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Punjab Government का Digital Revolutionary कदम: ‘Unnat Kisan’ App से अब CRM Machines एक क्लिक पर उपलब्ध

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पंजाब सरकार ने किसानों के लिए तकनीक और सुविधा का ऐसा संगम पेश किया है, जो पराली प्रबंधन में क्रांति जैसा बदलाव लेकर आया है। अब किसान अपने मोबाइल फोन से ही सी.आर.एम. (Crop Residue Management) मशीनें बुक कर सकते हैं और अपने खेतों की पराली को वैज्ञानिक तरीके से निपटा सकते हैं।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि ‘उन्नत किसान’ मोबाइल ऐप पर अब तक 85,000 से ज्यादा मशीनों की मैपिंग हो चुकी है। हर मशीन को जियो-टैग किया गया है, जिससे उसकी उपलब्धता और रीयल-टाइम उपयोग की निगरानी करना आसान हो गया है।

किसानों के लिए सुविधा और पारदर्शिता

इस ऐप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि किसान अब घर बैठे ही मशीन बुक कर सकते हैं। इससे न सिर्फ उनका कीमती समय बचेगा, बल्कि खर्च भी कम होगा। ऐप में रीयल-टाइम डैशबोर्ड मौजूद है, जो मशीनों की ट्रैकिंग और फील्ड अधिकारियों की गतिविधियों पर नजर रखता है। इससे किसी भी समस्या का जल्दी समाधान संभव होता है और संसाधनों का सही इस्तेमाल होता है।

गांव स्तर पर सहयोग                                                           

पंजाब सरकार ने इस पहल को और मजबूत बनाने के लिए 5,000 से अधिक गांव स्तरीय फ़ैसिलिटेटर (VLF) और क्लस्टर अधिकारी (COs) तैनात किए हैं। ये अधिकारी किसानों को जमीन पर मदद देंगे और मशीनों की बुकिंग, उपयोग और निगरानी सुनिश्चित करेंगे। इसका फायदा यह होगा कि हर किसान तक सुविधा पहुंचे और सामुदायिक सहयोग भी बढ़े।

निजी मशीन मालिक भी शामिल

ऐप में निजी मशीन मालिक अपने उपकरण पंजीकृत कर सकते हैं। इससे मशीनों की संख्या और उपलब्धता बढ़ जाएगी। ग्राम फ़ैसिलिटेटर किसानों की ओर से मशीन बुक करने में भी मदद करेंगे ताकि कोई किसान इस सुविधा से वंचित न रहे।

सरकार की दृष्टि

कृषि मंत्री श्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार का उद्देश्य है कृषि को आधुनिक, वैज्ञानिक और टिकाऊ बनाना। ‘उन्नत किसान’ ऐप इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न सिर्फ पराली प्रबंधन को आसान बनाता है, बल्कि स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण की दिशा में भी बड़ा योगदान देता है।

कृषि विभाग के प्रबंधकीय सचिव डॉ. बसंत गर्ग ने इस ऐप को पंजाब में डिजिटल एग्रीकल्चर की नींव बताते हुए कहा कि यह भविष्य की कृषि प्रगति का मार्गदर्शक होगा।

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