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Vice Presidential Election को लेकर Opposition की हलचल तेज, Jagdeep Dhankhar के Resignation के बाद Joint Candidate उतारने की तैयारी

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद देश की सियासत में हलचल मच गई है। विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक अब इस पद के लिए एक संयुक्त उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, विपक्ष की कोशिश होगी कि सभी दल मिलकर एक कॉमन कैंडिडेट पर सहमति बनाएं और मुकाबले में डटकर खड़े हों।
चुनाव से क्यों पीछे नहीं हटना चाहता विपक्ष?
PTI को सूत्रों ने बताया कि भले ही एनडीए के पास संसद में बहुमत हो, लेकिन विपक्ष को लगता है कि मुकाबला पूरी तरह एकतरफा नहीं है। INDIA ब्लॉक का मानना है कि उन्हें मुकाबले से पीछे नहीं हटना चाहिए, ताकि एक मजबूत राजनीतिक संदेश दिया जा सके, चाहे नतीजा जो भी हो।
चुनावी आंकड़े क्या कहते हैं?
उपराष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों के सदस्य वोट देते हैं।
- संसद की कुल प्रभावी संख्या: 782 सदस्य
- जीत के लिए जरूरी वोट: 392
एनडीए (BJP सहित) के पास फिलहाल
- राज्यसभा में समर्थन: करीब 130 सांसदों का
- कुल संसद में समर्थन: करीब 423 सांसद
वहीं विपक्षी INDIA ब्लॉक के पास:
- राज्यसभा में समर्थन: 79 सांसद
- कुल संसद में समर्थन: करीब 313 सांसद
बाकी सदस्य नॉन-अलाइंड (गैर-पक्षीय) हैं, यानी अभी किसी खेमे में नहीं हैं।
चुनाव की प्रक्रिया शुरू
चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
- राज्यसभा सचिवालय के सचिव जनरल को रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है।
- चुनाव आयोग ने दो असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर भी नियुक्त किए हैं: गरिमा जैन (संयुक्त सचिव) और विजय कुमार (निदेशक)।
- जरूरी गजट नोटिफिकेशन 25 जुलाई को जारी होने की संभावना है।
धनखड़ के इस्तीफे ने चौंकाया
21 जुलाई की शाम उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक इस्तीफा दे दिया। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया, लेकिन राजनीतिक गलियारों में अन्य कारणों की भी चर्चा है।
धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी और उनका कार्यकाल 2027 तक था। वह राज्यसभा के चेयरमैन भी थे। हाल ही में उनकी AIIMS में एंजियोप्लास्टी हुई थी।
उनकी कार्यशैली को लेकर कई बार विपक्ष से टकराव हुआ था। विपक्ष ने उनके खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव भी लाया था।
उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाला यह चुनाव अब महज औपचारिकता नहीं रहेगा। विपक्ष इसे राजनीतिक ताकत दिखाने के मौके के तौर पर देख रहा है। अब देखना होगा कि INDIA ब्लॉक किस चेहरे पर दांव लगाता है और क्या वह एनडीए को टक्कर दे पाएगा।
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Britain के F-35B Fighter Jet की Japan में Emergency Landing, 2 महीने में दूसरा Malfunction का मामला

ब्रिटेन के रॉयल एयर फोर्स (RAF) का अत्याधुनिक F-35B स्टील्थ फाइटर जेट एक बार फिर चर्चा में है। इस बार वजह बनी है इसकी जापान में आपात लैंडिंग। शनिवार सुबह जापान के कागोशिमा एयरपोर्ट पर इस विमान को तकनीकी खराबी के चलते तुरंत उतारना पड़ा।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विमान उड़ान के दौरान किसी तकनीकी समस्या से जूझ रहा था, जिसके बाद पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग का फैसला लिया। यह घटना सुबह करीब 11:30 बजे (लोकल टाइम) हुई। लैंडिंग के बाद एयरपोर्ट का रनवे करीब 20 मिनट तक बंद रहा, जिससे कुछ उड़ानों में देरी भी हुई।
दो महीने में दूसरा मामला
पिछले कुछ ही हफ्तों में यह F-35B में खराबी का दूसरा मामला है।
- पहला मामला 14 जून 2024 को सामने आया था, जब ब्रिटेन से ऑस्ट्रेलिया जा रहे एक F-35B में हाइड्रोलिक सिस्टम की खराबी आ गई थी।
- उस वक्त पायलट ने विमान को सुरक्षित उतारने के लिए भारत के केरल राज्य के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग की थी।
- मरम्मत और जरूरी मंजूरी मिलने में इतना समय लगा कि वह विमान करीब 5 हफ्ते तक वहीं खड़ा रहा और फिर ब्रिटेन के लिए रवाना हो पाया।
F-35B क्या है?
F-35B दुनिया के सबसे आधुनिक लड़ाकू विमानों में से एक है।
- यह पाँचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट है, जिसे अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है।
- इसकी सबसे बड़ी खासियत है शॉर्ट टेक-ऑफ और वर्टिकल लैंडिंग (STOVL) क्षमता, यानी यह कम जगह से उड़ान भर सकता है और सीधा नीचे उतर सकता है।
- यह ब्रिटेन के HMS प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है और इस समय हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सक्रिय ड्यूटी पर है।
- हाल ही में इसने भारतीय नौसेना के साथ एक संयुक्त समुद्री अभ्यास भी पूरा किया है।
चिंता की वजह
लगातार दो तकनीकी खराबियों ने इस हाई-टेक विमान की भरोसेमंदी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, दोनों बार पायलटों की सूझबूझ और ट्रेनिंग के कारण हादसा टल गया, लेकिन यह साफ है कि आने वाले दिनों में इन विमानों की सुरक्षा जांच और मेंटेनेंस पर और ज्यादा जोर देना होगा।
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“India is a Shiny Mercedes, We Are a Dump Truck” – Asim Munir का बयान बना Pakistan की बेइज्जती का कारण, Social Media पर उड़ रहा मजाक

पाकिस्तान के आर्मी चीफ़ जनरल आसिम मुनीर का एक बयान इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा में है, लेकिन वजह गर्व नहीं बल्कि बेइज्जती है। अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य के टैम्पा में एक पाकिस्तानी सामुदायिक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भारत और पाकिस्तान की तुलना करते हुए कुछ ऐसा कह दिया कि लोग हंस-हंसकर लोटपोट हो रहे हैं।
कार्यक्रम में बोलते हुए आसिम मुनीर ने कहा, “भारत एक हाईवे पर दौड़ती चमचमाती मर्सिडीज या फेरारी की तरह है, जबकि हम बजरी से भरे डंप ट्रक हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब डंप ट्रक किसी कार से टकराता है, तो नुकसान कार का होता है।
लेकिन यह उदाहरण सुनते ही वहां मौजूद लोगों के साथ-साथ सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी माथा पकड़ लिया। पाकिस्तानियों ने खुद अपने आर्मी चीफ़ की तुलना को भद्दा और खुद को नीचा दिखाने वाला बताया।
सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग शुरू
जैसे ही उनका बयान वायरल हुआ, ट्विटर (X) से लेकर फेसबुक और इंस्टाग्राम तक मीम्स की बाढ़ आ गई। एक यूज़र ने लिखा, “डंप ट्रक मर्सिडीज से टकराने से पहले ही पलट गया।” दूसरे ने तंज कसा, “उधार के पैसों पर चलने वाले पाकिस्तान के लिए ये तुलना खुद पर ताले लगाने जैसी है।”
पाकिस्तान की हालत पर भी सवाल
दरअसल, पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। वह दुनिया के सबसे कर्ज़ में डूबे और खस्ताहाल देशों में गिना जाता है। IMF और दूसरे देशों से उधार लेकर अपनी अर्थव्यवस्था को संभालने की कोशिश करता है। इसके बावजूद, वहां के नेता और अफसर अक्सर भारत को लेकर ऊल-जलूल बयान देते रहते हैं, जो उल्टा उनकी फजीहत का कारण बन जाते हैं।
इस बार भी, मर्सिडीज और डंप ट्रक वाली तुलना ने पाकिस्तान के लोगों को ही हंसने का मौका दे दिया और बाकी दुनिया को भी। अब आसिम मुनीर का यह बयान सोशल मीडिया पर मजाक, मीम्स और ट्रोलिंग का नया टॉपिक बन गया है।
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Operation Sindoor पर Air Force Chief का बड़ा खुलासा – Congress ने PM Modi से पूछा, “इतनी जल्दी क्यों रोका Operation?”

भारत और पाकिस्तान के बीच मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। एयर चीफ़ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने खुलासा किया है कि इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कम से कम 5 फाइटर जेट और एक AEW&C (Airborne Early Warning and Control) विमान को मार गिराया था। इस बयान के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कड़े सवाल पूछे हैं।
कांग्रेस का सवाल – दबाव कहां से आया?
कांग्रेस सांसद और पार्टी कम्युनिकेशन चीफ़ जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा—
“आज एयर चीफ़ मार्शल के खुलासे के बाद यह और भी चौंकाने वाला हो जाता है कि 10 मई की शाम को पीएम ने अचानक ऑपरेशन सिंदूर को क्यों रोक दिया। आखिर दबाव कहां से आया और उन्होंने इतनी जल्दी क्यों पीछे हट गए?”
लोकसभा में डिप्टी लीडर ऑफ़ ऑपोज़िशन गौरव गोगोई ने भी सवाल उठाया—
“सवाल यह है कि ऑपरेशन को अचानक खत्म करने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान से क्या ‘concessions’ (रियायतें) हासिल कीं?”
डोनाल्ड ट्रंप का दावा और राजनीतिक घमासान
कांग्रेस और विपक्ष का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीज़फायर करवाया था।
विपक्ष का आरोप है कि पीएम मोदी ने अमेरिकी दबाव में “सरेंडर” कर दिया।
हालांकि, सरकार ने ट्रंप के दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया है। सरकार के मुताबिक—
- पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO से संपर्क कर सीज़फायर का अनुरोध किया।
- भारत ने यह प्रस्ताव स्वीकार किया क्योंकि सभी सैन्य उद्देश्यों को पूरा कर लिया गया था और ऑपरेशन सफल रहा।
ऑपरेशन सिंदूर – कब और क्यों हुआ?
- तारीख: 7 मई 2025 की सुबह ऑपरेशन की शुरुआत हुई, और 10 मई की शाम को खत्म कर दिया गया।
- कारण: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला।
- लक्ष्य: पाकिस्तान और पाकिस्तान-ऑक्युपाइड कश्मीर (PoK) में 9 जगहों पर आतंकी ठिकाने।
- नतीजा: पाकिस्तान के 5 लड़ाकू विमान और 1 AEW&C विमान को मार गिराया गया।
- ऑपरेशन के दौरान दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर कई बार झड़पें हुईं।
अब विवाद क्यों बढ़ा?
वायुसेना प्रमुख के इस नए खुलासे ने विपक्ष को यह कहने का मौका दिया है कि जब भारत बढ़त बनाए हुए था, तब ऑपरेशन अचानक क्यों रोका गया। कांग्रेस का कहना है कि देश को यह जानने का अधिकार है कि किस दबाव में और किस वजह से ऑपरेशन सिंदूर का अंत किया गया।
वहीं, सरकार का कहना है कि यह फैसला रणनीतिक और सोच-समझकर लिया गया था, और सभी लक्ष्य पहले ही पूरे हो चुके थे।
अब यह मुद्दा न सिर्फ सैन्य रणनीति का, बल्कि राजनीतिक बहस का भी केंद्र बन गया है, जिसमें आने वाले दिनों में और तीखी बयानबाज़ी देखने को मिल सकती है।
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