Connect with us

Religious

पैरों के निशान, बनावट, रंग, साइज से पता लागए की आप कितने है भागयशाली

Published

on

हथेलियों की रेखाओं और निशानों से व्यक्ति के जीवन और स्वभाव के बारे में पता चलता है | जीवन में होने वाली सभी घटनाओं के बारे में पता चल जाता है | यहाँ तक की व्यक्ति के पैरों पर मौजूद कुछ निशानों से भी व्यक्ति के जीवन के बारे में पता लगाए जा सकता है | ऐसा कहा जाता है कि हाथों के अलावा पैरों की बनावट, रंग, साइज और रूप भी व्यक्ति के सुखी जीवन का संकेत देते हैं। आइए जानते हैं इन शुभ रेखाओं और संकेतों के बारे में विस्तृत जानकारी:

पैरों की संरचना: जिन लोगों के पैर की उंगलियां दाहिनी ओर मुड़ी हुई, मुलायम, ओवरलैपिंग वाली या बराबर होती हैं। इनके पास जीवन में असीमित धन संपत्ति होती है। इनके पास धन और ऐश्वर्य की कोई कमी नहीं होती ।

पैरों पर शुभ निशान: ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति के पैरों के तलवों पर कमल, धनुष, घड़ा, शंख, सूर्य, चंद्रमा, ध्वज या गदा हो तो ऐसे लोग बहुत भाग्यशाली होते हैं और दयालु होते हैं। उनकी किस्मत रातों-रात बदल जाती है।

पैरों के तलवों का रंग: कहा जाता है कि अगर किसी व्यक्ति के पैरों के तलवों का रंग गुलाबी या लाल है तो ऐसे लोग समृद्ध जीवन जीते हैं। इन्हें जीवन में कभी किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। ऐसे लोग अपने करियर में भी खूब तरक्की करते हैं और हर क्षेत्र में अपार सफलता हासिल करते हैं।

ऐसे पैर अच्छे स्वास्थ्य का संकेत देते हैं जिन लोगों के पैर मुलायम, सुंदर और गोल एड़ियों वाले दिखते हैं। माना जाता है कि ऐसे लोगों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और वे सुखी जीवन जीते हैं।

पैरों के अशुभ लक्षण: जिन लोगों के पैरों की उंगलियां चपटी और एड़ियां फटी होती हैं या जिनके पैर बहुत सूखे होते हैं, उन्हें अशुभ माना जाता है। इसके अलावा पैरों के तलवों पर नसों का जाल दिखना भी अशुभ संकेत है। माना जाता है कि ऐसे लोगों को जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

Religious

Kedarnath Dham के कपाट खुले: 108 क्विंटल फूलों से सजा मंदिर, पहले ही दिन 10 हजार श्रद्धालु पहुंचे।

Published

on

Kedarnath Dham के कपाट शुक्रवार को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कपाट खुलते ही भक्तों ने मंदिर में जल रही अखंड ज्योति के दर्शन किए। इसके बाद रुद्राभिषेक, शिवाष्टक, शिव तांडव स्तोत्र और केदाराष्टक का पाठ किया गया।

मंदिर में सबसे पहले कर्नाटक के वीरशैव लिंगायत समुदाय के मुख्य पुजारी (रावल) भीमशंकर पहुंचे। इसके बाद बाबा केदार पर छह महीने पहले चढ़ाया गया भीष्म शृंगार हटाया गया।

मंदिर को 54 किस्म के 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। इसमें नेपाल, थाईलैंड और श्रीलंका जैसे विभिन्न देशों से लाए गए गुलाब और गेंदा के फूल शामिल हैं।

पहले दिन करीब 10 हजार लोग दर्शन के लिए पहुंचे। भीड़ मैनेज करने के लिए टोकन सिस्टम से दर्शन करवाए जा रहे हैं। भक्त अब अगले 6 महीने तक दर्शन कर सकेंगे।

जून से अगस्त के बीच मौसम ठीक रहा तो इस बार 25 लाख से ज्यादा लोगों के केदारनाथ धाम पहुंचने का अनुमान है।

30 अप्रैल (अक्षय तृतीया) से चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुल गए हैं। बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खोले जाएंगे।

क्या है बाबा का भीष्म शृंगार, जिसे करने में 5 घंटे लगते हैं

पट खुलने के बाद भीष्म शृंगार हटाया जाएगा। यह प्रक्रिया भी दिलचस्प है। सबसे पहले शिवलिंग के पास रखे गए मौसमी फल और ड्राई फ्रूट्स का ढेर हटाते हैं। इसे आर्घा कहते हैं।

फिर बाबा पर चढ़ी एक से लेकर 12 मुखी रुद्राक्ष की मालाएं निकालते हैं। इसके बाद शिवलिंग पर चारों ओर लपेटा गया सफेद कॉटन का कपड़ा हटाया जाता है।

पट बंद करते समय शिवलिंग पर 6 लीटर पिघले हुए शुद्ध घी का लेपन करते हैं, जो इस वक्त जमा होता है, इसे धीरे-धीरे शिवलिंग से निकालते हैं।

इसके बाद होता है शिवलिंग का गंगा स्नान। गोमूत्र, दूध, शहद और पंचामृत स्नान के बाद बाबा केदार को नए फूलों, भस्म लेप और चंदन का तिलक लगाकर तैयार किया जाएगा।

कपाट बंद करते समय भीष्म शृंगार में करीब 5 घंटे लग जाते हैं, लेकिन कपाट खोलने के बाद इसे आधे घंटे में हटा दिया जाता है।

Continue Reading

Religious

कब है तुलसी विवाह? इस दिन तुलसी माता का विवाह करने से मिलेगा लाभ

Published

on

कार्तिक मास के शुकल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी मनाई जाती है. इसके अगले दिन ही तुलसी विवाह का उत्सव मनाया जाता है. इस दिन माता तुलसी का विवाह भगवान शालिग्राम के साथ किया जाता है. माना जाता है कि जो व्यक्ति तुलसी. विवाह का अनुष्ठान करता है उसे उतना ही पुण्य प्राप्त होता है, जितना कन्यादान से मिलता है. दरअसल, शालिग्राम भगवान विष्णु का ही अवतार माने जाते हैं. तो आइए जानते हैं कि तुलसी माता का विवाह किन शुभ मुहूर्तों में किया जाए. 

देवउठनी एकादशी के दिन चतुर्मास की समाप्ति होती है. इसके बाद तुलसी-शालिग्राम विवाह का आयोजन किया जाता है. तुलसी विवाह के दिन द्वादशी तिथि 23 नवंबर को रात 9 बजकर 1 मिनट पर शुरू होगी और समापन 24 नवंबर को शाम 7 बजकर 6 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, तुलसी का विवाह इस बार 24 नवंबर को ही होगा. 
इस बार तुलसी विवाह के लिए कई सारे शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. इस दिन तुलसी विवाह का समय शाम 5 बजकर 25 मिनट से शुरू होगा. इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग, सिद्धि योग भी है |
सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन
अमृत सिद्धि योग- सुबह 6 बजकर 51 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 1 मिनट तक
सिद्धि योग- सुबह 9 बजकर 5 मिनट तक 
तुलसी विवाह का आयोजन करना बहुत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम के साथ तुलसी का विवाह कराने वाले व्यक्ति के जीवन से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उस पर भगवान हरि की विशेष कृपा होती है. तुलसी विवाह को कन्यादान जितना पुण्य कार्य माना जाता है. कहा जाता है कि तुलसी विवाह संपन्न कराने वालों को वैवाहिक सुख प्राप्त होता है.

Continue Reading

Religious

अगर आप भी अपनी किस्मत बदलना चाहते है तो शनिवार के दिन करे शनि देव की पूजा

Published

on

शनिवार का दिन मतलब भगवान शनि का दिन | हिंदू धर्म में शनिवार का दिन भगवान शनिदेव को समर्पित माना जाता है। इस दिन व्रत और शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व है। शनिदेव को प्रसन्न करने से आपकी कुंडली से शनि दोष दूर हो सकता है और आपको परेशानियों से मुक्ति मिल सकती है।अगर आप भी अपनी किस्मत बदलना चाहते है तो शनिवार के दिन कुछ उपाय करे जिसे आपकी किस्मत बदल सकती है।

  1. शनिवार के दिन व्रत और पूजा करना बहुत लाभकारी माना जाता है। इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है। ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु सलाहकार डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव के अनुसार शनिवार के दिन व्रत करना चाहिए, पीपल के पेड़ के नीचे जल चढ़ाना चाहिए और शाम के समय तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होंगे और आपको आशीर्वाद देंगे।
  2. जिन लोगों की कुंडली में शनि दोष है या जिनकी कुंडली में साढ़ेसाती है उन्हें शनिवार के दिन बीज मंत्र ऊँ ऐं ह्रीं श्री शनैश्चराय नमः का 108 बार जाप करना चाहिए। ऐसा करने से आप पर शनिदेव की कृपा होगी और शनि दोष और साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी। इस मंत्र का जाप आप मंदिर में जाकर या घर पर भी कर सकते हैं।
  3. शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करने के साथ-साथ कौओं और काले कुत्तों को रोटी खिलाने से आपकी किस्मत चमक सकती है। काले कुत्ते को शनिदेव का वाहन माना जाता है। शनिवार के दिन अगर आपको काला कुत्ता दिख जाए तो यह आपके लिए शुभ हो सकता है। इसके अलावा कौओं को खाना खिलाने और उन्हें आशीर्वाद देने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
  4. शनिवार के दिन दान करना भी बहुत लाभकारी माना जाता है। जानकारों के अनुसार इस दिन गरीबों को काला छाता, कंबल, उड़द, शनि चालीसा, काले तिल, जूते, चप्पल आदि दान करें। इन चीजों के दान से शनिदेव बहुत प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी दुख दूर कर देते हैं। आप अपनी क्षमता के अनुसार दान कर सकते हैं.
  5. शनिवार के दिन शनि रक्षा सतोत्र का पाठ करना भी लाभकारी होता है। इसलिए इस दिन शनि रक्षा स्तोत्र का पाठ करें और शनि देव से साढ़ेसाती, ढैय्या या शनि दोष से रक्षा के लिए प्रार्थना करें। इससे शनिदेव आपके सभी दुख दूर कर देते हैं। अगर किसी की कुंडली में शनि दोष है तो उसे ये उपाय जरूर करने चाहिए।
Continue Reading

Trending