दा बताया और मंगलवार को इस पर चर्चा की मांग की, जिसे स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने स्वीकार कर लिया। CM मान ने भी विपक्ष की मांग को सही बताया, लेकिन कहा कि यह हैरानी की बात है कि इतना गंभीर मुद्दा होने के बावजूद चर्चा के लिए विपक्ष को समय चाहिए।
पहले भी हो चुकी है कोशिशें
- 2016 और 2018 में भी पंजाब विधानसभा ने ऐसे ही बिल पास किए थे — पहले SAD-BJP सरकार और फिर कांग्रेस सरकार ने। लेकिन दोनों बार राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिली।
- उस वक्त केवल गुरु ग्रंथ साहिब के लिए सजा का प्रावधान था, लेकिन इस बार सभी धर्मों के ग्रंथों को शामिल किया गया है, ताकि संविधान की धर्मनिरपेक्षता (secularism) को बनाए रखा जा सके।
वर्तमान कानूनों से अलग क्यों है ये बिल?
सरकार का कहना है कि अभी तक भारतीय दंड संहिता (BNS, 2023) की कुछ धाराएं जैसे 298, 299, और 300 धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने से जुड़े मामलों में 1 से 3 साल की सजा देती हैं, जो पर्याप्त नहीं मानी जा रही थीं। इस नए बिल से कानून में एक बड़ा गैप भरा जाएगा और दोषियों को सख्त सजा मिलेगी।
साथ ही बना दूसरा कानून भी
इसी दिन राज्य सरकार ने एक और कानून पास किया — “Punjab Regulation of Crusher Units, Stockists and Retailer Rules, 2025”। इसका मकसद अवैध रेत-बजरी खनन को रोकना और क्रशर यूनिट्स, स्टॉकिस्ट और रिटेलर्स की गतिविधियों को नियमों में लाना है। नए नियमों के तहत पारदर्शिता बढ़ेगी और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले धंधों पर लगाम लगेगी।
पंजाब सरकार का यह बिल एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इससे धार्मिक ग्रंथों की पवित्रता की रक्षा होगी और जो लोग समाज में नफरत फैलाना चाहते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी। अब देखना होगा कि इस बार ये बिल राष्ट्रपति की मंजूरी पाता है या नहीं।
National
Ludhiana GLADA को High Court से बड़ा झटका: Plot खरीदार को पैसे लौटाने के आदेश को चुनौती देने वाली Petition खारिज

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने ग्रेटर लुधियाना एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (GLADA) को बड़ा झटका देते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी। GLADA ने एक आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उसे एक प्लॉट खरीदार को पैसे लौटाने का निर्देश दिया गया था।
मामले की पृष्ठभूमि:
यह विवाद 2012 की GLADA की आवासीय प्लॉट योजना से जुड़ा है, जो शुगर मिल साइट, जगराओं में लागू थी। कांता नाम की महिला को 500 वर्ग गज का प्लॉट आवंटित किया गया था। इसके बाद GLADA की मंजूरी से यह प्लॉट शिकायतकर्ता को ट्रांसफर कर दिया गया। कांता ने लगभग ₹29.76 लाख और ₹1.08 लाख हस्तांतरण शुल्क देकर दिसंबर 2015 में पुन: आवंटन पत्र प्राप्त किया।
कब्जा नहीं मिला और शिकायत दर्ज:
आवंटन की शर्तों के अनुसार, प्लॉट का कब्जा 90 दिनों के भीतर दिया जाना था। लेकिन खरीदार ने लगातार अनुरोध करने के बावजूद, दो साल तक प्लॉट का कब्जा नहीं मिला।
इस पर शिकायतकर्ता ने सेवा में कमी (deficiency of service) का आरोप लगाते हुए उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने ब्याज और मुआवजे के साथ धनवापसी की मांग की।
SCDRC और NCDRC के आदेश:
- SCDRC (2018) ने GLADA को निर्देश दिया कि वह जमा राशि 12% ब्याज के साथ, हस्तांतरण शुल्क और उत्पीड़न के लिए ₹1 लाख मुआवजा लौटाए।
- NCDRC (2024) ने SCDRC के आदेश को कुछ बदलावों के साथ बरकरार रखा। धनवापसी और ब्याज जारी रहे, लेकिन मुआवजे की राशि को रद्द कर ₹10,000 जुर्माना लगाया।

GLADA की दलील:
GLADA ने उच्च न्यायालय में यह दावा किया कि आवंटन पत्र के सेक्शन 4 के अनुसार, अगर आवंटनकर्ता निर्धारित समय में कब्जा नहीं लेता, तो इसे “डीम्ड कब्जा” माना जाएगा। इसके अलावा, GLADA ने आरोप लगाया कि खरीदार ने प्लॉट को सट्टा (speculative) उद्देश्य से खरीदा था।
हाईकोर्ट का फैसला:
हाईकोर्ट ने GLADA की दलीलों को खारिज कर दिया। बेंच ने कहा कि GLADA ने यह साबित नहीं किया कि कब्जा समय पर दिया गया या प्लॉट के लिए जरूरी विकास कार्य – जैसे सड़क कनेक्टिविटी, सीवरेज, या पूर्णता प्रमाण पत्र – पूरे किए गए।
अदालत ने स्पष्ट किया कि “डीम्ड कब्जे का कॉन्सेप्ट केवल तभी लागू होता है जब डेवलपर पूरी तैयारी कर चुका हो और प्लॉट सौंपने के लिए तैयार हो, लेकिन खरीदार इसे लेने से इंकार करता हो।” इस केस में ऐसा कुछ साबित नहीं हुआ।
हाईकोर्ट ने GLADA की याचिका को योग्यता से रहित मानते हुए खारिज कर दिया। इससे साफ है कि उपभोक्ता को उसका हक मिलता है और डेवलपर्स को समय पर सेवा देने की जिम्मेदारी है।
Punjab
Ludhiana में Lord Valmiki Shobha Yatra, CM Bhagwant Mann भी होंगे शामिल

लुधियाना में भगवान वाल्मीकि के प्रगटोत्सव के अवसर पर भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। इस खास मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल होंगे। शोभायात्रा का आयोजन दरेसी मैदान से होगा और यह दोपहर 2 बजे शुरू होगी।
शोभायात्रा शाम करीब 4 बजे दरेसी मैदान से रवाना होगी और शहर के प्रमुख बाजारों और चौकों से होते हुए भगवान वाल्मीकि मंदिर पहुंचेगी। यात्रा का रूट इस प्रकार है:
दरेसी मैदान → पुरानी सब्जी मंडी चौक → प्रताप बाजार → माता रानी चौक → घंटाघर → चौड़ा बाजार → डिवीजन नंबर 3 चौक → इस्लामिया रोड → घाटी मोहल्ला चौक → भगवान वाल्मीकि मंदिर।
यात्रा के दौरान शहर के अंदरूनी हिस्सों में चार पहिया वाहनों की एंट्री बंद रहेगी। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे ट्रैफिक जाम से बचने के लिए बाज़ारों की बजाय आसपास की सड़कों का इस्तेमाल करें।
शोभायात्रा के स्वागत के लिए पूरे शहर में जगह-जगह स्टॉल लगाए गए हैं। प्रशासन और पुलिस ने यात्रा मार्ग पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं ताकि यह आयोजन सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से हो सके।
यात्रा के आयोजक विजय दानव और यशपाल चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री शोभा यात्रा के शुभारंभ के मौके पर दरेसी मैदान से मौजूद रहेंगे और यात्रा को रवाना करेंगे।
इस अवसर पर शहरवासियों से अपील की गई है कि वे भीड़ और ट्रैफिक जाम से बचने के लिए अपनी योजनाओं में बदलाव करें और जरूरत पड़ने पर यात्रा मार्ग से दूर रहें।
National
Salute to Seniors! — ‘Sadde Buzurg Sadda Maan’: Punjab Government’ की अनोखी पहल, 22 Lakh बुज़ुर्गों को मिला सम्मान और Free Healthcare

पंजाब सरकार की सोच हमेशा से कुछ अलग करने की रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस बार राज्य के उन लोगों के लिए कदम बढ़ाया है, जिन्होंने अपनी ज़िंदगी का सबसे सुंदर हिस्सा अपने परिवार, समाज और देश के लिए समर्पित किया — हमारे बुज़ुर्ग।
आधुनिक दौर की तेज़ रफ़्तार ने बहुत कुछ बदल दिया है। घर तो बड़े हुए, लेकिन दिलों के बीच की दूरी भी बढ़ी। कई बुज़ुर्ग अपने ही घरों में अकेलेपन और लाचारी का सामना कर रहे थे। इन्हीं भावनाओं को समझते हुए मान सरकार ने शुरू किया है एक दिल को छू लेने वाला अभियान — ‘साड्डे बुज़ुर्ग साड्डा मान’ (Sadde Buzurg Sadda Maan) यानी “हमारे बुज़ुर्ग, हमारा मान”।
योजना की शुरुआत और उद्देश्य
यह योजना 3 अक्टूबर 2023, अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस पर शुरू की गई थी।
इसे सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने लॉन्च किया था।
इस अभियान का मकसद सिर्फ आर्थिक मदद देना नहीं है, बल्कि पंजाब के बुज़ुर्गों को फिर से सम्मान, प्यार और आत्मनिर्भरता देना है। सरकार चाहती है कि हर बुज़ुर्ग को एहसास हो कि वे समाज के लिए आज भी उतने ही कीमती हैं, जितने कभी थे।
मुफ्त हेल्थ कैम्प और मेडिकल सुविधा
इस योजना के तहत पूरे पंजाब में जिला स्तर पर हेल्थ कैम्प्स लगाए जा रहे हैं।
इन हेल्थ कैम्प्स में बुज़ुर्गों की उम्र से जुड़ी बीमारियों की जांच और इलाज किया जाता है।
इन सुविधाओं में शामिल हैं:
- ENT (कान, नाक, गला) जांच
- आंखों की जांच और मुफ्त चश्मे का वितरण
- जरूरी दवाओं की मुफ्त सुविधा
- आंखों की सर्जरी भी बिल्कुल मुफ्त
अब तक ये स्वास्थ्य शिविर पंजाब के 22 जिलों में लगाए जा चुके हैं —
फरीदकोट, मोगा, लुधियाना, मुक्तसर साहिब, फिरोजपुर, फाजिल्का, बठिंडा, मानसा, संगरूर, मलेरकोटला, बटाला, पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, जालंधर, एसएएस नगर (मोहाली), होशियारपुर, कपूरथला, पटियाला, रूपनगर और फतेहगढ़ साहिब।
इन शिविरों में हज़ारों बुज़ुर्गों ने न सिर्फ इलाज करवाया बल्कि नई उम्मीद के साथ ज़िंदगी जीने का आत्मविश्वास भी पाया।
वृद्धावस्था पेंशन योजना – आर्थिक सहारा
‘साड्डे बुज़ुर्ग साड्डा मान’ का एक अहम हिस्सा है वृद्धावस्था पेंशन योजना।
इसके तहत राज्य के 22–23 लाख वरिष्ठ नागरिकों को हर महीने ₹1,500 रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है।
यह राशि सीधे बुज़ुर्गों के बैंक खाते में Direct Benefit Transfer (DBT) के ज़रिए भेजी जाती है ताकि किसी को दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार,
- अगस्त 2025 तक ₹2055.05 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।
- इस दौरान 23.09 लाख बुज़ुर्गों को पेंशन का लाभ मिला है।
- मौजूदा वित्त वर्ष 2025–26 के लिए ₹4100 करोड़ का बजट रखा गया है।
यह कदम उन लोगों के लिए बड़ा सहारा है, जिनकी उम्र ढल चुकी है लेकिन आय का कोई स्थायी स्रोत नहीं है।
टोल-फ्री हेल्पलाइन – 14567
पंजाब सरकार ने बुज़ुर्गों की समस्याओं को सुनने और हल करने के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 14567 भी शुरू किया है।
इस नंबर पर बुज़ुर्ग अपनी परेशानी या सुझाव साझा कर सकते हैं।
यह हेल्पलाइन उनकी आवाज़ को सरकार तक पहुँचाने का एक सीधा रास्ता है।
वरिष्ठ नागरिक कार्ड
बुज़ुर्गों की पहचान और सुविधाओं की आसान पहुंच के लिए सरकार ने Senior Citizen Cards जारी करने की प्रक्रिया शुरू की है।
इन कार्ड्स से उन्हें सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ तुरंत मिल सकेगा।
सम्मान की वापसी
यह योजना सिर्फ पेंशन या इलाज तक सीमित नहीं है। इसका सबसे बड़ा असर उस आत्म-सम्मान पर पड़ा है, जो अकेलेपन और उपेक्षा के कारण कहीं खो गया था।
जब कोई बुज़ुर्ग मुफ्त में चश्मा पाकर अपने पोते का चेहरा फिर से साफ़-साफ़ देखता है, तो उसकी आँखों में जो चमक होती है — वही इस योजना की असली सफलता है।
मंत्री डॉ. बलजीत कौर का बयान

डॉ. बलजीत कौर ने कहा —
“सरकार का लक्ष्य सिर्फ आर्थिक मदद देना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि पंजाब का हर बुज़ुर्ग सम्मान के साथ, स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सके। हमारे बुज़ुर्ग हमारी धरोहर हैं, उनका सम्मान हमारा कर्तव्य है।”
‘साड्डे बुज़ुर्ग साड्डा मान’ सिर्फ एक सरकारी स्कीम नहीं, बल्कि यह पंजाब की संस्कृति और सेवा भावना का प्रतीक है।
यह हमें याद दिलाती है कि जिन बुज़ुर्गों ने हमें सँवारा, आज उनकी देखभाल और सम्मान हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
जैसे एक कहावत है —
“जिस घर में बुज़ुर्गों का मान होता है, वहाँ हमेशा सुख और समृद्धि रहती है।”
मान सरकार की यह पहल न सिर्फ बुज़ुर्गों की जिंदगी आसान बना रही है, बल्कि पंजाब की असली पहचान — सेवा और सम्मान — को भी नए रूप में जगा रही है।
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