Jammu & Kashmir
Jammu & Kashmir में मौसम का मिजाज बदलता-बदलता – 15 August तक बारिश और Humidity से रहेगी दोहरी परेशानी

जम्मू-कश्मीर में इन दिनों मौसम का उतार-चढ़ाव लगातार जारी है। रविवार की सुबह हल्की बारिश ने लोगों को थोड़ी राहत जरूर दी, लेकिन दिन चढ़ते ही उमस और गर्मी ने फिर से परेशान कर दिया। जम्मू में रविवार को अधिकतम तापमान 32.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से ज्यादा है।
आने वाले दिनों का हाल
मौसम विज्ञान केंद्र, श्रीनगर के मुताबिक, अगले कुछ दिनों तक जम्मू-कश्मीर का मौसम कभी गर्म और उमस भरा तो कभी बारिश वाला रहेगा।
- सोमवार को जम्मू संभाग में ज्यादातर जगहों पर गर्म और उमस भरा मौसम रहेगा, हालांकि कुछ इलाकों में हल्की बारिश और कहीं-कहीं तेज बौछारें भी गिर सकती हैं।
- 12 से 15 अगस्त के बीच जम्मू संभाग के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक के साथ बरसात होने की संभावना है।
- कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश भी हो सकती है। वहीं, कश्मीर संभाग में भी देर रात या सुबह के समय कहीं-कहीं बारिश हो सकती है।
चेतावनी और संभावित खतरे
मौसम विभाग ने 12 से 15 अगस्त तक जम्मू संभाग के कुछ इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इस दौरान
- गरज-चमक के साथ बिजली गिरने,
- तेज हवाएं चलने,
- अचानक बाढ़ (Flash Flood),
- भूस्खलन,
- मिट्टी धसकने और पत्थर गिरने
जैसी घटनाओं का खतरा बना रहेगा, खासकर पहाड़ी और संवेदनशील क्षेत्रों में।
लोगों के लिए सलाह
- मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है, खासकर उन इलाकों में जहां भूस्खलन और फ्लैश फ्लड का खतरा ज्यादा रहता है।
- यात्रा करने से पहले मौसम का अपडेट जरूर चेक करें।
- तेज बारिश के दौरान नदियों, नालों और भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों से दूर रहें।
कुल मिलाकर, जम्मू-कश्मीर में 15 अगस्त तक लोगों को गर्मी और उमस के साथ-साथ बारिश और मौसम संबंधी खतरे—दोनों से जूझना पड़ सकता है।
Jammu & Kashmir
Pakistan-occupied Kashmir में ‘जनाज़ा-ग़ायब’ – Pahalgam attack में मारे गए Terrorist Tahir Habib का नाम फिर चर्चा में, Pakistan की भूमिका पर उठे सवाल

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए दर्दनाक आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। इस हमले के पीछे पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ बताया गया था। अब इस घटना से जुड़ा एक और अहम सुराग सामने आया है – पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मारे गए आतंकी ताहिर हबीब का ‘जनाज़ा-ग़ायब’ (funeral in absentia) आयोजित किया गया। यह घटना एक बार फिर पाकिस्तान की सीधी संलिप्तता की ओर इशारा करती है।
कौन था ताहिर हबीब?
- ताहिर हबीब को ‘कैटेगरी A’ आतंकी माना जाता था और उसका सीधा संबंध लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से था।
- भारतीय एजेंसियों के अनुसार, वह उन तीन आतंकियों में शामिल था, जिन्होंने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में बड़े पैमाने पर फायरिंग और धमाके कर 26 पर्यटकों की हत्या कर दी थी।
- इस हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था और कश्मीर में हालात अचानक तनावपूर्ण हो गए थे।
ऑपरेशन ‘महादेव’ और आतंकी का खात्मा
हमले के बाद, भारतीय सुरक्षा बलों ने ‘ऑपरेशन महादेव’ शुरू किया। 29 जुलाई को संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि ऑपरेशन के तहत ताहिर हबीब सहित तीनों आतंकी मारे जा चुके हैं।
- घटनास्थल से पाकिस्तान का वोटर आईडी कार्ड, पाकिस्तानी चॉकलेट और हथियार बरामद हुए।
- इससे साफ हो गया कि ये आतंकी पाकिस्तान से आए थे और वहीं से ऑपरेट कर रहे थे।
PoK में ‘जनाज़ा-ग़ायब’ – पाकिस्तान की पोल खुली
- अगस्त के पहले हफ्ते में, PoK के खाई गाला (रावलकोट) इलाके में ताहिर हबीब का ‘जनाज़ा-ग़ायब’ हुआ।
- ‘जनाज़ा-ग़ायब’ तब पढ़ा जाता है जब शव मौजूद न हो, लेकिन प्रतीकात्मक रूप से प्रार्थना की जाती है।
- इस प्रार्थना सभा ने साबित कर दिया कि ताहिर हबीब का घर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में था और वह वहीं से आतंक की राह पर निकला था।
गांव वालों का गुस्सा – LeT कमांडर को निकाला बाहर
जनाज़ा के दौरान एक लश्कर कमांडर रिज़वान हनीफ़ जबरन वहां घुसने की कोशिश कर रहा था। लेकिन गांव वालों ने कड़ा विरोध किया और उसे वहां से भगा दिया।
- लोगों ने साफ कर दिया कि वे अब आतंकी संगठनों का साथ नहीं देंगे।
- यहां तक कि गांव ने मिलिटेंट्स और उनके नेटवर्क का बहिष्कार करने का एलान कर दिया।
- यह PoK में एक दुर्लभ घटना है, जहां आम लोग खुलकर आतंकियों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
भारत का दावा और पाकिस्तान की सफाई
- भारत लगातार कह रहा है कि 22 अप्रैल का हमला पाकिस्तान प्रायोजित था।
- पाकिस्तान ने हमेशा की तरह आरोपों से इंकार किया और कहा कि ये “fabricated allegations” हैं।
- लेकिन अब PoK में हुई यह जनाज़ा-ग़ायब रस्म भारत के दावे को और मजबूत करती है।
पूरा घटनाक्रम – एक नज़र में
तारीख | घटना |
22 अप्रैल 2025 | पहलगाम में आतंकी हमला, 26 नागरिक मारे गए |
29 जुलाई 2025 | गृह मंत्री ने संसद में बताया – तीनों आतंकी ‘ऑपरेशन महादेव’ में मारे गए |
अगस्त 2025 (पहला हफ्ता) | ताहिर हबीब का PoK में ‘जनाज़ा-ग़ायब’ हुआ |
जनाज़ा के दौरान | गांव वालों ने LeT कमांडर को भगा दिया, आतंकी नेटवर्क का बहिष्कार किया |
PoK में ताहिर हबीब का ‘जनाज़ा-ग़ायब’ पाकिस्तान की भूमिका पर सीधा सवाल खड़ा करता है। एक तरफ पाकिस्तान दुनिया के सामने खुद को निर्दोष दिखाने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ उसकी जमीन पर आतंकियों का जनाज़ा पढ़ा जा रहा है।
गांव वालों की नाराज़गी और आतंकी नेटवर्क का विरोध यह बताता है कि अब PoK में भी लोग आतंक से तंग आ चुके हैं।
Jammu & Kashmir
Kashmir के Kulgamमें मुठभेड़, Anantnag में Weapons के साथ 3 Terrorist Aides Arrested – बड़ा हमला टला

कश्मीर में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के अक्हाल, देवसर इलाके में शुक्रवार शाम आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। खबर लिखे जाने तक एनकाउंटर जारी था। बताया जा रहा है कि 2-3 आतंकी इलाके में छिपे हुए हैं, जिन्हें जवानों ने घेर रखा है।
कैसे शुरू हुई मुठभेड़?
शुक्रवार शाम सुरक्षाबलों को गुप्त सूचना मिली कि अक्हाल इलाके में आतंकियों की हलचल है। सेना, पुलिस और सीआरपीएफ ने तुरंत सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
जैसे ही जवान गांव के बाहरी हिस्से से जंगल की ओर बढ़े, वहां छिपे आतंकियों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने तुरंत जवाबी फायर किया और मुठभेड़ छिड़ गई।
इलाके में लगातार रुक-रुककर गोलीबारी हो रही है। आतंकी घने पेड़ों और झाड़ियों के बीच पोज़िशन लेकर फायर कर रहे हैं। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को कॉम्बिंग ऑपरेशन के तहत चारों ओर से घेर लिया है।
अतिरिक्त फोर्स मौके पर
जैसे ही मुठभेड़ की खबर फैली, आसपास के आर्मी कैंप्स से भी अतिरिक्त फोर्स मौके पर पहुंच गई। इलाके में घेराबंदी और कड़ी कर दी गई है, ताकि कोई भी आतंकी भाग न सके।
अनंतनाग में तीन ओवरग्राउंड वर्कर्स की गिरफ्तारी
इसी बीच, सुरक्षाबलों ने अनंतनाग में एक बड़ी कामयाबी हासिल की। पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने कराड-रानीपोरा रोड पर चेकिंग के दौरान एक मारुति ऑल्टो कार को रोका।
कार में तीन लोग सवार थे –
- वसीम रहमान (मिडूरा त्राल, अवंतीपोर, पुलवामा)
- एहसान अकरम (मिडूरा त्राल, अवंतीपोर, पुलवामा)
- इश्फाक अहमद बट (कोईल, पुलवामा – कार चालक)
कार की तलाशी में हथियारों का जखीरा बरामद हुआ, जिसमें –
एक असॉल्ट राइफल
एक पिस्तौल
और कुछ ग्रेनेड शामिल थे।
पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा
गिरफ्तार तीनों लोग लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के लिए ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) का काम कर रहे थे।
उन्होंने स्वीकार किया कि वे पुलवामा में सक्रिय आतंकियों के लिए ये हथियार ले जा रहे थे। इन हथियारों का इस्तेमाल आने वाले दिनों में एक बड़े आतंकी हमले में होना था।
पुलिस ने दावा किया है कि इनकी गिरफ्तारी से एक बड़ा आतंकी हमला टल गया है। फिलहाल इनसे पूछताछ जारी है और उनके बताए ठिकानों पर भी ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
क्या है मौजूदा स्थिति?
- कुलगाम में एनकाउंटर जारी है, सुरक्षाबलों ने आतंकियों को चारों ओर से घेर रखा है।
- अनंतनाग से मिली सफलता के बाद पुलवामा और आस-पास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।
साफ है कि कश्मीर में सुरक्षाबल आतंकियों के खिलाफ एक के बाद एक बड़ी कार्रवाई कर रहे हैं। कुलगाम का एनकाउंटर और अनंतनाग में हुई गिरफ्तारी ने साबित कर दिया है कि सेना और पुलिस आतंकियों की हर साजिश को नाकाम करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
Jammu & Kashmir
Jammu-Kashmir: Reasi में दर्दनाक हादसा – SDM Rajendra Singh और बेटे की मौत, परिवार के कई सदस्य Injured

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में शुक्रवार देर शाम एक बेहद दर्दनाक हादसा हो गया। यहां रामनगर (उधमपुर) के एसडीएम राजेंद्र सिंह राणा की गाड़ी पर अचानक पहाड़ से बड़ी चट्टान गिर गई। इस हादसे में एसडीएम राजेंद्र सिंह (JKAS 2011 बैच) और उनके करीब 6 साल के बेटे आरव की मौके पर ही मौत हो गई। गाड़ी में मौजूद अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
कैसे हुआ हादसा?
शुक्रवार शाम SDM राजेंद्र सिंह अपने परिवार के साथ अपने पैतृक गांव पट्टियां जा रहे थे। गाड़ी धर्माड़ी इलाके के सलूख इख्तर नाले (Salukh Ikhter Nallah) से गुजर रही थी। अचानक लगातार बारिश से कमजोर हुई पहाड़ी से एक बड़ा बोल्डर (चट्टान) गिरा और सीधे उनकी बोलेरो गाड़ी पर आ गिरा। चट्टान इतनी भारी थी कि गाड़ी पूरी तरह दब गई।
कौन-कौन था गाड़ी में?
गाड़ी में कुल 7 लोग सवार थे –
- एसडीएम राजेंद्र सिंह
- उनकी पत्नी निशू
- 6 वर्षीय बेटा आरव
- चचेरा भाई सुरजीत सिंह (पुत्र शंकर सिंह)
- भाभी और उनकी बेटी
- गाड़ी का ड्राइवर
हादसे में क्या हुआ?
- हादसे में एसडीएम और उनके बेटे की मौके पर ही मौत हो गई।
- पत्नी, चचेरा भाई, भाभी, उनकी बेटी और ड्राइवर गंभीर रूप से घायल हो गए।
- स्थानीय लोग और पुलिस तुरंत मौके पर पहुंचे और राहत-बचाव अभियान शुरू किया।
- सभी घायलों को रियासी जिला अस्पताल ले जाया गया। हालत गंभीर होने पर कुछ को बेहतर इलाज के लिए आगे रेफर किया गया।
क्यों जा रहे थे SDM?
परिवार के करीबी रिश्तेदारों ने बताया कि एसडीएम की मतलोत में रिश्ते की एक भाभी का आठ दिन पहले देहांत हो गया था।
शनिवार को वहां शोक संवेदना व्यक्त करने जाना था, लेकिन उससे पहले शुक्रवार को वे अपने घर पट्टियां लौट रहे थे, तभी यह दर्दनाक हादसा हो गया।
प्रशासन और नेताओं की प्रतिक्रिया
- जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा ने इस घटना पर गहरा शोक जताया। उन्होंने कहा –
“एसडीएम राजेंद्र सिंह एक समर्पित और मेहनती अफसर थे। उनका जाना एक बड़ी क्षति है। उनके परिवार को हर संभव मदद दी जाएगी।” - उधमपुर प्रशासन और पुलिस ने आश्वासन दिया कि घायलों को सर्वश्रेष्ठ मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
घटना का असर
- यह हादसा भारी बारिश और भूस्खलन (landslide) की वजह से हुआ।
- स्थानीय लोगों ने बताया कि इस इलाके में हाल ही में लगातार बारिश हो रही थी और कई जगहों पर मलबा गिरने की घटनाएं सामने आ चुकी थीं।
सारांश
1 अगस्त की यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं बल्कि एक बड़ी त्रासदी है, जिसने न सिर्फ एक अधिकारी का जीवन छीना बल्कि एक मासूम बच्चे की भी जान ले ली। यह हादसा फिर से याद दिलाता है कि पहाड़ी इलाकों में यात्रा के दौरान सावधानी और सुरक्षा इंतजाम कितने जरूरी हैं।
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