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“India is a Shiny Mercedes, We Are a Dump Truck” – Asim Munir का बयान बना Pakistan की बेइज्जती का कारण, Social Media पर उड़ रहा मजाक

पाकिस्तान के आर्मी चीफ़ जनरल आसिम मुनीर का एक बयान इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा में है, लेकिन वजह गर्व नहीं बल्कि बेइज्जती है। अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य के टैम्पा में एक पाकिस्तानी सामुदायिक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भारत और पाकिस्तान की तुलना करते हुए कुछ ऐसा कह दिया कि लोग हंस-हंसकर लोटपोट हो रहे हैं।
कार्यक्रम में बोलते हुए आसिम मुनीर ने कहा, “भारत एक हाईवे पर दौड़ती चमचमाती मर्सिडीज या फेरारी की तरह है, जबकि हम बजरी से भरे डंप ट्रक हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब डंप ट्रक किसी कार से टकराता है, तो नुकसान कार का होता है।
लेकिन यह उदाहरण सुनते ही वहां मौजूद लोगों के साथ-साथ सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी माथा पकड़ लिया। पाकिस्तानियों ने खुद अपने आर्मी चीफ़ की तुलना को भद्दा और खुद को नीचा दिखाने वाला बताया।
सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग शुरू
जैसे ही उनका बयान वायरल हुआ, ट्विटर (X) से लेकर फेसबुक और इंस्टाग्राम तक मीम्स की बाढ़ आ गई। एक यूज़र ने लिखा, “डंप ट्रक मर्सिडीज से टकराने से पहले ही पलट गया।” दूसरे ने तंज कसा, “उधार के पैसों पर चलने वाले पाकिस्तान के लिए ये तुलना खुद पर ताले लगाने जैसी है।”
पाकिस्तान की हालत पर भी सवाल
दरअसल, पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। वह दुनिया के सबसे कर्ज़ में डूबे और खस्ताहाल देशों में गिना जाता है। IMF और दूसरे देशों से उधार लेकर अपनी अर्थव्यवस्था को संभालने की कोशिश करता है। इसके बावजूद, वहां के नेता और अफसर अक्सर भारत को लेकर ऊल-जलूल बयान देते रहते हैं, जो उल्टा उनकी फजीहत का कारण बन जाते हैं।
इस बार भी, मर्सिडीज और डंप ट्रक वाली तुलना ने पाकिस्तान के लोगों को ही हंसने का मौका दे दिया और बाकी दुनिया को भी। अब आसिम मुनीर का यह बयान सोशल मीडिया पर मजाक, मीम्स और ट्रोलिंग का नया टॉपिक बन गया है।
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Britain के F-35B Fighter Jet की Japan में Emergency Landing, 2 महीने में दूसरा Malfunction का मामला

ब्रिटेन के रॉयल एयर फोर्स (RAF) का अत्याधुनिक F-35B स्टील्थ फाइटर जेट एक बार फिर चर्चा में है। इस बार वजह बनी है इसकी जापान में आपात लैंडिंग। शनिवार सुबह जापान के कागोशिमा एयरपोर्ट पर इस विमान को तकनीकी खराबी के चलते तुरंत उतारना पड़ा।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विमान उड़ान के दौरान किसी तकनीकी समस्या से जूझ रहा था, जिसके बाद पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग का फैसला लिया। यह घटना सुबह करीब 11:30 बजे (लोकल टाइम) हुई। लैंडिंग के बाद एयरपोर्ट का रनवे करीब 20 मिनट तक बंद रहा, जिससे कुछ उड़ानों में देरी भी हुई।
दो महीने में दूसरा मामला
पिछले कुछ ही हफ्तों में यह F-35B में खराबी का दूसरा मामला है।
- पहला मामला 14 जून 2024 को सामने आया था, जब ब्रिटेन से ऑस्ट्रेलिया जा रहे एक F-35B में हाइड्रोलिक सिस्टम की खराबी आ गई थी।
- उस वक्त पायलट ने विमान को सुरक्षित उतारने के लिए भारत के केरल राज्य के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग की थी।
- मरम्मत और जरूरी मंजूरी मिलने में इतना समय लगा कि वह विमान करीब 5 हफ्ते तक वहीं खड़ा रहा और फिर ब्रिटेन के लिए रवाना हो पाया।
F-35B क्या है?
F-35B दुनिया के सबसे आधुनिक लड़ाकू विमानों में से एक है।
- यह पाँचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट है, जिसे अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है।
- इसकी सबसे बड़ी खासियत है शॉर्ट टेक-ऑफ और वर्टिकल लैंडिंग (STOVL) क्षमता, यानी यह कम जगह से उड़ान भर सकता है और सीधा नीचे उतर सकता है।
- यह ब्रिटेन के HMS प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है और इस समय हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सक्रिय ड्यूटी पर है।
- हाल ही में इसने भारतीय नौसेना के साथ एक संयुक्त समुद्री अभ्यास भी पूरा किया है।
चिंता की वजह
लगातार दो तकनीकी खराबियों ने इस हाई-टेक विमान की भरोसेमंदी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, दोनों बार पायलटों की सूझबूझ और ट्रेनिंग के कारण हादसा टल गया, लेकिन यह साफ है कि आने वाले दिनों में इन विमानों की सुरक्षा जांच और मेंटेनेंस पर और ज्यादा जोर देना होगा।
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Operation Sindoor पर Air Force Chief का बड़ा खुलासा – Congress ने PM Modi से पूछा, “इतनी जल्दी क्यों रोका Operation?”

भारत और पाकिस्तान के बीच मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। एयर चीफ़ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने खुलासा किया है कि इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कम से कम 5 फाइटर जेट और एक AEW&C (Airborne Early Warning and Control) विमान को मार गिराया था। इस बयान के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कड़े सवाल पूछे हैं।
कांग्रेस का सवाल – दबाव कहां से आया?
कांग्रेस सांसद और पार्टी कम्युनिकेशन चीफ़ जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा—
“आज एयर चीफ़ मार्शल के खुलासे के बाद यह और भी चौंकाने वाला हो जाता है कि 10 मई की शाम को पीएम ने अचानक ऑपरेशन सिंदूर को क्यों रोक दिया। आखिर दबाव कहां से आया और उन्होंने इतनी जल्दी क्यों पीछे हट गए?”
लोकसभा में डिप्टी लीडर ऑफ़ ऑपोज़िशन गौरव गोगोई ने भी सवाल उठाया—
“सवाल यह है कि ऑपरेशन को अचानक खत्म करने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान से क्या ‘concessions’ (रियायतें) हासिल कीं?”
डोनाल्ड ट्रंप का दावा और राजनीतिक घमासान
कांग्रेस और विपक्ष का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीज़फायर करवाया था।
विपक्ष का आरोप है कि पीएम मोदी ने अमेरिकी दबाव में “सरेंडर” कर दिया।
हालांकि, सरकार ने ट्रंप के दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया है। सरकार के मुताबिक—
- पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO से संपर्क कर सीज़फायर का अनुरोध किया।
- भारत ने यह प्रस्ताव स्वीकार किया क्योंकि सभी सैन्य उद्देश्यों को पूरा कर लिया गया था और ऑपरेशन सफल रहा।
ऑपरेशन सिंदूर – कब और क्यों हुआ?
- तारीख: 7 मई 2025 की सुबह ऑपरेशन की शुरुआत हुई, और 10 मई की शाम को खत्म कर दिया गया।
- कारण: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला।
- लक्ष्य: पाकिस्तान और पाकिस्तान-ऑक्युपाइड कश्मीर (PoK) में 9 जगहों पर आतंकी ठिकाने।
- नतीजा: पाकिस्तान के 5 लड़ाकू विमान और 1 AEW&C विमान को मार गिराया गया।
- ऑपरेशन के दौरान दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर कई बार झड़पें हुईं।
अब विवाद क्यों बढ़ा?
वायुसेना प्रमुख के इस नए खुलासे ने विपक्ष को यह कहने का मौका दिया है कि जब भारत बढ़त बनाए हुए था, तब ऑपरेशन अचानक क्यों रोका गया। कांग्रेस का कहना है कि देश को यह जानने का अधिकार है कि किस दबाव में और किस वजह से ऑपरेशन सिंदूर का अंत किया गया।
वहीं, सरकार का कहना है कि यह फैसला रणनीतिक और सोच-समझकर लिया गया था, और सभी लक्ष्य पहले ही पूरे हो चुके थे।
अब यह मुद्दा न सिर्फ सैन्य रणनीति का, बल्कि राजनीतिक बहस का भी केंद्र बन गया है, जिसमें आने वाले दिनों में और तीखी बयानबाज़ी देखने को मिल सकती है।
Delhi
Delhi High Court ने Police को लगाई फटकार – Interfaith Couple को दी Protection, कहा “अगर शादी करनी है तो हम बचाएंगे”

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक इंटरफेथ (अंतरधार्मिक) कपल के मामले में पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए साफ कहा है कि अगर कोई बालिग कपल शादी करना चाहता है, तो कोर्ट उनके साथ खड़ा रहेगा और उन्हें हर तरह की सुरक्षा दी जाएगी। कोर्ट ने कपल को सरकारी Safe House में रखने और पुलिस प्रोटेक्शन देने का आदेश भी दिया।
क्या है मामला
यह कहानी एक 26 साल के मुस्लिम युवक और 25 साल की हिंदू युवती की है, जो साल 2018 से एक-दूसरे के साथ रिलेशनशिप में हैं। दोनों ने हाल ही में शादी करने का फैसला किया, लेकिन परिवार की तरफ से कड़ा विरोध और धमकियां मिलने लगीं। इसके बाद युवक ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया और पुलिस से सुरक्षा व सेफ हाउस देने की मांग की।
पुलिस पर गंभीर आरोप
युवक के वकील उत्कर्ष सिंह के मुताबिक, कपल को सुरक्षा देने की बजाय पुलिस ने उन्हें जबर्दस्ती अलग कर दिया।
- युवती को मेडिकल एग्ज़ामिनेशन के लिए ले जाया गया और 24 जुलाई को उसकी इच्छा के खिलाफ महिला शेल्टर होम में भेज दिया गया।
- युवती का फोन और निजी सामान भी पुलिस ने ले लिया।
- युवती ने कोर्ट को बताया कि जब उन्होंने सुरक्षा मांगी तो पुलिस ने कहा – “Safe Cell जैसा कुछ नहीं होता” और फिर उसे जबर्दस्ती मेडिकल टेस्ट के लिए ले जाया गया।
पुलिस का बचाव
6 अगस्त को दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर कहा कि –
- किसी तरह की जबर्दस्ती, गैरकानूनी अलगाव या प्रक्रिया में गड़बड़ी नहीं हुई।
- जो भी किया गया, वह युवती की सुरक्षा और भलाई के लिए किया गया था।
लेकिन कोर्ट ने पुलिस की यह दलील मानने से इनकार कर दिया और इसे अविश्वसनीय बताया।
कोर्ट में युवती का बयान
शुक्रवार को जस्टिस संजीव नरूला के सामने युवती ने वीडियो कॉल पर कहा –
- “मुझे पुलिस ने जबर्दस्ती मेरे पार्टनर से अलग कर दिया और शेल्टर होम भेज दिया।”
- “मेरा मेडिकल टेस्ट बिना मेरी मर्जी के कराया गया और मेरा सारा सामान, यहां तक कि फोन भी ले लिया गया।”
जज की सख़्त टिप्पणी
जस्टिस नरूला ने पुलिस को फटकारते हुए कहा –
- “पुलिस को अपने अफसरों को संवेदनशील (Sensitise) करना चाहिए। वे सहमति से साथ रह रहे बालिग जोड़ों को जबरन अलग नहीं कर सकते।”
- “क्या पुलिस ने युवती से खुद बात करके उसकी राय समझी? मैं इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करूंगा।”
पिता की दखल पर रोक
युवती के पिता, जो इस रिश्ते के खिलाफ हैं, ने कोर्ट में दलील दी कि भारतीय समाज में शादी से पहले माता-पिता से सलाह लेना जरूरी है। इस पर कोर्ट ने साफ कहा –
- “कौन सा कानून कहता है कि बालिग को अलग धर्म में शादी के लिए पिता से अनुमति लेनी होगी?”
- “संविधान उसे अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार देता है और मैं उस अधिकार की रक्षा करूंगा।”
कोर्ट का फैसला और भरोसा
- कोर्ट ने कपल को सरकारी सेफ हाउस में रखने और सुरक्षा देने का आदेश दिया।
- कोर्ट ने रिकॉर्ड में लिखा कि युवती का शादी का इरादा “सुनियोजित और स्थिर” है क्योंकि वह पिछले 7 साल से रिश्ते में है।
- जज ने युवती से कहा – “अगर तुम अपने फैसले पर अडिग हो, तो हम तुम्हारा समर्थन करेंगे। मैं तुम्हारे साथ हूं और पुलिस भी तुम्हारा साथ देगी।”
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