Punjab
Punjab में बनेगी नई Industrial Policy, Government बनाएगी Sector-Wise Industry Committees: Sanjeev Arora

उद्देश्य: बिज़नेस करना आसान बनाना, निवेश को बढ़ावा देना और समावेशी विकास को बढ़ाना
पंजाब सरकार जल्द ही एक नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी (औद्योगिक नीति) लेकर आ रही है। इस पॉलिसी को तैयार करने में इंडस्ट्री सेक्टर की राय को सबसे ऊपर रखा जाएगा। इसके लिए सरकार 22 अलग-अलग सेक्टरों के लिए इंडस्ट्री कमेटियां बनाएगी। ये जानकारी पंजाब के उद्योग मंत्री संजीव अरोड़ा ने मीडिया से बातचीत के दौरान दी।
कौन-कौन सी होंगी ये इंडस्ट्री कमेटियां?
संजीव अरोड़ा ने बताया कि हर कमेटी में 8 से 10 सदस्य होंगे, जिसमें एक चेयरमैन (अध्यक्ष) भी शामिल होगा। ये सभी सदस्य उद्योग जगत से जुड़े लोग होंगे। इन कमेटियों का कार्यकाल दो साल का होगा।
कमेटियां इन सेक्टरों के लिए बनाई जाएंगी:
टेक्सटाइल, IT (सूचना प्रौद्योगिकी), स्पोर्ट्स गुड्स, साइकिल इंडस्ट्री, ऑटो और ऑटो पार्ट्स, हेवी मशीनरी, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, रिन्युएबल एनर्जी, फूड प्रोसेसिंग, स्टील, केमिकल, टूरिज़्म और हॉस्पिटैलिटी, फिल्म और मीडिया, फार्मास्युटिकल, रिटेल और मैन्युफैक्चरिंग आदि।
क्या काम करेंगी ये कमेटियां?
संजीव अरोड़ा ने कहा कि ये कमेटियां सरकार को सुझाव देंगी कि हर सेक्टर में क्या ज़रूरतें हैं, और नई नीति में क्या बदलाव किए जाने चाहिए।
सरकार ने इन कमेटियों से पहली रिपोर्ट 45 दिनों में देने को कहा है ताकि जितनी जल्दी हो सके नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी को लागू किया जा सके।
“कोई उद्योग पंजाब छोड़कर नहीं जा रहा”
जब उनसे पूछा गया कि कुछ टेक्सटाइल इंडस्ट्रियलिस्ट्स ने मध्य प्रदेश में निवेश क्यों किया है, तो मंत्री ने साफ कहा, “कोई पंजाब छोड़कर नहीं जा रहा है। वो अपने व्यापार का विस्तार कर रहे हैं, जहां रॉ मटीरियल और पोर्ट की सुविधा हो, वहां जाना लॉजिकल है। लेकिन पंजाब में भी उनका काम जारी है।”
गौरतलब है कि 7 जुलाई को एमपी के सीएम मोहन यादव ने लुधियाना में इंडस्ट्रियलिस्ट्स से मुलाकात की थी और कहा था कि पंजाब के उद्योगपतियों से उन्हें ₹15,606 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं।
बिजली कट को लेकर भी बोले मंत्री
जब उनसे पूछा गया कि कई इंडस्ट्रियलिस्ट्स बिना शेड्यूल के बिजली कट्स की शिकायत कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा, “पंजाब में बिजली की कोई कमी नहीं है। बल्कि PSPCL (Punjab State Power Corporation Limited) तो कस्टमर तलाश रही है।
कुछ जगह ट्रांसमिशन या ग्रिड की समस्या होती है, लेकिन सरकार लगातार नए ग्रिड बना रही है और पुरानों को अपग्रेड किया जा रहा है। हम भरोसा देते हैं कि ये दिक्कत जल्द ही दूर हो जाएगी।”
पंजाब सरकार की यह पहल दिखाती है कि वह उद्योगों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए काम कर रही है। इंडस्ट्री से डायरेक्ट इनपुट लेकर पॉलिसी बनाना एक सकारात्मक कदम है जिससे राज्य में निवेश बढ़ेगा, और बिज़नेस करना आसान होगा।
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Punjab में उद्योगों की नई उड़ान — Shiva Texfabs’ के बड़े कदम से बढ़ेगी तरक्की की रफ़्तार

पंजाब में इन दिनों उद्योगों का दौर फिर से लौटता दिख रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार लगातार ऐसी नीतियाँ बना रही है जिनसे निवेशकों का भरोसा बढ़े और राज्य में नई इंडस्ट्री लगे। अब इसी कड़ी में एक बड़ा नाम जुड़ गया है — शिवा टेक्सफैब्स (Shiva Texfabs), जो लुधियाना की मशहूर टेक्सटाइल कंपनी है।
हाल ही में चर्चा है कि कंपनी ने ₹815 करोड़ के निवेश की योजना बनाई है, जिससे पंजाब के उद्योग क्षेत्र को नई मजबूती मिलेगी। यह निवेश लुधियाना में अत्याधुनिक टेक्सटाइल और अपैरल (Apparel) मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए किया जा रहा है। हालांकि अभी तक सरकार या कंपनी की ओर से इस निवेश को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा (official confirmation) नहीं आई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक यह प्रोजेक्ट राज्य के लिए एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
क्या करती है शिवा टेक्सफैब्स?
शिवा टेक्सफैब्स लुधियाना की एक जानी-मानी टेक्सटाइल कंपनी है। यह स्पन पॉलिएस्टर यार्न (Spun Polyester Yarn), फिलामेंट यार्न (Filament Yarn), और हाई परफॉर्मेंस फैब्रिक (High-performance Fabric) बनाती है। कंपनी की शुरुआत साल 2012 में हुई थी और यह “शिवा ग्रुप” का हिस्सा है, जिसकी कई यूनिट्स लुधियाना जिले में काम कर रही हैं।
कंपनी का मकसद क्वालिटी के साथ इनोवेशन लाना है — यानी आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके ऐसे कपड़े और धागे तैयार करना जो देश और विदेश दोनों बाजारों में पसंद किए जाएँ।
रीसाइक्लिंग और सस्टेनेबल प्रोडक्शन
शिवा टेक्सफैब्स सिर्फ कपड़ा बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी जिम्मेदार भूमिका निभा रही है। कंपनी रीसाइकिल्ड प्लास्टिक बोतलों (PET bottles) से धागा और फैब्रिक बनाती है। इसके लिए उनके पास एक rPET प्लांट (Recycled Polyester Plant) भी है, जहाँ पुराने प्लास्टिक से नया धागा तैयार किया जाता है।
कंपनी का कहना है कि “वेस्ट को वैल्यू (Waste to Value)” में बदलना उनका मिशन है — यानी कचरे से उपयोगी चीज़ें बनाना।
Rudra Ecovation के साथ जुड़ाव
हाल में एक और बड़ी खबर आई है — Rudra Ecovation Limited ने शिवा टेक्सफैब्स में 21.46% हिस्सेदारी (equity stake) लेने का फैसला किया है। इस कदम से कंपनी को अपने विस्तार (expansion) और नए प्रोजेक्ट्स के लिए फंडिंग मिलेगी।
Rudra Ecovation ने अपने बोर्ड मीटिंग में बताया कि यह साझेदारी (partnership) शिवा टेक्सफैब्स के विकास को और तेज करेगी और दोनों कंपनियाँ मिलकर टेक्सटाइल सेक्टर में सस्टेनेबल प्रोडक्शन की दिशा में काम करेंगी।
मान सरकार की भूमिका और नीति
मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने हाल के वर्षों में “Ease of Doing Business” पर खास ध्यान दिया है। सरकार की नई औद्योगिक नीति (Industrial Policy) ने लालफीताशाही (bureaucratic hurdles) को काफी हद तक कम किया है।
अब कंपनियों को फैक्ट्री लगाने, फाइल पास कराने और परमिशन लेने में पहले जैसी मुश्किलें नहीं होतीं। सिंगल-विंडो सिस्टम (Single Window System) के तहत सब कुछ तेज़ी और पारदर्शिता से होता है।
यही वजह है कि अब निवेशक पंजाब को एक “Most Preferred Destination” के रूप में देख रहे हैं।
रोजगार और स्थानीय विकास
अगर शिवा टेक्सफैब्स का यह ₹815 करोड़ वाला निवेश प्रोजेक्ट हकीकत में शुरू होता है, तो इससे पंजाब के हज़ारों युवाओं को नौकरी मिलेगी।
नई यूनिट में न केवल डायरेक्ट जॉब्स (Direct Jobs) मिलेंगी बल्कि छोटे व्यवसायों, ट्रांसपोर्ट, सप्लाई चेन और सर्विस सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी।
खेती के साथ उद्योग भी — नया पंजाब
कभी सिर्फ कृषि प्रधान राज्य कहे जाने वाला पंजाब अब धीरे-धीरे उद्योगों का केंद्र भी बन रहा है।
“जहाँ खेत में गेहूँ का दाना उगता है, वहीं अब फैक्ट्री में खुशहाली का ताना-बाना बुना जाएगा।”
यह निवेश पंजाब के उस सपने की शुरुआत है जहाँ हर हाथ को काम और हर परिवार को मुस्कान मिलेगी।
हालांकि ₹815 करोड़ के निवेश की पुष्टि अभी बाकी है, लेकिन Rudra Ecovation और शिवा टेक्सफैब्स के बीच बढ़ता सहयोग, कंपनी की रीसाइक्लिंग तकनीक, और पंजाब सरकार की उद्योग-हितैषी नीतियाँ इस बात का संकेत हैं कि राज्य अब तेज़ी से “Industrial Punjab” की दिशा में बढ़ रहा है। यह सिर्फ निवेश नहीं, बल्कि पंजाब की नई औद्योगिक पहचान की ओर उठाया गया मजबूत कदम है —“अब पंजाब में सिर्फ़ इतिहास नहीं लिखा जाएगा, बल्कि भविष्य के कारखाने भी यहीं खड़े होंगे।”
Punjab
Punjab ने रचा नया इतिहास: Government Offices से खत्म हुए सभी पुराने Cases, Investment में आई नई रफ्तार

पंजाब सरकार ने सरकारी कामकाज में सुधार करते हुए एक बड़ी और ऐतिहासिक कामयाबी हासिल की है। अब राज्य के किसी भी सरकारी दफ्तर में कोई पुराना लंबित केस (pending case) नहीं बचा है। यानी 100% पुराने केस खत्म कर दिए गए हैं।
यह कामयाबी इसलिए भी खास है क्योंकि इससे सरकारी सिस्टम में पारदर्शिता (transparency) और काम की रफ्तार (efficiency) दोनों में जबरदस्त सुधार हुआ है।
‘फास्टट्रैक पंजाब पोर्टल’ बना बदलाव की नई पहचान
मुख्यमंत्री ने 29 मई 2025 को ‘फास्टट्रैक पंजाब पोर्टल’ को नए रूप में लॉन्च किया था।
इस पोर्टल की मदद से निवेशकों को अब अपने प्रोजेक्ट के लिए आवेदन करना, ट्रैक करना और मंजूरी पाना बेहद आसान हो गया है।
पोर्टल के ज़रिए सरकार ने सभी विभागों को एक ही प्लेटफॉर्म पर जोड़ दिया है, जिससे फाइलें अटकने या देरी होने की समस्या लगभग खत्म हो गई है।
लंबित मामलों में जबरदस्त कमी
सरकार ने कुछ महीनों में ही पुराने केसों को खत्म करने में शानदार नतीजे हासिल किए हैं।
फरवरी 2025 में राज्य और ज़िला स्तर पर हजारों केस लंबित थे, जो अब लगभग पूरी तरह खत्म हो गए हैं।
स्तर | फरवरी 2025 में लंबित केस | अब (अक्टूबर 2025 तक) | कमी |
राज्य स्तर | 166 | 0 | ✅ 100% सफाई |
ज़िला स्तर | 833 | 17 | ✅ 98% कमी |
समय पर पूरे न होने वाले आवेदन | 8,075 | 283 | ✅ 96% कमी |
यह साफ दिखाता है कि पंजाब में अब सरकारी कामकाज पहले से कहीं ज्यादा तेज़ और जिम्मेदार हो गया है।
सरकारी कामकाज में बड़े सुधार
पंजाब सरकार ने हर सरकारी आवेदन के लिए अधिकतम 45 दिन की समयसीमा तय की है।
अगर किसी आवेदन पर तय समय में जवाब नहीं आता, तो वो अपने आप मंजूर (auto-approved) हो जाता है।
वहीं, जो आवेदक समय पर जवाब नहीं देते, उनकी फाइलें अपने आप बंद कर दी जाती हैं।
अगर किसी को मंजूरी नहीं मिलती तो अब वह ऊपरी स्तर पर शिकायत (appeal) भी कर सकता है।
इन कदमों ने सिस्टम में जवाबदेही (accountability) और भरोसा (trust) दोनों को मजबूत किया है।
निवेश में आई जबरदस्त तेजी
‘फास्टट्रैक पंजाब पोर्टल’ लॉन्च होने के बाद निवेश के आंकड़े तेज़ी से बढ़े हैं।
अब तक इस पोर्टल के ज़रिए ₹21,700 करोड़ के प्रोजेक्ट आए हैं, जो 2024 की तुलना में 167% और 2023 की तुलना में 110% ज़्यादा हैं।
परियोजनाओं के आवेदन भी 950 तक पहुंच गए हैं, यानी लगभग 76% की बढ़त दर्ज हुई है।
तेज़ मंजूरी की नई व्यवस्था
Punjab Right to Business Act (RTBA) के तहत अब ₹125 करोड़ तक के निवेश वाली परियोजनाओं को बहुत जल्दी मंजूरी मिल जाती है।
- औद्योगिक पार्कों में: सिर्फ 5 दिन में मंजूरी
- पार्कों से बाहर: 15 से 18 दिन में मंजूरी, वो भी सिर्फ अपनी घोषणा (self-declaration) के आधार पर
अब तक कुल 112 आवेदन आए, जिनमें से 85 (76%) को मंजूरी मिल चुकी है।
इनमें से 7 आवेदन अपने आप मंजूर हुए, जबकि 34 पर अभी काम चल रहा है।
ऑनलाइन CRO सेवा — देश में पहली बार
राजस्व विभाग ने देश में पहली बार CRO (Certificate of Revenue Online) सेवा शुरू की है।
अब निवेशकों को जमीन की व्यवहार्यता (feasibility) का सर्टिफिकेट ऑनलाइन मिल जाता है।
अब तक 134 आवेदन आए हैं, जिनमें से 78 (लगभग 50%) मंजूर हो चुके हैं।
नए निवेश और रोजगार के आंकड़े
केवल अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच ही
- 1,295 प्रोजेक्ट आवेदन आए,
- जिनसे ₹29,480 करोड़ का निवेश और
- 67,672 नई नौकरियों के मौके बनेंगे।
जबकि मार्च 2022 से अब तक, सरकार ने
- 7,414 प्रोजेक्ट आकर्षित किए,
- जिनसे कुल ₹1.29 लाख करोड़ का निवेश और
- करीब 4.6 लाख रोजगार सृजित हुए हैं।
पंजाब बना निवेशकों की पहली पसंद
पुराने केस खत्म होने और निवेश प्रक्रिया आसान होने से पंजाब अब उन राज्यों में शामिल हो गया है,
जहां बिज़नेस करना आसान (Ease of Doing Business) होता जा रहा है।
सरकारी दफ्तरों में काम की गति बढ़ी है,
निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है,
और राज्य की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिल रही है।
पंजाब सरकार का यह कदम सिर्फ प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि एक नई सोच का उदाहरण है —
जहां काम समय पर होता है, जवाबदेही तय है, और निवेशकों को विश्वास है कि उनका प्रोजेक्ट अब “फाइलों में नहीं फंसेगा”।
फास्टट्रैक पंजाब पोर्टल ने दिखा दिया है कि अगर नीयत साफ हो और सिस्टम सही ढंग से काम करे, तो सरकारी कामकाज भी फास्ट, ट्रांसपेरेंट और रिजल्ट-ओरिएंटेड हो सकता है।
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Punjab बनेगा पूरे Country का सबसे बड़ा Sports Hub: CM Bhagwant Singh Mann ने किए बड़े Announcement

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्य को देश का सबसे बड़ा स्पोर्ट्स हब बनाने का बड़ा सपना फिर एक बार साझा किया है। जालंधर के सुरजीत हॉकी स्टेडियम में पंजाब हॉकी लीग 2025 के ग्रैंड फिनाले के मौके पर उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब का गौरव हमेशा खेलों से जुड़ा रहा है और अब जल्द ही पंजाब खेलों में भी देश का नंबर वन बन जाएगा।
मुख्यमंत्री मान ने घोषणा की कि आने वाले समय में जालंधर और अमृतसर में अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट और हॉकी स्टेडियम बनाए जाएंगे। उनका कहना है कि पंजाब को खेलों की राजधानी बनाने के लिए सरकार अभूतपूर्व कदम उठा रही है, ताकि राज्य खेल प्रतियोगिताओं का वैश्विक केंद्र बन सके।
उन्होंने कहा कि हाल ही में एशिया कप जीतने वाली हॉकी टीम में 9 खिलाड़ी पंजाब से थे, और पिछले दो ओलंपिक खेलों में भी पंजाब के खिलाड़ी पदक जीतकर राज्य का नाम रोशन कर चुके हैं। मान ने बताया कि जालंधर को अब “Sports Capital of India” के रूप में मान्यता मिल चुकी है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि खेलों को बढ़ावा देना युवाओं को नशे और गलत रास्तों से दूर रखने का सबसे बड़ा जरिया है। इसलिए सरकार आने वाले वर्षों में 3000 से अधिक खेल स्टेडियम तैयार करेगी। इसके अलावा, बरलटन पार्क को पहले ही खेल केंद्र में बदल दिया गया है और अमृतसर में भी विश्वस्तरीय खेल केंद्र जल्द तैयार होगा।
पंजाब हॉकी लीग को CM मान ने ऐतिहासिक और देश की पहली जूनियर हॉकी लीग करार दिया। यह प्रतियोगिता सबसे ज्यादा इनामी राशि वाली लीग है और इसने तीन पीढ़ियों के खिलाड़ियों को एक ही मंच पर जोड़ा।
सरकार ने खिलाड़ियों को सम्मान देने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। कई खिलाड़ियों को डीएसपी और पीसीएस पद देकर उनकी खेल प्रतिभा को मान्यता दी गई। अंतरराष्ट्रीय हॉकी टूर्नामेंट में भाग लेने वाले ओलंपियनों का सम्मान भी बड़े गर्व के साथ किया गया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने भी युवाओं के लिए नई पहल का ऐलान किया। उन्होंने बताया कि सुनाम में नया बस स्टैंड बन गया है, जो अपनी तरह का अनोखा प्रोजेक्ट है। इसमें भूतल पर बस यात्रियों और व्यापारियों के लिए सुविधाएँ हैं, और पहली मंज़िल पर अत्याधुनिक मल्टीपर्पज़ स्पोर्ट्स हॉल बनाया गया है। यहाँ कबड्डी, जूडो, कुश्ती और कराटे जैसे खेलों को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि उनकी सरकार का विज़न है कि हर गांव में खेल सुविधाएँ हों और पंजाब खेलों के क्षेत्र में देश का नंबर वन बनकर उभरे। आने वाले सालों में अमृतसर और जालंधर में विश्वस्तरीय खेल ढांचे विकसित होंगे और पंजाब हर तरह से युवा और खेल प्रेमियों का सपना पूरा करेगा।
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