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केंद्र सरकार से पंजाब के 60,000 करोड़ रुपये जारी करने की अपील – CM भगवंत मान

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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य के सभी 60,000 करोड़ रुपये के बकाया फंड तुरंत जारी करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पंजाब इस समय गंभीर बाढ़ संकट से जूझ रहा है और हालात हर दिन और बिगड़ते जा रहे हैं।

बाढ़ से पंजाब की स्थिति

सीएम मान ने पत्र में लिखा कि इस बार की बाढ़ को हाल के वर्षों की सबसे खतरनाक प्राकृतिक आपदा माना जा सकता है।

  • राज्य के लगभग 1,000 गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
  • लाखों लोग इस बाढ़ से परेशान हैं।
  • करीब 3 लाख एकड़ कृषि भूमि, खासतौर पर धान की फसल, पानी में डूब चुकी है।
  • फसल कटाई से पहले ही किसानों का भारी नुकसान हो गया है।
  • पशुओं की मौत और नुकसान से डेयरी और पशुपालन करने वाले परिवारों की रोज़ी-रोटी भी खतरे में है।

प्रभावित जिले

सबसे ज्यादा नुकसान गुरदासपुर, कपूरथला, अमृतसर, पठानकोट, फिरोज़पुर, फाजिल्का और होशियारपुर जिलों में हुआ है। इन इलाकों में भारी बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी की वजह से हालात गंभीर बने हुए हैं।

आर्थिक नुकसान और बकाया फंड

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि –

  • जीएसटी लागू होने के बाद पंजाब को 49,727 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ, लेकिन अब तक केंद्र ने कोई मुआवज़ा नहीं दिया।
  • ग्रामीण विकास फंड (RDF) और मार्केट डेवलपमेंट फंड (MDF) में भी 8,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमी हो चुकी है।
  • हाल ही में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 828 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट रद्द कर दिए गए, जिससे ग्रामीण सड़कों पर बुरा असर पड़ा है।

मुआवज़े के नियमों में बदलाव की मांग

सीएम मान ने SDRF (State Disaster Response Fund) के मुआवज़े के नियमों पर सवाल उठाए।

  • मौजूदा नियमों के अनुसार, अगर फसल का नुकसान 33% से ज्यादा हो तो किसानों को सिर्फ 17,000 रुपये प्रति हेक्टेयर (यानी करीब 6,800 रुपये प्रति एकड़) मुआवज़ा मिलता है।
  • मान ने इसे किसानों के साथ बेतुका मज़ाक” बताया।
  • उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार अपनी तरफ से 8,200 रुपये प्रति एकड़ अतिरिक्त दे रही है, जिससे किसानों को कुल 15,000 रुपये प्रति एकड़ मिल रहे हैं।
  • लेकिन असली नुकसान को देखते हुए उन्होंने मांग की कि किसानों को कम से कम 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवज़ा दिया जाए।

केंद्र सरकार से अपील

मुख्यमंत्री ने कहा कि –

  • पंजाब इस समय नाज़ुक हालात में है।
  • केंद्र को तुरंत राज्य का 60,000 करोड़ रुपये का बकाया फंड जारी करना चाहिए।
  • SDRF के मुआवज़े के नियमों को जमीनी हकीकत के अनुसार संशोधित करना चाहिए।
  • राज्य सरकार आगे भी SDRF योजना के तहत अपना 25% योगदान देती रहेगी।

कुल मिलाकर, भगवंत मान ने साफ कहा है कि पंजाब अकेले इस संकट का सामना नहीं कर सकता। किसानों, पशुपालकों और आम लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार को तुरंत कदम उठाने होंगे।

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Punjab के Government Schools में लगेंगे MiG-21 जेट, Students को मिलेगी ‘Patriotism और Technology’ की उड़ान

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अब पंजाब के सरकारी स्कूल सिर्फ पढ़ाई की जगह नहीं रहेंगे, बल्कि वहाँ देशभक्ति और टेक्नोलॉजी की प्रेरणा भी मिलेगी। राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिसके तहत MiG-21 लड़ाकू विमान (fighter jet) को पंजाब के चुनिंदा “School of Eminence” में लगाया जाएगा।

इस पहल की शुरुआत शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने की है। उन्होंने भारतीय वायुसेना (IAF) के प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह को एक पत्र लिखकर निवेदन किया है कि रिटायर हो चुके MiG-21 जेट पंजाब के सरकारी स्कूलों में प्रदर्शनी के लिए दिए जाएँ।

कहाँ-कहाँ लगेंगे ये MiG-21 जेट?

शिक्षा मंत्री के प्रस्ताव के अनुसार, पंजाब के पाँच जिलों के स्कूलों में ये विमान लगाए जाएंगे –

  1. लुधियाना
  2. अमृतसर
  3. फिरोज़पुर
  4. नंगल
  5. खरड़

इन स्कूलों को चुना गया है ताकि राज्यभर के छात्र आकर इन्हें देख सकें और देश की रक्षा तकनीक को करीब से समझ सकें।

इस पहल का मकसद क्या है?

सरदार हरजोत सिंह बैंस का कहना है कि इस कदम का मकसद छात्रों को देशभक्ति, अनुशासन, और साहस की प्रेरणा देना है। साथ ही उन्हें रक्षा, इंजीनियरिंग, और एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए मोटिवेट करना है।

“हम सब मिलकर MiG-21 को एक ऐसी श्रद्धांजलि दे सकते हैं, जो हमेशा जीवित रहे और आने वाली पीढ़ियों में देशभक्ति और समर्पण की भावना जगाए,” — शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस।

MiG-21 की कहानी गर्व और वीरता का प्रतीक

MiG-21 भारतीय वायुसेना का एक ऐतिहासिक और शानदार लड़ाकू विमान रहा है।

  • इसने 1965 की भारत-पाक जंग,
  • 1971 की बांग्लादेश मुक्ति जंग,
  • और 1999 की कारगिल जंग में अहम भूमिका निभाई थी।

इसे भारत के रक्षा इतिहास का शेर (symbol of courage and dedication) कहा जाता है। हाल ही में भारतीय वायुसेना ने इसे औपचारिक रूप से रिटायर किया है।

हरजोत सिंह बैंस ने इस मौके पर भारतीय वायुसेना को बधाई देते हुए कहा कि MiG-21 जैसे विमान साहस, अनुशासन और देश सेवा की पहचान हैं, और इन्हें स्कूलों में प्रदर्शित करना युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगा।

School of Eminence – पंजाब की शिक्षा क्रांति

यह पहल पंजाब सरकार के “School of Eminence Mission” का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में सरकार राज्य की शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव ला रही है।
इस मिशन के तहत —

  • स्कूलों को आधुनिक तकनीक और इनोवेशन से जोड़ा जा रहा है,
  • शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रेनिंग दी जा रही है,
  • और छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ लीडरशिप और प्रैक्टिकल नॉलेज की शिक्षा दी जा रही है।

अब MiG-21 को स्कूलों में लगाने का यह कदम इस मिशन को और आगे बढ़ाएगा, जिससे छात्रों को देश की रक्षा प्रणाली, विमानन और विज्ञान के प्रति रुचि पैदा होगी।

लोगों की प्रतिक्रिया

इस पहल की चर्चा अब पूरे राज्य में हो रही है। कई शिक्षकों और छात्रों ने कहा कि अगर स्कूल में असली लड़ाकू विमान होगा, तो बच्चों में देश के लिए कुछ बड़ा करने की भावना और भी मजबूत होगी।

“ये सिर्फ एक जेट नहीं, बल्कि एक सोच है — कि हमारे बच्चे भी कल के वैज्ञानिक, इंजीनियर या फौजी बन सकते हैं,” — एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका ने कहा।

अंत में…

पंजाब सरकार का यह कदम सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि नई सोच और नई शिक्षा नीति का प्रतीक है।
MiG-21 जैसे विमान जब स्कूलों में लगेंगे, तो हर बच्चा यह महसूस करेगा कि —

आसमान अब सीमा नहीं, बल्कि शुरुआत है।

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Zero Burning, Double Earning! Punjab सरकार का Action Plan-2025: पराली अब ‘Green Gold’

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उत्तर भारत में धान की कटाई के बाद हर साल जैसे ही धुंध फैलती है, किसान और आम लोग पराली जलाने की समस्या से परेशान हो जाते हैं। अब पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में एक्शन प्लान-2025” लॉन्च किया है, जो पराली जलाने की पुरानी प्रथा को खत्म करने और किसानों के लिए नई आय के अवसर लाने वाला है।

इस योजना में पराली को सिर्फ जला कर प्रदूषण फैलाने की बजाय हरा सोना बनाने का लक्ष्य रखा गया है। यानी इसे बायो-एनर्जी, जैविक खाद और बिजली उत्पादन जैसी उपयोगी चीजों में बदला जाएगा।

पायलट प्रोजेक्ट की सफलता

पिछले साल पटियाला के 17 गांवों में पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया था। इसके नतीजे बहुत उत्साहजनक रहे:

  • पराली जलाने की घटनाएं 80% तक घट गईं
  • आग की संख्या 36,551 से घटकर केवल 10,479 रह गई।
    इस सफलता ने दिखाया कि यह मॉडल पूरे पंजाब में काम कर सकता है।

सरकारी निवेश और मशीनें

इस योजना के तहत:

  • पंजाब सरकार का बजट: 500 करोड़ रुपये
  • केंद्र सरकार का सहयोग: 150 करोड़ रुपये
  • 15,000+ मशीनें जैसे सुपर सीडर और बेलर सस्ते दामों पर किसानों को उपलब्ध कराई जाएंगी।
  • इस साल 4,367 नई सब्सिडी वाली मशीनें और 1,500 Custom Hiring Centres (CHC) बनाए जाएंगे।

7.06 मिलियन टन पराली को बायोगैस, बिजली और ईंधन में बदलने की योजना है। अनुमान है कि 19 मिलियन टन पराली का सही इस्तेमाल सालाना लाखों किसानों की अतिरिक्त आय में मदद कर सकता है।

डिजिटल और तकनीकी मदद

सरकार ने डिजिटल तकनीक का भी इस्तेमाल किया है:

  • कृषि यंत्र साथी” (KYS) मोबाइल एप: किसानों के लिए उपकरण बुकिंग और शेड्यूलिंग आसान करेगा।
  • डिजिटल जागरूकता अभियान: प्रेरक वीडियो और ‘उन्नत सिंह’ मास्कॉट गाँव-गाँव जाकर किसानों को जागरूक करेंगे।
  • टी-शर्ट, कैलेंडर, कप और टोट बैग जैसी चीजें भी किसानों में बांटी जाएंगी।

जागरूकता अभियान

सरकार 3,333 गांवों में कैंप लगाएगी और 296 ब्लॉक-स्तरीय कार्यक्रमों के जरिए जागरूकता फैलाएगी। IEC (सूचना, शिक्षा और संचार) गतिविधियों के तहत घर-घर जाकर लोगों को पराली के सही प्रबंधन के बारे में बताया जाएगा।

स्वास्थ्य और पर्यावरण लाभ

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि पराली जलाने से धुंआ वायु की गुणवत्ता पर असर डालता है और लोगों में श्वास और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ती हैं। पटियाला में मिली सफलता दिखाती है कि यह मॉडल पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी है।

पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक, 15 से 27 सितंबर 2025 तक सिर्फ 82 आग की घटनाएं हुईं, जो पिछले साल से 16% कम हैं।

मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री की बातें

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा:

“पंजाब का किसान हमारी शान है। हम पराली को समस्या नहीं, अवसर मानते हैं। यह योजना न सिर्फ हवा साफ करेगी, बल्कि हर किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत करेगी।”

कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि ग्रामीण बैठकों, घर-घर जागरूकता, डिजिटल वैन और तकनीकी एप की मदद से किसान आसानी से इस योजना का फायदा उठा पाएंगे।

लक्ष्य और भविष्य

  • कुल 20.5 मिलियन टन पराली का प्रबंधन किया जाएगा।
  • 5 लाख एकड़ में Direct Seeding of Rice (DSR) को बढ़ावा मिलेगा।
  • डेलॉइट की मदद से बायोमास पावर प्रोजेक्ट्स और बायोगैस प्लांट्स स्थापित होंगे, जहाँ किसान अपनी पराली बेचकर अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

पंजाब की यह योजना किसानों के लिए जीरो बर्निंग, डबल अर्निंग का मौका है। अब पराली सिर्फ धुंआ नहीं, बल्कि किसानों की आय और पर्यावरण की सुरक्षा का स्रोत बनेगी।

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Punjab में रात को सस्ती मिलेगी electricity, Industries को होगा फायदा – Powercom का बड़ा फैसला

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पंजाब सरकार ने राज्य के उद्योगों को राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब पंजाब में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक उद्योगों को बिजली सस्ती मिलेगी। पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PSPCL) ने कहा है कि रात में चलने वाले उद्योगों को प्रति यूनिट ₹1 कम रेट पर बिजली दी जाएगी। यह फैसला 16 अक्टूबर 2025 से 1 मार्च 2026 तक लागू रहेगा।

क्यों लिया गया ये फैसला?

सर्दियों में पंजाब में रात के समय बिजली की खपत काफी कम हो जाती है। इस दौरान राज्य के पास अतिरिक्त बिजली बचती है, जिसे सरकार अभी दूसरे राज्यों जैसे मुंबई आदि को बेचती है। अब सरकार चाहती है कि यही बिजली पंजाब के उद्योगों को सस्ते दामों पर दी जाए, ताकि उनका उत्पादन बढ़े और राज्य की इकोनॉमी को बूस्ट मिले

बिजली के नए रेटों की सूची जारी हो गई है। लेकिन ये आदेश 16 अक्टूबर से लागू होंगे। जोकि मार्च माह तक रहेंगे।

किन उद्योगों को सबसे ज्यादा फायदा?

यह राहत खासकर उन शहरों के उद्योगों के लिए है, जहां 24×7 इंडस्ट्री चलती है और रात में भी काम होता है।

  • लुधियाना – टेक्सटाइल, मशीनरी और साइकिल इंडस्ट्री
  • पटियाला – विभिन्न मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स
  • जालंधर – स्पोर्ट्स इंडस्ट्री और हैंड टूल्स
  • मोहाली – आईटी व मैन्युफैक्चरिंग

इन शहरों में शिफ्ट सिस्टम में काम होता है, इसलिए इन्हें सीधा फायदा होगा।

सरकार के अन्य कदम इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए

पंजाब सरकार ने सिर्फ सस्ती बिजली ही नहीं, बल्कि उद्योगों को आकर्षित करने के लिए कई और बड़े कदम भी उठाए हैं –

प्राइवेट थर्मल प्लांट खरीदा

पंजाब सरकार ने गोइंदवाल में एक प्राइवेट कोयला थर्मल प्लांट खरीदा है। इससे राज्य में बिजली उत्पादन और मजबूत होगा।

बाहरी राज्यों से निवेश

अब पंजाब में बाहरी राज्यों से भी कंपनियां निवेश कर रही हैं। सरकार का मानना है कि यह राज्य के लिए positive signal है। मुख्यमंत्री ने खुद कहा है कि इसके लिए कई स्तर पर प्रयास किए गए हैं।

इंडस्ट्री से जुड़े नियम आसान

पंजाब सरकार ने उद्योग लगाने के लिए नियम सरल कर दिए हैं। अब कोई भी निवेशक सिर्फ 18 दिन में एक ही विंडो से सभी परमिशन ले सकता है। इससे उद्योग लगाने की प्रक्रिया तेज होगी और युवाओं के लिए रोजगार के मौके बनेंगे।

नई इंडस्ट्री पॉलिसी तैयार हो रही

नए उद्योग मंत्री की ओर से 24 कमेटियां बनाई गई हैं, जिनमें हर इंडस्ट्री के एक्सपर्ट शामिल हैं। उनकी राय से नई इंडस्ट्री पॉलिसी तैयार की जा रही है। इसके अलावा मुख्यमंत्री खुद दिल्ली और अन्य राज्यों में जाकर उद्योगपतियों और माहिरों से मुलाकात कर चुके हैं।

सरकार की सोच

पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार का कहना है कि उनका फोकस बिजली उत्पादन बढ़ाने, उद्योगों को सुविधाएं देने और राज्य में निवेश आकर्षित करने पर है। सरकार को उम्मीद है कि इस तरह के फैसलों से पंजाब में नए उद्योग लगेंगे, पुरानी इंडस्ट्री को राहत मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के बड़े मौके तैयार होंगे।

कुल मिलाकर, रात में सस्ती बिजली का यह फैसला पंजाब की इंडस्ट्री को राहत देगा, उत्पादन में बढ़ोतरी होगी और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

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