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PM Narinder Modi top 7 gamers से मिले, Gamer से पूछा गुजरात में ये बीमारी कैसे पहुंची

हाल में PM Narendra Modi देश के पहले Digital content creators अवार्ड में कई सारे creators से मिलने और उन्हें सम्मानित किया | PM मोदी माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक Bill Gates से दिलचस्प मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने देश के 7 ऑनलाइन गेमर्स से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने दिलचस्प बातें कहीं|
एक गेमर गुजरात के भुज का रहने वाला है। PM Modi ने हल्के-फुल्के अंदाज में पूछा, गुजरात कैसे पहुंची यह बीमारी? उनके सवाल पर सभी युवा ऑनलाइन गेमर्स मुस्कुरा दिए। पीएम मोदी ने उनसे सस्ते इंटरनेट की उपलब्धता के बारे में भी पूछा. इस बीच Pm Modi ने एक Online Game भी खेला. साथ ही गेमिंग और जुए के बीच का अंतर भी समझाया।
दरअसल, PM Narinder Modi से मुलाकात करने वाले युवाओं में से एक युवक गुजरात के भुज का रहने वाला था. जैसे ही PM Modi को पता चला कि वह भुज से हैं तो उन्होंने हल्के लहजे में पूछा- भुज में यह बीमारी (ऑनलाइन गेम) कहां से आई? इस पर युवा गेमर ने पीएम को बताया कि यह पूरे देश में फैला हुआ है. इससे पहले PM Modi ने सभी ऑनलाइन गेमर्स का परिचय और Online Gaming में उनकी रुचि के बारे में भी जानना चाहा|
PM Modi के सवाल, Gamers के जवाब
Online gamers से मुलाकात के दौरान PM Modi ने पूछा कि क्या आपने स्कूल-कॉलेज से इसके बारे में सीखा? इस पर ऑनलाइन गेमर नमन माथुर ने कहा कि उन्होंने इसके बारे में यूट्यूब से सीखा और कॉलेज में सभी को इसके बारे में बताया. इसके साथ ही पायल ने बताया कि जब उन्होंने ऑनलाइन गेमिंग शुरू की तो उन्हें देखकर बाकी लड़कियों ने भी ऑनलाइन गेम खेलना शुरू कर दिया.
माता-पिता के बारे में सवाल
PM Modi ने पूछा कि जब माता-पिता कहते हैं कि यह हमारे बच्चों को बिगाड़ रहा है तो आप लोगों को कैसा लगता है? इस पर युवा गेमर्स ने कहा कि वे सभी को इसके बारे में जागरूक करना चाहते हैं. साथ ही, Online Gaming ने कहा कि गेमिंग के लिए मानसिक कौशल की आवश्यकता होती है। इस मौके पर पीएम मोदी ने पर्यावरण जैसे मुद्दों पर भी बात की. साथ ही गेमिंग और जुए के बीच का अंतर भी समझाया।
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PM Modi का Youth को तोहफा: 62,000 Crore की Development Plans Launch, बिहार पर रहेगा खास Focus

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के युवाओं के लिए बड़ी सौगात दी है। उन्होंने नई दिल्ली से 62,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कई योजनाओं का शुभारंभ किया, जिनका मकसद है – युवाओं की पढ़ाई, स्किल डेवलपमेंट (कौशल विकास) और रोजगार के नए अवसर बढ़ाना।
इन योजनाओं का खास फोकस बिहार पर रहेगा, जहां आने वाले चुनावों से पहले युवाओं को शिक्षा और नौकरी से जुड़ी कई नई योजनाओं की सौगात दी गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस कार्यक्रम में वर्चुअल तरीके से जुड़े।
पीएम-सेतु योजना: युवाओं को स्किल से जोड़ने की बड़ी पहल
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘प्रधानमंत्री स्किलिंग एंड एम्प्लॉयबिलिटी ट्रांसफॉर्मेशन थ्रू अपग्रेडेड आईटीआई (PM-SETU)’ नाम की नई योजना लॉन्च की।
इस योजना में 60,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
इसके तहत देशभर के 1,000 सरकारी ITI कॉलेजों को मॉडर्न बनाया जाएगा।
यह योजना हब-एंड-स्पोक मॉडल पर काम करेगी —
- 200 ITI “हब” के रूप में तैयार होंगे,
- 800 ITI उनसे जुड़े रहेंगे।
हर हब में नई तकनीक, डिजिटल लर्निंग, इनोवेशन सेंटर, ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स और प्लेसमेंट सर्विस की सुविधा होगी।
इस प्रोजेक्ट को वर्ल्ड बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक का भी सहयोग मिलेगा।
पहले चरण में बिहार के पटना और दरभंगा के ITI संस्थानों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
स्कूलों में खुलेंगी स्किल लैब्स
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि आने वाले समय में 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के
400 नवोदय विद्यालयों और 200 एकलव्य मॉडल स्कूलों में कुल 1200 स्किल लैब्स स्थापित की जाएंगी।
इन स्किल लैब्स में बच्चों को आईटी, ऑटोमोबाइल, कृषि, इलेक्ट्रॉनिक्स, लॉजिस्टिक्स, टूरिज्म जैसे 12 प्रमुख सेक्टरों में ट्रेनिंग दी जाएगी।
इसके लिए 1200 खास शिक्षक भी तैयार किए जाएंगे जो बच्चों को प्रैक्टिकल स्किल्स सिखाएंगे।
बिहार के युवाओं के लिए नई सौगातें
इस कार्यक्रम में बिहार पर प्रधानमंत्री मोदी का खास फोकस देखने को मिला।
उन्होंने बिहार के युवाओं और छात्रों के लिए कई योजनाओं की घोषणा की —
1मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना
- हर साल 5 लाख ग्रेजुएट युवाओं को ₹1000 मासिक भत्ता दो साल तक दिया जाएगा।
- इसके साथ फ्री स्किल ट्रेनिंग भी दी जाएगी ताकि वे रोजगार के नए अवसरों के लिए तैयार हो सकें।
2बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना (नया रूप)
- छात्रों को अब ₹4 लाख रुपये तक ब्याजमुक्त शिक्षा ऋण मिलेगा।
- अब तक 3.92 लाख छात्रों को ₹7880 करोड़ रुपये के लोन मिल चुके हैं।
3बिहार युवा आयोग
- 18 से 45 वर्ष के युवाओं के लिए नया आयोग बनाया जाएगा,
जिससे राज्य के युवाओं की प्रतिभा और ऊर्जा का बेहतर उपयोग हो सके।
4जननायक कर्पूरी ठाकुर स्किल यूनिवर्सिटी
- बिहार में शुरू होने वाली यह यूनिवर्सिटी युवाओं को उद्योग आधारित कोर्स और व्यावसायिक शिक्षा देगी,
जिससे उन्हें सीधे रोजगार के अवसरों से जोड़ा जा सके।
NIT पटना का नया कैंपस (बिहटा)
प्रधानमंत्री मोदी ने NIT पटना के बिहटा कैंपस का उद्घाटन भी किया।
यह कैंपस आधुनिक सुविधाओं से लैस है और इसमें 6500 छात्रों की क्षमता है।
यहां 5G लैब, ISRO के साथ बना स्पेस रिसर्च सेंटर और इनोवेशन सेंटर मौजूद है।
यह इनोवेशन सेंटर पहले ही 9 स्टार्टअप्स को सहयोग दे चुका है।
उच्च शिक्षा में सुधार के लिए कदम
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रधानमंत्री ने PM-उषा (प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान) के अंतर्गत बिहार के चार विश्वविद्यालयों में नई सुविधाओं की आधारशिला रखी —
- पटना विश्वविद्यालय
- भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा
- जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा
- नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय, पटना
इन परियोजनाओं के लिए ₹160 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिससे 27,000 से ज्यादा छात्रों को फायदा होगा।
छात्रवृत्ति और रोजगार से जुड़ी घोषणाएं
- बिहार सरकार के 4,000 से ज्यादा नवनियुक्त उम्मीदवारों को आज नियुक्ति पत्र भी सौंपे गए।
- साथ ही, मुख्यमंत्री बालक-बालिका छात्रवृत्ति योजना के तहत
कक्षा 9 और 10 के 25 लाख विद्यार्थियों को DBT के माध्यम से ₹450 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति जारी की गई।
कार्यक्रम में कौन-कौन शामिल रहे
यह भव्य कार्यक्रम नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित हुआ।
इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य रूप से उपस्थित रहे,
जबकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वर्चुअल रूप से कार्यक्रम से जुड़े।
प्रधानमंत्री मोदी की ये घोषणाएं देशभर के युवाओं के लिए नई उम्मीद लेकर आई हैं।
इन योजनाओं के जरिए सरकार शिक्षा, स्किल और रोजगार के क्षेत्र में नई क्रांति लाना चाहती है।
सबसे बड़ा फायदा बिहार के युवाओं को मिलेगा,
जहां अब पढ़ाई, ट्रेनिंग और नौकरी — तीनों के लिए नए रास्ते खुलेंगे।
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Ahmedabad Air India Plane Crash: Supreme Court ने Central Government को Notice भेजा, AAIB Report पर जताई नाराजगी

12 जून 2025 को गुजरात के अहमदाबाद में यात्रियों से भरे एयर इंडिया के प्लेन का अचानक क्रैश हो गया। इस दुखद हादसे में 270 लोगों की जान चली गई। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि इस हादसे का असली कारण क्या था।
इस हादसे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई की और केंद्र सरकार को नोटिस भेजा। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच को निष्पक्ष और गोपनीय बनाने के लिए सख्त निर्देश दिए।
AAIB रिपोर्ट पर सवाल
एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट में क्रैश का कारण स्पष्ट नहीं किया गया। रिपोर्ट में केवल यह कहा गया कि ‘फ्यूल कटऑफ’ हुआ और पायलट की चूक का अंदेशा है।
सुप्रीम कोर्ट ने इसे गैरजिम्मेदाराना बताया। कोर्ट ने कहा कि जब तक पूरी जांच पूरी नहीं हो जाती और कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकलता, तब तक मामले की गोपनीयता बरकरार रखी जाए।
एडवोकेट प्रशांत भूषण ने याचिका में कहा कि विमान के पायलट अनुभवी थे और इस हादसे को हुए 100 दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन अभी तक सिर्फ प्राथमिक रिपोर्ट ही आई है। उन्होंने सवाल उठाया कि जांच टीम में DGCA के 3 सदस्य शामिल हैं, इसलिए जांच निष्पक्ष कैसे होगी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा:
- जांच पूरी होने तक सूचना गोपनीय रखी जाए।
- केंद्र सरकार निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच सुनिश्चित करे।
- AAIB की रिपोर्ट पर ध्यान देते हुए यह भी कहा कि हिस्सों में जानकारी साझा करने की बजाय पूरी जांच के बाद निष्कर्ष सार्वजनिक किया जाए।
याचिका का आधार
सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन ने कोर्ट में याचिका दायर की और कहा कि हादसे की जांच में मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। उन्होंने AAIB की रिपोर्ट पर सवाल उठाए और कहा कि यात्रियों की सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लिया गया।
क्या आगे होगा?
सुप्रीम कोर्ट अब केंद्र सरकार से जवाब मांगेगी और जांच की स्वतंत्रता और निष्पक्षता सुनिश्चित करेगी। इस मामले में AAIB, DGCA और अन्य एजेंसियों की भूमिका पर भी ध्यान दिया जाएगा।
इस हादसे ने एयर इंडिया और पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है, और लोगों की जान पर सवाल उठाने वाले ये मामले अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए हैं।
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GST 2.0 आज से लागू: कई चीजें हुईं सस्ती, कुछ पर 0% Tax, समझिए नए Tax Slabs का पूरा हिसाब

आज यानी 22 सितंबर 2025 से देश में GST 2.0 लागू हो गया है। मोदी सरकार ने इसे आम जनता के लिए दिवाली गिफ्ट बताया है। नए जीएसटी रिफॉर्म के तहत अब टैक्स का ढांचा पहले से सीधा और आसान कर दिया गया है। इसका असर हर घर और जेब पर पड़ेगा क्योंकि कई रोजमर्रा की चीजें सस्ती हो गई हैं, तो कुछ पर अब जीरो टैक्स (0% GST) लगेगा।
सरकार का कहना है कि इस बदलाव से न सिर्फ टैक्स स्ट्रक्चर आसान होगा, बल्कि आम लोगों को भी राहत मिलेगी। आइए जानते हैं कि जीएसटी 2.0 में क्या-क्या बड़े बदलाव हुए हैं और इनका हम सब पर क्या असर पड़ेगा।
1. नए टैक्स स्लैब – अब सिर्फ तीन दरें
पहले जीएसटी के तहत 5%, 12%, 18% और 28% चार अलग-अलग टैक्स स्लैब थे।
लेकिन अब जीएसटी 2.0 में इसे सरल बनाते हुए तीन दरों में बांटा गया है:
GST दर | किस पर लागू |
0% (Zero Tax) | रोजमर्रा की वस्तुएं, कुछ दवाएं, बीमा पॉलिसियां |
5% | बेसिक गुड्स और कुछ खास सेवाएं |
18% | घर का सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टैंडर्ड गुड्स |
40% (Luxury Tax) | लक्जरी और हानिकारक उत्पाद |
इस बदलाव से रोजमर्रा की चीजें और जरूरी सामान सस्ते होंगे, जबकि महंगी और लक्जरी चीजों पर ज्यादा टैक्स देना होगा।
2. जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर पूरी छूट
- पहले लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर जीएसटी देना पड़ता था।
- अब जीएसटी 2.0 के तहत सभी व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसियां पूरी तरह टैक्स फ्री हो गई हैं।
- इसी तरह, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर भी अब कोई जीएसटी नहीं देना होगा।
- इसका सीधा फायदा आम जनता को होगा क्योंकि अब उनकी पॉलिसी प्रीमियम की रकम में टैक्स का बोझ खत्म हो जाएगा।
3. दवाओं पर बड़ी राहत, लेकिन पूरी छूट नहीं
पहले कई दवाओं पर 12% या 18% टैक्स लगता था।
अब इन दवाओं को 5% स्लैब में डाल दिया गया है।
- सरकार का कहना है कि अगर दवाओं पर पूरी छूट दी जाती,
- तो दवा निर्माता कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का फायदा नहीं उठा पातीं।
- यानी दवाओं के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल और पैकेजिंग पर टैक्स का नुकसान होता।
4. दूध पर टैक्स का नियम
- डेयरी दूध (UHT Milk): अब पूरी तरह टैक्स फ्री।
- वनस्पति आधारित दूध (जैसे Soy Milk, Almond Milk): अब 5% टैक्स लगेगा।
5. फेस पाउडर और शैंपू की कीमतों में कमी
- नए जीएसटी बदलाव से फेस पाउडर और शैंपू जैसे प्रोडक्ट्स सस्ते हो जाएंगे।
- सरकार का कहना है कि यह कदम बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि टैक्स सिस्टम को आसान बनाने के लिए उठाया गया है।
6. रेंट और लीज पर नया नियम
अगर कोई सामान बिना ऑपरेटर (जैसे ड्राइवर) के किराए या लीज पर दिया जाता है,
- तो उस पर वही जीएसटी लगेगा जो उसकी बिक्री पर लगता है।
- उदाहरण: अगर कार की बिक्री पर 18% जीएसटी लगता है,
- तो बिना ड्राइवर के उस कार को रेंट पर लेने पर भी 18% टैक्स लगेगा।
- उदाहरण: अगर कार की बिक्री पर 18% जीएसटी लगता है,
- यही नियम अन्य सामान पर भी लागू होगा।
7. आयात (Import) पर नए नियम
- आयातित वस्तुओं पर भी नई दरें लागू होंगी।
- अब IGST नई जीएसटी दरों के अनुसार वसूला जाएगा।
- जब तक कोई विशेष छूट की अधिसूचना नहीं आती, यह नियम लागू रहेगा।
8. यात्री परिवहन पर टैक्स
- सड़क मार्ग (Bus/Taxi): इनपुट टैक्स क्रेडिट के बिना 5% टैक्स।
- हवाई यात्रा (Air Travel):
- इकोनॉमी क्लास: 5% टैक्स
- बिजनेस या प्रीमियम क्लास: 18% टैक्स
9. लोकल डिलीवरी सेवाओं पर जीएसटी
- अगर कोई स्थानीय डिलीवरी सेवा किसी अनरजिस्टर्ड व्यक्ति द्वारा दी जाती है और यह सेवा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए चल रही है,
- तो जीएसटी का भुगतान ई-कॉमर्स कंपनी को करना होगा।
- इससे डिलीवरी सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ेगी।
10. जीरो टैक्स (0% GST) वाली वस्तुएं
अब ये 35 वस्तुएं पूरी तरह टैक्स फ्री हो गई हैं:
क्रमांक | वस्तु |
1 | छेना (प्री पैक्ड और लेबल्ड) |
2 | UHT दूध |
3 | पराठा और अन्य भारतीय ब्रेड |
4 | पनीर (प्री पैक्ड और लेबल्ड) |
5 | पिज्जा ब्रेड |
6 | खाखरा, चपाती या रोटी |
7 | एक्सरसाइज बुक |
8 | रबर |
9 | अनकोटेड पेपर और पेपरबोर्ड |
10 | ग्राफ बुक, लैब नोटबुक और नोटबुक |
11-35 | जीवन रक्षक दवाएं (जैसे डारातुमुमाब, एलेक्टिनिब, लारोनिडेज़ आदि) |
11. इलेक्ट्रॉनिक और घरेलू सामान पर असर
पहले AC, फ्रिज, वॉशिंग मशीन जैसे सामान पर 28% टैक्स लगता था।
अब इन्हें 18% स्लैब में रखा गया है। इससे इनकी कीमतों में बड़ी कमी आएगी।
अनुमानित बदलाव:
- एसी और डिशवॉशर: कीमत में ₹3,500-₹4,500 की कमी।
- रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन: कीमतें 8-9% तक कम।
- बड़ी स्क्रीन (32 इंच से ऊपर) टीवी: कीमतों में भी भारी गिरावट।
मोबाइल और लैपटॉप पर कोई बदलाव नहीं:
- इन पर अभी भी 18% जीएसटी लगेगा।
- ऐसा इसलिए क्योंकि ये पहले से ही PLI स्कीम और अन्य टैक्स लाभ ले रहे हैं।
12. जीएसटी 2.0 का कुल असर
- आम जनता को राहत: रोजमर्रा की कई चीजें टैक्स फ्री हुईं।
- घर का सामान और इलेक्ट्रॉनिक्स सस्ते: मध्यमवर्गीय परिवारों को फायदा।
- लक्जरी आइटम महंगे: 40% टैक्स से अमीर वर्ग पर ज्यादा बोझ।
- ई-कॉमर्स सेक्टर में पारदर्शिता: टैक्स चोरी की संभावना कम।
- सरल टैक्स ढांचा: 12% और 28% स्लैब हटने से सिस्टम आसान हुआ।
जीएसटी 2.0 से देश में टैक्स सिस्टम पहले से सरल हुआ है। रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी और आम आदमी की जेब पर बोझ कम होगा। वहीं, महंगे और लक्जरी सामान पर ज्यादा टैक्स लगने से सरकार की आमदनी भी बढ़ेगी। इस बदलाव को सरकार ने जनता के लिए ‘दिवाली गिफ्ट’ करार दिया है।
अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में यह बदलाव देश की अर्थव्यवस्था और उपभोक्ता बाजार को कितना प्रभावित करता है।
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