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Technology

Nokia ने लॉन्च किया नया Flip Screen फोन, जो याद दिलाएगा रेट्रो फोन की

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Nokia launches new Flip Screen phone

Nokia अपने ग्रहकों के लिए एक नया फ़ोन लेके आया है| लेकिन ये कोई स्मार्टफोन नहीं है। यह एक Boring Keypad फोन है, जिसे बिना इंटरनेट के पेश किया गया है। जिसका नाम भी ‘The Boring Phone’ रखा गया है |

आपको बता दें कि HMD ने Heineken और Bodega के साथ मिलकर द बोरिंग फोन लॉन्च किया है। इस हैंडसेट में फ्लिप स्क्रीन और पारदर्शी डिज़ाइन है। इस फोन की सबसे खास बात यह है कि इसमें इंटरनेट, सोशल मीडिया या अन्य थर्ड पार्टी ऐप डाउनलोड नहीं किया जा सकता है। ये मोबाइल शायद आपको रेट्रो की याद दिला सकता है | आइए जानते हैं इसके बारे में|

Price और launch

HMD ने The Boring Phone लॉन्च करने के लिए Heineken और Creative Firm Bodega के साथ मिलकर काम किया है। फिलहाल यह फोन बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है| लेकिन कंपनी की ओर से इसकी बिक्री को लेकर कोई पुष्टि नहीं की गई है।

Heineken की वेबसाइट बताती है कि फोन की 5,000 यूनिट का उत्पादन किया जाएगा। डिवाइस उपलब्धता के बारे में अधिक जानने के लिए उपयोगकर्ता Heineken की वेबसाइट पर साइन अप कर सकते हैं।

क्या होंगे Features?

आपको बता दें कि बोरिंग फोन इंटरनेट, Social Media या अन्य AAP के बिना एक फीचर फोन है, जो आपको अपने लोगों के साथ अधिक समय बिताने में मदद करेगा।

यह पिछली पीढ़ी के फीचर फोन और रेट्रो फोन की तरह ही काम करेगा। इसका उपयोग कॉल करने और टेक्स्ट संदेश भेजने या प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।

अन्य flip phone की तरह, कवर स्क्रीन को बंद करके कॉल को डिस्कनेक्ट किया जा सकता है। फोन में 2000 के दशक के शुरुआती मोबाइल फोन के समान पारदर्शी लुक और होलोग्राफिक स्टिकर हैं। इसका डिज़ाइन Nokia 2660 Flip से मेल खाता है।

डिस्प्ले की बात करें तो बोरिंग फोन में 2.8 इंच QVGA इंटरनल डिस्प्ले और 1.77 इंच का कवर डिस्प्ले है। इसमें 0.3 मेगापिक्सल कैमरा और 3.5mm हेडफोन जैक है | फोन 2जी, 3जी और 4जी नेटवर्क पर कॉलिंग और टेक्स्टिंग को सपोर्ट करता है।

बैटरी की बात करें तो यह एक बार चार्ज करने पर एक हफ्ते तक का स्टैंडबाय टाइम और 20 घंटे तक का टॉकटाइम देती है। इसके अलावा इसमें सांपों का लोकप्रिय खेल भी शामिल है|

HMD का कहना है कि उसने देखा है कि GenZ उपयोगकर्ता अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए स्क्रीन पर बिताए जाने वाले समय को कम कर रहे हैं। ऐसे में कंपनी ने हेनेकेन और बोदेगा के साथ साझेदारी की है। क्योंकि, दोनों कंपनियां व्यक्तिगत सामाजिक जीवन की विचारधारा को प्राथमिकता देती हैं। बोरिंग फोन युवा उपयोगकर्ताओं को सोशल मीडिया की ध्यान भटकाने वाली प्रवृत्ति से बचने में मदद करेंगे।


यह उबाऊ फोन एक सीमित संस्करण वाला उपकरण है जो HMD, Heineken और Bodega द्वारा आयोजित उपहारों और ऑफ़लाइन कार्यक्रमों के माध्यम से उपलब्ध होगा।

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OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन बोले – “2026 तक AI इंसानों के साथ काम करने वाले Virtual साथी बन जाएंगे”

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OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने हाल ही में एक इवेंट (Snowflake Summit 2025) में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI केवल एक टूल नहीं रहेगा, बल्कि यह हमारे साथ काम करने वाला वर्चुअल teammate बन जाएगा। उन्होंने बताया कि 2026 तक AI इस काबिल हो जाएगा कि वो नई जानकारी खुद ढूंढ सके और बड़ी-बड़ी problems भी solve कर सके।

AI एजेंट्स होंगे जैसे जूनियर कर्मचारी

सैम ऑल्टमैन ने कहा कि आज जो AI एजेंट्स हैं, वो ठीक वैसे ही काम करते हैं जैसे कोई नया employee करता है। आप उन्हें task देते हैं, फिर फीडबैक देते हैं और वो हर बार बेहतर काम करना सीखते हैं। आने वाले समय में यही AI एजेंट्स बहुत smart हो जाएंगे और जटिल काम (complex tasks) भी आसानी से कर सकेंगे।

AI के साथ काम करने की आदत डालनी होगी

ऑल्टमैन का कहना है कि AI हमारे काम का तरीका बदल देगा। जैसे आज हम कंप्यूटर या इंटरनेट के बिना काम नहीं कर सकते, वैसे ही आने वाले सालों में AI के बिना काम करना मुश्किल हो जाएगा। कंपनियों को AI के साथ human teams बनानी होंगी, जिससे productivity और तेजी दोनों बढ़ें।

GPT-4.5 और GPT-5 जैसे मॉडल ला रहे बदलाव

OpenAI पहले ही GPT-4.5 जैसे powerful मॉडल ला चुका है, जो कई तरह के सवालों का जवाब दे सकता है, conversation कर सकता है और आपकी language भी समझ सकता है। अब कंपनी GPT-5 पर काम कर रही है, जो और भी ज्यादा intelligent और capable होगा। इसकी मदद से AI और तेजी से सीखेगा और काम करेगा।

AI से नौकरियों पर असर?

सवाल उठता है – क्या AI लोगों की jobs ले लेगा? रिपोर्ट्स बताती हैं कि कुछ jobs जो repetitive (बार-बार होने वाले) कामों पर आधारित हैं, उनमें AI की वजह से बदलाव जरूर आ सकता है। कई कंपनियां, जैसे Shopify और Duolingo, पहले ही AI को अपना चुकी हैं और कुछ roles को कम कर चुकी हैं। लेकिन ऑल्टमैन का कहना है कि AI से डरने की बजाय, उसे एक tool की तरह अपनाना चाहिए।

AI और Superintelligence की ओर कदम

OpenAI अब superintelligence की दिशा में भी काम कर रहा है। इसका मतलब है ऐसा AI जो इंसानों से भी ज्यादा तेज़ और समझदार हो। इसका उपयोग scientific discoveries, health research और innovation में किया जाएगा।


सैम ऑल्टमैन की बातों से साफ है कि आने वाले 1-2 सालों में AI हमारे काम करने के तरीके को पूरी तरह बदल सकता है। यह सिर्फ एक software नहीं रहेगा, बल्कि हमारा teammate बनकर हमारे साथ काम करेगा। हां, इससे बदलाव जरूर आएगा, लेकिन अगर हम इसे समझदारी से अपनाएं तो यह हमारे लिए फायदेमंद साबित होगा।

अगर आप भी future-ready बनना चाहते हैं, तो आज से ही AI को समझना और उसके साथ काम करना सीखना शुरू कर दीजिए।

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भारत ने रखा global entertainment superpower बनने का पहला कदम – WAVES Summit 2025 से बदलेगा content creation का भविष्य

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मुंबई: भारत ने एंटरटेनमेंट की दुनिया में इतिहास रच दिया है। देश का पहला अंतरराष्ट्रीय स्तर का मीडिया समिट – WAVES Summit 2025 (World Audio Visual and Entertainment Summit) – हाल ही में मुंबई के Jio World Convention Centre में भव्य रूप से आयोजित किया गया। इस समिट ने न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर के एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के सितारों और कंटेंट क्रिएटर्स को एक मंच पर एकत्र किया।

प्रधानमंत्री मोदी का बड़ा ऐलान अब भारत में बनेगा IICT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर एक ऐतिहासिक घोषणा की – भारत में Indian Institute of Creative Technology (IICT) की स्थापना की जाएगी। इस संस्थान में बच्चों और युवाओं को animation, VFX, gaming, content creation जैसी आधुनिक और वैश्विक स्तर की स्किल्स सिखाई जाएंगी। यह कदम भारत को डिजिटल क्रिएटिव इंडस्ट्री में आगे बढ़ने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

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1 बिलियन डॉलर का Creator Economy Fund

सरकार ने क्रिएटिव इकॉनमी को बूस्ट देने के लिए $1 Billion Creator Economy Fund लॉन्च करने की योजना बनाई है। इसका मकसद नए कंटेंट क्रिएटर्स को फाइनेंशियल सपोर्ट, प्लेटफॉर्म और संसाधन उपलब्ध कराना है ताकि भारत का हर कोना एक क्रिएटिव सेंटर बन सके।

बॉलीवुड से हॉलीवुड तक ग्लोबल सेलेब्रिटीज की मौजूदगी

इस समिट में शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण, करीना कपूर जैसे बॉलीवुड सितारों के अलावा दुनियाभर के क्रिएटर्स, AI एक्सपर्ट्स, और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स के लीडर्स भी शामिल हुए।

  • शाहरुख खान ने युवाओं से अपील की: “Respect every woman, no matter what platform you’re on.”
  • दीपिका पादुकोण ने अपनी जर्नी को याद किया और बताया कि कैसे उन्होंने इंडस्ट्री में एक outsider होकर अपनी जगह बनाई।
  • करीना कपूर ने एक दिलचस्प किस्सा शेयर किया जब स्टीवन स्पीलबर्ग ने उन्हें पहचान कर पूछा – “Are you the girl from the Indian film about three students?”
    (स्पीलबर्ग 3 Idiots फिल्म की बात कर रहे थे!)

फोकस में Future Tech – AI, Metaverse और भारतीय टैलेंट

समिट में AI, Metaverse, AR/VR, और डिजिटल प्रोडक्शन टूल्स जैसे फ्यूचर-टेक्नोलॉजी पर खास सेशन्स हुए। स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स, डिजिटल स्टूडियोज, और इंडिपेंडेंट क्रिएटर्स ने अपने विचार साझा किए कि कैसे तकनीक भारत को ग्लोबल कंटेंट हब बना सकती है।

2029 तक 50 बिलियन डॉलर की एंटरटेनमेंट इकॉनमी का लक्ष्य

भारत का लक्ष्य है कि 2029 तक अपनी एंटरटेनमेंट इकॉनमी को $50 Billion तक पहुंचाया जाए। मौजूदा समय में भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते कंटेंट मार्केट्स में से एक है, और इस समिट ने स्पष्ट कर दिया कि आने वाला दशक भारत के डिजिटल क्रिएटिव राइज का होगा।

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डिजिटल इंडिया की दिशा में बड़ा कदम: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लॉन्च किया नया आधार App।

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डिजिटल इंडिया की दिशा में एक अहम कदम के रूप में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक नया आधार App लॉन्च किया है, जो आधार सत्यापन को आसान और सुरक्षित बनाएगा। इस App को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि इसका इस्तेमाल यूपीआई पेमेंट जितना सहज होगा। अब उपयोगकर्ता एक टैप से अपनी पहचान सत्यापित कर सकेंगे, जिससे समय की बचत होगी और गोपनीयता भी सुरक्षित रहेगी। मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस App के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह फिलहाल बीटा टेस्टिंग में है और जल्द ही इसे आम जनता के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

सरकार का दावा है कि यह App भौतिक आधार कार्ड या उसकी फोटोकॉपी की आवश्यकता को समाप्त कर देगा और उपयोगकर्ताओं को अपनी जानकारी पर पूर्ण नियंत्रण प्रदान करेगा। कई लोगों के लिए यूआईडीएआई द्वारा जारी आधार कार्ड को भौतिक रूप में रखना और बार-बार उसकी फोटोकॉपी कराना परेशानी बन गया था। साथ ही, गोपनीयता का मुद्दा भी उठा। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक सुरक्षित और डिजिटल समाधान पेश किया है। नया आधार App, जो अब उपयोगकर्ताओं को अपनी जानकारी डिजिटल रूप से साझा करने की अनुमति देगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस नए App के जरिए यूजर फेस ऑथेंटिकेशन की मदद से अपने आधार को सत्यापित कर सकेंगे, ठीक वैसे ही जैसे हम अपने फोन को अनलॉक करते हैं। इस सुविधा के साथ, उपयोगकर्ताओं को अब स्कैन या फोटोकॉपी करने की आवश्यकता नहीं होगी। अब सम्पूर्ण सत्यापन App के माध्यम से किया जा सकता है।

मंत्री ने आगे कहा कि अब होटल, दुकान या यात्रा के दौरान चेक-इन के समय आधार की फोटोकॉपी देने की आवश्यकता नहीं होगी। उपयोगकर्ताओं की सहमति के बिना जानकारी साझा नहीं की जाएगी। App को पूरी तरह सुरक्षित बनाया गया है ताकि आधार से जुड़ी कोई भी निजी जानकारी लीक न हो।

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