Uttar Pradesh
Uttar Pradesh में Illegal Drone Operators पर बड़ी कार्रवाई – Yogi Government का सख्त आदेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गैर-कानूनी तरीके से ड्रोन उड़ाने वालों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि जो लोग ड्रोन का गलत इस्तेमाल कर दहशत फैलाने की कोशिश करेंगे, उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया जाएगा। इतना ही नहीं, ज़रूरत पड़ने पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत भी कार्रवाई हो सकती है।
सीएम योगी ने चेतावनी देते हुए कहा कि “बिना परमिशन ड्रोन उड़ाना बैन है, कानून हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने सभी अफसरों को सख्त निर्देश दिए हैं कि गैर-कानूनी ड्रोन गतिविधियों पर नज़र रखी जाए और जहां भी ऐसे मामले सामने आएं, तुरंत ऐक्शन लिया जाए।
सीएम योगी के आदेश
- एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (होम) और डीजीपी को कहा गया है कि पूरे राज्य में ड्रोन से जुड़ी गैर-कानूनी गतिविधियों की समीक्षा करें।
- ड्रोन मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया जाए, जिससे किसी भी संदिग्ध उड़ान पर तुरंत अलर्ट मिल सके।
- हर जिले में रूटीन पेट्रोलिंग हो, ताकि लोग सुरक्षित महसूस करें और पैनिक की स्थिति न बने।
- जो लोग टेक्नॉलजी का गलत इस्तेमाल करेंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई होगी।
क्यों बढ़ रही हैं ड्रोन को लेकर चिंताएं?
पिछले कुछ समय में कई घटनाओं ने लोगों में डर का माहौल बना दिया है –
- मुज़फ्फरनगर (यूपी): दो लोगों को पकड़ा गया जिन्होंने कबूतरों पर ग्रीन लाइट लगाई, जिससे लोगों को लगा कि कोई ड्रोन उड़ रहा है और इलाके में दहशत फैल गई।
- हापुड़: पतंगों पर LED लगाकर उड़ाया गया, जिसके बाद लोग पूरी रात डरे रहे।
- त्रिपुरा: इंडिया-बांग्लादेश बॉर्डर पर ‘Made in China’ लिखा ड्रोन मिला। अब BSF इसकी जांच कर रही है कि यह ड्रोन यहां क्यों और कैसे पहुंचा।
- मुंबई: बांद्रा-पाखाड़ी इलाके में ड्रोन दिखने से लोग घबरा गए, जबकि मुंबई में पहले से ही UAV (Unmanned Aerial Vehicles) पर बैन है। यह घटना Operation Sindoor लॉन्च होने के बाद हुई, जिसके बाद वहां ड्रोन पर कड़े नियम लागू किए गए हैं।
- उत्तराखंड और यूपी में भी ड्रोन उड़ने की खबरों ने लोगों में पैनिक फैला दिया।
सीएम का सख्त संदेश
सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ शब्दों में कहा –
“अफवाह फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। जो लोग ड्रोन से डर का माहौल बना रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कानून लगेगा।”
अब क्या होगा?
यूपी में अगर कोई बिना अनुमति ड्रोन उड़ाता है, तो अब उसे गैंगस्टर एक्ट में केस झेलना पड़ सकता है।
ज़रूरत पड़ने पर NSA यानी National Security Act भी लगाया जा सकता है, जो बेहद सख्त कानून है।
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संत Premanand का Message – “जिसे सजा मिलती है, उसने कभी न कभी अपराध किया होता है”

राधानाम के प्रचार-प्रसार से प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के श्रीराधा केलिकुंज आश्रम में रविवार सुबह एक खास मुलाक़ात हुई। मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और उत्तर प्रदेश पुलिस के एएसपी अनुज चौधरी यहां आशीर्वाद लेने पहुंचे। दोनों ने संत से एकांतिक वार्ता की और जीवन व कर्तव्य से जुड़े सवाल पूछे।
एएसपी अनुज चौधरी का सवाल
वार्ता के दौरान एएसपी अनुज चौधरी ने एक घटना का ज़िक्र करते हुए सवाल किया –
“एक युवक की मौत के बाद उसके पिता ने पड़ोसी पर हत्या का आरोप लगाया। न हमारे पास कोई सबूत था और न ही आरोप लगाने वाले के पास। लेकिन कानूनी प्रक्रिया के तहत मुझे आरोपी को जेल भेजना पड़ा। क्या यह मेरे लिए अपराध है?”
संत प्रेमानंद का जवाब
संत प्रेमानंद ने शांत भाव से जवाब दिया –
- यह अपराध नहीं है।
- जिसे सजा मिलती है, उसने जीवन में कभी न कभी अपराध किया जरूर होता है।
- भगवान बिना अपराध के किसी को सजा नहीं देते, भले ही वह अपराध उसी घटना में न हुआ हो।
- यह भगवान का विधान है कि अपराधी चाहे एक बार बच जाए, लेकिन वह कभी न्याय से नहीं बच सकता।
- आपका कर्तव्य है कि आप निस्वार्थ भाव से अपनी ड्यूटी निभाएं, और आपने वही किया।
उप मुख्यमंत्री को मिला संदेश
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला जब सुबह करीब साढ़े छह बजे आश्रम पहुंचे तो संत प्रेमानंद ने उन्हें भी आशीर्वाद और संदेश दिया –
- भगवान का स्मरण हमेशा करते रहें।
- आपको जो पद मिला है, उसका उपयोग राष्ट्र और समाज की सेवा में करें।
- भय और प्रलोभन से दूर रहें, क्योंकि ये इंसान को उसके कर्तव्य से गिरा देते हैं।
- जिसके साथ भगवान हैं, उसे किसी का डर नहीं होना चाहिए।
- जब तक भगवान की इच्छा नहीं, कोई आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
- अपने कर्तव्य को ईमानदारी से निभाते हुए आप लौकिक और पारलौकिक, दोनों तरह की उन्नति कर सकते हैं।
मुलाक़ात का महत्व
संत प्रेमानंद के इन संदेशों में कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी और भगवान में विश्वास की झलक साफ दिखी। उन्होंने साफ कहा कि अधिकारी और नेता, दोनों को ही अपने पद का इस्तेमाल केवल सेवा के लिए करना चाहिए, बिना किसी डर या लालच के।
Uttar Pradesh
Uttar Pradesh के Government Schools की Inspection का आदेश – CM Yogi ने कहा, ” Dilapidated School में न हो पढ़ाई”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्य के सभी परिषद (सरकारी) स्कूलों की भौतिक स्थिति की गहन और व्यापक समीक्षा करने का आदेश दिया है। उन्होंने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि राज्य में कोई भी स्कूल जर्जर बिल्डिंग में संचालित नहीं होना चाहिए और स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भी स्कूल की स्थिति खराब है, वहां तुरंत सुधार कार्य शुरू किया जाए और संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। इस काम के लिए हर जिले में जिलाधिकारी (DM) और बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) की देखरेख में एक विशेष टीम बनाई जाएगी, जो स्कूलों का फिजिकल वेरिफिकेशन (भौतिक सत्यापन) करेगी।
किन बिंदुओं की होगी जांच?
- स्कूल बिल्डिंग की मजबूती
- पीने के पानी की व्यवस्था
- टॉयलेट्स की उपलब्धता (विशेषकर लड़कियों के लिए)
- बिजली और फर्नीचर
- दीवारों की पेंटिंग
- रैम्प की सुविधा (दिव्यांग बच्चों के लिए)
- बच्चों के बैठने की सही व्यवस्था
सीएम योगी ने कहा कि जिन स्कूलों की इमारतें पूरी तरह से जर्जर हैं, वहां पढ़ रहे बच्चों को तुरंत अस्थायी स्थानों पर शिफ्ट किया जाए और मरम्मत या नए निर्माण का काम जल्द शुरू किया जाए। इसके लिए विभागीय बजट के साथ-साथ CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाएगा
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद स्थापित कर उन्हें भी इस अभियान में भागीदार बनाया जाए।
“ऑपरेशन कायाकल्प” की समीक्षा
सीएम योगी ने “ऑपरेशन कायाकल्प” की प्रगति की समीक्षा करते हुए बताया कि वर्ष 2017 से पहले केवल 36% स्कूलों में ही बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध थीं और महज 7,500 स्कूलों में लाइब्रेरी थी। उस समय केवल 33.9% स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय थे और स्मार्ट क्लास, डिजिटल एजुकेशन, यूनिफॉर्म, जूते-मोजे और किताब वितरण की व्यवस्थाएं बेहद कमजोर थीं।
लेकिन पिछले 8 वर्षों में राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों को बुनियादी सुविधाओं से लैस करने के लिए बड़े स्तर पर सुधार किए हैं।
आज 19 पैरामीटर्स में से 96% काम पूरा हो चुका है।
अब 1,32,678 स्कूलों में लाइब्रेरी चालू हैं, जहां कम से कम 500 किताबें उपलब्ध करवाई गई हैं।
सत्र 2024-25 में 15.37 करोड़ किताबें छात्रों को मुफ्त बांटी गई हैं।
4.53 लाख शिक्षकों को डिजिटल टीचिंग का प्रशिक्षण दिया गया है।
सीएम ने निर्देश दिया कि हर जिले से एक विस्तृत प्रगति रिपोर्ट तैयार कर सरकार को जल्द से जल्द भेजी जाए। इसके साथ ही सभी कार्यों का फोटोग्राफिक डाक्युमेंटेशन भी किया जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल सरकारी स्कूलों की हालत सुधारने और बच्चों को एक सुरक्षित, स्वच्छ और आधुनिक शिक्षा माहौल देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यदि ये निर्देश सही ढंग से लागू होते हैं, तो प्रदेश के लाखों बच्चों को बेहतर शिक्षा सुविधाएं मिल सकेंगी।
Uttar Pradesh
“Public Representatives की Suggestions को दी जाएगी Top Priority” – CM Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लखनऊ मंडल के जनप्रतिनिधियों के साथ बड़ी बैठक की। इस दौरान ₹42,891 करोड़ की 3,397 विकास परियोजनाओं की समीक्षा हुई। बैठक में मुख्यमंत्री ने साफ कहा –
“हर जनप्रतिनिधि जनता की उम्मीदों का वाहक है। सरकार उनकी बातों को प्राथमिकता देगी और हर सुझाव पर तुरंत कार्रवाई होगी।”
बैठक में क्या हुआ?
42 विधायक और 5 एमएलसी – लखनऊ मंडल के छह जिलों (लखनऊ, हरदोई, रायबरेली, उन्नाव, सीतापुर और लखीमपुर खीरी) से आए 42 विधायक और 5 विधान परिषद सदस्य मौजूद रहे।
जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र के नए प्रोजेक्ट्स, इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरतें और जनता की अपेक्षाएं सामने रखीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “ग्राउंड लेवल इनपुट्स बेहद जरूरी हैं, ताकि योजनाओं को सही दिशा और प्राथमिकता मिले।”
CM योगी ने हर जिले की खास पहचान पर जोर दिया
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर जिले की अपनी अलग ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान है, जिसे विकास योजनाओं में दिखना चाहिए।
- लखनऊ – “ये सिर्फ मॉडर्निटी का हब नहीं, बल्कि अवध की सांस्कृतिक राजधानी है। इसकी आत्मा काशी की तरह शाश्वत है और इसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनाई देती है।”
- हरदोई – “यहां की पहचान तपस्या और सत्य की परंपरा से है।”
- रायबरेली – “साहित्य, आज़ादी की लड़ाई और लोककला में इसकी अहम भूमिका रही है।”
- उन्नाव – “ये चंद्रशेखर आज़ाद और स्वतंत्रता संग्राम के अन्य वीरों की कर्मभूमि रही। यहां के विकास प्रोजेक्ट्स को उसी भावना से डिजाइन करना चाहिए।”
- सीतापुर – “धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अद्वितीय है। नैमिषारण्य इसकी आध्यात्मिक धड़कन है, जहां से ऋषियों ने वैदिक ज्ञान दुनिया तक पहुंचाया।”
- लखीमपुर खीरी – “दुधवा नेशनल पार्क ने इसे ग्लोबल वाइल्डलाइफ मैप पर खास पहचान दिलाई है। तराई की खेती और थारू संस्कृति भी यहां की शान है।”
किस तरह के कामों पर फोकस रहेगा?
सड़क और पुलों के प्रोजेक्ट्स पर जोर –
सीएम योगी ने लोक निर्माण विभाग (PWD) को निर्देश दिया कि:
- सभी सड़कों का काम समय पर पूरा हो।
- जिले के मुख्यालय की सड़कें फोर-लेन, ब्लॉक मुख्यालय की टू-लेन हों।
- शुगर मिल रोड, कनेक्टिविटी रोड और ब्लैक स्पॉट्स का सुधार तुरंत किया जाए।
- जिन गांवों का संबंध शहीदों या जनप्रतिनिधियों से है, वहां की सड़कें सबसे पहले बनें।
पर्यटन को बढ़ावा –
- मुख्यमंत्री पर्यटन प्रमोशन योजना के तहत अब तक 1,000 से ज्यादा धार्मिक स्थलों को सुंदर बनाया गया है।
- सीएम ने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक पर्यटन स्थल चुना जाए और उसके लिए प्लान बने।
शहरी विकास योजनाओं में जनप्रतिनिधियों की राय अनिवार्य –
CM ने कहा कि कोई भी प्रोजेक्ट फाइनल करने से पहले स्थानीय विधायक या एमएलसी से राय लेना जरूरी है। इससे प्रोजेक्ट्स जमीनी जरूरतों के हिसाब से बनेंगे।
CM के सख्त निर्देश
- 15 सितंबर के बाद नए प्रोजेक्ट्स का भूमि पूजन और शिलान्यास होगा।
- इन कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों को मुख्य भूमिका दी जाएगी और उनके नाम शिलापट पर लिखे जाएंगे।
- CM ने चेतावनी दी – “किसी भी प्रोजेक्ट में देरी बर्दाश्त नहीं होगी। क्वालिटी और मॉनिटरिंग सबसे अहम हैं।”
- उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए – हर विधानसभा में काम बिना रुके चलते रहना चाहिए।
सीएम का संदेश
सीएम योगी ने कहा –“जनप्रतिनिधि जनता की आवाज हैं। उनकी हर राय और हर सुझाव हमारे लिए अहम है। हमारी सरकार हर मसले पर संवेदनशील है और तेजी से कार्रवाई करेगी।”
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