Chandigarh
Punjab के Government Schools में लगेंगे MiG-21 जेट, Students को मिलेगी ‘Patriotism और Technology’ की उड़ान
अब पंजाब के सरकारी स्कूल सिर्फ पढ़ाई की जगह नहीं रहेंगे, बल्कि वहाँ देशभक्ति और टेक्नोलॉजी की प्रेरणा भी मिलेगी। राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिसके तहत MiG-21 लड़ाकू विमान (fighter jet) को पंजाब के चुनिंदा “School of Eminence” में लगाया जाएगा।
इस पहल की शुरुआत शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने की है। उन्होंने भारतीय वायुसेना (IAF) के प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह को एक पत्र लिखकर निवेदन किया है कि रिटायर हो चुके MiG-21 जेट पंजाब के सरकारी स्कूलों में प्रदर्शनी के लिए दिए जाएँ।
कहाँ-कहाँ लगेंगे ये MiG-21 जेट?
शिक्षा मंत्री के प्रस्ताव के अनुसार, पंजाब के पाँच जिलों के स्कूलों में ये विमान लगाए जाएंगे –
- लुधियाना
- अमृतसर
- फिरोज़पुर
- नंगल
- खरड़
इन स्कूलों को चुना गया है ताकि राज्यभर के छात्र आकर इन्हें देख सकें और देश की रक्षा तकनीक को करीब से समझ सकें।
इस पहल का मकसद क्या है?
सरदार हरजोत सिंह बैंस का कहना है कि इस कदम का मकसद छात्रों को देशभक्ति, अनुशासन, और साहस की प्रेरणा देना है। साथ ही उन्हें रक्षा, इंजीनियरिंग, और एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए मोटिवेट करना है।
“हम सब मिलकर MiG-21 को एक ऐसी श्रद्धांजलि दे सकते हैं, जो हमेशा जीवित रहे और आने वाली पीढ़ियों में देशभक्ति और समर्पण की भावना जगाए,” — शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस।
MiG-21 की कहानी – गर्व और वीरता का प्रतीक
MiG-21 भारतीय वायुसेना का एक ऐतिहासिक और शानदार लड़ाकू विमान रहा है।
- इसने 1965 की भारत-पाक जंग,
- 1971 की बांग्लादेश मुक्ति जंग,
- और 1999 की कारगिल जंग में अहम भूमिका निभाई थी।
इसे भारत के रक्षा इतिहास का शेर (symbol of courage and dedication) कहा जाता है। हाल ही में भारतीय वायुसेना ने इसे औपचारिक रूप से रिटायर किया है।
हरजोत सिंह बैंस ने इस मौके पर भारतीय वायुसेना को बधाई देते हुए कहा कि MiG-21 जैसे विमान साहस, अनुशासन और देश सेवा की पहचान हैं, और इन्हें स्कूलों में प्रदर्शित करना युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगा।
School of Eminence – पंजाब की शिक्षा क्रांति
यह पहल पंजाब सरकार के “School of Eminence Mission” का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में सरकार राज्य की शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव ला रही है।
इस मिशन के तहत —
- स्कूलों को आधुनिक तकनीक और इनोवेशन से जोड़ा जा रहा है,
- शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रेनिंग दी जा रही है,
- और छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ लीडरशिप और प्रैक्टिकल नॉलेज की शिक्षा दी जा रही है।
अब MiG-21 को स्कूलों में लगाने का यह कदम इस मिशन को और आगे बढ़ाएगा, जिससे छात्रों को देश की रक्षा प्रणाली, विमानन और विज्ञान के प्रति रुचि पैदा होगी।
लोगों की प्रतिक्रिया
इस पहल की चर्चा अब पूरे राज्य में हो रही है। कई शिक्षकों और छात्रों ने कहा कि अगर स्कूल में असली लड़ाकू विमान होगा, तो बच्चों में देश के लिए कुछ बड़ा करने की भावना और भी मजबूत होगी।
“ये सिर्फ एक जेट नहीं, बल्कि एक सोच है — कि हमारे बच्चे भी कल के वैज्ञानिक, इंजीनियर या फौजी बन सकते हैं,” — एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका ने कहा।
अंत में…
पंजाब सरकार का यह कदम सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि नई सोच और नई शिक्षा नीति का प्रतीक है।
MiG-21 जैसे विमान जब स्कूलों में लगेंगे, तो हर बच्चा यह महसूस करेगा कि —
“आसमान अब सीमा नहीं, बल्कि शुरुआत है।”